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27 July 2022

5. 56 राइफल के से शिस्त लेना और फायर करने IWT सरल भाषा में जानेगे

 पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने 5.56 mm इंसास राइफल के भिन्न भिन्न पोजीशन से फायर करना के  बारे जानकारी प्राप्त की  और अब इस इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग के चौथा  लेसन में हम 5. 56 राइफल के से शिस्त लेना और फायर करने  IWT सरल भाषा   में जानेगे(5.56 mm INSAS Rifle ka IWT  Shist lena aur Fire kana saral bhasha me  IWT) ! इस पोस्ट को आसान बनानके लिए हमने इसे कांस्टेबल के बेसिक ट्रेनिंग में जिस क्रमबद्ध तरीके से सिखाया जाता है उसी क्रम में लिखेगे !
1. शुरू-शुरू का काम -
  • (क) क्लास की गिनती और ग्रुपों में बॉट
  • (ख) हथियार और सामान का निरीक्षण
  • (ग) बंदोबस्ती की कार्यवाही
2 दोहराई- दोहराई पिछले पाठ से दुरुस्त पोजीशन और मजबूत पकड़ से लिया जाय)
3. पहुँच - दुरुस्त शिस्त अचूक निशानेबाजी का दूसरा बुनियादी उसूल है । अगर एक फायरस दुरुस्त
और पोजीशन हासिल करने के बाद दुरुस्त शिस्त लेकर फायर करता है तो एक गोली एक दुश्मन का मुद्दा हासिल कर सकता है।
4. उद्देश्य - 5.56 एम.एम. राइफल से शिस्त लेना और फायर करने का तरीका सिखाना है (उद्देश्य को
दोहराया जाये)।
5. सामान - राइफल, मैगजीन, एमिंग रेस्ट, एमिंग बॉक्स. एभिंग करेक्टर, साइट पिक्चर बोर्ड, इजेल,
ब्लैक बोर्ड, चौक-डस्टर, टारगेट और ग्राउण्डशीट।
6. भागों में बाँट-
  • भाग 1- दुरुस्त शिस्त लेना ।
  • भाग 2- शिस्त लेते समय होनेवाली गलतियों और सुधारक एक्सरसाइज ।
  • भाग 3-ट्रिगर ऑपरेशन और फायर करना ।
भाग 1-
दुरुस्त शिस्त लेना
दुरुस्त शिस्त लेना :- फायरर अपनी आँख और दिमाग का सही तालमेल रखते हुए हथियारों के ऊपर लगे साइटों का सही-सही इस्तेमाल करके टारगेट पर 'प्वाइन्ट ऑफ एम' चुनता है. इस कार्रवाई को दुरुस्त शिस्त लेना कहते हैं।
शिस्त का कायदा- राइफल को सीधा और मजबूत पकड़ो, बट और कोका मिलाप करो कोई एक आँख बंद करो, अपरचर हॉल से फोरसाइट नोज पर निगाह जमाओ, फोरसाइट की नोज अपरचर हॉल के बीचोंबीच दिये गये टारगेट के मध्य में मिलाओ। वापस निगाह फोरसाइट नोज पर करो ।
साइट एलाइनमेन्ट (Alignment)- जब एक फायरर अपनी आँख को बैंकसाइट अपरचर के बीच में रखते हुए और अपरचर के बीच से देखते हुए फोस्साइट नोज को अपरचर के मध्य लाता है यानी कि फायस की आँख अपरचर के मध्य और फोरसाइट नोज को एक लाईन में मिलाने की कार्रवाई को साइट एलाइनमेन्ट कहते हैं।
साइट पिक्चर (Picture)- दुरुस्त एलाइन की गई साइट को टारगेट के मध्य में मिलाने की कार्रवाई को साइट पिक्चर कहते हैं । यानी कि फायर की आँख. अपरचर का मध्य फोरसाइट नोज और टारगेट के मध्य को एक लाईन में मिलाने की कार्रवाई को साइट पिक्चर कहते हैं । साइट पिक्चर से साइट एलाइनमेन्ट की अहमियत अधिक है।
भाग 2-
शिस्त लेते समय होनेवाली गलतियाँ और सुधारक एक्सरसाइज
शिस्त लेते समय होनेवाली गलतियाँ और सुधारक एक्सरसाइज:- एक फायर सही शिस्त लेकर फायर करता है फिर भी कभी-कभी उसकी गोली उसके निशाने से हटकर लगती है, क्योंकि एक इनसानी आँख एक ही समय में दो निशानों पर फोकस नहीं कर सकती । इसको महसूस करने के लिए आप अपने बायें हाथ के अंगूठे को खड़ा करते हुए टारगेट के मध्य में देखें तो अंगूठा धुंधला दिखाई देगा और जब आप अंगुठे को देखेंगे तो टारगेट का मध्य धुंधला दिखाई देगा । इसे साइट एलाइनमेन्ट की गलती कहते हैं | फायरर जब फोरसाइट नोज को अपरचर के मध्य में रखने पर जोर देता है तो साइट पिक्चर की गलती करता है । दोनो गलतियों से गोली टारगेट के मध्य से हट कर लगती है । साइट एलाइनमेन्ट की गलती बढ़ते रेंज पर बढ़ती जाती है । इसलिए साइट पिक्टर के बनिस्बत साइट एलाइनमेन्ट की अहमियत ज्यादा है।
सुधारक एक्सरसाइज :
एमिंग बॉक्स
एमिंग बॉक्स 
एमिंग बॉक्स एक्सरसाइज- इस एक्सरसाइज में फायर शर्ट एमिंग रेस्ट के पीछे पोजीशन लेता है और अनुदेशक एमिंग बॉक्स पर होता है । इसकी दूरी 10 मीटर होती है | फायरर के इशारे के मुताबिक अनुदेशक एमिंग डिस्क को हरकत देता है । जब फायर स्टॉप बोलता है तो अनुदेशक एमिंग डिस्क के हॉल से पेंसिल का निशान लगाता है । इस प्रकार फायरर तीन बार अभ्यास करते हुए साइट एलाइनमेन्ट की जगह को टारगेट के मध्य में लाता है। तीनो बार के निशान 7 मि०मी० के रेडियस में आने के बाद फायरर शॉर्ट ग्रुप काबिलियत हासिल कर लेता है।
एमिंग करेक्टर एक्सरसाइज:- इस एक्सरसाइज में राइफल के बैकसाइट के पीछे एमिंग करेक्टर लगा दिया जाता है । इसके बाद अनुदेशक फायर द्वारा ली गई शिस्त को चेक करता है और जरूरतशुदा करेक्शन देकर दुरुस्त करता है ।
एमिंग बार एक्सरसाइज :- फायरर एमिंग बार को पकड़ता है और साइटों को तबतक हरकत देता है जबतक की साइट एलाइनमेन्ट दुरुस्त न हो जाय ।
भाग 3-
ट्रिगर ऑपरेशन और फायर करना
ट्रिगर ऑपरेशन और फायर करना :ट्रिगर ऑपरेशन- अंगुली के पहले और दूसरे जोड़ के बीच की जगह को ट्रिगर पर रखे। ट्रिगर के दो खिचाव है. पहला हल्का और दूसरा थाड़ा सख्त । बताई गई जगह से ट्रिगर का साधा पीछे की ओर खीचे और यही कार्रवाई दूसरे खिचाव के साथ भी करे । ध्यान रहे कि ट्रिगर दबाते समय बैरल अपनी जगह से दाहिने-बायें नहीं हिले ।
फायर करना- अलग-अलग हालातों में निकलनेवाले टारगेट पर कारगर फायर डालने की काबिलियत के लिहाज से इस राइफल को बनाया गया है ।
फायर की किस्में - इस राइफल से दो किस्म के फायर किए जाते हैं।
  • (क) सिंगल शॉट (नमूना बयान के साथ नकल) :
    • (a) सही पोजीशन अख्तियार करें, कुदस्ती एलाइनमेन्ट चेक करें ।
    • (b) हथियार को भरेंऔर रेडी करें सही साइट लगाएँ और साइट एलाइनमेन्ट हासिल करे ।
    • (c) दिमागी तौर पर शरीर के उन अंगों को चेक करें, जो राइफल को रोकने में मदद करते हैं । जैसे बायें हाथ की कलाई. कोहनी और बायर्यों कंधा. दाहिने हाथ की पकड़, कलमे वाली अंगुली,कलाई. कोहनी और दाहिने कंधे में बट का पोजीशन ।
    • (d) सॉस को सामान्य हालत में चलने दें. ताकि यह पता चल जाय कि यह पोजीशन ठीक है 
    • (e) बैकसाइट अपरचर के मध्य में फोरसाइट नोज को करते हुए टारगेट के मध्य में मिलाएँ।
    • (f) ट्रिगर का पहला दवाब हासिल करें। कुछ सेकेण्ड के लिए साँस को रोके । साइट पिक्चर चेक करें । अपना पूरा ध्यान फोरसाइट नोज पर लगायें और धीरे से दूसरा खिचाव हासिल करें । गोली फायर हो जायेगी। उसी पोजीशन से पकड़ और शिस्त को कायम रखते हुए फोरसाइट नोज की हरकत को चेक करें ।
    • (g) स्टॉप - फायर के दौरान टारगेटवाले इलाके में अचानक जानदार वस्तु निकल आये या ट्रेनिंग के दौरान आदेश मिले स्टॉप तो कार्रवाई इस प्रकार करें (नमूना बयान से) । कलमे वाली अंगुली ट्रिगर से बाहर निकालें। राइफल को नीचे लाएँ और चेंज लीवर का पोजीशन 'एस' पर करें।
    • (h) गो आन - सामनेवाले इलाके से जानदार वस्तु हट जाय या ट्रेनिंग के दौरान आदेश मिले गो आन, तो राइफल को कंधे में ले जाएँ, चेंज लीवर के पोजीशन को एस से 'आर' पर करें और राइफल को फायर में शामिल करें।
  • (ख) कंट्रोल बस्ट फायर -थ्री राउण्ड कंट्रोल बर्स्ट उसे कहते हैं, जब चेंज लीवर का पोजीशन 'बी' पर हो। एक बार ट्रिगर दबाने के बाद तीन राउण्ड लागातार फायर हो जाता है। इन्सास राइफल की यह इससे तीन राउण्ड का कट्रोल बस्ट फायर कर सकतहा स्टाप और गोआन का कारवाही हू-बहू ऊपर बताये अनुसार ही है।

इस प्रकार से इंसास राइफल के शिस्फात लेना और फायर करने का तरीका से सम्बंधित यह पोस्ट समाप्त हुई !

इसके साथ ही 5.56 mm इंसास राइफल के शिस्फात लेना और फायर करने का तरीका से सम्बंधित IWT का पाठ समाप्त हुवा !उम्मीद है की आपलोगों के ए पोस्ट पसंद आएगी !इस ब्लॉग को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे!

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