पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने F.I.R. से सम्बन्धित बाते जो एक पुलिस अधिकारी को मालूम होना चाहिए उसके बारे में जानकारी प्राप्त की और इस ब्लॉग पोस्ट में हम इनक्वेस्ट (Inquest) के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे और जानेगे की इनक्वेस्ट (Inquest) करते समय किन किन बातो का ख्याल रखना चाहिए(Inquest ki basic jankari aur Inquest karte samay dhyan ke rakhnewali bate jo sabhi police officer ko malum hon chahie ) !
इस विषय को अच्छे से समझने के लिए हमने इसे निम्नलिखित सब-भागो में बाँट दिया है :
- इनक्वेस्ट (Inquest) क्या है ?Inquest kya hota hai ?
- इनक्वेस्ट (Inquest) कौन करता है ?Inquest kaun karta hai?
- इनक्वेस्ट (Inquest) के क़ानूनी प्रावधान ?Inquest ka kanuni prawdhan kya hai ?
- इनक्वेस्ट (Inquest) कब कब किया जाता है ?Inquest kab kab kiya jata hai ?
- इनक्वेस्ट (Inquest) कब नहीं किया जाता है ?Inquest kab nahi kiya jata hai ?
- मृत्य शारीर को पोस्ट मोर्टेम के लिए कब भेजा जायेगा ? (Dead body ko post mortem ke lie kab
- इनक्वेस्ट (Inquest) करते समय ध्यान में रखने वाली बाते ?Inquest karte samay dhyan me rakhnewali bate
- इनक्वेस्ट (Inquest) करते समय होने वाली गलतिया Inquest karte samay hone wali common mistake
1.इनक्वेस्ट (Inquest) क्या है ?(Inquest kya hota hai ?)
इनक्वेस्ट का मलतब होता है जब मरने(Death) का कारन मालूम न होतो इन्क्वारी कर के पता लगाना !यह शब्द अंग्रेजी लॉ (Coroner law) के Inquisition शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है हिंसा या अस्वाभाविक कारणों से होने वाली मृत्यु की जाँच करना !
2. इनक्वेस्ट (Inquest) कौन करता है ?Inquest kaun karta hai?
इनक्वेस्ट रिपोर्ट एक बहुत ही इम्पोर्टेन्ट डॉक्यूमेंट होता है जिसके द्वारा मृत्यु के करना और परिस्थियों के बारे में जानकारी मिलती !इनक्वेस्ट ऑफिसर इन चार्ज पुलिस स्टेशन या कोई और पुलिस अधिकारी जो इस कार्य में निपुण हो और उन्हें इस कार्य के लिए अधिकृत किया गया हो ! CrPc की धरा 174 के अनुसार इनक्वेस्ट रिपोर्ट में सभी प्रकार के डेथ बॉडी(Scene of Offence) से सम्बंधित डिटेल्स होने चाहिए!अगर मृत्यु पुलिस कस्टडी में हुई है तो इनक्वेस्ट की करवाई मजिस्ट्रेट के द्वारा किया जायेगा !
इसे भी पढ़े :पुलिस स्टेशन और पुलिस स्टेशन के कार्य प्रणाली
3. इनक्वेस्ट (Inquest) के क़ानूनी प्रावधान ?Inquest ka kanuni prawdhan kya hai ?
इनक्वेस्ट से रिलेटेड क़ानूनी प्रावधान CrPc की सेक्शन 174 से 176 के अन्दर दिया गया है जिसका डिटेल्स इस प्रकार से है :
- सेक्शन 174 CrPc के अंतर्गत :इस सेक्शन के अंतर्गत ऑफिसर इन चार्ज पुलिस स्टेशन या कोई और पुलिस अधिकारी जो विशेषकर अधिकृत किया गया हो राज्य सरकार के द्वारा की मृत्यु के कारण का पता लगाये (Investigate) करे जब :
- मृत्यु आत्महत्या के द्वारा हुई हो,
- या किसी दुसरे या जानवर या किसी मशीन या किसी दुर्घटना से मृत्यु हुई हो
- किसी ऐसी परिस्थिति में मौत हुई हो जहा की संदेह हो की मृत्यु किसी और के द्वारा की गई है !
- इनक्वेस्ट (Inquest) की करवाई :किसी की अचानक, अप्राकृतिक तरीके से , या संदेहात्मक मृत्यु की खबर मिलने पे , ऑफिसर-इन- चार्जसर्व प्रथम सुचना अपने एरिया के एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट जो इनक्वेस्ट (Inquest) करने के लिए अधिक्रिताधिकृत है उन्हें इतला करेगे या किसी और किसी नियम या आर्डर के द्वारा कोई अलग निर्देश दिया गया हो सब डिवीज़नल मजिस्ट्रेट वह जायेंगे है मृत्य व्यक्ति का शारीर पड़ा है और वह पहुचने पर पड़ोस के दो या उससे ज्यादा रेस्पेक्ट्फुल व्यक्तिओ के उपस्थिति में मृत्य व्यक्ति शारीर केलागे हुवा घाव या कोई दूसरा तरह का इंजुरी मृत्य के शारीर पर निशान और किसी हथियार आदि का हो सकता है ए सब पूरी डिटेल्स के साथ लिखना चाहिए और पुलिस अधिकारी और दो सम्मानीय व्यक्ति हस्ताक्षर उस के ऊपर लेकर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को भेजना चाहिए !
- सेक्शन 175 CrPc के अंतर्गत :इस सेक्शन के अंतर्गत एक पुलिस ऑफिसर को अधिकार देता है सेक्शन 174 CrPc के अतर्गत करवाई के लिए किसी भी व्यक्ति जिसके पास वह मानती है की उस व्यक्ति के पास उस घटना से सम्बंधित अगर कोई जानकारी है तो उसे सम्मन कर सकती है और जिन व्यक्ति को सम्मन किया गया वह बाउंड है की जाँच में सहयोग करे और सभी सवालों को जवाब दे केवल उन सवालो को छोड़ कर जिनसे उनकी खुद की दोषी सिद्ध होने की सम्भावन हो !
- सेक्शन 176 CrPc के अंतर्गत: पुलिस कस्टडी या कोई औरत जो अपनी शादी के सात साल के अन्दर अत्महत्य कर्लेती है उन केसों का इनक्वेस्ट मजिस्ट्रेट के द्वारा ही किया जायेगा जब की दुसरे केसों में यह ऑप्शनल है !और उस तरह की इनक्वेस्ट डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट या SDM या दूसरा को मजिस्ट्रेट जिनको इस काम के लिए अधिकृत किया गया है !
4. इनक्वेस्ट (Inquest) कब कब किया जाता है ?Inquest kab kab kiya jata hai ?
सेक्शन 174 CrPc के अंतर्गत ऑफिसर इन चार्ज पुलिस स्टेशन या कोई और पुलिस अधिकारी जो विशेषकर अधिकृत किया गया हो राज्य सरकार के द्वारा की मृत्यु के कारण का पता लगाये (Investigate) करे और इन परस्थितियो में इनक्वेस्ट करना कानूनन जरुरी है ! :
- मृत्यु आत्महत्या के द्वारा हुई हो,
- या किसी दुसरे या जानवर या किसी मशीन या किसी दुर्घटना से मृत्यु हुई हो
- किसी ऐसी परिस्थिति में मौत हुई हो जहा की संदेह हो की मृत्यु किसी और के द्वारा की गई है !
5. इनक्वेस्ट (Inquest) कब नहीं किया जाता है ?Inquest kab nahi kiya jata hai ?
इनक्वेस्ट सेक्शन 174 CrPc के अंतर्गत किया जाता है लेकिन अगर मृत्य शारीर नहीं मिलने के सूरत में इनक्वेस्ट नहीं किया जायगा इस सम्बन्ध में कोर्ट का साफ निर्णय है गुलाम हसन बनाम एम्परर के में (Ghulam Hassan Vs. emperor, 9 Cr.Ll. 105, 1908 P.RNo)
6. मृत्य शारीर को पोस्ट मोर्टेम के लिए कब भेजा जायेगा ? (Dead body ko post mortem ke lie kab bheja jayega): इनक्वेस्ट करने वाली अधिकारी को निम्न परिस्थियों में शारीर को पोस्ट मोर्टेम भेजना चाहिए :
- जब मौत के कारन में कोई शंका हो
- जब एक औरत अपने शादी के 7 सालो के अन्दर आत्महत्या कर लेती और परिस्थिया ऐसा शंका उत्पन्न करे के किसी और ने यह हत्या की है !
- जब कोई औरत उसके सात साल के शादी के अंतर्गत मृत्य पाई जाती है और उसके रिलेटिव पोस्ट मोर्टेम कराने का अनुरोध करते है !
- अगर किसी केस में एक पुलिस ऑफिसर को ए लगता है की पोस्ट मोर्टेम करना जरुरी है मृत्यु के कारन जानने के लिए तो इस परिस्थिति में भी कराया जा सकता है !
लेकिन अगर किसी केस में अगर पुलिस ऑफिसर को लगता है की मौत का कारन में कोई विरोधबहस नहीं है और मौत का कारन साफ है तो इस परिस्थिति में पोस्ट मोर्टेम नहीं भी करा सकता है !
7.इनक्वेस्ट (Inquest) करते समय ध्यान में रखने वाली बाते ?Inquest karte samay dhyan me rakhnewali bate:इनक्वेस्ट (Inquest) करते समय निम्न बातो का ध्यान रखना चाहिए :
- मृत्य शारीर जहा पाया गया है उस जगह के चारो अच्छी तरह से देखे और पूरी विस्तृत में जाकारी को लिखे अगर हो सके तो अलग अलग कोण से फोटोग्राफ ले !
- अगर बॉडी का टुकड़े कर के अलग अलग जगह फेका गया हो तो सभी जगहों की अलग अलग इनक्वेस्ट करना चाहिए और अंत में शारीर के सभी हिस्सों को एक जगह ला कर भी इनक्वेस्ट करानी चाहिए !
- सभी जगहों का फोटोग्राफी कराये
- अगर जरुरी हो तो डॉक्टर का भी सहायता लिया जा सकता है !
- जहा जरुरी हो जगह का स्केच बनाये !
- नम्बर को नोट करे जिस पोजीशन में बॉडी पड़ी हुई हो आजू बाजु के फिक्स्ड ऑब्जेक्ट से बॉडी की दुरी को लिखे !
- पोजीशन ऑफ़ हाथ, पैर , हेड यदि को लिखे !
- अगर कोई वस्तु बॉडी के पास पड़ी हो या मृत्य शारीर के द्वारा पकड़ी गई हो या शारीर पर गिरी हुई हो सब जानकारी लिखे !
- शारीर में कैसा ड्रेस है सभी तरह के ड्रेस और पहनने के तरीका आदि को लिखे
- बॉडी और क्लॉथ पर के सभी तरह के मार्क को नोट कर जैसे जला हुवा या गोली लगा हुवा !
- सभी प्रकार के जख्म को लिखे यह बताते हुवे की यह जख तरफ और किस प्रकार से हुवा होगा !
- सावधानीपूर्वक उसन सभी चीजो को लिखे जिससे यह पता लगाने मदद हो की मृत्यु का समय क्या होगा !
- बॉडी के सभी अंगो को ऊपर से निचे तक देखे और किसी मिसिंग बॉडी पार्ट के बारे में लिखे !
- बॉडी पर घडी, और आभूषण यदि के देखे और घडी के अन्दर कोई टाइम बता रहा है उसे लिखे !
- बॉडी का फिंगर प्रिंट और नेल क्लिप्पिंग ले और अगर बॉडी ज्यादा दिन होने के कारन ख़राब हो गई हो तो डॉक्टर का सहायता लिया जा सकता है !
- हो सके तो बॉडी का पहचान लगाये और पूरा विवरण लिखे फोटे के साथ !
- बॉडी की पहचान हो जाने के बाद मृत्य व्यक्ति के रिश्तेदारों को इतला करे !
8..इनक्वेस्ट (Inquest) करते समय यह नहीं करना चाहिए :
- संकोचित नहीं होना चाहिए बॉडी को पूरी तरह से अन कवर करके पूरी तरह देखना चाहिए
- प्राइवेट पार्ट को चेक करने नहीं भूलना चाहिए !
- इनक्वेस्ट रिपोर्ट लिखते समय बड़ी बड़ी मेडिकल शब्दों का इस्तेमाल से बचना चाहिए क्यों की गलत गलत मेडिकल शब्द लिखने के कारन अनावश्यक जटिलता पैदा होगा !
- यह लिखना ना भूले को मृत्य व्यक्ति कैसा ड्रेस पहना था क्यों की उससे यह पता लगाने में सहायता मिल सकती है की आत्महत्या है या हत्या विशेषकर औरतो के मामले में !
- बॉडी का फोटोग्राफ लिए बिना बॉडी का पोजीशन का बदली नहीं करना चाहिए !जो व्यक्तिओ ने बॉडी को पहचाना किया है उनका नाम लिखना ना भूले !
- कोई भी बस्तु जैसे चर्को बॉडी के ऊपर न रखे बॉडी को खराब होने से रोकने के लिए अगर जरुरी हो तो बॉडी को कपडे में लपेट कर चारकोल रखे !
इनक्वेस्ट (Inquest) रिपोर्ट लिखते समय होने वाली सामान्य गलतिया :
- बॉडी का गलत सेक्स का लिखा जाना जैसे मर्द के जगह औरत या औरत के जगह पे मर्द
- व्यस्क व्यक्ति का प्रवाते पार्ट का फोरस्किन के बारे में नहीं लिख जाना की खतना हुवा या नहीं हुवा वाला बॉडी था !
- चोट और उसका पोजीशन के बारे में गलती !
- क्या कोई संघर्स का निशान था या नहीं
- आत्महत्या के केस में लार बॉडी के मुह से किस कोण से गिरा था या कोई उलटी हवी थी !
- आत्म हत्या के केस में बॉडी की जीभ का स्तिथि क्या था या उस पर दन्त का कट मार्क था
- वीर्य (Semen) का रहना या नहीं रहना के बारे में भी नहीं लिखा रहता है !औरत के प्राइवेट पार्ट के ऊपर कोई मार्क होतो उसके बारे में पूरा डिटेल नहीं लिखना !
- जब एक से ज्यादा बॉडी को पोस्ट मोर्टेम के लिए भेटे समय बॉडी के ऊपर proper आइडेंटिफिकेशन मार्क नहीं लिखना
- अगर बिना पहचान वाली बॉडी होते बॉडी के ऊपर उपस्थित मार्क जैसे कट, या मोले यदि का नहीं लिखा जाना !
- अगर बॉडी किसी रूम के अन्दर मिला तो रूम अन्दर से या बहार से बंद था इसके बारे में डिटेल्स नहीं लिखा होना !और रूम के अन्दर के फर्नीचर और वह मौजूद डिसत्रवेंस के बारे में नहीं लिखा होना !
- कभी कभी IO को की मार्क को चोट के रूप में मान लेना !
- इनक्वेस्ट के दौरान अगर कोई छोटी सी पूछताछ की गई हो जिससे यह पतालागें का कोसिस किया गया हो की मौत का क्या कर्ण हो सकता है उसके बारे में नहीं लिखा जाना भी एक गलती के रूप में ही मन जाता है
इस प्रकार से इनक्वेस्ट की बेसिक जानकारी से सम्बंधित यह ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुवा !उम्मीद है की यह पोस्ट आप को पसंद आएगा ! अगर कोई कमेंट होतो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग सब्सक्राइब औत फेसबुक पर लाइक करे और हमलोगों को और अच्छा करने के लिए प्रोतोसाहित !
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