पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने एसएलआर की दुरुस्त पकड़ आसानी से कैसे हासिल किया जा सकता है उससे सम्बंधित IWT के बारे में हमने जानकारी शेयर किया था और इस नई ब्लॉग पोस्ट में हम 7.62 mm एसएलआर राइफल की दुरुस्त शिस्त लेना और फायर करने का आसान तरीका से सम्बंधित IWT के बर्रे में जानेगे !इस इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग (IWT) को आसानी से समझने के लिए हमने ट्रेनिंग स्कूल में जिस क्रमबद्ध तरीके से ट्रेनिंग दी जाती है वैसे ही बता रहा हु !
1.शुरू शुरू का काम
- क्लास की गिनती और ग्रुपों में बांट।
- हथियार और सम्मान का निरीक्षण।
- बंदोबस्ती की कार्रवाई।
- भाग 1: दुरुस्त लेना।
- भाग 2 सीख लेते समय होने वाली गलतियां और सुधारक एक्सरसाइज।
- भाग 3 ट्रिगर ऑपरेशन और करना
- राइफल को सीधा और मजबूत पकड़े
- और कंधे का मिलाप करो
- कोई एक आंख बंद करो
- अप्रेचेर होल से फोरे साईट नोज पर निगाह जमाए
- फोरसाइट को नोज अप्रेचर होल के बीचो-बीच दिए गए टारगेट के मध्य में मिलाओ।
- वापस निगाह फोरसाइट नोज।
साइट पिक्चर: दुरुस्त एलाइन की गई साइट को टारगेट के मध्य से मिलाने की कार्रवाई को साइट पिक्चर कहते हैं। यानी कि फायरर की आंख अप्रेचर मध्य में फॉर साइट नोज और टारगेट के मध्य को एक लाइन में मिलाने की कार्रवाई को साइट पिक्चर कहते हैं। साइड पिक्चर से साइड एलाइनमेंट किया हम यह अधिक है।
भाग-2
सिस्त लेते समय होने वाली गलतियां और सुधारक एक्सरसाइज
एक फायरर सही शिस्त लेकर फायर करता है और फिर भी कभी-कभी उसकी गोली उसके निशाने से हटकर लगती है क्योंकि एक इंसानी आंख एक ही समय में दो निशानों पर फोकस नहीं कर सकती है। इसको महसूस करने के लिए आप अपने बाएं हाथ के अंगूठे को खड़ा करते हुए टारगेट के मध्य में देखें तो अंगूठा धुधला दिखाई देगा और जब आप अंगूठे को देखेंगे तो टारगेट का मध्य धुंधला दिखाई देगा!इसे साइट एलाइनमेंट की गलती कहते हैं। फायरर जॉब फॉर साइट नोज को ऑपरेटर के मध्य में रखने पर जोर देता है तो साइड पिक्चर की गलती करता है। दोनों गलतियों से गोली टारगेट के मध्य से हटकर लगती है। साइट एलाइनमेंट की गलती बढ़ते रेंज पर बढ़ती जाती है और इसीलिए साइट पिक्चर के वनस्पति साइट एलाइनमेंट की अहमियत ज्यादा है।
सुधारक एक्सरसाइज
ऐमिंग बॉक्स एक्सरसाइज : इस एक्सरसाइज फायरर शोर्ट ऐमिंग रेस्ट के पीछे पोजीशन लेता है और इंस्ट्रक्टर ऐमिंग बॉक्स पर होता है! शार्ट ऐमिंग रेस्ट से ईंग बॉक्स की दूरी 15 गज होती है। फायरर के के इशारे के मुताबिक इंस्ट्रक्टर हरकत देता है। जब फायरर स्टॉप बोलता है तो इंस्ट्रक्टर ऐमिंग बॉक्स के होल से पेंसिल का निशान लगाता है। इस प्रकार फायर तीन बार अभ्यास करते हुए साइट एलाइनमेंट की जगह को क टारगेट के मध्य में लाता है। तीनों बार के निशान 7 mm के रेडियस आने के बाद फायर शॉट ग्रुप काबिलियत हासिल कर लेता है।
ऐमिंग करेक्टर एक्सरसाइज: इस एक्सरसाइज में राइफल के बैक साइट के पीछे एमइन कैरेक्टर लगा दिया जाता है इसके बाद इंस्ट्रक्टर फायरर द्वारा लिए गए शिस्त को चेक करता है और जरूरत सुधा करेक्शन देकर दुरुस्त करता है।
ऐमिंग बार एक्सरसाइज :फायरर ऐमिंग बार को पकड़ता है और साइटों को तब तक हरकत देता है जब तक कि साइट एलाइनमेंट दुरुस्त ना हो जाए।
भाग 3
ट्रिगर ऑपरेशन और फायर करना
ट्रिगर ऑपरेशन:
- अंगुली के पहले और दूसरे जोड़ों के बीच की जगह को ट्रिगर पर रखें
- ट्रिगर के खिंचाव है पहला हल्का और दूसरा थोड़ा सख्त ।
- बताई गई जगह से ट्रिगर को सीधा पीछे की ओर कीजिए और यही करवाई दूसरे खिंचाव के साथ भी करें।
- ध्यान रहे कि ट्रिगर दबाते समय बैरेल अपनी जगह से दाहिने बाएं ना हिले।
फायर की किस्में : राइफल से तीन प्रकार के फायर की जरूरत पड़ती है:
डेली ब्रेट : वह फायर है जब किसी दुश्मन के फायर का फ्लैश या धूए को देखकर शत्रु के पोजीशन का पता लगाकर उस पर फायर करते हैं ! लंबे रेंज पर भी डेली ब्रेट फायर किया जाता है। (नमूना बयान के साथ )
- फायर के हुक्म पर सेफ्टी कैच को R करो और शिस्त लो
- सांस पर काबू रखते हुए जब साइट पिक्चर अच्छा मिल जाता है और राइफल कम से कम हरकत करती है तो आहिस्ता से ट्रिगर दबाओ।
- फॉलो थ्रू- हर एक गोली को फॉलो थ्रू करो,
- फायर होने के बाद चंद सेकेंड के लिए मजबूत पकड़ कायम रखो ऐसा करने से फायरर को गोली लगने की जगह और ऐमिंग पॉइंट के बीच का अंतर मालूम हो जाता है।
- मार पुकारना - इसका मतलब है कि गोली फायर होने के फौरन बाद राइफल कहां पर थी अगर फायर होने के बाद राइफल की स्विमिंग पॉइंट पर ही है तो फायर बोलेगा
- और अगर निचे बाए है तो नीचे बाए हैं
- फायर फायरिंग डाटा कार्ड में रिकॉर्ड करना चाहिए
- ट्रिगर से दबाव हटाओ और राइफल नीचे लाओ
- दोबारा कंधे में ले जाओ
- और 1 मिनट में 5 रन के हिसाब से फायर करो
- फायरिंग के दौरान राउंड की गिनती करो
- स्टॉप के हुक्म पर कलमें वाली अगुली को अलग करो
- राइफल को नीचे लाओ सेफ्टी कैच को S पर करो
- गो ओन पर सेफ्टी कैच को R पर लगाओ और फायर करो
स्नेप शूटिंग :
- चंद समय के लिए नजर आने वाले टारगेट पर जो फायर किया जाता है उसे स्नैप शूटिंग फायर करते हैं।
- स्नैप शूटिंग फायर डेली ब्रेट फायर की तरह ही होता है।
- फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें हर काम तेजी से किया जाता है।
- टारगेट को देखने और पार करने के बीच बहुत कम समय होता है।
- जब कई गोलियां लगतार और जल्दी से फायर की जाए तो ऐसे फायर को रैपिड फायर कहते हैं।
- यह फायर भी स्नेप शूटिंग जैसा है फर्क सिर्फ इतना है कि ज्यादा राउंड फायर किए जाते हैं।
- अभ्यास से फायरर को इस काबिल होना चाहिए कि वह मुख्तलिफ टारगेट ऊपर 1 मिनट में 20 राउंड या इससे ज्यादा दुरुस्ती से फायर कर सके।
इस प्रकार से 7.62 एस एल आर राइफल की सिस्त लेना और फायर करने का आसन तरीका का इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग का सबक पूरा हुवा !
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