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31 March 2019

गुरिल्ला टैक्टिस और उसे काउंटर करने उपाय

पिछले पोस्ट में हमने गुरिल्ला लड़ाई के परिभाषा और सिद्धांत के बारे में जानकारी प्राप्त की और अब इस ब्लॉग पोस्ट में हम गुरिल्ला टैक्टिस और उसे काउंटर करने (gurilla tactics aur counter karne ka upay) के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे !


जैसे के हम जानते है नक्सलवादी भी गुरिल्ला लड़ाई ही करते है और उनको जहा कही भी  लगता है की यहाँ नुकसान हो सकता है वहा हमला नहीं करते है ! हिट और रन उनका मुख्य सिद्धांत है  जो की गुरिल्ला  लड़ाई का एक मुख्य सिद्धांत है  ! इस प्रकार गुरिल्ला लड़ाई सैन्य  परम्परिक युद्ध के विपरीत है यह धोखा दे का मारने  वाला युद्ध  है !

गुरिल्ला लड़ाई की सफलता वहा  के आम जनता के मनोभाव और समर्थन के ऊपर निर्भर करता है ! भोजन , राशन और पानी पहुचने का रुझान तथा गुप्त सुचना पहुचाने और न पहुचने के ऊपर निर्भर करता है ! इस लिए गुरिल्ला युद्ध कुछ लोगो के द्वारा बहुत से लोगो के सहायता से लड़ा जाता है !

इस विषय को अच्छी तरह से समझने के लिए हमने इस पोस्ट को निम्न भागो में बाँट दिया है :

1. गुरिल्ला लड़ाई की परिकल्पना (Gurilla war ka prikalpna)

2. गुरिल्ला का सामान्य  आचरण (Gurilla ke samany aacharan)
3. गुरिल्ला लड़ाई के बचाव (Gurilla ladai ke counter measures)

1. गुरिल्ला लड़ाई की परिकल्पना (Gurilla war ka prikalpna)

गुरिल्ला युद्ध से सम्बंधित अंतर दृष्टि हमे माओ त्से तुंग की लिखी हुई किताब यु ची चान से काफी मिलती है ! माओ त्से तुंग के अनुसार जिस किसी देश के सरकार अगर वहा  के जन मानस के बड़े क्षेत्र की न्यूनतम जरूरतों को पूर्ति करने में विफल रहती है , वहा  वे क्रांति के बिज हमेशा उपलब्ध रहते है  और यदि वहा  एक क्रांति करी पार्टी अस्तित्व में आ जाए जो संगठन व विचार धरा को सहारा दे सके तो सिर्फ एक बात की आवश्यकता रह जाती है वह एक हिंसक कारवाही का उपकरण ! अगर हिंसक करवाई  का उपकरण मिल गया तो वैसे क्षेत्रो में गुरिल्ला लड़ाई बहुत सफल सूरत हासिल करती और उन्हें सफलता उसमे  मिलती है !

 माओ त्से तुंग के ऊपर लिखित किताब के अनुसार गुरिल्ला युद्ध की परिकल्पना तीन चरणों में होता है :

(i) पहला चरण : इस  चरण में गुरिल्ला इकाईओ  का गठन , कंसंट्रेशन तथा प्रिजर्वेशन बाकी पुरे इलाके में कुछ क्षेत्रीय बेस बनने की करवाई की जाती है ! इस चरण में स्वयं सेवको का प्रक्षिशन कर राजनितिक विचार धरा में डाला जाता है तथा उनका प्रयोग स्थानियों लोगो को बरगलाने तथा प्रभावित करने  में लगाया जाता है ! जिससे की उनका सहयोग प्राप्त किया जा सके !
इस प्रकार प्रत्येक बेस के आस पास सहयोगियो का एक सुरक्षा चक्र बना लिया जाता है जो युद्ध के लिए राशन , सुचना व रिक्रूट सप्लाई करने के तैयार रहे ! इस चरण में बहुत काम होता है !
(ii) द्वितीय चरण : यह व्यापक प्रचार का चरण है  जिसमे सीधे एक्शन का महत्व बढ़ जाता है ! आतंकवादी एवं विध्वंसात्मक गतिबिधिया कई गुना बाधा दी जाती है !इस चरण में दुश्मन का सहयोगियो और प्रतिक्रियावादियो का सफाया कर दिया जाता है !मिलिट्री/पुलिस चौकिओ पर हमला किया जाता है एवं अम्बुश किया जाता है ! 

ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य आर्म अम्मुनिसन इकठ्ठा करना होता है ! जैसे जैसे गुरिल्ला इकाई अपने आर्म्स , साधनों से अधिक ताकतवर बनती है ! उसके राजनितिक धत प्रचार को फैलाते हुए आस पास के इलाको को भी अवशोषित करते हुए लिबरेशन ज़ोन बढ़ा देते है ! जैसे ही पूरा समर्थन मिलता है कई छापामार गार्ड  व जवान तैयार होते है जो छापामारों को सुरक्षा देते है !

उन दोनों चरणों का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक जनता को यद्ध के प्रति समर्पित करते हुए उनसे जोड़ना है ! उन चरणों में स्थानीय मिलिसिया का निर्माण हो जाता है जो मूल रूप से लड़ने के लिए बल्कि गुरिल्ला यूनिट के लीडर के बैकअप का कार्य करती है ! इसी दौरान संगम दल बनाये जाते है जो सुचना एकत्र करना व्य्वासियो और ठीकदारो से पैसा उसूल करना आदि कार्य करते है ! दुसरे चरण के पूरा होने तक छापामार युद्ध के लिए पूर्णतः हो जाता है तथा चुनौती देने लगता है !

(iii) तृतीय चरण : यह निर्णायक चरण है ! दुश्मन का उस चरण में गुरिल्ला स्क्वाड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अपने को इतना शक्तिशाली बना लेता है की दुश्मन से युद्ध लड़ सके !उस चरण को आवश्यकता अनुसार नेगोसियेसन  के द्वारा लम्बा खीचा जा सके ! जिसका मुख्य उदेश्य अपने लिए थोडा समय प्राप्त करना  और दुश्मन को परेशां करना होता है !

2. गुरिल्ला का  आचरण (Gurilla ke samany aacharan)

(i) सामान्य  आचरण: गुरिल्ला का आचरण कुछ इस प्रकार से होता है 
  • गोपनीयता और सावधानी से आगे बढे 
  • वे सभी लड़ाई अवॉयड करे जिनसे यूनिट को नुकशान हो रहा हो !
  • मजबूत दुश्मन को चैलेंज मत करो व ओपन फाइट कभी स्वीकार मत करो 
  • मजबूत दुश्मन से मुटभेड होने पर छोटे छोटे ग्रुप्स में बंट कर दुश्मन से हट जाओ 
  • फिर कुछ समय बाद पूर्व निर्धारित समय पे मिल जाओ 
  • अगर फाइट अवोइड न हो सके तो जितना जल्दी हो सके उसे ख़त्म करे और वह से निकल जाओ 
  • निर्णायक युद्ध कभी मत करो 
  • फिर अगर दुश्मन वाहा से चले जाए तो बहार निकल आओ 
(ii) मार्चिंग : मार्चिंग के समय गुरिल्ला का आचरण 
  • किसी बड़े ऑपरेशन के बाद नए इलाके में चले जाओ लेकिंग वहा से जाने से पहले अपने विश्वास पात्र लोगो से संपर्क साधो !
  • मार्चिंग में हाई वे और गाँव के पास से मत निकालो 
  • जगह बदले तथा मूवमेंट  अंतिम  समय तक अपने पास गुप्त रखो !
  • अपने मूवमेंट के सम्बन्ध में दो बाते गलत अफवाह फैला दो !
  • अपरचित जगह में मूवमेंट करते समय स्थानीय स्क्वाड का सहायता ले !
  • किसी को न बताये की यूनिट कहा से आ रही है और कहा जा एगी !
  • स्थानीय जनता को अपनी शक्ति और संख्या के बारे में धोखा दो !
  • हमेशा ऐसा आभास दो की तुम वास्तविकता से बहुत ज्यादा हो 
  • संभव होतो रात में मूवमेंट करो ! एक दिन में उतना ही मूवमेंट करो ताकि यूनिट थके न 
  • संभव हो तो फार्मेशन में मूवमेंट करो 
(iii) विश्राम : विश्राम के लिए गुरिल्ला ये आचरण अपनाते है :
  • रात में मूवमेंट तथा दिन में आराम 
  • छाया के लिए जंगल का इस्तेमाल और कही रुकना पड़े तो उच्चाई पे रुके 
  • विश्राम के समय स्थानीय लोगो को गार्ड के तौर पे इस्तेमाल करे 
  • रात्रि में आने वाले सभी जगहों पे दो व्यक्ति का अम्बुश लगाये 
  • लगातार दो रात्रि तक एक जगह पे कभी मत रुको  जबतक की तुम लिबरेट जगह पे न हो !
  • प्रत्येक दिन नई  अलर्ट  और दिशा निर्देश जारी  करो की मुतभेड होने पे क्या करना है और कहा मिलना है !
(iv)खबर हासिल करने का तरीका : गुरिल्ला खबर हासिल करने के लिए आचरण इस प्रकार से करते है :
समय समय पर राशन  आदि केलिए, मेडिकल के लिए , पोस्टल  यादी कामो के लिए गाँव में घुसना पड़ता है !इस लिए गाँव वासिओ से दुश्मन के बारे  में कुछ खबर हासिल किया जाता  है जो निम्न प्रकार की है :
  • पूर्व निर्धारित खिड़कियो का शटर खोलना और बंद करना 
  • कपड़ो को बहार लटका  देना या बर्तनों को बहार रखना जैसे कुछ मुकरर शुदा हरकत गाँव वाले करते है जो गुरिल्ला को पता चल जाता है की गाँव में सुरक्षा बल है या नहीं !
(v) मीटिंग स्थल का सुरक्षा :इसके लिए दो सुरक्षा चक्र होते है ! एक बहरी और एक आंतरिक ! बहरी चक्र वहा  लगाये जाते है जहा से बहार से आने वाली सभी रास्तो के ऊपर निगरानी रखा जा सके ! और आंतरिक सुरक्षा चक्र के लोग मीटिंग स्थल के पास हथियार लेके रहते है !

मीटिंग सुरु होने से पहले ये निर्णय ले लिया गया होता है की अगर अचानक हमला हुवा  तो कौन लडेगा और कौन सामान ले के किस रस्ते से भागेगा ! यनी भागने के रस्ते तक पहले से मुकरर कर लिया गया होता है !

(vi) कूरियर सर्विस :आदेश तथा निर्देशों को पहुचने के लिए समुचित  कम्युनिकेशन नेटवर्क  स्थापित किया जाता है जिसके द्वारा पुलिस और आर्म्ड फाॅर्स से सम्बंधित खबर  हासिल किया जाता है !

कूरियर सेवा के लिए मिडिल मैन के द्वारा दूधवाला, अखबारवाला , या फेरीवाले की द्वारा मेसेज भिजने और प्राप्त करने की व्यवस्था की जाती है ! यह व्वस्था ऐसी रहती है की कोई नहीं जनता है की मेसेज कौन भे जा है और वो कहा रहता है कोई की मेसेज लास्ट परसों तक बहुचने के लिए बहुत से मिडिल मैंन इन के बिच होते है !

3. गुरिल्ला लड़ाई के बचाव (Gurilla ladai ke counter measures): कुछ काउंटर मेजर्स इस प्रकार से है :


  • पुलिस को अपने रहने तथा दूरी के इलाके का भालिभाती जानकारी रहना चाहिए की एरिया  का बनावट कैसी है तथा उसमे रहने वाले लोग कैसे है उनका लगाव किसके तरह है !
  • पुलिस को सिविल जनता के साथ अच्छा व्यवहार बनाये रखना चाहिए ! समय समय पर सिविक एक्शन करते रहना चाहिए जैसे मेडिकल कैंप लगाना , जरुरत मंदों को सामान देना यदि !
  • सिविल जनता के धर्म, जाती और रीती रिवाज को सम्मान देना चाहिए !
  • सरकार द्वारा सुरु की गई समाजिक सुरक्षा योजना जैसे, वृधा पेंशन, जन धन योजना यदि का लाभ उठाने के लिए लोगो को प्रेरित करना चाहिए !
  • आम जनता के दिलो दिमाग को जितने का कोसिस करना चाहिए और नक्सलवादियो द्वारा किये जाने वाले गलत कार्य जैसे जबरन असुली , लोगो का हत्या , स्कूल कालेज  को बम से उड़ने जैसे से कुकृत को बाधा चढ़ा कर बताना  चाहिए !
  • एक अच्छी अपनी सोर्स बनाना तथा आस पास के गाँव में नक्शल से सहानुभूति रखने वालो के ऊपर नजर रखना चाहिए !
  • इलाके के बड़े दुकानदार तथा कांट्रेक्टर, फैक्ट्री मालिक के ऊपर नजर रखना चाहिए क्योकि नक्षलवादी उनलोगों से हप्ता असुली करने आते है !
  • गुरिल्ला को हराने के लिए गुरिल्ला की तरह ही अटैक करने की माजदा अपने फाॅर्स के अन्दर पैदा करना चाहिए !
  • शारीरिक तौर पर सख्त, साहसी और आक्रामक बनाना चाहिए !
  • ड्यूटी पे जाने के पहले ब्रीफिंग  और आने के बाद डी-ब्रीफिंग जरुर करना चाहिए और ड्यूटी के दौरान  हुई गलतियो का विश्लेषण करते रहना चाहिए !
  • बल के हर जवान जीपीएस , मैप  तथा वेपन की अचछी जानकारी रखता है !
  • ड्यूटी के दौरान हर एक मूव ताक्टिकाल्ली करना चाहिए वह चाहे डिप्लॉयमेंट या विथ्द्र्वल का या और कोई भी तरह है ड्यूटी है सभी में ताक्टिकाल्ल व्यू रख कर ही काम करना चाहिए !
  • कोई भी सेट पैटर्न नहीं अपनाना चाहिए जैसे ड्यूटी पे चढ़ने और उतारने का समय या पेट्रोलिंग के लिए जाने और आने का रूट और टाइमिंग बदलते रहना चाहिए !
  • अपने ऊपर , अपने हथियार तथा अपने कमांडर के ऊपर हमेशा विश्वास रखना चाहिए !
  • सभी जवानों को अपना ड्यूटी पूरी तरह से निर्णित होना तथा उस जवान को मालूम होना चाहिए की उसका क्या काम है किसी ऑपरेशन के दौरान !
  • किसी भी ऑपरेशन के डिप्लॉयमेंट रात को तथा ऑपरेशन की सुरुवात फर्स्ट लाइट के साथ ऑपरेशन कि सुरुवात करनी चाहिए !
  • हाईट  को डोमिनेंट किया जाये और पक्के सड़क का इस्तेमाल नहीं कर चाहिए ! क्रॉस कंट्री चलना चाहिए !
  • जमीन के अनुसार अपना फार्मेशन बदलते रहना चाहिए ! कमांडर को सही समय पर इसका निर्णय ले लेना चाहिए !
  • अपने कार्य टैक्टिस से दुश्मन को धोखा  देने का कोसिस करना चाहिए !
  • कोई भी खबर मिले उसे अपने सोर्स तथा इटेलिजेंस से री चेक कर लेना चाहिए !
यह  रही कुछ बाते जिन्हें अगर अपनाया जाये तो गुरिल्ला लड़ाई में सफल होने तथा अपनी जान माल का कम से कम  नुकशान तथा दुश्मन को ज्यादा नुकशान पहुचाया जा सकता है !

गुरिल्ला लड़ाई में सरप्राइज, साइलेंस  और टैक्टिकल मूवमेंट को ध्यान में रख कर अगर ऑपरेशन किया जाय तो सफलता मिलना निश्चित है ! किसी भी ऑपरेशन को मर कर नहीं जीता जा सकता है बल्कि मार के ही जीता जा सकता है इसलिए जरुरी ही हर ऑपरेशन में समय और सहलत के अनुसार टैक्टिकल तबदीली लाके  करवाई करना चाहिए ! लकीर के फ़क़ीर नहीं बनना चाहिए !

इस प्रकार से यहाँ गुरिल्ला लड़ाई टैक्टिस तथा काउंटर मेजेर्स  से सम्बंधित यह पोस्ट समाप्त  हुई उम्मीद है की आप को पसंद आएगी !इस ब्लॉग  को सब्सक्राइब औत फेसबुक पर लाइक करे और हमलोगों को और अच्छा करने के लिए प्रोतोसाहित !
इसे भी पढ़े : 
  1. सेक्शन फार्मेशन और सेक्शन फार्मेशन का बनावट
  2. आतंक प्रभावित इलाके में सिक्यूरिटी पोस्ट लगान
  3. रात के संतरी तथा स्काउट की ड्यूटी क्या होता है
  4. फील्ड फोर्टीफीकेसन में इस्तेमाल होने वाले फौजी टेकटिकल शब्दों का क्या मतलब
  5. फौजी टैक्टिकल शब्द जैसे फर्स्ट लाइट फ्लैंक गार्ड यदि क मतलब
  6. अम्बुश की जुबानी हुक्म क्या होता है और इसमें सामिल होने वाले मुख्य बाते
  7. रोड ओपनिंग पार्टी/पट्रोल और उसके महत्व के बारे
  8. कॉन्वॉय कितने प्रकार का होता है ? कॉन्वॉय प्रोटेक्शन की पार्टिया कौन कौन सी होती ?
  9. कॉन्वॉय कमांडर और कॉन्वॉय मूवमेंट से पहले जानने वाली बातें
  10. रोड ओपनिंग पार्टी की तैनाती करने का तरीका तथा ROP ड्यूटी के दौरान IED से बचा के लिए ध्यान में रखनेवाली बाते

29 March 2019

गुरिल्ला लड़ाई और उसका परिचय तथा इतिहास

पिछले पोस्ट में हमने हथियार के साथ चलने वाली चाले और और उसे चलने का तरीका  के बारे  में जानकारी प्राप्त  की  अब इस पोस्ट में हम एक नई विषय के बारे में सीरीज सुरु की जिस का पहले पोस्ट है गुरिल्ला लड़ाई और उसका परिचय तथा इतिहास(Gurilla ladai ka meaning aur parchay.) !


जैसे की हम देखते है की आज के समय में दिन पर दिन युद्धों  का स्वरुप बदलते जा रहा है  पहले जहा युद्ध दो सेनाओ के बिच होता था ओ बदलते बदलते सेना और सेना के साथ कुछ जनता उस युद्ध में सामिल होने लगे  यानि ओ एक मिश्रित युद्ध था!
 लेकिन आज के समय में सेना का जनता के छोटे छोटे समूहों के साथ सामान करना पड़ता है वह छोटा समुह अपना  अपना अपवित्र उद्देश्य के पूर्ति के लिए सेना या आर्म्ड फ़ोर्स के साथ छोटे छोटे समूहों में हमला  करता है!

 इनका कोई युद्ध रणनीति  नहीं होता है यह संगठन कही भी किसी भी स्वरुप में हमला करता है और वहा  से भाग जाता है इसलिए इनका सामना करना बहुत ही मुस्किल हो जाता है ! इस प्रकार के युद्ध पद्धिति को छापा मार या गुर्रिला युद्ध पद्धिति कहते है ! आज  के समय में यह बहुत ही इस्तेमाल में आने वाला पद्धिति है !
इस विषय के समझने के लिए हमने इस पोस्ट को निम्न भागो में बाँट दिया है 

1.गुरिल्ला का आर्थ तथा आधार (Gurilla ka meaning ttha aadhar)
2.गुर्रिल्ला का इतिहास(Gurilla ka history)
3.गुरिल्ला का परिभाषा (Gurilla ka paribhasha)
4. गुरिल्ला का सिद्धांत (Gurilla ka siddhant)
5. माओ का सिद्धांत (Mao ka siddhant)

1.गुरिल्ला का आर्थ तथा आधार (Gurilla ka meaning ttha aadhar): 

Gurilla attack
Sanketik chitr
गुर्रिला का अर्थ :गुरिल्ला एक  स्पेनिश शब्द है जो गुरा और इल्ला से मिलकर बना है जिसका अर्थ होता है  जिसमे गुरा शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है युद्ध या लड़ाई और इल्ला शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है छोटा ! यानि छोटे स्तर की लड़ाई ! असाहाय शत्रु द्वारा  सुरक्षा बालो के खिलाफ अपनाये जाने वाली छोटे छोटे हमला !

गुरिल्ला का आधार:
  • अपने या अपने दुश्मन के बारे में जानकारी रखेंगे तो विजय जरुर प्राप्त होगी !
  • उसके साथ ही वह की जमीन और जनता के बारे में पूर्ण जानकारी रखोगे तो सम्पूर्ण विजय जरुर होगा !

2.गुर्रिल्ला का इतिहास(Gurilla ka history):

  • गुरिल्ला वार  की सबसे पहली जिक्र  छठी सताब्दी में लिखी गई किताब जो की एक चीनी लेखक सुन ताजू ने अपनी किताब" दआर्ट ऑफ़ वार"(the art of war) में की थी !उन्होंने लिखा है की गुरिल्ला का पहली जरुरत तेजी, चकमा और और धोखा  होता है !
  • गुरिल्ला लड़ाई 2000 साल  पहले  चीनी में लड़ी  गई और उसके बाद इसे स्पेन ने अपनाया और उसके एक जनरल थे कार्ल बर्न क्लासिबिट्स के नेतृत्व में फ्रांस के नेपोलियन से लड़ा!
  • पहले विश्व युद्ध में तुर्की ने इसी तरह के लड़ाई से अरब  देश को हराया !
  • दुसरे विश्व यद्ध में एरोपियन देशो के जनता ने वह के अपने दुश्मनों से लड़ी और जीत  प्राप्त की !रूस के गुरिल्ला सेना से जर्मनी को बहुत नुकशान  पहुचाया !
  • द्वितीय विश्व युद्ध  के बाद कई देशो को गुरिल्ला युद्ध का सामना करना पड़ा जैसे , चीन , क्यूबा , वियतनाम यदि !
  • भारत में इस युद्ध पद्धिति का इस्तेमाल सबसे पहले 17 वी सताब्दी में शिवाजी ने मराठो का छोटी छोटी टुकड़ी बनाकर वीजा पुर सुल्तान पुर में मुगलों के खिलाफ लड़ा और मुगलों के सैनिक  ताकत बहुत थी फिर भी मुगलों को हार का सामना करना पड़ा!

जरुर  पढ़े:विआइपी इंस्पेक्शन के दौरान व्यू पॉइंट ब्रीफिंग

3.गुरिल्ला का परिभाषा (Gurilla ka paribhasha)

कुछ ब्यक्ति स्वतंत्र रूप से गिरोह बनाकर छोटे पैमाने में ही जन्भूमि में  जनता के मदद से तैयार किया गया हथियारों से सरकार के खिलाफ किया गया अनियमित हिसात्मक  और रहस्मय  युद्ध  को गुरिल्ला वर कहते है !

4. गुरिल्ला का सिद्धांत (Gurilla ka siddhant)
  • भीतरी इलाको में लड़ाई जहा संचार के साधन काम हो 
  • कठिन और उबड़ खाबड़ जगहों में रहते है 
  • एक ही बार में लड़ाई नहीं करते बल्कि छोटे छोटे युद्ध करते है !
  • मरना और भागना का तरीका अपनाते है !
  • हर समय हरकत में रहना 
  • कार्य करते समय न उसके आगे और न उसके  पीछे के बारे में सोचते है ! यनी उसके परिणाम के बारे में नहीं सोचते है 
  • जनता को अपने पक्ष में करने की कोशिस करते है 
  • आश्चर्य और रहस्य (surprise and secrecy) मेन्टेन करते है 
  • धोखा देना 
  • सदा सुरक्षा बालो को नुकशान पंहुचा कर बिखेर देना 
  • सुरक्षित स्थानों पर बसे स्थापित करना तथा वह से लड़ना 
  • सुरक्षा बालो का मनोबल को गिरना और उसका प्रचार करना 
  • जहा विजय प्राप्त होने की संभावना होती है वही लड़ते है !
  • तटस्थ और अपने विरोधियो को प्रताड़ित करना 
  • माओ का सिद्धांत अपनाते है !

5. माओ का सिद्धांत (Mao ka siddhant)

माओ का सिद्धांत निम्न है :
  • सुरक्षा बल आगे बढेगा तो गुरिल्ला भागे गा 
  • सुरक्षा बल कही रुकेगा तो गुरिल्ला उसे परेशां करेगा !
  • सुरक्षा बल थक गए तो गुरिल्ला उस पर हमला करेगा !
  • सुरक्षा बाल पीछे हटेगा तो गुरिल्ला  उसका पीछा कर पीछे से हमला करेगा !

किसी की जानकारी रखने से यह असं हो जाता है की उसके खिलाफ कैसी प्लानिंग किया जाय और कैसे उस परिथिति से निपटा जाय ! इसीलिए यह जरुरी है की सभी आर्म्ड फाॅर्स के जवान को गुरिल्ला लड़ाई , इतिहास और सिद्धांत  के बारे में जानकारी होनी चाहिए !

इस प्रकार से यहाँ गुरिल्ला लड़ाई का अर्थ  और उसके सिद्धांत, इतिहास  से सम्बंधित यह पोस्ट संपत हुई उम्मीद है की आप को पसंद आएगी !इस ब्लॉग  को सब्सक्राइब औत फेसबुक पर लाइक करे और हमलोगों को और अच्छा करने के लिए प्रोतोसाहित !

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  2. आतंक प्रभावित इलाके में सिक्यूरिटी पोस्ट लगान
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  4. फील्ड फोर्टीफीकेसन में इस्तेमाल होने वाले फौजी टेकटिकल शब्दों का क्या मतलब
  5. फौजी टैक्टिकल शब्द जैसे फर्स्ट लाइट फ्लैंक गार्ड यदि क मतलब
  6. अम्बुश की जुबानी हुक्म क्या होता है और इसमें सामिल होने वाले मुख्य बाते
  7. रोड ओपनिंग पार्टी/पट्रोल और उसके महत्व के बारे
  8. कॉन्वॉय कितने प्रकार का होता है ? कॉन्वॉय प्रोटेक्शन की पार्टिया कौन कौन सी होती ?
  9. कॉन्वॉय कमांडर और कॉन्वॉय मूवमेंट से पहले जानने वाली बातें
  10. रोड ओपनिंग पार्टी की तैनाती करने का तरीका तथा ROP ड्यूटी के दौरान IED से बचा के लिए ध्यान में रखनेवाली बाते

28 March 2019

निरिक्षण के लिए जाँच शास्त्र से बाजु शास्त्र

पिछले पोस्ट में हमने  बाजु शास्त्र से निरिक्षण के लिए जाँच शास्त्र की ड्रिल  करवाई के बारे में हम जानकारी प्राप्त की और अब हम इस ब्लॉग पोस्ट में निरिक्षण के लिए जाँच शास्त्र से बाजु शास्त्र (NIRIKSHAN KE LIYE JANCH SHASTR SE BAJU SHASTR) की ड्रिल करवाई के बारे में जानेगे !


1.जरुरत :  इस ड्रिल का जरुरत राइफल के निरिक्षण हो जाने के बाद राइफल को निचे लाने  के लिए जाँच शास्त्र से बाजु शास्त्र की करवाई की जाती है !

2.वर्ड ऑफ़ कमांड : बाजु शास्त्र एक-दो-तीन-एक , दो-एक 


3.गिनती से वर्ड ऑफ़ कमांड : वर्ड ऑफ़ कमांड गिनती से शास्त्र क़वैद बाजु शास्त्र  एक-एक , स्क्वाड  दो-दो, स्क्वाड तीन-तीन, जैसे थे ! इसी करवाई को गिनती और बयाँ से करवाई इस प्रकार से है !
NIRIKSHAN KE LIYE JANCH SHASTR SE BAJU SHASTR
जाँच शास्त्र से बाजु शास्त्र 
4.गिनती और बयाँ से करवाई
  • निरिक्षण के लिए जाँच शास्त्र से वर्ड ऑफ़ कमांड मिलता है गिनती से शास्त्र क़वैद बाजु शास्त्र एक, इस वर्ड ऑफ़ कमांड पर दाहिने हाथ  को फोरहैंड गार्ड पर स्ट्राइक करे ! साथ ही बाएँ पाँव को सावधान पोजीशन में लायें !शाउट करे एक !(राइफल पहले  की पोजीशन में ही रहेगी )
  • वर्ड ऑफ़ कमांड गिनती से शस्त्र क़वैद बाजु शास्त्र एक-एक ! इस पोजीशन में देखने वाली बाते , दाहिने हाथ से फोरहैंड गार्ड पकड़ा हुवा और बाकि का पोजीशन सावधान !
  • वर्ड ऑफ़ कमांड मिलता है स्क्वाड दो , इस वर्ड ऑफ़ कमांड पर दाहिने हाथ से राइफल को बाजु  शास्त्र नॉ-2 हालत में निचे लाये और बाएँ  हाथ से राइफल को फ़्लैश हाईडर पर स्ट्राइक करते हुए पकडे और शाउट करे दो !
  • इस पोजीशन में देखने वाली बातें बाजू शास्त्र के नॉ -2 हरकत की तरह !

  • वर्ड ऑफ़ कमांड मिलता है स्क्वाड तीन - इस वर्ड ऑफ़ कमांड पर करवाई इस प्रकार से होगी बाएँ हाथ को सावधान पोजीशन में ले जाये और दाहिने हाथ से राइफल को हील बट पर सवार करे  और शाउटिंग करे तीन !
  • इस पोजीशन में देखने वाली बाते :पोजीशन सावधान !
इस प्रकार से  यहा निरिक्षण के लिए जाँच शस्त्र से बाजु शास्त्र की ड्रिल से सम्बन्धी ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुवा !उम्मीद है किया यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी !अगर ब्लॉग या पोस्ट से सम्बंधित कोई सुझाव हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे !
इन्हें भी पढ़े :
  1. खड़े खड़े बाएँ स्क्वाड बनाने का ड्रिल करवाई
  2. म़ोब कण्ट्रोल कमांडर की ड्यूटी पे जाने से पहले की तैयारी
  3. लाठी चार्ज के दौरान लाठी मरते समय ध्यान में रखने वाली बाते !.
  4. 4 तरीके म़ोब से अपनी बचाव का ऐसे करे !
  5. आश्रू गैस फायर करते समय सावधानिया तथा आश्रू गैस फायर के फायदे
  6. आंसू गैस को इस्तेमाल करते समय ध्यान में रखने वाली कुछ बाते इस प्रकार से है
  7. म़ोब /मज्मा कण्ट्रोल के सिद्धांत
  8. रायट कण्ट्रोल ड्रिल में गैस पार्टी का काम
  9. लाठी पार्टी का काम और लाठी इस्तेमाल करते समय ध्यान में रखने वाली बातें
  10. दिशा बदल की ड्रिल कमांड और करवाई

27 March 2019

आड़ फिट लिम्बर अप से क्या समझते है ?

पिछले पोस्ट में हमने SSG-69 स्नाइपर राइफल के ज़ेरोइंग के बारे में जानकारी प्राप्त की आब इस पोस्ट में हम एक छोटे से क्वेश्चन का जवाब देने का कोसिस करूँगा जो मेरे कुछ पाठक जानना  चाहे है ! 



आज जब मैंने अपना अकाउंट ओपन किया तो वह पाया की बहुत से पाठक है उन्होंने ये सवाल छोड़ा था की "लिम्बर अप से आप क्या सझते है ?" तो इस सवाल का जवाब मै आज देने का कोशिस करूँगा और चाहुगा की जिन लोगो ने ये सवाल किया है उनको जवाब मिल जाये !


इस सवाल का जवाब को अच्छी तरह से समझने के लिए हमने इसे निम्न हिस्से में बता है :
Aad fit limber up
Aad fit limber up
1. लिम्बर अप कमांड : यह कमांड फायरिंग रेंज पर फायर  करते समय दिया जाता है ! जब फायरर लेट के पोजीशन से फायर करने वाला होता   है तो  उस समय कमांड दिया जाता है " लेट के पोजीशन या लायिंग पोजीशन " और  इस कमांड पर जैसे ही फायरर लायिंग पोजीशन अख्तियार करता है  तो उस समय एक दूसरा कमांड दिया जाता है "आड़ फिट लिम्बर अप (Aad fit limber up)"! 

जैसे की हम जानते है की जब भी लायिंग पोजीशन से फायरिंग रेंज पे फायर किया जाता है तो सैंड बैग या किसी न किसी चीज का सपोर्ट ले कर ही फायर करते है ! बहुत बार ऐसा होता है की फायरर जब लेट के पोजीशन अख्तियार करता है तो वह सैंड बैग के आड़ (cover) में इतना पीछे छुप जाता है की उसे टारगेट अच्छी तरह से दिखाई नहीं देता है  और उसी पोजीशन से फायर करने का कोशिश करता है तो  उसे सही टारगेट पर निशान लेने के लिए कमांड दिया जाता है "आड़ फिट लिम्बर अप " जिस का मतलब होता है की जो सैंड बैग है उसे अच्छी तरह से अपनी सुविधा के अनुसार फिट करो और लिम्बर का मतलब होता है बॉडी का ऊपर वाला हिस्सा उसे आड़ (cover) के अनुसार ऊपर या निचे  करके अच्छी तरह से पोजीशन बनाओ की दिया हुवा कवर के आड़ से अच्छी तरह से एम ले कर टारगेट के ऊपर एम के साथ फायर कर सको !


2. आड़ फिट लिम्बर अप के कमांड पे करवाई(aad fit limber up ke command pe karwai) : जैसे आदेश मिलता है की आड़ फिट लिम्बर अप तो उसपे कर वी इस प्रकार से करते है की राइफल को आड़ के ऊपर रख कर टारगेट के ऊपर एम लेते है और देखते है की तो आड़ यानि सैंड बैग  सपोर्ट के लिए दिया गया है उसके इस्तेमाल करने में कोई तकलीफ तो नहीं हो रही है और अपने सुविधा के नुसार सैंड बैग को फिट करते है और अपने बॉडी को उस आड़ के अनुसार आगे पीछे कर के दुरुस्त पोजीशन अब्नाते है ताकि फायरिंग के दौरान कोई तकलीफ न हो जिससे के फायर करते समय कोई तकलीफ हो जिससे की आपका फायर करते समय टारगेट  से ध्यान हट जाये और गोली टारगेट को अच्छी तरह से हिट न कर पाए !

 इस आदेश पर  फायर को चाहिए की सैंड बैग और अपनी बॉडी के टारगेट के अनुसार एडजस्ट करे और अपने बॉडी के आस पास कोई कंकड़ या चुभने वाली बस्तु हो उसे भी साफ कर दे !  ये सब करवाई  बहुत ही चटकी से किया जाता है !

3. लिम्बर अप का मतलब होता है(Limber up se aap kya samjhte hai ) फायरर को अपनी बॉडी का ऊपर वाला हिस्सा को आड़ या सपोर्ट के उनुसार ऊपर करे ताकि निशान लेते समय पोजीशन अच्छी बने और बिना किसी तकलीफ से दुरुस्त फायर कर सके !


इस प्रकार से आज हमने लिम्बर अप के बारे में जानकारी प्राप्त किया !उम्मीद है की यह छोटा पोस्ट आप को पसंद आएगा ! अगर कोई कमेंट होतो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग  को सब्सक्राइब औत फेसबुक पर लाइक करे और हमलोगों को और अच्छा करने के लिए प्रोतोसाहित !

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26 March 2019

बाजु शास्त्र से निरिक्षण के लिए जाँच शास्त्र की ड्रिल करवाई

पिछले पोस्ट में हमने राइफल के साथ पत्र के साथ सामने सलूट के बारे में जानकारी प्राप्त की अब इस पोस्ट में हम राइफल ड्रिल के एक और सबक बाजु शस्त्र से निरिक्षण के लिए जाँच शाश्त्र (nirikshan ke lie janch shastr ki drill karwai) के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे !


1. जरुरत : जब राइफल के साथ ड्यूटी के दौरान मगज़ीन और चैम्बर को चेक करना हो उस समय निरिक्षण के लिए जाँच शास्त्र की करवाई की जाती है और कोटे में राइफल रखने से पहले भी निरिक्षण के लिए जाँच शास्त्र की करवाई की जाती है !और राइफल का कोई सबक सुरु करने से पहले भी निरिक्षण के लिए जाँच शास्त्र की करवाई की जाती है !
Nirikshan ke lie janch shastr
निरिक्षण के लिए जाँच शास्त्र 
2. दुरुस्त नमूना :वर्ड ऑफ़ कमांड शास्त्र क़वैद निरिक्षण के लिए जाँच शास्त्र एक, दो-तिन -एक, दो-तिन -एक, दो-तिन-एक , 


3. गिनती से नमूना : वर्ड ऑफ़ कमांड  गिनती से शास्त्र क़वैद निरिक्षण के लिए जाँच शास्त्र एक, स्क्वाड -दो, स्क्वाड -तीन , स्क्वाड-चार , स्क्वाड-पांच , जैसे थे !

4. गिनती और बयाँ से नमूना :जब सावधान पोजीशन से वर्ड ऑफ़ कमांड मिलता है गिनती से शास्त्र क़वैद निरिक्षण के लिए जाँच शास्त्र तो करवाई इस प्रकार से करे :
  • स्क्वाड - एक तो इस वर्ड ऑफ़ कमांड पर राइफल को दाहिने हाथ से बाएँ और सामने उछाले और दाहिने हाथ से पिस्तौल ग्रिप को और बाएँ हाथ से फोरहैंड गार्ड को एक साथ पकडे ! 
  • इस पोजीशन में देखने वाली बाते :बाएँ पाँव 12 इंच बाएँ तरफ 4 इंच आगे लिए हुए , दाहिने हाथ से पिस्तौल ग्रिप को पकड़ा हुवा और चरों अगुलिया बहार  और अंगूठा अन्दर से , बाएँ हाथ से फोरेगुअर्द को पकड़ा हुवा चारो अंगुलिया निचे और अंगूठा ऊपर से , बैरल 45 डिग्री पर राइफल बट दाहिने थाई से लगा हुवा ! बाकि की पोजीशन विश्राम की हालत में !
  • वर्ड ऑफ़ कमांड मिलता है स्क्वाड -दो ! इस पोजीशन में देखने की बातें हाथ से कोच्किंग हैंडल को पाकर हुवा , बाकि पोजीशन पहले की तरह !
  • वर्ड ऑफ़ कमांड मिलता है स्क्वाड -तीन इस वर्ड ऑफ़ कमांड पर होल्डिंग ओपनिंग कैच लगाये  और पुकारे तीन !
  • इस पोजीशन  में देखने वाली बाते होल्डिंग ओपनिंग कैच लगा हुवा बाकि की पोजीशन पहले की तरह !
  • वर्ड ऑफ़ कमांड मिलता है स्क्वाड-चार तो बाएँ हाथ से कोच्किंग हैंडल को आगे करे और पुँकारे स्क्वाड - चार ! इस पोजीशन में देखने वाली बाते कोच्किंग हैंडल आगे किया हुवा और बाकि के पोजीशन पहले जैसा !
  • वर्ड ऑफ़ कमांड मिलता है स्क्वाड - पांच  तो बाएँ हाथ से फोरहैंड गार्ड को पकडे और राइफल को थोडा घुमाये की चैम्बर आपके सामने हो जाये !  इस पोजीशन में देखने वाली बाते : राइफल को फोरहैंड गुरद बाएँ हाथसे और और पिस्तौल ग्रिप दाहिने हाथ से पकड़ा हुवा राइफल थोडा घुमाया हुवा की चैम्बर में आसानी से देख सके और निगाहे चैम्बर के ऊपर ! 

इस प्रकार यहाँ बाजु शास्त्र से निरिक्षण के लिए जाँच शास्त्र  की ड्रिल करवाई सम्बंधित ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुई ! उम्मीद है किया यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी !अगर ब्लॉग या पोस्ट से सम्बंधित कोई सुझाव हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे !


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  3. 4 स्टेप्स के तेज चाल से दाहिने मुड करवाई पूरा करना
  4. 4 स्टेप्स में तेज चल कि करवाई कैसे की जाती है
  5. 5 स्टेप्स में तेज चाल से पीछे मुड की पूरी करवाई
  6. खड़े खड़े सलूट का तरीका और जरुरत
  7. 2 स्टेप्स में खड़े खड़े दाहिने सलूट की करवाई की तरीके
  8.  2 स्टेप्स में खड़े खड़े बाएँ सलूट की करवाई का तरीका
  9. विशार्जन , लाइन तोड़, और स्वस्थान का ड्रिल करवाई
  10. धीरे चाल से सामने सलूट की जरुरत और करवाई
  11. 4 स्टेप्स में धीरे चल से दाहिने दाहिने सलूट की करवाई और जरुरत

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