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06 June 2022

एसएलआर राइफल की चाल और रोको से सम्बंधित IWT

पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने एसएलआर राइफल के दुरुस्त शिस्त लेना और फायर करने के बारे में जानकारी प्राप्त किये थे और अब इस नई ब्लॉग पोस्ट में हम 7.62 mm एसएलआर राइफल की चाल और रोको से सम्बंधित IWT को जानेगे !!इस इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग (IWT) को आसानी से समझने के लिए हमने ट्रेनिंग स्कूल में जिस क्रमबद्ध तरीके से ट्रेनिंग दी जाती है वैसे ही बता रहा हु ! 

7.62 mm एसएलआर राइफल की रोके
7.62 mm एसएलआर राइफल की रोके 
1. शुरू शुरू का काम 

  • क्लास की गिनती और ग्रुपों में बांट। 
  • हथियार और सामान का निरीक्षण। 
  • बंदोबस्ती की कारवाही। 
2. परिचय: अगर जवान को राइफल की चाल मालूम हो तो उसे रोको को मालूम करना और उसे दूर करना आसान हो जाता है!

3. उद्देश्य: 7.62 एमएम राइफल की चाल पडने वाली रोके तथा दूर करने का तरीका आसान शब्दों में सीखना है। 

4.समान: राइफल, मैगजीन, ड्रिल कार्ट्रिज , टारगेट, चाल का डायग्राम, क्लीनिंग किट बॉक्स, क्लीनिंग प्लग , कटा  हुआ केस और ग्राउंड सीट

5. भागों में बांट 

  • भाग 1 राइफल की चाल। 
  • भाग 2 फोर्री  इलाज से रोको  को दूर करना। 
  • भाग 3 गैस की कमी की रोक। 
  • भाग 4 अन्य रोके। 
6 भाग 1:  राइफल की चाल जब सेफ्टी कैच के पोजीशन को S से R करके के ट्रिगर दबाते हैं तो हैमर  आजाद होकर फायरिंग पिन के पिछले भाग पर ठोकर मारता है जिससे फायरिंग पिन अपने सुराख से निकलकर चेंबर वाले राउंड के पेंदे पर ठोकर मारता है जिससे एक राउंड  फायर हो जाता है। फायर हुए राउंड से गैस पैदा होती है जो बुलेट को बैरल में आगे धकेलती है। जब बुलेट गैस वेंट के पास से गुजरती है तो कुछ गैस, गैस वेंट के द्वारा गैस सिलेंडर में दाखिल हो जाती है। बची हुई गैस बुलेट को टारगेट तक पहुंचाने में मदद करती है। बची  गैस गैस रेगुलेटर के पैसेज होल द्वारा बाहर निकल जाती है। कितनी गैस बाहर निकलती है वह गैस रेगुलेटर के सेटिंग पर निर्भर करता है।.

सिलेंडर में दाखिल हुई गैस पिस्टन हेड के ऊपर दबाव डालती है जिससे कि पिस्टन का नीचे वाला सिरा  स्लाइड के आगे वाले भाग पर ठोकर मारता है जिससे स्लाइड और ब्रिज ब्लॉक पीछे की ओर हरकत करता है।  अब पिस्टन अपने एस्प्रिग की ताकत से अपने  जगह पर चला जाता है। जब स्लाइड और ब्रिज ब्लॉक पीछे जाते हैं तो वे रास्ते में हैमर को कॉक कर जाते हैं। ऐसी हरकत में एक्सट्रैक्टर  खाली केस को अपने मुंह में दबाए हुए पीछे लाता है और केस इजेक्टर से टकराकर इजेक्शन स्लॉट से दाहिने और नीचे गिर जाता है। स्लाइड के पीछे की हरकत में रिटेनइन  रड बट में लगे रेकोइलिंग स्प्रिंग को बट ट्यूब में दबा देता है। 

रेकोइलिंग स्प्रिंग अपने तनाव को पूरा करता है तो ब्रिज ब्लॉक और स्लाइड को आगे धकेलता है। इसी दौरान ब्रिज ब्लॉक का फील्ड पीस मैगजीन के ऊपर वाले राउंड को चेंबर में दाखिल कर देता है और एक्सट्रैक्टर  राउंड के पेंदे को अपने मुंह में पकड़ लेता है। जब ब्रिज  ब्लॉक की हरकत पूरी हो जाती है तो राइफल एक्शन लॉक हो जाती  है लेकिन स्लाइड की कुछ हरकत बाकी रहती है। जब स्लाइड अपनी आखरी हरकत को पूरा करता तो स्लाइड का बाया पिछला और निचला हिस्सा सेफ्टी सियर को नीचे दबा देता है जिससे हैमर  आजाद हो जाता है। और राइफल दोबारा फायर करने के लिए तैयार हो जाता है। 

7. भाग 2: फौरी इलाज से रोको  को दूर करना: अगर राइफल की अच्छी तरह से देखभाल की जाए और गैस रेगुलेटर ठीक तरह से सेट हो तो राइफल में बहुत ही कम रोकने पड़ेगी। 

फौरी इलाज हुक्म: लेट कर पोजीशन, भर, रेडी, सामने, टारगेट, फायर । 

अगर राइफल शुरू से ही फायर ना करें या फायर करते करते रुक जाए तो फौरी इलाज की करवाई इस प्रकार करें:

  •  कलमें वाली उंगली ट्रिगर से अलग करें।
  • राइफल को नीचे लाएं और दाहिने टर्न करते हुए कॉक करें और होल्डिंग ओपनिंग कैच लगाएं। 
  • राइफल को थोड़ा पीछे और बाएं करते हुए इजेक्शं सलौट के अंदर देखें 
  • अगर मैगजीन भरी हुई है बड़ी में लटका हुआ राउंड है तो 
  • दाहिने हाथ की उंगली और अंगूठे के बाहर निकाले !अगर फिर भी ऐसा ना निकले तो मैगजीन को उतारे अटका हुआ राउंड मागज़ीन के रास्ते नीचे गिर जाएगा 
  • देखने से पता चला कि चैम्बर और  मागज़ीन दोनों खाली है तो मैगजीन की बदली करे 
  • अगर मुलाहिजा करने से पता चलता है  कि मैगजीन भरा और  राउंड के पेंदे को चेक करें 
8. अभ्यास क्लास को फौरी इलाज  का अभ्यास कराये 

अभ्यास के लिए हुकुम 

  • राइफल ठीक फायर करता रुकता 
  • मैगजीन भरा बॉडी  में लटका हुवा राउंड 
  •  खाली मैगजीन 
  • मिस फायर 
9 भाग -3 :गैस की कमी की रोक: अगर फौरी इलाज के बाद भी  राइफल  एक या दो राउंड फायर के बाद रुक जाए या देखने से पता चले मैगजीन भरा और खाली है 

  • तो चाल वाले पुर्जे को आगे जाने दे। 
  • सेफ्टी कैच को S पर करे   
  • और गैस रेगुलेटर के पोजीशन को बड़े नंबर से छोटे नंबर पर करें !
  • राइफल को कंधे में ले जाएं 
  • और दोबारा फायर जारी करें। 
10.भाग 4: अन्य रोके : फौरी  इलाज और गैस की रोक को दूर करने के बाद भी राइफल फायर न करें तो इसका मतलब पुर्जा  की टूट-फूट या बुरी तरफ फोउलिंग हो सकती है।  राइफल का मुलाहिजा ईस प्रकार करें 
  • सेफ्टी कैच को एस पर करो 
  • मैगजीन उतारो 
  • राइफल को कॉल करो 
  • लिप्स को नीचे बैठाओ और ब्रिज ब्लॉक को निकालो 
  • फायरिंग पीन और  एक्सट्रैक्टर का मुह्लैजा  करो 
  • अगर इसमें कोई टूट-फूट हो तो बदली करो। 
अगर फायरिंग पीन और  एक्सटक्टर ठीक हो तो बॉडी कवर उतारो और चेंबर में देखो।

  •  अगर चेंबर में कटा हुआ केस हो तो राइफल को जोड़ दो। 
  • राइफल को कॉक  करो और होल्डिंग ओपनिंग कैच लगाओ। 
  • क्लीयरिंग प्लग  को जोड़
  • क्लीयरिंग प्लग को चेंबर में दाखिल करो 
  • और चाल वाले पुर्जे को आगे जाने दो। 
  • राइफल को दाहिने टर्न करो और ककॉक करो। यकीन करो कि क्लीयरिंग प्लग  के साथ कटा हुआ केस बाहर आ गया है। 
  • मैगजीन लगाओ और फायर करो 
  • मौका मिलते ही क्लीयरिंग प्लग से कटे हुए केस को अलग करो। 
  • अगर राइफल में ज्यादा फाउलिंग हो तो इसकी सफाई करो।
11 क्लीयरिंग प्लग  के हिस्से : 
  • बेस ,  
  • सेंटर पिन 
  • और स्लीव

इस प्रकार से 7.62 एस एल आर राइफल की चाल और पड़ने वाली रोके  का इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग का सबक पूरा हुवा !

इसके साथ ही 7.62 एस एल आर राइफल की चाल और पड़ने वाली रोके  का आसन तरीका   IWT(इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग ) से सम्बंधित ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुई ! उम्मीद है की आपलोगों के ए पोस्ट पसंद आएगी !इस ब्लॉग को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे!
इसे भी  पढ़े :

  1. भारतीय पुलिस ड्रिल ट्रेनिंग में इस्तेमाल होने वाले परेड कमांड का हिंदी -इंग्लिश रूपांतरण
  2. ड्रिल में अच्छी पॉवर ऑफ़ कमांड कैसे दे सकते है
  3. ड्रिल का इतिहास और सावधान पोजीशन में देखनेवाली बाते
  4. VIP गार्ड ऑफ़ ऑनर के नफरी और बनावट
  5. विश्राम और आराम से इसमें देखने वाली बाते !
  6. सावधान पोजीशन से दाहिने, बाएं और पीछे मुड की करवाई
  7. आधा दाहिने मुड , आधा बाएं मुड की करवाई और उसमे देखने वाली बाते !
  8. 4 स्टेप्स में तेज चल और थम की करवाई
  9. फूट ड्रिल -धीरे चल और थम


04 June 2022

एसएलआर राइफल की दुरुस्त शिस्त लेना और फायर करने का आसान तरीका

पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने एसएलआर की दुरुस्त पकड़ आसानी से कैसे हासिल किया जा सकता है उससे सम्बंधित IWT के बारे में हमने जानकारी शेयर किया था और इस नई ब्लॉग पोस्ट में हम 7.62 mm एसएलआर राइफल की दुरुस्त शिस्त लेना और फायर करने का आसान तरीका से सम्बंधित IWT के बर्रे में जानेगे !इस इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग (IWT) को आसानी से समझने के लिए हमने ट्रेनिंग स्कूल में जिस क्रमबद्ध तरीके से ट्रेनिंग दी जाती है वैसे ही बता रहा हु !

Aiming box Exercise
Aiming box Exercise 

1.शुरू शुरू का काम

  • क्लास की गिनती और ग्रुपों में बांट। 
  • हथियार और सम्मान का निरीक्षण।
  •  बंदोबस्ती की कार्रवाई। 
2. परिचय : दुरुस्त शिस्त  अचूक निशानेबाजी का दूसरा बुनियादी उसूल है! अगर एक फायरर दुरुस्त पकड़ और पोजीशन हासिल करने के बाद दुरुस्त शिस्त  लेकर फायर करता है तो "एक गोली एक दुश्मन का" मुद्दा हासिल कर सकता है। 
3 उद्देश्य: 7.62 एमएम राइफल से और फायर लेने का आसान तरीका से सीखना है। 
4.समान: राइफल, मैगजीन, ऐमिंग  रेस्ट, ऐमिंग  बॉक्स  करैक्टर, टारगेट और ग्राउंड सिट
5 भागों में बांट 
  • भाग 1: दुरुस्त लेना। 
  • भाग 2 सीख लेते समय होने वाली गलतियां और सुधारक एक्सरसाइज। 
  • भाग 3 ट्रिगर ऑपरेशन और करना 
6.  भाग- 1 
दुरुस्त शिस्त  लेना: फायरर अपनी आंख और दिमाग का सही तालमेल रखते हुए हथियारों के ऊपर लगे साइटों का सही सही इस्तेमाल करते हुए टारगेट पर पॉइंट ऑफ चुनता है इस कार्रवाई को दुरुस्त सिस्त लेना कहते हैं।

सिस्त  का कायदा: 
  • राइफल को सीधा और मजबूत पकड़े 
  • और कंधे का मिलाप करो 
  • कोई एक आंख बंद करो 
  • अप्रेचेर होल से फोरे साईट नोज पर निगाह जमाए 
  • फोरसाइट को नोज अप्रेचर होल  के बीचो-बीच दिए गए टारगेट के मध्य में मिलाओ। 
  • वापस निगाह फोरसाइट नोज। 
साइट एलाइनमेंट: जब एक फायरर अपनी आँख को  बैक साइड  अप्केरेचर के  बीच में रखते हुए और अप्रेचर होल  के बीच से देखते हुए फोरसाइट नोज को अप्रेचर के  मध्य लाता है यानी कि फायरर  की आंख अप्रेचर  के मध्य और फॉरसाइड नोज को एक लाइन में मिलाने की कार्रवाई को साइट एलाइनमेंट कहते हैं। 

साइट पिक्चर: दुरुस्त एलाइन की गई साइट को टारगेट के मध्य से मिलाने की कार्रवाई को साइट पिक्चर कहते हैं। यानी कि फायरर  की आंख अप्रेचर  मध्य में फॉर  साइट नोज और टारगेट के मध्य को एक लाइन में मिलाने की कार्रवाई को साइट पिक्चर कहते हैं। साइड पिक्चर से साइड एलाइनमेंट किया हम यह अधिक है। 

भाग-2 

सिस्त  लेते समय होने वाली गलतियां और सुधारक एक्सरसाइज 

एक फायरर  सही शिस्त लेकर फायर करता है और फिर भी कभी-कभी उसकी गोली उसके निशाने से हटकर लगती है क्योंकि एक इंसानी आंख एक ही समय में दो निशानों पर फोकस नहीं कर सकती है। इसको महसूस करने के लिए आप अपने बाएं हाथ के अंगूठे को खड़ा करते हुए टारगेट के मध्य में देखें तो अंगूठा धुधला दिखाई देगा और जब आप अंगूठे को देखेंगे तो टारगेट का मध्य धुंधला दिखाई देगा!इसे साइट एलाइनमेंट की गलती कहते  हैं। फायरर  जॉब फॉर साइट नोज को ऑपरेटर के मध्य में रखने पर जोर देता है तो साइड पिक्चर की गलती करता है।  दोनों गलतियों से गोली टारगेट के मध्य से हटकर लगती है। साइट एलाइनमेंट की गलती बढ़ते रेंज पर बढ़ती जाती है  और इसीलिए साइट पिक्चर के वनस्पति साइट एलाइनमेंट की अहमियत ज्यादा है।

सुधारक एक्सरसाइज 

ऐमिंग बॉक्स  एक्सरसाइज : इस एक्सरसाइज फायरर शोर्ट ऐमिंग रेस्ट के पीछे पोजीशन लेता है और इंस्ट्रक्टर ऐमिंग बॉक्स  पर होता है! शार्ट ऐमिंग रेस्ट से ईंग बॉक्स की दूरी 15 गज होती है। फायरर के  के इशारे के मुताबिक इंस्ट्रक्टर हरकत देता है। जब फायरर स्टॉप  बोलता है तो इंस्ट्रक्टर ऐमिंग  बॉक्स के होल  से पेंसिल का निशान लगाता है। इस प्रकार फायर तीन बार अभ्यास करते हुए साइट  एलाइनमेंट की जगह को क टारगेट के मध्य में लाता है।  तीनों बार के निशान 7 mm के रेडियस आने के बाद फायर शॉट ग्रुप काबिलियत हासिल कर लेता है।

ऐमिंग करेक्टर एक्सरसाइज: इस एक्सरसाइज में राइफल के बैक साइट  के पीछे एमइन कैरेक्टर लगा दिया जाता है इसके बाद इंस्ट्रक्टर  फायरर  द्वारा लिए गए शिस्त  को चेक करता है और जरूरत सुधा करेक्शन देकर दुरुस्त करता है। 

ऐमिंग बार एक्सरसाइज :फायरर ऐमिंग  बार को पकड़ता है और साइटों को तब तक हरकत देता है जब तक कि साइट एलाइनमेंट दुरुस्त  ना हो जाए। 

भाग 3 

ट्रिगर ऑपरेशन और फायर करना 

ट्रिगर ऑपरेशन:

  • अंगुली के पहले और दूसरे जोड़ों के बीच की जगह को ट्रिगर पर रखें 
  • ट्रिगर के खिंचाव है पहला हल्का और दूसरा थोड़ा सख्त । 
  • बताई गई जगह से ट्रिगर को सीधा पीछे की ओर कीजिए और यही करवाई दूसरे खिंचाव के साथ भी करें।
  • ध्यान रहे कि ट्रिगर दबाते समय बैरेल अपनी जगह से दाहिने बाएं ना हिले। 
फायर करना:अलग-अलग हालातों में निकलने वाले टारगेट पर कारगर फायर डालने की काबिलियत के लिहाज से इस राइफल को बनाया गया है 

फायर की किस्में : राइफल से तीन प्रकार के फायर की जरूरत पड़ती है:

डेली ब्रेट : वह फायर है जब किसी दुश्मन के फायर का फ्लैश या धूए को देखकर शत्रु  के पोजीशन का पता लगाकर उस पर फायर करते हैं ! लंबे रेंज पर भी डेली ब्रेट  फायर किया जाता है। (नमूना बयान के साथ )

  • फायर के हुक्म पर सेफ्टी कैच को R  करो और शिस्त  लो 
  • सांस पर काबू रखते हुए जब साइट पिक्चर अच्छा मिल जाता है और राइफल कम से कम हरकत करती है तो आहिस्ता से ट्रिगर दबाओ। 
  • फॉलो थ्रू- हर एक  गोली को फॉलो थ्रू  करो,
  •  फायर होने के बाद चंद सेकेंड के लिए मजबूत पकड़ कायम रखो ऐसा करने से फायरर  को गोली लगने की जगह और ऐमिंग पॉइंट के बीच का अंतर मालूम हो जाता है। 
  • मार पुकारना - इसका मतलब है कि गोली फायर होने के फौरन बाद राइफल कहां पर थी अगर फायर होने के बाद राइफल की स्विमिंग पॉइंट पर ही है तो फायर बोलेगा  
  • और अगर निचे बाए है तो नीचे बाए हैं 
  • फायर फायरिंग डाटा कार्ड में रिकॉर्ड करना चाहिए 
  • ट्रिगर से  दबाव हटाओ और राइफल नीचे लाओ 
  • दोबारा कंधे में ले जाओ 
  • और 1 मिनट में 5 रन के हिसाब से फायर करो 
  • फायरिंग के दौरान राउंड की गिनती करो 
  • स्टॉप  के हुक्म पर  कलमें वाली अगुली को  अलग करो 
  • राइफल को नीचे लाओ सेफ्टी कैच को S पर करो 
  • गो ओन पर सेफ्टी कैच को R पर लगाओ और फायर करो

स्नेप  शूटिंग :

  • चंद समय के लिए नजर आने वाले टारगेट पर  जो फायर किया जाता है उसे स्नैप शूटिंग फायर करते हैं।
  • स्नैप शूटिंग फायर डेली ब्रेट  फायर की तरह ही होता है। 
  • फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें हर काम तेजी से किया जाता है। 
  • टारगेट को देखने और पार करने के बीच बहुत कम समय होता है। 
रैपिड फायर 

  • जब कई गोलियां लगतार  और जल्दी से फायर  की जाए तो ऐसे फायर को रैपिड फायर कहते हैं। 
  • यह फायर भी स्नेप शूटिंग जैसा है फर्क सिर्फ इतना है कि ज्यादा राउंड फायर किए जाते हैं। 
  • अभ्यास से फायरर  को इस काबिल होना चाहिए कि वह मुख्तलिफ टारगेट ऊपर 1 मिनट में 20 राउंड या इससे ज्यादा दुरुस्ती  से फायर कर सके।

इस प्रकार से 7.62 एस एल आर राइफल की सिस्त लेना और फायर करने का  आसन तरीका का इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग का सबक पूरा हुवा !

इसके साथ ही 7.62 एस एल आर राइफल की सिस्त लेना और फायर  करने का आसन तरीका   IWT(इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग ) से सम्बंधित ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुई ! उम्मीद है की आपलोगों के ए पोस्ट पसंद आएगी !इस ब्लॉग को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे!
इसे भी  पढ़े :

  1. भारतीय पुलिस ड्रिल ट्रेनिंग में इस्तेमाल होने वाले परेड कमांड का हिंदी -इंग्लिश रूपांतरण
  2. ड्रिल में अच्छी पॉवर ऑफ़ कमांड कैसे दे सकते है
  3. ड्रिल का इतिहास और सावधान पोजीशन में देखनेवाली बाते
  4. VIP गार्ड ऑफ़ ऑनर के नफरी और बनावट
  5. विश्राम और आराम से इसमें देखने वाली बाते !
  6. सावधान पोजीशन से दाहिने, बाएं और पीछे मुड की करवाई
  7. आधा दाहिने मुड , आधा बाएं मुड की करवाई और उसमे देखने वाली बाते !
  8. 4 स्टेप्स में तेज चल और थम की करवाई
  9. फूट ड्रिल -धीरे चल और थम



03 June 2022

7.62 mm एसएलआर राइफल की दुरुस्त पकड़ हासिल करने का आसान तरीका

पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने 7.62 के IWT भरना, खली करना तथा मेक सेफ के आसन तरीका के बारे में जानकारी प्राप्त किये और अब उसी श्रृखला को आगे बढ़ाते हुए इस नई ब्लॉग पोस्ट में हम 7.62 mm एसएलआर राइफल की दुरुस्त पकड़ हासिल करने का आसान तरीका को सीखेंगे(7.62mm SLR ki durust pakad hasil karne ka assan tarika) ! इस इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग (IWT) को आसानी से समझने के लिए हमने ट्रेनिंग स्कूल में जिस क्रमबद्ध तरीके से ट्रेनिंग दी जाती है वैसे ही बता रहा हु !

Kneeling position
निलिंग पोजीशन 

1.शुरू शुरू का काम :

  • क्लास की गिनती और ग्रुपों में बांट। 
  • हथियार और सामान का निरीक्षण। 
  • बंदोबस्ती कार्रवाई। 
2.परिचय :राइफल को कई पोजीशन  से फायर किया जाता है लेकिन कोई भी पोजीशन ऐसा हो कि आसानी से अख्तियार किया जा सके और हथियार और मजबूत पकड़ हासिल किया जा सके। 

3. उद्देश्य: IWT के माध्यम से  भिन्न भिन्न  पोजीशन से 7.62 mm  राइफल की दुरुस्त पकड़ हासिल करने का तरीका सीखना है। 

4. समान: राइफल, मैगजीन, ड्रिल कार्ट्रिज , सभी प्रकार के आड़, टारगेट और ग्राउंड सीट। 

5 भागों में बांट 

  • भाग-1- लाइंग और नीलिंग पोजीशन। 
  • भाग- 2-  सीटिंग और स्टैंडिंग पोजिशन। 
भाग -1 लाइंग और नीलिंग पोजीशन- किसी भी फायरिंग पोजीशन के तीन बुनियादी उसूल है:

  •  हड्डियों का सपोर्ट 
  • मांसपेशियों में आराम दे 
  • कुदरती सिधाई  
(अ) लाइंग पोजीशन 

  • लाइंग  पोजीशन सभी  का पोजीशनो का एक  बुनियादी पोजीशन है। 
  • इसमें बदन का खाका छोटा बनता है। 
  • साथ ही अपने हथियार से दुश्मन के ऊपर कारगर फायर डाला जा सकता है। 
पोजीशन लेने का तरीका: 

  • टारगेट की सीध  में खड़े हो 
  • और चलती हालात में बाएं पैर को आगे और बाएं करें 
  • साथ ही राइफल को इस प्रकार उठाने की बाएं हाथ की पकड़ फोरहैंड गार्ड पर हो 
  • और दाएं हाथ की मदद से हथेली को जमीन का सहारा लेते हुए लेट जाएं। 
इस पोजीशन में देखने वाली बातें इस प्रकार है 

  • फ्लैश हाईडर  जमीन से ऊपर हो। 
  • बदन टारगेट से तिरछा हो 
  • और पैर कद के मुताबिक खुला हो 
  • तथा हो सके तो दोनों पैर की एड़ियां जमीन से सटी हो। 
  • बदन के नीचे कोई चुगने वाली चीज ना हो और छाती उठा हुआ हो। 
पकड़ : 

  • बाएं हाथ की पकड़ हैंड गार्ड और कोहनी जमीन से टिकी हुई। 
  • दाहिने हाथ की पकड़ पिस्टन ग्रिप  से राइफल पीछे की तरफ खींचा हुआ। 
  • कलमें वाली अंगुली ट्रिगर गार्ड पर 
  • बट कंधे के मुलायम जगह पर मजबूती से जमा हुआ हो। 
  • सर बैठ के ऊपर इस प्रकार रखा जाए कि गाल बट के साथ लगा हो। 
  • फायरर  इस बात पर ध्यान दें कि सिर का पोजीशन बट पर एक जैसी हो। 
  • आंख बैक साइड अप्रेचर पर  एक बराबर दूरी पर होनी चाहिए। 
  • बट को हड्डी पर न रखा जाए। 
  • जब आदेश मिले खड़ा हो तो राइफल को बाएं हाथ से दाहिने बगल में लाएं। 
  • साथ ही बाय पोजीशन को क्लोज करें 
  • और दाहिने हाथ से जमीन को सहारा लेते हुए करके खड़ा हो जाए। 
(ब)नीलिंग पोजिशन:
  • नीलिंग पोजीशन तैयार करने के लिए टारगेट की तरफ फेस करें बाएं पांव को टारगेट के सीध में रखें। 
  • साथ ही राइफल को आगे उछलते हुए बाएं हाथ से पकड़े। 
  • मजल आगे और ऊपर की तरफ हो 
  • और दाहिने घुटने को दाहिने रखते हुए बैठ जाएं। 
  • अगर संभव हो तो बदन का बोझ दाहिने एड़ी पर हो। 
  • बाय कोहली को बाएं घुटने पर इस प्रकार रखें कि कोहनी की हड्डी घुटने की हड्डी से अलग हो।
  •  दाहिने हाथ से पिस्टन ग्रिप को पकड़े 
  • और बट को दाहिने कंधे के गैप में जमाए 
  • और दाहिने कोहनि  को ऊपर और जमीन के समानांतर रखें। 
  • आवश्यकता पड़ने पर अनसपोर्टेड फायर भी किया जा सकता है। 
भाग -2 - सिटीग और स्टैंडिंग पोजिशन

सीटिंग पोजिशन: जब आड़  नीलिंग पोजीशन से छोटा हो या जमीन ढलानदार हो तो सीडिंग पोजीशन का इस्तेमाल किया जाता है। ढलान पर पोजीशन लेते समय दोनों पैरों की एडियो को  जमीन पर जमा दी जाती है जिससे बदन को स्थिरता मिलती है। 

इस पोजीशन को अख्तियार करने के लिए करवाई इस प्रकार करें 

  • यह पोजीशन तैयार करने के लिए 
  • टारगेट की तरफ मुंह करें 
  • और आधा दाहिने मुडे
  •  पांव को जरूरत के मुताबिक खोलें 
  • तथा दोनों पांव को स्थिर रखते हुए नीचे बैठ जाएं। 
  • बाएं हाथ की कोहनी बाएं घुटने के अंदर की तरफ रखें। 
  • दाहिने हाथ से पिस्टन ग्रिप  को पकड़े हुए बट को कंधे में ले जाएं 
  • और दाहिनी कोहनी को दाहिने घुटने के अंदर रखते हुए लॉक करें। 
स्टैंडिंग पोजिशन 
स्टैंडिंग पोजिशन से हम टारगेट पर  उस वक्त फायर करते हैं जबकि उस टारगेट पर किसी दूसरे पोजीशन से फायर करना मुनासिब ना हो या हरकत के द्वारा जब अचानक टारगेट सामने आए तब भी स्टैंडिंग पोजिशन स फायर किया जाता है!

स्टैंडिंग पोजिशन अख्तियार करने के लिए करवाई इस प्रकार करें 

  • टारगेट की तरह मुह करें। 
  • आधा दाहिने मुड़े 
  • साथ ही राइफल को आगे उछलते हुए 
  • बाएं हाथ से इस प्रकार पकड़े 
  • की मजल ऊपर की तरफ 
  • और बट कुल्हे  के समांतर हो 
  • तथा पांव कद के मुताबिक खुला हो। 
  • दाहिने हाथ से पिस्टन ग्रिप को पकडे हुए 
  • बट को दाहिने कंधे के गैप में टिकाये । 
  • दाहिनी कोहनी को ऊपर उठाएं ताकि कंधे से बट के लिए अच्छी जगह बने 
  • और राइफल को मजबूती से पकड़ा जा सके। 
  • इस प्रकार राइफल का ज्यादा से ज्यादा वजन दाहिने हाथ में होगा बाएं हाथ से राइफल को बाकी पोजीशन की अपेक्षा थोड़ा आगे से ऐसा करने से राइफल को सहारा मिलेगा।
  •  पोजीशन को दुरुस्त करने के लिए पांव को उस वक्त तक हरकत दें जब तक कि दुरुस्त तौर  पर निशाना ले सके। 
  • बदन का बोझ  दोनों पांव पर बराबर होना चाहिए।

इस प्रकार से 7.62 एस एल आर राइफल की दुरुस्त पकड़ हासिल करने का आसन तरीका का इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग का सबक पूरा हुवा !

इसके साथ ही 7.62 एस एल आर राइफल की दुरुस्त पकड़ हासिल करने का आसन तरीका    IWT(इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग ) से सम्बंधित ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुई ! उम्मीद है की आपलोगों के ए पोस्ट पसंद आएगी !इस ब्लॉग को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे!
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