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06 January 2019

आसू गैस का परिभाषा और प्रकार

इस पोस्ट में हम आसू गैस का परिभाषा , तथा भिन्न प्रकार और उनमे अंतर क्या होता है उसके बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे !

रायट कण्ट्रोल ड्यूटी के लिए आसू गैस के बहुत ही अहम् हथियार है इसलिए यह बहुत जरुरी है की आर्म्ड पुलिस के जवान आसू गैस के बारे में जानकरी रखे ताकि जरुरत पड़ने पर इसके सही इस्तेमाल कर सके !

इस पोस्ट में हम आसू गैस के निम्न विषयों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे :

1. आसु  गैस  का परिभाषा (Tear Smoke ka Paribhasha)

2. आसू गैस बनावट के आधार पर प्रकार (Tear gas ka banawat ke anusar prakar)

3. ठोस तथा माया गैस में अंतर (Thos aur maya gas me antar)

1. आसु  गैस  का परिभाषा (Tear Smoke ka Paribhasha): रासायनिक साधन, वह मिश्रण है जो अपने रसायनिक गुणों के कारण मनुष्य के शारीर पर विपरीत प्रभाव डालता है ! इससे बेचैनी , त्वचा पर जलन , साँस लेने में जलन , आँख से आसू आना आदि प्रक्रिया पैदा होती है !यह ठोस , तरल या गैस के रूप में पाया जाता है !

2. आसू गैस बनावट के आधार पर प्रकार (Tear gas ka banawat ke anusar prakar): टियर  स्मोक गैस बनावट के आधार पर दो प्रकार में बनता जा सकता है, जो निम्न है  :

  • ठोस गैस - यह गैस फ़ेडरल कंपनी द्वारा 1923 से बनाना शुरू किया गया !
  • माया गैस - यह गैस लिकुइक्रिया लंच द्वारा 1925 में  बनाया गया !


3. ठोस तथा माया गैस में अंतर (Thos aur maya gas me antar): इन दोनों गैस में अंतर निम्न है !

(a) ठोस गैस 

  • यह गैस ठोस रूप में पाई जाती है पाउडर के रूप में 
  • यह गैस इस्तेमाल करने पर देखि जा सकती है 
  • यह गैस धीरे धीरे निकलता है 
  • जलने योग्य पदार्थ इसके संपर्क में आने पर जल जाता है !
  • इस गैस का गर्मी में ज्यादा असर होता है !
  • यह गैस कुछ समय के लिए कपडे , दिवार आदि पर चिपक जाता है !
  • यह गैस वातावरण में 20 से 30 सेकंड तक रहती है !
  • काम असरदार होता है 
  • इसका असर बरसात होने पर होता है रहता है 
  • इस गैस को धुवे के रूप में देखा जा सकता है और अच्छी लाइन ऑफ़ रिलीज़ बना सकते है !
  • गैस दिखाई देती है इसलिए मजमा इसके धुवे को देख कर इससे अलग भाग जाता है !
(b) माया गैस 
  • यह तरल रूप में पानी की तरह होती है !
  • यह गैस इस्तेमाल करने पर नहीं देखि जाती है 
  • यह गैस जल्दी बहार निकल जाती है !
  • इस गैस से आग लगने का कोई दर नहीं है !
  • इस गैस का असर गर्मी में काम होती है !
  • यह  गैस नहीं चिपकती है !
  • इसका असर वातावरण में ठोस गैस से ज्यादा होता है !
  • इसका असर ठोस गैस की अपेक्षा ज्यादा होता है !
  • इसका असर वरसत होने पर ख़त्म हो जाता है !
  • इससे निकलने वाली गैस दिखाई नहीं देती है  जिससे लाइन ऑफ़ रिलीज़ नहीं बन पता है !
  • यह दिखाई नहीं देती है इसलिए मजमे पर इसका पूरा असर पड़ता है !

इस प्रकार से यहाँ टियर स्मोक गैस के परिभाषा और प्रकार तथा ठोस और माया गैस में अंतर से सम्बंधित ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुवा ! उम्मीद है की पोस्ट पसंद आएगा !अगर कोई सुझाव हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग को सब्सक्राइब और फेसबुक पेज लाइक करके हमलोगों को और प्रोतोसाहित करे !


 इन्हें भी पढ़े :


  1.   विश्राम और आराम से इसमें देखने वाली बाते !
  2. सावधान पोजीशन से दाहिने, बाएं और पीछे मुड की करवाई
  3. आधा दाहिने मुड , आधा बाएं मुड की करवाई और उसमे देखने वाली बाते !
  4. 4 स्टेप्स में तेज चल और थम की करवाई
  5. फूट ड्रिल -धीरे चल और थम
  6. खुली लाइन और निकट लाइन चल
  7. परेड ड्रिल में आगे और पीछे कदम लेना !
  8. पुलिस यूनिफार्म और उसका इतिहास
  9. पुलिस यूनिफार्म पहनते समय देखनेवाली बातें
  10. सलूट की महत्व और सलूट कैसे कब करने का तरीका

आसू गैस का परिभाषा और प्रकार

इस पोस्ट में हम आसू गैस का परिभाषा , तथा भिन्न प्रकार और उनमे अंतर क्या होता है उसके बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे !

रायट कण्ट्रोल ड्यूटी के लिए आसू गैस के बहुत ही अहम् हथियार है इसलिए यह बहुत जरुरी है की आर्म्ड पुलिस के जवान आसू गैस के बारे में जानकरी रखे ताकि जरुरत पड़ने पर इसके सही इस्तेमाल कर सके !

इस पोस्ट में हम आसू गैस के निम्न विषयों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे :

1. आसु  गैस  का परिभाषा (Tear Smoke ka Paribhasha)

2. आसू गैस बनावट के आधार पर प्रकार (Tear gas ka banawat ke anusar prakar)

3. ठोस तथा माया गैस में अंतर (Thos aur maya gas me antar)

1. आसु  गैस  का परिभाषा (Tear Smoke ka Paribhasha): रासायनिक साधन, वह मिश्रण है जो अपने रसायनिक गुणों के कारण मनुष्य के शारीर पर विपरीत प्रभाव डालता है ! इससे बेचैनी , त्वचा पर जलन , साँस लेने में जलन , आँख से आसू आना आदि प्रक्रिया पैदा होती है !यह ठोस , तरल या गैस के रूप में पाया जाता है !

2. आसू गैस बनावट के आधार पर प्रकार (Tear gas ka banawat ke anusar prakar): टियर  स्मोक गैस बनावट के आधार पर दो प्रकार में बनता जा सकता है, जो निम्न है  :

  • ठोस गैस - यह गैस फ़ेडरल कंपनी द्वारा 1923 से बनाना शुरू किया गया !
  • माया गैस - यह गैस लिकुइक्रिया लंच द्वारा 1925 में  बनाया गया !


3. ठोस तथा माया गैस में अंतर (Thos aur maya gas me antar): इन दोनों गैस में अंतर निम्न है !

(a) ठोस गैस 

  • यह गैस ठोस रूप में पाई जाती है पाउडर के रूप में 
  • यह गैस इस्तेमाल करने पर देखि जा सकती है 
  • यह गैस धीरे धीरे निकलता है 
  • जलने योग्य पदार्थ इसके संपर्क में आने पर जल जाता है !
  • इस गैस का गर्मी में ज्यादा असर होता है !
  • यह गैस कुछ समय के लिए कपडे , दिवार आदि पर चिपक जाता है !
  • यह गैस वातावरण में 20 से 30 सेकंड तक रहती है !
  • काम असरदार होता है 
  • इसका असर बरसात होने पर होता है रहता है 
  • इस गैस को धुवे के रूप में देखा जा सकता है और अच्छी लाइन ऑफ़ रिलीज़ बना सकते है !
  • गैस दिखाई देती है इसलिए मजमा इसके धुवे को देख कर इससे अलग भाग जाता है !
(b) माया गैस 
  • यह तरल रूप में पानी की तरह होती है !
  • यह गैस इस्तेमाल करने पर नहीं देखि जाती है 
  • यह गैस जल्दी बहार निकल जाती है !
  • इस गैस से आग लगने का कोई दर नहीं है !
  • इस गैस का असर गर्मी में काम होती है !
  • यह  गैस नहीं चिपकती है !
  • इसका असर वातावरण में ठोस गैस से ज्यादा होता है !
  • इसका असर ठोस गैस की अपेक्षा ज्यादा होता है !
  • इसका असर वरसत होने पर ख़त्म हो जाता है !
  • इससे निकलने वाली गैस दिखाई नहीं देती है  जिससे लाइन ऑफ़ रिलीज़ नहीं बन पता है !
  • यह दिखाई नहीं देती है इसलिए मजमे पर इसका पूरा असर पड़ता है !

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  1.   विश्राम और आराम से इसमें देखने वाली बाते !
  2. सावधान पोजीशन से दाहिने, बाएं और पीछे मुड की करवाई
  3. आधा दाहिने मुड , आधा बाएं मुड की करवाई और उसमे देखने वाली बाते !
  4. 4 स्टेप्स में तेज चल और थम की करवाई
  5. फूट ड्रिल -धीरे चल और थम
  6. खुली लाइन और निकट लाइन चल
  7. परेड ड्रिल में आगे और पीछे कदम लेना !
  8. पुलिस यूनिफार्म और उसका इतिहास
  9. पुलिस यूनिफार्म पहनते समय देखनेवाली बातें
  10. सलूट की महत्व और सलूट कैसे कब करने का तरीका

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