पिछले ब्लॉगपोस्ट में हमने VLP (Very Light Pistol) के बारे में जानकारी शेयर की थी और अब इस blog पोस्ट में हम .303" राइफल के बारे में बेसिक जानकारी जैसे उत्पत्ति, विश्श्ताये और कामिओ के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे !
इस पोस्ट के अच्छे से सझने के लिए मैंने इस पोस्ट को निम्लिखित सब हेडिंग में बाँट दिया है :
.303" राइफल नंबर -1 मार्क- 3 |
1..303" राइफल का परिचय
2. .303" राइफल की उत्पति
3. .303" राइफल की बेसिक डाटा
4. .303" की विशेषताए और
5. .303" राइफल की कमिया
1..303" राइफल का परिचय : जैसे कि हम जानते हैं कि राइफल इन्फेंट्री या आर्म्ड फोर्स के जवान का एक जाति हथियार होता है। इसलिए हथियारों की सिखलाई में सबसे पहले राइफल की हैंडलिंग ही सीख लाई जाती है और सिखलाई के दौरान एक जवान को इस काबिल बना दिया जाता है कि वह किसी भी हालात में अपने जातिय हथियार का इस्तेमाल कर सके और उसके अंदर पढडने वाले रोगों को दूर कर सके तथा अपने दिए हुए टास्क को अच्छे से पूरा कर सकें!
.303" राइफल निम्नलिखित में वेरिएंट आते हैं:-
- .303" राइफल नंबर -1 मार्क- 3
- .303" राइफल नंबर - 3 मार्क (वन स्टार)
- .303" राइफल नंबर - 4 मार्क 1
- .303" राइफल नंबर -4 मार्क -1 (T)
- .303" राइफल नंबर - 5 मार्क-1(पाराशूट)
2. .303" राइफल की उत्पति :यह राइफल सन 1880 में ब्रिटिश आर्मी में अलग-अलग राइफल सिस्टम का अध्ययन करने के बाद ली मेडफोर्ड राइफल "Lee met Ford Rifle" को अपनाया जिसका डिजाइन पॉइंट .303" राइफल मार्क -I की तरह ही था! फिर कुछ समय बाद सन 1920 में शोर्ट मागज़ीने ली इनफील्ड(SMLE) राइफल .303" मार्क-I व मार्क-IIIको इस्तेमस्ल करने के लिए अपनाया !
समय-समय पर इस में परिवर्तन किए गए तथा इसी परिवर्तन के आधार पर इन राइफल को अलग-अलग नाम दे दिया गया जैसे:
- .303" राइफल नंबर -1 मार्क- 3
- .303" राइफल नंबर - 3 मार्क (वन स्टार)
- .303" राइफल नंबर - 4 मार्क 1
- .303" राइफल नंबर -4 मार्क -1 (T)
- .303" राइफल नंबर - 5 मार्क-1(पाराशूट)
वास्तव में देखा जाए तो इस राइफल का आविष्कार कनाडा के रहने वाले जेम्स पेरिस ली (James Paris Lee) ने किया था इसीलिए इसका नाम ली इनफील्ड राइफल रखा गया.
3. .303" राइफल की बेसिक डाटा : .303" राइफल के कुछ बेसिक डाटा इस प्रकार से है :
4. .303" राइफल की उत्पति : इस राइफल की विशेषताए निम्न लिखित है :
- इसके जरिए स्मॉल आर्म्स के दूसरे हथियार सिखाने में आसानी होती है इसलिए इसको बेसिक हथियार कहते हैं।
- इसमें कुल 130 पूरे होते हैं जो कि अच्छे किस्म के होते हैं इसीलिए इसमें टूट-फूट नहीं पढ़ते हैं या कम पड़ते हैं।
- एक राइफल के पुर्जे दूसरे राइफल में बदली किए जा सकते हैं।
- राइफल सिंगल शॉट फायर करता है तथा एक अच्छा फायदा 1 मिनट में 10 से 15 राउंड फायर कर सकता है।
- यह एक हल्का हथियार है जिससे आसानी से लाया या ले जाया जा सकता है।
- इस राइफल में रोके बहुत ही कम पड़ती है और रोके पड़ने पर अच्छी तरह से सिखलाई पाए हुए जवान उन लोगों को आसानी से दूर कर सकता है!
- इस राइफल की कारगर रेंज 300 गज है
- इस राइफल का इस्तेमाल संगीन लगा के CQB की लड़ाई में की जा सकती है
- यह एक फ्लैट त्रजेक्ट्री हथियार है !
5. .303" राइफल की कमिया :-ऐसे तो यह हथियार अपने समय का सबसे ज्यादा आर्म्ड फोर्स में इस्तेमाल होने वाला वेपन है लेकिन इसमें कुछ बेसिक कमियां होने के कारण इसे एक तरह से आर्म्ड फोर्स में इस्तेमाल करना बंद कर दिया गया है लेकिन अभी भी कुछ राज्यों की पुलिस इसे इस्तेमाल करती है इस राइफल की कुछ कमियां इस प्रकार से है:
- इसे बार-बार फायर करने के लिए फायर को लोड और लोड करना पड़ता है।
- इससे सिंगल शॉट ही फायर किया जा सकता है
- आड़ के पीछे छुपे हुए दुश्मन को मारना मुश्किल है
इस प्रकार से यहां .303" राइफल की बेसिक जानकारी जैसे की उत्पत्ति विशेषताएं और कमियों से संबंधित यह यहा ब्लॉक पोस्ट समाप्त हुआ उम्मीद है कि आपको यह ब्लॉग पोस्ट पसंद आएगा !अगर या ब्लॉक को सबको पसंद आए तो मेरे पोस्ट को लाइक शेयर और कमेंट करें और कोई सुझाव हो तो भी आप नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें!
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सर ड्रिल की परिभाषाओं में एक परिभाषा है (फ्रन्टेज) यानि अग्रभाग
ReplyDeleteकृपया मुझे यह बताएं कि ये जो फ्रन्टेज है इसे सरल भाषा में कैसे परिभाषित करेंगे।
जो भी सामने रहेगा चाहे वह अगली लाइन हो या अगली फाइल हो उसे अग्रभाग यानि Frontage कहते है !
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