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19 November 2021

सांस्कृतिक समारोह एवं खेलों के दौरान पुलिस की ड्यूटी क्या होती है?

हमने अपने पिछले ब्लॉक पोस्ट में पुलिस का पॉलीटिकल रैली के समय क्या ड्यूटी होती है उसके बारे में जानकारी प्राप्त की और अब इस ब्लॉग पोस्ट में हम जानेंगे कि सांस्कृतिक समारोह(Cultural program and police duty) एवं खेलों के दौरान पुलिस की ड्यूटी क्या होती है। 

जैसे कि आप जानते हैं की पुलिस का मुख्य कर्तव्य लॉ & ऑर्डर को बनाए रखना तथा जनता के साथ होने वाले किसी भी अघात या परेशानी के समय उनको उन परेशानियों से निजात दिलाना होता है तो पुलिस का काम पॉलीटिकल रैली के दौरान तो होता ही होता है अगर जनता के द्वारा मनाए जाने वाले सांस्कृतिक समारोह एवं खेल के दौरान भी पुलिस की उतनी ही जिम्मेदारी होती है जितना कि किसी अन्य समारोह में होती है यानी कि लॉ & ऑर्डर को सुचारू बनाए रखना और सही तरीके से समारोह को होने में मदद करना।

इसे  भी  पढ़े :जनसम्पर्क अधिकारी की ड्यूटी करते समय एक सिपाही को ध्यान में रखने वाली बाते

 कभी-कभी स्थानीय जनता द्वारा सांस्कृतिक समारोह एवं खेलकूद आदि का आयोजन किया जाता है ऐसे समय में वहां के थाना प्रबंधन को इस बारे में सूचित किया जाता है और उसके सुरक्षा संबंधी तमाम प्रबंध का उत्तरदायित्व पुलिस का होता है । 

इस ब्लॉग कापोस्ट का मुख्य उद्देश्य  सांस्कृतिक समारोह एवं खेलों के दौरान सुरक्षा प्रबंध करते समय पुलिस के सिपाही को उसके कर्तव्य से अवगत कराना है !

Cultural Program gathering
Cultural Program gathering

कानूनी प्रावधान जब भी कोई नाटक , खेल , सिनेमा यदी  दिखाई जानी है तो थाना प्रबंधक है कि वह उस स्थान पर किए गए सभी प्रबंधो जैसे मुख्य  द्वार,  टेंट ,रसिया आदि  को जनता के लिए खोलने  से पहले निरीक्षण करें इसका डिटेल वर्णन 22.30 में दिया हुआ है। 

पुलिस के मुख्य कर्तव्य सांस्कृतिक समारोह एवं खेल के दौरान:

  • पुलिस को यह देखना चाहिए कि यदि आग लग जाए तो उसमें से भागने के लिए निकासी की व्यवस्था है या नहीं। 
  • पुलिस इस बात को देखें कि वहां पर कोई शीघ्र आग पकड़ने वाली वस्तु तो नहीं है। 
  • समारोह स्थल के आसपास यातायात नियंत्रण संबंधी आवश्यक उपाय करें 
  • यदि समारोह में कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति आ रहा है तो सुरक्षा संबंधी व्यवस्था करें व तलाशी ले।
  •  ऐसे समारोह में भाग लेने वाली जनता के साथ पुलिस का व्यवहार बहुत ही अच्छा होना चाहिए।
  • असामाजिक तत्वों पर पूरी निगरानी रखनी चाहिए!
  • गाड़ियों की पार्किंग व्यवस्था को सुचारू रूप से करें। 
  • जहां अधिक संख्या में भीड़ हो वहां पर जनता की सुविधा के लिए (May I help you)/ हेल्प बुक आदि की व्यवस्था करनी चाहिए जिसमें  लाउडस्पीकर यदि लगा हो जिससे खोए हुए व्यक्ति का विवरण जनता को दिया जा सके। 
  • ऐसे समारोह में खासकर सीनियर ऑफिसर  को बहुत ही साफ-सुथरी वर्दी पहन कर जाना चाहिए 
  • वह चेहरे पर हास्य भाव होना चाहिए। 
  • अपने कर्तव्य का पालन में धैर्य  और अनुशासन में रहकर करना चाहिए।

उम्मीद है की उपरोक्त बताये गए पॉइंट आपको ड्यूटी के दौरान कुछ उपयोगी साबित होंगे !!उम्मीद है की यह  पोस्ट आप को पसंद आएगा ! अगर कोई कमेंट होतो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग  सब्सक्राइब औत फेसबुक पर लाइक करे और हमलोगों को और अच्छा करने के लिए प्रोतोसाहित !

इन्हें भी  पढ़े :
  1. पुलिस ड्यूटी
  2. फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट में होनेवाली कुछ कॉमन गलतिया
  3. 6 कॉमन गलतिया अक्सर एक आई ओ सीन ऑफ़ क्राइम पे करता है
  4. क्राइम सीन पे सबसे पहले करनेवाले काम एक पुलिस ऑफिसर के द्वारा
  5. बीट और बीट पेट्रोलिंग क्या होता है ?एक बीट पट्रोलर का ड्यूटी
  6. पुलिस नाकाबंदी या रेड् क्या होता है ?नाकाबंदी और रेड के समय ध्यान में रखनेवाली बाते 
  7. निगरानी और शाडोविंग क्या होता है ? किसी के ऊपर निगरानी कब रखी जाती है ?
  8. अपराधिक सूचना कलेक्ट करने का स्त्रोत और सूचना कलेक्ट करने का तरीका
  9. चुनाव के दौरान पुलिस का कर्तव्य
  10. थाना इंचार्ज के चुनाव ड्यूटी सम्बंधित चेक लिस्ट

17 November 2021

पुलिस का पॉलीटिकल रैली के समय क्या ड्यूटी होती है

पिछले ब्लॉक पोस्ट में हमने पुलिस को शिकायतकर्ता के साथ कैसे व्यवहार करना चाहिए ! के बारे में जानकारी प्राप्त की थी और अब इस ब्लॉग पोस्ट में हम यह जानेंगे कि पुलिस का पॉलीटिकल रैली के समय क्या ड्यूटी होती है। सीमित साधनों के कारण सरकार जनता के सभी मांगे पूरी नहीं कर सकती है जिसके परिणाम स्वरूप विपक्षी पार्टियां सरकार के खिलाफ जनता के मांगों को लेकर तरह-तरह के सभा और रैलियां करती हैं और रैलियों में सरकार के सामने जनता की मांग रखती है और सरकार के ऊपर दबाव बनाने की की कोशिश करती है ताकि जनता का विश्वास अपने पक्ष में करने की कोशिश करती है। 

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लेकिन बहुताय यह देखा गया है कि ऐसी सभाओं में जिसमें की किसान, विद्यार्थी, मजदूर यदि  अपना आंदोलन या प्रदर्शन करते हैं उन रैलीयो में कई बार कानून व्यवस्था भंग होने का खतरा रहता है ऐसे में कानून व्यवस्था को बनाए रखने का काम पुलिस का होता है और उसी के लिए पुलिस कर्मियों को ऐसी रैली के स्थान पर ड्यूटी के लिए लगाया जाता है। 

Political Rally
Political Rally
राजनीतिक पार्टियों के जुलूस या आंदोलन के दौरान पुलिस बल को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए :

  • पुलिस को अपने क्षेत्र में आयोजित की जाने वाली सभा / मीटिंग का समय क्षेत्र व उद्देश्य का पूरा ज्ञान होना चाहिए। 
  • राजनैतिक प्रदर्शनों आंदोलन के दौरान स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए उनके नेताओं से बातचीत करनी चाहिए। 
  • मीटिंग के मुख्य द्वार पर सुरक्षा प्रबंध कड़े करने चाहिए। 
  • यदि मीटिंग या  प्रदर्शन किसी दूतावास पर है तो दूतावास के चारों तरफ व्यापक सुरक्षा प्रबंध करना चाहिए।
  • यदि आपातकाल से निपटने के लिए सक्षम पुलिस बल व अन्य सुविधाएं जैसे टियर गैस,  फायर ब्रिगेड यादी का होना भी जरूरी है। 
  • यदि कोई व्यक्ति मीटिंग में जबरन घुसने की कोशिश करें तो उसे  तुरंत गिरफ्तार कर लेना चाहिए। 
  • यदि रैली पर्दोदशर्न दो  विरोधी पार्टियों द्वारा किया जा रहा है तो उनको समझा-बझाकर उनके बीच इतनी  दूरी  रखनी चाहिए ताकि हाथापाई और झगड़े को टाला जा सके!
  • यदि  आंदोलनकारी अपनी गिरफ्तारी देंगे तो पहले से ही पुलिस व्यवस्था होनी चाहिए 
  • यदि कोई मांग पत्र पेश करने के लिए आगे आये  तो उस व्यक्ति की तलाशी लेने के बाद ही आगे आने देना चाहिए। 
  • यदि मीटिंग में महिलाएं एवं बच्चे शामिल है तो महिला पुलिस की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए!
  •  पुलिस को अपने कर्तव्य का पालन में सहस, धरी, और सयम के कार्य करना  चाहिए!

उम्मीद है की उपरोक्त बताये गए पॉइंट आपको ड्यूटी के दौरान कुछ उपयोगी साबित होंगे !!उम्मीद है की यह  पोस्ट आप को पसंद आएगा ! अगर कोई कमेंट होतो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग  सब्सक्राइब औत फेसबुक पर लाइक करे और हमलोगों को और अच्छा करने के लिए प्रोतोसाहित !

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  1. पुलिस ड्यूटी
  2. फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट में होनेवाली कुछ कॉमन गलतिया
  3. 6 कॉमन गलतिया अक्सर एक आई ओ सीन ऑफ़ क्राइम पे करता है
  4. क्राइम सीन पे सबसे पहले करनेवाले काम एक पुलिस ऑफिसर के द्वारा
  5. बीट और बीट पेट्रोलिंग क्या होता है ?एक बीट पट्रोलर का ड्यूटी
  6. पुलिस नाकाबंदी या रेड् क्या होता है ?नाकाबंदी और रेड के समय ध्यान में रखनेवाली बाते 
  7. निगरानी और शाडोविंग क्या होता है ? किसी के ऊपर निगरानी कब रखी जाती है ?
  8. अपराधिक सूचना कलेक्ट करने का स्त्रोत और सूचना कलेक्ट करने का तरीका
  9. चुनाव के दौरान पुलिस का कर्तव्य
  10. थाना इंचार्ज के चुनाव ड्यूटी सम्बंधित चेक लिस्ट

06 November 2021

फायर प्रोटेक्टिव क्लोथिंग का परिचय हिंदी में | प्रोटेक्टिव सुइट्स

हमने पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने फायर फाइटिंग के विषय में हम ने फायर एक्सिटिनगुसर(Fire Extinguisher) के बारे में हमने जानकारी प्राप्त की और अब इस ब्लॉग पोस्ट में हम जानेगे की आग को बुझाने के लिए कुछ प्रोटेक्टिव क्लोथ्स हिंदी में (Fire Protective Cloth in hindi) होते है और ओ प्रोटेक्टिव सुइट्स हिंदी में (Fire Protective Suits in hindi) कौन कौन से है !

इसे भी पढ़े :आग कैसे बुझाने का तरीका | Fire Extinguisher |

जैसे की हम जानते है अग्नि शमन यानि की फायर फाइटिंग बहुत ही उपयोगी सर्विस है जिसका अहमियत आज के युग में जहा कल कारखाने तथा तरह तरह के और भी चीजे जैसे विभिन्न तरह के हवाई जहाज तथा हवाई अड्डा और फ्यूल डंप की संख्या आये दिन बढ़ते जा रही है जिसके कारन फायर फाइटिंग सर्विस की जरुरत दिन पर दिन और बढती जा रही है!

जैसे की हमने ऊपर जाना की अग्निशमन सेवा की जरुरत समय के साथ साथ बढ़ते जा रहे है वैसे ही इसमें होने वाली खतरा भी बढ़ रही है ! इन खतरों से निपटने के लिए बहुत तरह के रसायनिक पदार्थ तथा  भिन्न भिन्न तरह के इक्विपमेंट बनाये गए है जिससे की  फायर को आसानी से बुझाया जा सके और इन इक्विपमेंट और स्पेशल व्हीकल के अलावा फायर फाइटर के बचाव के लिए बहुत तरह के प्रोटेक्टिव क्लोथिंग भी बनाये गए है जिससे की फायर फाइटर आग को सुरक्षित तरीके से अपने आप को बचाते हुए आग को प्रभावित तरीके से बुझा सके !

इसे भी पढ़े :आग फैलने के कितने तरीके होते है| आग फैलने के कौन कौन से तरीके होते है ?

जैसे की हमने इस ब्लॉग पोस्ट में पहले ही बता चुके है की हम फायर प्रोटेक्टिव सूट(Fire Protective Cloth) के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे ! इस्तेमाल के अनुसार प्रोटेक्टिव क्लोथिंग निम्लिखित केटेगरी के होते है :

  • एप्रोच सूट(Approach suit.) : इस सूट का इस्तेमाल फायर के नजदीक से नजदीक  जाने के लिए किया जाता है जिससे फायर एक्सिटिनगुसर को अच्छी तरह से इस्तेमाल कर सके ! इसका वजन 7.5 किलो तथा लेयर 03 और यह ताप को रेसिस्टेंट 800 डिग्री सेल्सिअस तक करता  है ! इसका इस्तेमाल कर के आग के नजदीक 2-15 मिनट तक तथा 2-3 मीटर तक जा सकते है !
  • प्रोक्सिमिटी सूट(Proximity suit) : इस सूट के पहन कर आग के नजदीक से नजदीक जाया जा सकता है और ए हम जन सकते है की सिट ऑफ़ फायर कहा है और जिसे जानकर फायर को जल्दी तथा इफेक्टिव तरीके से फायर इक्विपमेंट का इस्तेमाल कर के आग को बूझा सकते है ! इसका वजन 6.5 किलो , लेयर 03 होता है और इसका इस्तेमाल 45-60 तक किया जा सकता है और इसे पहन कर आग के करीब 0.6 मीटर तक जाया जा सकता है !इसका आग की ताप को सहन करने की क्षमता 1400 डिग्री सेल्सिअस है !
  • एंट्री सूट(Entry suit.) :इस सूट का इस्तेमाल हवाई जहाज, शिप तथा बिल्डिंग में आग लगने पे बचाव करने के लिए किया जाता है ! इस सूट को पहनकर आग लगी हुई जहाज, शीप , थे बिल्डिंग के अन्दर फंसे हुए लोगो को बह्चाने के लिए किया जाता है !इसका वजन 22 किलो तथा लाये 7 होते है ! इसको 2 मिनट तक फायर के अन्दर पहन कर रहा जा सकता है !इसका आग की ताप को सहन करने की क्षमता 1400 डिग्री सेल्सिअस है ! 

प्रोटेक्टिव सूट के मेन कॉम्पोनेन्ट(Main Components of Protective clothing) :

  • जैकेट & फुल पैंट/ओवरआल (Jacket & Trouser/ overall)
  • बूट्स ओर ओवर बूट्स ( Boots or over boots)
  • ग्लव्स(Gloves)
  • हेलमेट (Helmet)
  • वाईजर के साथ हुड(Visor with hood.) 

आग बुझाने में आने वाले खतरे :

  • ताप का प्रभाव बदन, फेस तथा हाथ के ऊपर 
  • पहने हुए सूखे हुए वस्त्र और उसमे आग लगने से 
  • आग से उत्पन्न होने वाले धुवा तथा गैस जिसका असर लंग्स के ऊपर 
  • आग से उत्पन्न धुवा तथा उज्वला यानि लाइट्स की कमी 
  • बिजली के शॉक लगने का खतरा 
  • गिला कपडा ज्यादा देर तक आग के नजदीक पहने रहने से, गिला कपडा को जितना जल्दी हो सके उसे बदल देना चाहिए!
  • गर्म कपडे को ज्यादा देर तक पहने रहने से भी आग का खतरा रहता है !

अलुमीनाइजड फायर प्रोक्सिमिटी सूट का स्पेसिफिकेशन(Specifications of Aluminized Fire Proximity Suit):

Aluminized Fire Proximity Suit
Aluminized Fire Proximity Suit

इसे भी पढ़े :फायर फाइटिंग के टेक्निकल टर्म्स फ़्लैश पॉइंट और फायर पॉइंट

बनावट : 

  • आउटर लेयर जेंटेक्स ड्यूल मिरर अलुमीनाइजड  फिबीर ग्लास फैब्रिक टाइप 108 का बना होता है 
  • यह कुल एक पिस में आता है जिसमे :
  • पेअर ऑफ़ ग्लव्स (Pair of gloves)
  • हुड फिटेड हिट रिपेलेंट  वाईजर और हेलमेट जो की अच्छी तरह से लाइन्ड फैब्रिक से  रहता है !
  • पेअर ऑफ़ शूज जो की चमड़ा से सिलाई की हुई होती है !(Pair of shoes with leather lining.)
  • इसके बेक पे एक पाउच होता है जिस के अन्दर BA Set(Breathing Appratus Set) रखने की जगह होती है !
  • इसका कुल वजन अनुमानन 6.5 किलो होता है 
  • इसकी साइज़ 5'6" से लेकर 6' के फायरमैन के पहने के लिए फिट होता है इसका ओवरआल साइज़ 1480mm,1520mm, 1600mm तथा जूते का साइज़ 9 या 10 नंबर का होता है !
  • इसके पैर के ऊपर  वेल्क्रो स्ट्रिप(Velcro strips) दिया हुवा होता है जिससे की इसकी हाइट को 2" कम किया जाता है ! 

धोने के बारे में सुझाव(Washing Instructions) :

  • जमीन पर इसप्रकार से फैलाये की रेफ्लेक्टिवे साइड ऊपर हो और माइल्ड साबुन तथा सॉफ्ट कपडा का इस्तेमाल करते हुए हलके हाथ से धोये तहत सूखने के लिए हंगेर के ऊपर लटका दे !ज्यादा रगड़ना नहीं चाहिए !

इस प्रकार से यहाँ फायर प्रोटेक्टिव क्लोथ्स से सम्बंधित  यह ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुवा !उम्मीद है की यह ब्लॉग पोस्ट आपलोगों को पसंद आएगा ! इस ब्लॉग  को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे! 
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  1. भारतीय पुलिस ड्रिल ट्रेनिंग में इस्तेमाल होने वाले परेड कमांड का हिंदी -इंग्लिश रूपांतरण
  2. ड्रिल में अच्छी पॉवर ऑफ़ कमांड कैसे दे सकते है
  3. ड्रिल का इतिहास और सावधान पोजीशन में देखनेवाली बाते
  4. VIP गार्ड ऑफ़ ऑनर के नफरी और बनावट
  5. विश्राम और आराम से इसमें देखने वाली बाते !
  6. सावधान पोजीशन से दाहिने, बाएं और पीछे मुड की करवाई
  7. आधा दाहिने मुड , आधा बाएं मुड की करवाई और उसमे देखने वाली बाते !
  8. 4 स्टेप्स में तेज चल और थम की करवाई
  9. फूट ड्रिल -धीरे चल और थम
  10. खुली लाइन और निकट लाइन चल

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