पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने शिनाख्त परेड(TIP) के बारे में जानकारी प्राप्त की और अब इस ब्लॉग पोस्ट में हम गिरफ्तारी और बेल से सम्बंधित कुछ बेसिक बाते जानेगे जो की हर एक पुलिसमैन(Arrest se relate kanun jise ek policeman ko janana chahie) को जननी चाहिए !
गिरफ्तारी साधारणतः एक पुलिस या किसी कानून व्यवस्था लागु करने वाली एजेंसी के द्वारा किया जाता है लेकिन बहुत से विशेष परिस्थिया है जहा की एक आम आदमी भी किसी व्यक्ति का गिरफ्तारी कर सकता है !गिरफ्तारी का मतलब होता है किसी व्यक्ति की मौलिक आजादी है स्वक्छंद घुमने और कही भी अपने मर्जी से आने जाने तथा मिलने जैसी आजादी से उसे बिमुक्त कर देना ! गिरफ्तार करलेना किसी का अपराधी होने का साबुत नहीं है बल्कि उसे कोर्ट में साबित करना जरुरी होता है की गिरफ्तार किया गया व्यक्ति ही गुनहगार है !
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इस पोस्ट को अच्छी तरह से समझने के लिए हमने इसे निम्न भागो में बाँट दिया है :
Arrest |
- गिरफ्तारी क्यों (Girftari kyo jaruri ) ?
- गिरफ्तारी से सम्बंधित कानून(Girftari se sambandhit laws)
- गिरफ्तारी कौन कौन कर सकता है (Girftari kaun kaun kar sakta hai)
- किसी भी व्यक्ति को नियम लागु होने से पहले के गुनाह केलिए सजा नहीं दिया जा सकता है और कोई नया कानून बना के ज्यादा सजा नहीं दिया जा सकता है ! (Art-20(1))
- किसी भी अपराधी को एक गुनाह के लिए दो बार सजा नहीं दी जाकती है !(Art-20(2))
- किसी भी अपराधी से जबरदस्ती गुनाह काबुल नहीं कराया जा सकता है !(Art-20(3))
- गिरफ्तार किये गए व्यक्ति को गिरफ्तारी के कारन,वकील रखने तथा क़ानूनी सलाह लेने का अधिकार के बारे में जानकारी देना उस गिरफ्तार व्यक्ति का मौलिक अधिकार है !(Art-22(1))
- जो कोई व्यक्ति गिरफ्तार किया गया हो उसे 24 घंटे के अन्दर किसी मजिस्ट्रेट के सामने पेस किया जाना चाहिए बिना मजिस्ट्रेट के पास पेस किया 24 घंटे से ज्यादा नहीं रखा जा सकता है !(Art-22(2))
- उपरोक्त दोनों बाते इन केसों में लागु नहीं होती है :(Art-22(3))
- गिरफ्तार व्यक्ति दुश्मन देश का हो
- या किसी व्यक्ति को प्रिवेंटिव डीटेंसन में रखा गया हो
- किसी व्यक्ति जिसके ऊपर अपराधिक केस रजिस्टर हुआ है और उसे कोर्ट में हाजिर करने के लिए !
- किसी अपराधी को अपराध करने से रोकने के लिए किसी विशेष केस में
- वारंट के साथ
- वारंट के बिना
- वारंट के बिना Cr.PC सेक्शन 41 और सेक्शन . 151
- वारंट के साथ Cr.PC Sec. 72 सेक्शन से सेक्शन 151
- पुलिस थाना इन चार्ज के लिखित आदेश से Cr.PC सेक्शन 55 और सेक्शन 157
- मजिस्ट्रेट के आदेश से Cr.PC सेक्शन 44 और असंज्ञे अपराध में Cr.PC सेक्शन 42
- वारंट के बिना Cr.PC सेक्शन 43
- वारंट के साथ Cr.PC सेक्शन 72 और 73
- पुलिस अधिकारी के आदेश पर Cr.PC सेक्शन 37
- मजिस्ट्रेट के आदेश पर Cr.PC सेक्शन 37 और 44
इस प्रकार से गिरफ्तारी से सम्बंधित यह ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुवा !उम्मीद है की यह पोस्ट आप को पसंद आएगा ! अगर कोई कमेंट होतो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग सब्सक्राइब औत फेसबुक पर लाइक करे और हमलोगों को और अच्छा करने के लिए प्रोतोसाहित !
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