पिछले पोस्ट में हमने गुरिल्ला लड़ाई के परिभाषा और सिद्धांत के बारे में जानकारी प्राप्त की और अब इस ब्लॉग पोस्ट में हम गुरिल्ला टैक्टिस और उसे काउंटर करने (gurilla tactics aur counter karne ka upay) के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे !
जैसे के हम जानते है नक्सलवादी भी गुरिल्ला लड़ाई ही करते है और उनको जहा कही भी लगता है की यहाँ नुकसान हो सकता है वहा हमला नहीं करते है ! हिट और रन उनका मुख्य सिद्धांत है जो की गुरिल्ला लड़ाई का एक मुख्य सिद्धांत है ! इस प्रकार गुरिल्ला लड़ाई सैन्य परम्परिक युद्ध के विपरीत है यह धोखा दे का मारने वाला युद्ध है !
गुरिल्ला लड़ाई की सफलता वहा के आम जनता के मनोभाव और समर्थन के ऊपर निर्भर करता है ! भोजन , राशन और पानी पहुचने का रुझान तथा गुप्त सुचना पहुचाने और न पहुचने के ऊपर निर्भर करता है ! इस लिए गुरिल्ला युद्ध कुछ लोगो के द्वारा बहुत से लोगो के सहायता से लड़ा जाता है !
इस विषय को अच्छी तरह से समझने के लिए हमने इस पोस्ट को निम्न भागो में बाँट दिया है :
1. गुरिल्ला लड़ाई की परिकल्पना (Gurilla war ka prikalpna)
2. गुरिल्ला का सामान्य आचरण (Gurilla ke samany aacharan)
3. गुरिल्ला लड़ाई के बचाव (Gurilla ladai ke counter measures)
1. गुरिल्ला लड़ाई की परिकल्पना (Gurilla war ka prikalpna)
गुरिल्ला युद्ध से सम्बंधित अंतर दृष्टि हमे माओ त्से तुंग की लिखी हुई किताब यु ची चान से काफी मिलती है ! माओ त्से तुंग के अनुसार जिस किसी देश के सरकार अगर वहा के जन मानस के बड़े क्षेत्र की न्यूनतम जरूरतों को पूर्ति करने में विफल रहती है , वहा वे क्रांति के बिज हमेशा उपलब्ध रहते है और यदि वहा एक क्रांति करी पार्टी अस्तित्व में आ जाए जो संगठन व विचार धरा को सहारा दे सके तो सिर्फ एक बात की आवश्यकता रह जाती है वह एक हिंसक कारवाही का उपकरण ! अगर हिंसक करवाई का उपकरण मिल गया तो वैसे क्षेत्रो में गुरिल्ला लड़ाई बहुत सफल सूरत हासिल करती और उन्हें सफलता उसमे मिलती है !
माओ त्से तुंग के ऊपर लिखित किताब के अनुसार गुरिल्ला युद्ध की परिकल्पना तीन चरणों में होता है :
(i) पहला चरण : इस चरण में गुरिल्ला इकाईओ का गठन , कंसंट्रेशन तथा प्रिजर्वेशन बाकी पुरे इलाके में कुछ क्षेत्रीय बेस बनने की करवाई की जाती है ! इस चरण में स्वयं सेवको का प्रक्षिशन कर राजनितिक विचार धरा में डाला जाता है तथा उनका प्रयोग स्थानियों लोगो को बरगलाने तथा प्रभावित करने में लगाया जाता है ! जिससे की उनका सहयोग प्राप्त किया जा सके !
इस प्रकार प्रत्येक बेस के आस पास सहयोगियो का एक सुरक्षा चक्र बना लिया जाता है जो युद्ध के लिए राशन , सुचना व रिक्रूट सप्लाई करने के तैयार रहे ! इस चरण में बहुत काम होता है !
(ii) द्वितीय चरण : यह व्यापक प्रचार का चरण है जिसमे सीधे एक्शन का महत्व बढ़ जाता है ! आतंकवादी एवं विध्वंसात्मक गतिबिधिया कई गुना बाधा दी जाती है !इस चरण में दुश्मन का सहयोगियो और प्रतिक्रियावादियो का सफाया कर दिया जाता है !मिलिट्री/पुलिस चौकिओ पर हमला किया जाता है एवं अम्बुश किया जाता है !
ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य आर्म अम्मुनिसन इकठ्ठा करना होता है ! जैसे जैसे गुरिल्ला इकाई अपने आर्म्स , साधनों से अधिक ताकतवर बनती है ! उसके राजनितिक धत प्रचार को फैलाते हुए आस पास के इलाको को भी अवशोषित करते हुए लिबरेशन ज़ोन बढ़ा देते है ! जैसे ही पूरा समर्थन मिलता है कई छापामार गार्ड व जवान तैयार होते है जो छापामारों को सुरक्षा देते है !
उन दोनों चरणों का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक जनता को यद्ध के प्रति समर्पित करते हुए उनसे जोड़ना है ! उन चरणों में स्थानीय मिलिसिया का निर्माण हो जाता है जो मूल रूप से लड़ने के लिए बल्कि गुरिल्ला यूनिट के लीडर के बैकअप का कार्य करती है ! इसी दौरान संगम दल बनाये जाते है जो सुचना एकत्र करना व्य्वासियो और ठीकदारो से पैसा उसूल करना आदि कार्य करते है ! दुसरे चरण के पूरा होने तक छापामार युद्ध के लिए पूर्णतः हो जाता है तथा चुनौती देने लगता है !
(iii) तृतीय चरण : यह निर्णायक चरण है ! दुश्मन का उस चरण में गुरिल्ला स्क्वाड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अपने को इतना शक्तिशाली बना लेता है की दुश्मन से युद्ध लड़ सके !उस चरण को आवश्यकता अनुसार नेगोसियेसन के द्वारा लम्बा खीचा जा सके ! जिसका मुख्य उदेश्य अपने लिए थोडा समय प्राप्त करना और दुश्मन को परेशां करना होता है !
2. गुरिल्ला का आचरण (Gurilla ke samany aacharan)
(i) सामान्य आचरण: गुरिल्ला का आचरण कुछ इस प्रकार से होता है
- गोपनीयता और सावधानी से आगे बढे
- वे सभी लड़ाई अवॉयड करे जिनसे यूनिट को नुकशान हो रहा हो !
- मजबूत दुश्मन को चैलेंज मत करो व ओपन फाइट कभी स्वीकार मत करो
- मजबूत दुश्मन से मुटभेड होने पर छोटे छोटे ग्रुप्स में बंट कर दुश्मन से हट जाओ
- फिर कुछ समय बाद पूर्व निर्धारित समय पे मिल जाओ
- अगर फाइट अवोइड न हो सके तो जितना जल्दी हो सके उसे ख़त्म करे और वह से निकल जाओ
- निर्णायक युद्ध कभी मत करो
- फिर अगर दुश्मन वाहा से चले जाए तो बहार निकल आओ
(ii) मार्चिंग : मार्चिंग के समय गुरिल्ला का आचरण
- किसी बड़े ऑपरेशन के बाद नए इलाके में चले जाओ लेकिंग वहा से जाने से पहले अपने विश्वास पात्र लोगो से संपर्क साधो !
- मार्चिंग में हाई वे और गाँव के पास से मत निकालो
- जगह बदले तथा मूवमेंट अंतिम समय तक अपने पास गुप्त रखो !
- अपने मूवमेंट के सम्बन्ध में दो बाते गलत अफवाह फैला दो !
- अपरचित जगह में मूवमेंट करते समय स्थानीय स्क्वाड का सहायता ले !
- किसी को न बताये की यूनिट कहा से आ रही है और कहा जा एगी !
- स्थानीय जनता को अपनी शक्ति और संख्या के बारे में धोखा दो !
- हमेशा ऐसा आभास दो की तुम वास्तविकता से बहुत ज्यादा हो
- संभव होतो रात में मूवमेंट करो ! एक दिन में उतना ही मूवमेंट करो ताकि यूनिट थके न
- संभव हो तो फार्मेशन में मूवमेंट करो
(iii) विश्राम : विश्राम के लिए गुरिल्ला ये आचरण अपनाते है :
- रात में मूवमेंट तथा दिन में आराम
- छाया के लिए जंगल का इस्तेमाल और कही रुकना पड़े तो उच्चाई पे रुके
- विश्राम के समय स्थानीय लोगो को गार्ड के तौर पे इस्तेमाल करे
- रात्रि में आने वाले सभी जगहों पे दो व्यक्ति का अम्बुश लगाये
- लगातार दो रात्रि तक एक जगह पे कभी मत रुको जबतक की तुम लिबरेट जगह पे न हो !
- प्रत्येक दिन नई अलर्ट और दिशा निर्देश जारी करो की मुतभेड होने पे क्या करना है और कहा मिलना है !
(iv)खबर हासिल करने का तरीका : गुरिल्ला खबर हासिल करने के लिए आचरण इस प्रकार से करते है :
समय समय पर राशन आदि केलिए, मेडिकल के लिए , पोस्टल यादी कामो के लिए गाँव में घुसना पड़ता है !इस लिए गाँव वासिओ से दुश्मन के बारे में कुछ खबर हासिल किया जाता है जो निम्न प्रकार की है :
- पूर्व निर्धारित खिड़कियो का शटर खोलना और बंद करना
- कपड़ो को बहार लटका देना या बर्तनों को बहार रखना जैसे कुछ मुकरर शुदा हरकत गाँव वाले करते है जो गुरिल्ला को पता चल जाता है की गाँव में सुरक्षा बल है या नहीं !
(v) मीटिंग स्थल का सुरक्षा :इसके लिए दो सुरक्षा चक्र होते है ! एक बहरी और एक आंतरिक ! बहरी चक्र वहा लगाये जाते है जहा से बहार से आने वाली सभी रास्तो के ऊपर निगरानी रखा जा सके ! और आंतरिक सुरक्षा चक्र के लोग मीटिंग स्थल के पास हथियार लेके रहते है !
मीटिंग सुरु होने से पहले ये निर्णय ले लिया गया होता है की अगर अचानक हमला हुवा तो कौन लडेगा और कौन सामान ले के किस रस्ते से भागेगा ! यनी भागने के रस्ते तक पहले से मुकरर कर लिया गया होता है !
(vi) कूरियर सर्विस :आदेश तथा निर्देशों को पहुचने के लिए समुचित कम्युनिकेशन नेटवर्क स्थापित किया जाता है जिसके द्वारा पुलिस और आर्म्ड फाॅर्स से सम्बंधित खबर हासिल किया जाता है !
जरुर पढ़े:
कूरियर सेवा के लिए मिडिल मैन के द्वारा दूधवाला, अखबारवाला , या फेरीवाले की द्वारा मेसेज भिजने और प्राप्त करने की व्यवस्था की जाती है ! यह व्वस्था ऐसी रहती है की कोई नहीं जनता है की मेसेज कौन भे जा है और वो कहा रहता है कोई की मेसेज लास्ट परसों तक बहुचने के लिए बहुत से मिडिल मैंन इन के बिच होते है !
3. गुरिल्ला लड़ाई के बचाव (Gurilla ladai ke counter measures): कुछ काउंटर मेजर्स इस प्रकार से है :
- पुलिस को अपने रहने तथा दूरी के इलाके का भालिभाती जानकारी रहना चाहिए की एरिया का बनावट कैसी है तथा उसमे रहने वाले लोग कैसे है उनका लगाव किसके तरह है !
- पुलिस को सिविल जनता के साथ अच्छा व्यवहार बनाये रखना चाहिए ! समय समय पर सिविक एक्शन करते रहना चाहिए जैसे मेडिकल कैंप लगाना , जरुरत मंदों को सामान देना यदि !
- सिविल जनता के धर्म, जाती और रीती रिवाज को सम्मान देना चाहिए !
- सरकार द्वारा सुरु की गई समाजिक सुरक्षा योजना जैसे, वृधा पेंशन, जन धन योजना यदि का लाभ उठाने के लिए लोगो को प्रेरित करना चाहिए !
- आम जनता के दिलो दिमाग को जितने का कोसिस करना चाहिए और नक्सलवादियो द्वारा किये जाने वाले गलत कार्य जैसे जबरन असुली , लोगो का हत्या , स्कूल कालेज को बम से उड़ने जैसे से कुकृत को बाधा चढ़ा कर बताना चाहिए !
- एक अच्छी अपनी सोर्स बनाना तथा आस पास के गाँव में नक्शल से सहानुभूति रखने वालो के ऊपर नजर रखना चाहिए !
- इलाके के बड़े दुकानदार तथा कांट्रेक्टर, फैक्ट्री मालिक के ऊपर नजर रखना चाहिए क्योकि नक्षलवादी उनलोगों से हप्ता असुली करने आते है !
- गुरिल्ला को हराने के लिए गुरिल्ला की तरह ही अटैक करने की माजदा अपने फाॅर्स के अन्दर पैदा करना चाहिए !
- शारीरिक तौर पर सख्त, साहसी और आक्रामक बनाना चाहिए !
- ड्यूटी पे जाने के पहले ब्रीफिंग और आने के बाद डी-ब्रीफिंग जरुर करना चाहिए और ड्यूटी के दौरान हुई गलतियो का विश्लेषण करते रहना चाहिए !
- बल के हर जवान जीपीएस , मैप तथा वेपन की अचछी जानकारी रखता है !
- ड्यूटी के दौरान हर एक मूव ताक्टिकाल्ली करना चाहिए वह चाहे डिप्लॉयमेंट या विथ्द्र्वल का या और कोई भी तरह है ड्यूटी है सभी में ताक्टिकाल्ल व्यू रख कर ही काम करना चाहिए !
- कोई भी सेट पैटर्न नहीं अपनाना चाहिए जैसे ड्यूटी पे चढ़ने और उतारने का समय या पेट्रोलिंग के लिए जाने और आने का रूट और टाइमिंग बदलते रहना चाहिए !
- अपने ऊपर , अपने हथियार तथा अपने कमांडर के ऊपर हमेशा विश्वास रखना चाहिए !
- सभी जवानों को अपना ड्यूटी पूरी तरह से निर्णित होना तथा उस जवान को मालूम होना चाहिए की उसका क्या काम है किसी ऑपरेशन के दौरान !
- किसी भी ऑपरेशन के डिप्लॉयमेंट रात को तथा ऑपरेशन की सुरुवात फर्स्ट लाइट के साथ ऑपरेशन कि सुरुवात करनी चाहिए !
- हाईट को डोमिनेंट किया जाये और पक्के सड़क का इस्तेमाल नहीं कर चाहिए ! क्रॉस कंट्री चलना चाहिए !
- जमीन के अनुसार अपना फार्मेशन बदलते रहना चाहिए ! कमांडर को सही समय पर इसका निर्णय ले लेना चाहिए !
- अपने कार्य टैक्टिस से दुश्मन को धोखा देने का कोसिस करना चाहिए !
- कोई भी खबर मिले उसे अपने सोर्स तथा इटेलिजेंस से री चेक कर लेना चाहिए !
यह रही कुछ बाते जिन्हें अगर अपनाया जाये तो गुरिल्ला लड़ाई में सफल होने तथा अपनी जान माल का कम से कम नुकशान तथा दुश्मन को ज्यादा नुकशान पहुचाया जा सकता है !
गुरिल्ला लड़ाई में सरप्राइज, साइलेंस और टैक्टिकल मूवमेंट को ध्यान में रख कर अगर ऑपरेशन किया जाय तो सफलता मिलना निश्चित है ! किसी भी ऑपरेशन को मर कर नहीं जीता जा सकता है बल्कि मार के ही जीता जा सकता है इसलिए जरुरी ही हर ऑपरेशन में समय और सहलत के अनुसार टैक्टिकल तबदीली लाके करवाई करना चाहिए ! लकीर के फ़क़ीर नहीं बनना चाहिए !
इस प्रकार से यहाँ गुरिल्ला लड़ाई टैक्टिस तथा काउंटर मेजेर्स से सम्बंधित यह पोस्ट समाप्त हुई उम्मीद है की आप को पसंद आएगी !इस ब्लॉग को सब्सक्राइब औत फेसबुक पर लाइक करे और हमलोगों को और अच्छा करने के लिए प्रोतोसाहित !
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