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20 October 2018

SSG-69 स्नाइपर राइफल के जीरो करने का तरीका

पिछले पोस्ट में हमने SSG-69 राइफल के टेलेस्कोप साईट की विशेषता के बारे जानकारी प्राप्त किये और अब इस पोस्ट में हम SSG-69 राइफल को जीरो करने के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे !

जरुर  पढ़े :स्निपिंग राइफल SSG -69 का एक संक्षिप्त परिचय

जैसे की हम जानते है की किसी भी हथियार को बिना जीरो किये फायर करने से गोली सही जगह यानि पॉइंट ऑफ़ एम पर  नहीं लगती है बल्कि ऊपर निचा या दाये बाये जा कर लगती है और इसी त्रुटी को दूर करने के लिए जीरो करना पड़ता है !


इस ब्लॉग पोस्ट में हम जानेगे SSG-69 राइफल के जीरो करने से सम्बंधित निम्न विषयों के बारे में जानेगे :

1. SSG-69 स्नाइपर राइफल के जीरो करने का जरुँरत क्यों पड़ता है ?(SSG-69 niper rifle ke zero karne ki jarurat)
2. SSG-69 राइफल को जीरो कब कब किया जाता है ?(SSG-69 rifle ko zero kab kiya jata hai)
3.SSG-69 राइफल को जीरो करने से पहले ध्यान में रखने वाली बाते !(SSG-69 rifle ke zero karne se pahle dhyan me rakhnewali bate)
4.SSG-69 राइफल को जीरो करते समय ध्यान में रखने वाली बाते(SSG-69 rifle ko zero karte samay dhyan rakhne wali bate)
5.SSG-69 राइफल के एलिवेशन की गलती को दूर करने का तरीका (SSG-69 rifle ke elevation ki galti ko dur karne ka tarika)
6.SSG-69 राइफल के दाये -बाये  की गलती को दूर करने का तरीका (SSG-69 rifle ke left-right ki galti dur karne ka tarika)

जरुर  पढ़े :SSG-69 स्नाइपर राइफल का बेसिक टेक्निकल डाटा

1. SSG-69 स्नाइपर राइफल के जीरो करने का जरुँत क्यों पड़ता है ?(SSG-69 niper rifle ke zero karne ki jarurat)

किसी हथियार को बगैर जीरो किये फायर करने से फायर सही जगह पे नहीं लगता है ! SSG-69 स्निपिंग राइफल को जीरो या साईटिंग  इन करने का मतलब रेंज के लिहाज से गोली की  एम्.पी.आई(MPI)  को ऐमिंग पॉइंट के नजदीक लेना !

इस काम के लिए SSG-69 स्निपिंग राइफल में लगी हुई टेलीस्कोपिक साईट को एडजस्ट करके ऊपर निचे और दाये -बाए की गलती को दूर किया जाता है !इसके अलावा SSG-69 राइफल में लगी हुई आयरन साईट (इमरजेंसी साईट ) को भी एडजस्ट किया जा सकता है !

जीरोइंग करते समय निम्न दो बातो पर ध्यान रखना चाहिए :
  • अक्सिक्स ऑफ़ बैरल (Axix of barrel)
  • पॉइंटर या रेक्टिकल का पोजीशन (Pointer ya Rectical ka position)
अगर एक फायरर फायरिंग के मार्कमैनशीप ट्रेनिंग के उसूल को ध्यान में रखते हुए फायर करता और गोली दुरुस्त जगह पर नहीं लगती है तो इसका मतलब हथियार में कुछ कमी है  क्यों की  पॉइंटर दुरुस्त पॉइंट ऑफ़ एम पर है  लेकिंग बैरल का अक्सिक्स पॉइंटर के सीध में न होकर दाए -बाए या उपर- निचे है जिससे गोली सही जगह पर नहीं लग रही है ! और जेरोइंग की जरुरत इन कमीयो को दूर करने के लिए पड़ता है और ज़ेरोइंग के द्वारा राइफल के ऊपर -निचे तथा दाए -बाए की गलती को दूर किया जाता है !

जरुर  पढ़े :SSG-69 राइफल की विशेषताए और सुरक्षित इस्तेमाल

2. SSG-69 राइफल को जीरो कब कब किया जाता है ?(SSG-69 rifle ko zero kab kiya jata hai)

SSG-69 राइफल को निम्न चंद  मौके पर ज़ेरोइंग किया जाता है :
  • नई राइफल आने पर 
  • हथियार में मेजर रिपेयरिंग के बाद 
  • स्नाइपर को अपने हथियार के मार पर शक होने पर 
  • किसी ऑपरेशन में जाने से पहले 
  • कम्पटीशन या क्लासिफिकेशन फायर से पहले 

3.SSG-69 राइफल को जीरो करने से पहले ध्यान में रखने वाली बाते !(SSG-69 rifle ke zero karne se pahle dhyan me rakhnewali bate)

ज़ेरोइंग करने से पहले कुछ बाते ध्यान में रखना चाहिए जैसे :
  • राइफल और टेलेस्कोप  का नम्बर एक हो 
  • टेलेस्कोप के लेंस साफ़ हो 
  • फायरर अपने कद के मुताबिक स्पेसर को हटा के राइफल की लम्बाई को एडजस्ट कर लेना चाहिए 
  • अमुनिसन साफ़ और एक ही लॉट का होना चाहिए और उसको धुप से बचाना  चाहिए 
  • मौसम साफ़ और ज्यादा हवा न हो 
  • चाहे किसी भी पोजीशन से फायर कर रहे हो पोजीशन दुरुस्त होनी चाहिए 
  • SSG-69 राइफल को 400 मीटर के रेंज से जीरो किया जाता है अगर 400 मीटर का रेंज न मिले तो 200 मीटर के रेंज से भी जीरो किया जा सकता है !
  • अगर नई SSG-69 राइफल को जीरो किया जा रहा हो तो उस हालत में पहले 10 राउंड फायर करना चाहिए  और बाद में 5 राउंड का ग्रुप फायर करके ज़ेरोइंग की करवाई करनी चाहिए !
  • फायरिंग के समय ज्यादा देर तक शिस्त नही ले कर रखना चाहिए , और अगर थकन महसूस हो तो आँखों को रेस्ट देना चाहिए !

4.SSG-69 राइफल को जीरो करते समय ध्यान में रखने वाली बाते(SSG-69 rifle ko zero karte samay dhyan rakhne wali bate)

अगर ज़ेरोइंग करते समय निम्न बातो को अमल में लाये :
जीरो करने का तरतीब
जीरो करने का तरतीब 
  • सबसे पहले 5 राउंड का एक ग्रुप फायर कराया 
  • एम् पी आई(main point of impact) मालूम करे 
  • अगर एम् पी आई(MPI) सही जगह पे बनी हो तो दूसरा चेक ग्रुप फायर कराया 
  • अगर चेक ग्रुप की एम् पी आई(MPI) सही जगह पे बनी हो तो ज़ेरोइंग ठीक है 
  • यदि चेक ग्रुप का एम् पी आई(MPI) सही जगह पे नहीं बनी हो तो टेलेस्कोप साईट को एडजस्ट  करे 
  • टेलेस्कोप साईट ठीक करने के बाद फायर एक चेक ग्रुप फायर करे और चेक ग्रुप फायर में एम् पी आई सही जगह पे बन गया तो जीरो ठीक है नहीं तो फायर से टेलेस्कोप को एडजस्ट करे और फिर पूरी प्रक्रिया अपनाये !
  • अगर शुरू में ही एम् पी आई सही जगह में नहीं बना तो चेक ग्रुप फायर नहीं करेंगे बल्कि टेलेस्कोप को एडजस्ट करेंगे उसके बाद चेक ग्रुप फायर करेंगे और चेक ग्रुप में एम् पी आई सही जगह पर बन  गई तो जीरो दुरुस्त नहीं तो फायर टेलेस्कोप को एडजस्ट करे और बाकी की प्रिक्रिया पूरी फिर से अपनाया जायेगा !

5.SSG-69 राइफल के एलिवेशन की गलती को दूर करने का तरीका (SSG-69 rifle ke elevation ki galti ko dur karne ka tarika)

(a) ऊँचा ग्रुप (SSG-69 High Group)

एलिवेशन व्हील को 4 पर और विन्डेज व्हील को 0 पर रख के 400 मीटर से 5 राउंड का एक ग्रुप फायर करे ! गोली शिस्त के जगह से ऊपर लगी यानि उचा ग्रुप बना !अभी रेंज को कम कर के फायर दूसरा ग्रुप फायर करे अगर ग्रुप सही जगह पर बन  रहा है इसका मतलब है की टेलेस्कोप को एडजस्ट करना पड़ेगा !

अगर ग्रुप सही जगह पर नहीं बनता है तो रेंज को और कम  कर के  एक ग्रुप फायर करे यह करवाई तब तक करे जब तक की ग्रुप सही न बन जाए !

(b)निचा  ग्रुप (SSG-69 down Group)

एलिवेशन व्हील को 4 पर और विन्डेज व्हील को 0 पर रख के 400 मीटर से 5 राउंड का एक ग्रुप फायर करे ! गोली शिस्त के जगह से निचे  लगी यानि निचा ग्रुप बना !अभी रेंज को कम कर के फायर दूसरा ग्रुप फायर करे अगर ग्रुप सही जगह पर बन  रहा है इसका मतलब है की टेलेस्कोप को एडजस्ट करना पड़ेगा !

अगर ग्रुप सही जगह पर नहीं बनता है तो रेंज को और कम  कर के  एक ग्रुप फायर करे यह करवाई तब तक करे जब तक की ग्रुप सही न बन जाए ! 

6.SSG-69 राइफल के दाये -बाये  की गलती को दूर करने का तरीका (SSG-69 rifle ke left-right ki galti dur karne ka tarika)

जैसे की हम जानते है की विन्डेज व्हील के मदद से दाये बाये की गलती को दूर किया जाता है ! विन्डेज व्हील या डिफ्लेकसन ड्रम में 0 से  बाये 16 और दाये 18 क्लिक डीटेंट का करेक्शन किया जा सकता है !

एक क्लिक या डीटेंट  100 मीटर पर 1 सेंटीमीटर का फर्क डालता है और यह फर्क अलग अलग रेंजो पर रेंज के अनुसार घटता बढ़ता जायेगा !

SSG-69 राइफल के डिफ्लेकसन
SSG-69 राइफल के डिफ्लेकसन 
चित्र से समझ सकते है की 0.1 मिल कोण जो की एक क्लिक घुमाने से बनता वो अलग अलग रेंज पर 1 सेमी का गुणक से बढ़ता है !अगर एम् पी आई को बाए ले जाना है तो लेफ्ट का करेक्शन देना चाहिए ! ऐसा करने से पॉइंटर दाए तरफ  हरकत करेगा और पॉइंटर को जब वापिस पॉइंट ऑफ़ एम पर मिलायेंगे तो बैरल बाए हरकत करेगा और एम् पी आई बाए बनेगा !

(a) बाए का ग्रुप (Left group)

एलिवेशन व्हील को 4 पर और विन्डेज व्हील को 0 पर अख के 400 मीटर से एक ग्रुप फायर करने पर अगर एम् पी आई 16 सेमी बाए  बनी तो उसे दाए ले जाने के लिए विन्डेज व्हील पर 4 क्लिक दाए की विन्डेज लगाये और दूसरा चेक ग्रुप फायर करे !एम् पी आई को चेक करे अगर एम् पी आई सही जगह पर बने तो टेलीस्कोपिक साईट को  तीनो स्क्रू लूज  करके एडजस्ट करे ! 

(a) दाये  का ग्रुप (Right group)

एलिवेशन व्हील को 4 पर और विन्डेज व्हील को 0 पर अख के 400 मीटर से एक ग्रुप फायर करने पर अगर एम् पी आई 16 सेमी दाये   बनी तो उसे बाए  ले जाने के लिए विन्डेज व्हील पर 4 क्लिक दाए की विन्डेज लगाये और दूसरा चेक ग्रुप फायर करे !एम् पी आई को चेक करे अगर एम् पी आई सही जगह पर बने तो टेलीस्कोपिक साईट को  तीनो स्क्रू लूज  करके एडजस्ट करे !

एडजस्ट में के बाद एक चेक ग्रुप फायर करना चाहिए ! विन्डेज की गलती को दूर करते समय यह ध्यान में रखना चाहिए की जिधर एम्.पी.आई ले जानी है उधर की करेक्शन लगाना चाहिए !

इस प्रकार से यहाँ SSG-69 स्नाइपर राइफल के जीरो से सम्बंधित पोस्ट समाप्त हुई !उम्मीद है की यह छोटा पोस्ट आप को पसंद आएगा ! अगर कोई कमेंट होतो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग  को सब्सक्राइब औत फेसबुक पर लाइक करे और हमलोगों को और अच्छा करने के लिए प्रोतोसाहित !
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18 October 2018

SSG-69 राइफल के टेलेस्कोप के विशेषताए और मिल (MIL)का उपयोग

पिछले पोस्ट में हमने SSG-69 राइफल के फायरिंग पोजीशन के चुनाव के बारे में जानकारी प्राप्त  की और अब इस पोस्ट में हम SSG-69 के टेलिस्कोप साईट  की विशेषताए और टेलेस्कोप में मील का प्रयोग के बारे में जानेगे !
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ऑस्ट्रिया की स्वरोवाक्सी कंपनी द्वारा बनाये गए टेलिस्कोप को अगर हम फासला नापने का एक यंत्र कहे तो यह कोई अनुचित नहीं होगा ! TS No. 32 इस्तेमाल के दौरान हमने देखा की इसका प्रयोग सिर्फ शिस्त लेने तक ही सिमित था लेकिन  SSG-69 स्निपिंग राइफल में इस्तेमाल की जाने वाली टेलिस्कोप साईट न केवल शिस्त लेने में ही काम आता है बल्कि दुरी का अंदाज लगाने में भी मदद देता है :

जरुर  पढ़े :स्नाइपर राइफल के अन्दर क्या क्या खूबिया होनी

इस पोस्ट में हम SSG के के टेलेस्कोप साईट से सम्बंधित निम्न बातो के बारे में जानेगे :
1.मिल (MIL) का क्या है ?(MIL kya hai)
2. मिल (MIL) और डिग्री में सम्बन्ध( MIL to degree me convert karne ka tarika ) 
3.टेलिस्कोप साईट का विशेषताए(Teliscope ka visheshtaye) 

1.मिल (MIL) का क्या है ?(MIL kya hai) 



मिल को हम ऐसे परिभाषित कर सकते है " अगर हम एक बिंदु से एक हजार इकाई के बराबर एक रेखा खींचे और उस रेखा के दुसरे सिरे पर उसी की एक इकाई की लाइन खिचे तो लम्बाई के ऊपर वाले सिरे को जब पहले वाले बिंदु से मिलाये तो पहले वाले बिंदु पर जो कोण बनता है वह एक मिल का कोण होता है !

Mil ka kon
मिल का कोण 
उदहारण के तौर पर ऊपर के पिक्चर में एक रेखा AB 1000 मीटर लम्बी है ! बिंदु B पर एक मीटर लम्बी एक लाइन खिचो अभी A बिंदु और C को मिला दो इस प्रकार A बिंदु पर जो कोण बनती है वह एक मिल की कोण होगी !

जरुर  पढ़े :SSG-69 स्नाइपर राइफल का बेसिक टेक्निकल डाटा

2. मिल (MIL) और डिग्री में सम्बन्ध( MIL to degree me convert karne ka tarika ) 

मिल और डिग्री का सम्बन्ध को हम इस प्रकार से जाहिर कर सकते है ! अगर  आप किसी स्थान पर खड़े हो कर चारो तरफ घूमते है तो आपने 360 डिग्री का चक्कर  लगाया है ! अगर मिल के भाषा में बोले तो आपने एक चाकर में 6400 मिल घूम चुके  है !

इस प्रकार  से हम कह सकते है कि:

360 डिग्री = 6400 मिल 

इसलिए 1 डिग्री = 6400/360 = 17.78 मिल 

इस प्रकार  हम डिग्री को मिल में बदल सकते है ! मिशाल के तौर पर हाथ से 3 डिग्री नाप को मिल में हम 3 x 17.78 मिल यानि 53.4 मिल भी कह सकते है !

3.टेलिस्कोप साईट का विशेषताए(Teliscope ka visheshtaye)

SSG-69 स्नाइपर राइफल के टेलिस्कोप की विशेषता को हम निम्न तरह से व्याख्या कर सकते है :

(a) शिस्त लेना आसन है : जब हम नार्मल साईट  से शिस्त लेते है तो फायर की आँख के सेंटर तथा फोरे साईट की नोक को जब एक सीध में करते है तो दुरुस्त एलाईमेंट  मिलती है ! फिर दुरुस्त साईट एलाईमेंट को पॉइंट ऑफ़ एम पर मिलते है तो दुरुस्त साईट पिक्चर हासिल होता है !
SAR se shist lene par
SAR se shist lene par
फायरर आम तौर पर साईट एलाईमेंट में ज्यादा गलती करता है क्यों की ओपेराचेर  का सही सेंटर  फर्जी तौर पे बना पड़ता है ! इस गलती से गोली लम्बे रेंज पर टारगेट मिस कर सकती है !  
Telescope Sight ka use
Telescope Sight ka use
लेकिन टेलीस्कोपिक साईट में पॉइंटर और होरिजेंटल लाइन सेंटर को ऐमिंग पॉइंट से मिलाने से ही दुरुस्त शिस्त हासिल हो जाता है इसमें गलती बहुत ही कम होने की चांस होती है !


(b) टारगेट बड़ा दिखाई देता है :इस टेलिस्कोप में लेन्से के दो सेट होते है  
  • ऑब्जेक्टिव लेन्स(Objective lence) : इसका काम टारगेट से आने वाली लाइट को अपनी फोकस लेन्से पर टारगेट का खाका बनता है !
  • ऑय लेन्स(Eye lence): इसका काम बने हुए खाके को बड़ा करके आँख के परदे पर लाना 
इस टेलिस्कोप का मैग्नीफिकेसन पॉवर 6 गुना है ! इस प्रकार से टारगेट बड़ा और साफ नजर आता है जिससे शिस्त लेना आसन हो जाता है !

(c) ब्राइटनेस इफ़ेक्ट(Bright Effect) :यह टेलेस्कोप ऐसा बना होता है की कम  रौशनी या  धुंध  में भी टारगेट एक दम साफ दिखाई देता है ! लेकिन एक दम अँधेरा में यह काम नहीं करता है !


(d)फील्ड ऑफ़ व्यू(Field of view) : इस का फील्ड व्यू काफी स्टिक है  यानी इसका दिखाई देना का इलाका टेलेस्कोप नम्बर 32 से आधा है ! इसका फील्ड ऑफ़ व्यू केवल 72 मिल यानि 4 डिग्री है जिसके कारण फायरर का ध्यान इधर उधर नहीं भटकता है !

(e) डिग्री का छोटा इकाई माप सकते है : अगर कोई निशान 1 डिग्री से कम चौड़ा हो तो उसको नापने के लिए मिल मदद दे सकता है क्यों की मिल डिग्री से छोटी इकाई है !


इस प्रकार से हम यहाँ हम टेलिस्कोप की विशेषता और मिल का उपयोग से सम्बंधित पोस्ट संपत हुवा !उम्मीद है की यह छोटा पोस्ट आप को पसंद आएगा ! अगर कोई कमेंट होतो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग  को सब्सक्राइब औत फेसबुक पर लाइक करे और हमलोगों को और अच्छा करने के लिए प्रोतोसाहित !

इसे भी पढ़े : 
  1. सेक्शन फार्मेशन और सेक्शन फार्मेशन का बनावट
  2. आतंक प्रभावित इलाके में सिक्यूरिटी पोस्ट लगान
  3. रात के संतरी तथा स्काउट की ड्यूटी क्या होता है
  4. फील्ड फोर्टीफीकेसन में इस्तेमाल होने वाले फौजी टेकटिकल शब्दों का क्या मतलब
  5. फौजी टैक्टिकल शब्द जैसे फर्स्ट लाइट फ्लैंक गार्ड यदि क मतलब
  6. अम्बुश की जुबानी हुक्म क्या होता है और इसमें सामिल होने वाले मुख्य बाते
  7. रोड ओपनिंग पार्टी/पट्रोल और उसके महत्व के बारे
  8. कॉन्वॉय कितने प्रकार का होता है ? कॉन्वॉय प्रोटेक्शन की पार्टिया कौन कौन सी होती ?
  9. कॉन्वॉय कमांडर और कॉन्वॉय मूवमेंट से पहले जानने वाली बातें
  10. रोड ओपनिंग पार्टी की तैनाती करने का तरीका तथा ROP ड्यूटी के दौरान IED से बचा के लिए ध्यान में रखनेवाली बाते

17 October 2018

एक स्नाइपर द्वारा फायरिंग पोजीशन का चुनाव करना

पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने स्नाइपर राइफल के टेलेस्कोप स्काउट रेजिमेंट का इस्तेमाल करने के बारे में जानकारी प्राप्त किये और अब इस पोस्ट में हम जानेगे की एक स्नाइपर फायर पोजीशन के चुनाव करते समय किस बात को ध्यान में रखता है !(Sniper dwara firing position chunna)


जैसे की हम जानते है की स्नाइपर को स्टैकिंग करते समय फायरिंग पोजीशन का चुनाव करना पड़ता है !और साथ ही साथ उन आडो तक पहुचने के लिए उसको सभी हरकत टैक्टिकली  करनी पड़ती है ! रास्ते में उसके साथ कभी कभी दुश्मन का सामना भी हो सकता ऐसी हालत में उसकी तुरंत फायरिंग पोजीशन का चुनाव करना होगा !

जरुर पढ़े :स्निपिंग राइफल SSG -69 का एक संक्षिप्त परिचय

इस लिए यह जरुरी है की  स्नाइपर को फायरिंग पोजीशन चुनने में माहिर होना चाहिए ताकि जरुरत पड़ने पर जल्द से जल्द फायरिंग पोजीशन अख्तियार कर सके !

एक स्नाइपर को फायरिंग पोजीशन चुनते वक्त निम्न कुछ बातो का ख्याल रखना चाहिए 
  • आड़ गोली की हो और छुपाव वाली हो 
  • देखभाल और फायर करने के लिए फील्ड ऑफ़ फायर साफ होहथियार दुरुस्त इस्तेमाल के लिए जगह हो 
  • आड़ तक जाने का रास्ता छुपाव वाला हो 
  • आड़ के आगे जाने का रास्ता हो 
  • आड़ मशहुर न हो और न ही मशहुर निशान के पास हो 
  • आल्टरनेट आब मौजूद हो या चुन ली जाए 
  • आड़ हवाई रैकी से बचाव में हो 
आड़ पकडे न का प्रैक्टिस करते रहना चाहिए और आड़ को चुनने के बाद उसके ऊपर ग्रुप में नुक्ता चीनी करना चाहिए जिससे की आड़ के खूबिया  और कमिया  अलग अलग दृष्टिकोण से पटाया लगाया जा सके !

इस पराक्र से एक स्नाइपर द्वारा फायरिंग पोजीशन चुनते समय ध्यान में रखने वाली बातो से सम्बंधित पोस्ट समाप्त हुई !उम्मीद है की यह छोटा पोस्ट आप को पसंद आएगा ! अगर कोई कमेंट होतो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग  को सब्सक्राइब औत फेसबुक पर लाइक करे और हमलोगों को और अच्छा करने के लिए प्रोतोसाहित !

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  1. सेक्शन फार्मेशन और सेक्शन फार्मेशन का बनावट
  2. आतंक प्रभावित इलाके में सिक्यूरिटी पोस्ट लगान
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  7. रोड ओपनिंग पार्टी/पट्रोल और उसके महत्व के बारे
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  9. कॉन्वॉय कमांडर और कॉन्वॉय मूवमेंट से पहले जानने वाली बातें
  10. रोड ओपनिंग पार्टी की तैनाती करने का तरीका तथा ROP ड्यूटी के दौरान IED से बचा के लिए ध्यान में रखनेवाली बाते

SSG-69 के टेलेस्कोप स्काउट रेजिमेंट का इस्तेमाल करने तरीका

पिछले पोस्ट में हमन स्नाइपर राइफल के बिनाकुलर के इस्तेमाल करने के बरे में जानकारी प्राप्त किए और अब इस पोस्ट में हम SSG-69 स्नाइपर राइफल के टेलिस्कोप में इस्तेमाल होने वाला टेलिस्कोप स्काउट रेजिमेंट का इस्तेमाल कैसे किया जाता है उसके बारे में जानेगे !


जैसे की हम जानते है की SSG-69 राइफल के साथ आने वाला टेलिस्कोप का मग्निफीकेसन पॉवर 20 गुना होता है , जो की आम दूरबीन से अधिक है !इस से देखने पर स्नाइपर क्मैफ्लाज किया हुवा टारगेट यहाँ तक की उसका छाया भी आसानी से पकड़ सकता है जो की दूरबीन से शायद न नजर आये ! इसको  ले जाते वक्त स्लिंग आर्म करके ले जाना चाहिए और ऐसे स्लिंग आर्म करना चाहिए की इसका केस हमेशा सामने की तरफ आना चाहिए !
ऑब्जरवेशन के दौरान इस को मजबूती से पकड़ना चाहिए जिससे की यह गिर न जाये और देखते समय हिलने न पाए !

इस ब्लॉग पोस्ट के दौरान हम  SSG-69 स्नाइपर राइफल के टेलिस्कोप निम्न विषयों के बारे में जानेगे :
1.  SSG-69 स्नाइपर राइफल के टेलिस्कोप को पकड़ने का विधि (SSG-69 Sniper Rifle ke telescope ko pakdne ka tarika)
2.  SSG-69 स्नाइपर राइफल के टेलिस्कोप को फोकस करने का विधि (SSG-69 Sniper Rifle ke telescope ko focus karne ka tarika)
3.  SSG-69 स्नाइपर राइफल के टेलिस्कोप से देखभाल करने का विधि (SSG-69 Sniper Rifle ke telescope se dekhbhal karne ka tarika)

1.  SSG-69 स्नाइपर राइफल के टेलिस्कोप को पकड़ने का विधि (SSG-69 Sniper Rifle ke telescope ko pakdne ka tarika)

(a) स्टैंड इंस्ट्रूमेंट नम्बर -21की मदद से  (Stand Instrument No-21 ke help se)

स्टैंड का इस्तेमाल निम्न तरह से करते है :

  • स्टैंड को खोले 
  • एक टांग को टारगेट की तरफ और बाकि दोनों टांगो को दोनों तरफ रखे 
  • टेलेस्कोप को पूरी तरह से खोलते हुए पहले द्रुज को U में रखे और 
  • क्लाम्पिंग नट को कस दे 
  • आराम से बैठते हुए दाये हाथ की कलमेवाली अंगुली और बिच वाली अंगुली से ऑय पिस को पकडे 

(b) एक पहलु  के बल लेट कर 

  • टारगेट की तरफ पाँव करते हुए एक पहलु के बल लेट जाए !
  • और टांग को फोल्ड करे 
  • आगे वाले हाथ का सहारा घुटने से ले 
  • और हैण्ड गार्ड से टेलेस्कोप को पकडे 
  • पीछे वाले हाथ से टेलेस्कोप के ऑय पिस को पकडे 
  • टेलेस्कोप नहीं हिलना चाहिए 

(c) स्टैंडिंग पोजीशन से 

  • स्टैंडिंग पोजीशन अख्तियार करे  और ऊपर बताये हुए तरीके से टेलेस्कोप को दरख़्त या राइफल के सहारे से टेलेस्कोप को पकडे 
  • आगे वाला पाँव से थोडा सा खम्म डाले !
  • राइफल के बट को रान पर टिकाये !
  • बाए हाथ से राइफल की बैरल और टेलेस्कोप को पकडे 
  • और दाहिने हाथ से ऑय पिस को बताये हुए तरीके से पकडे 

(d) निलिंग पोजीशन से 

  • आड़ वाला जगह देखते हुए निलिंग पोजीशन अख्तियार करे
  • दोनों कोहनियो को घुटने पर टिकाते  हुए टेलेस्कोप को पकडे 

(e) आड़ की मदद से 

  • लायिंग पोजीशन अख्तियार करे 
  • टेलेस्कोप को आड़ या सैंड बंग के ऊपर रखे 
  • और बताये हुए तरीके सी देखभाल करने के लिए इस्तेमाल करे 

(f) Y शेप या फोर्केड स्टिक के मदद से 

  • Y शेप के एक लकड़ी ले और जमीन में गाड दे 
  • टेलेस्कोप के हैण्ड गार्ड को Y में रखे और 
  • बताये हुए तरीके से देखभाल करे 
यह ध्यान रखना चाहिए की टेलेस्कोप को कैसे भी इस्तेमाल किया जाय रहा हो टेलेस्कोप हिलना नहीं चाहिए !

जरुर पढ़े :7.62 mm MMG के टारगेट का नाम और MMG में पडनेवाले 

2.  SSG-69 स्नाइपर राइफल के टेलिस्कोप को फोकस करने का विधि (SSG-69 Sniper Rifle ke telescope ko focus karne ka tarika)

टेलेस्कोप को फोकस करने का तरीका निम्न है :
  • फोकस करने के लिए तमाम ड्रुज को पुरे तौर पे निकले और 
  • टेलेस्कोप को लम्बा करे 
  • अब  पीछे वाली ड्रुज धीरे धीरे आगे करे और सामने का इलाका को देखे 
  • टेलेस्कोप दुरुस्त फोकस होने जाने के बाद सामने का इलाका साफ दिखाई देगा 
  • अगर गलत फोकस होगा तो आँखों पर जोर पड़ेगा और दर्द महसूस होगा !
  • सही फोकस हो जाने के बाद पीछे वाले ड्रुज के ऊपर पेंसिल से मार्क कर दे जिससे आप को बार बार सेट नहीं करना पड़ेगा !
इस प्रकार से टेलेस्कोप दुरुस्त सेट हो जायेगा 

जरुर पढ़े :7.62 mm MMG के फायर आर्डर का क्रम और वक्फा के दौरा

3.  SSG-69 स्नाइपर राइफल के टेलिस्कोप से देखभाल करने का विधि (SSG-69 Sniper Rifle ke telescope se dekhbhal karne ka tarika)

देखभाल करने का तरीका 
  • ऊपर बताये हुए तरीके से फोकस किया हुवा  ले 
  •  टेलेस्कोप को ऑय पिस और रे शेड को टारगेट की सीध में लाये 
  • और फिर उसमे से टारगेट को देखे , टारगेट साफ दिखाई देगा 
आमतौर पर यह देखा गया है की हम टारगेट को देख कर टेलेस्कोप को उसके सीध से नहीं लाते है जिससे टारगेट जल्दी नहीं मिलता है !

बिनाकुलर के कब्जे के ऊपर जो लकीर खिंची होती है वह आब्जर्वर को दोनों आँखों के बिच की दुरी को मिली मीटर में जाहिर करती है !और अगर दुरुस्त फोकस और स्थिर टेलेस्कोप से 200 यार्ड्स की दुरी पर अगर एक  लैटर का बैकग्राउंड सफ़ेद हो तो 1 " ऊँचा और 1/4" चौड़ा अक्षर हो तो उसे  एक  फायरर आसानी से पढ़ सकता है !

जरुर पढ़े :7.62 mm MMG के माउंट ट्राई पोड की करवाई के समय

इस प्रकार से यहाँ SSG-69 राइफल के टेलेस्कोप स्काउट रेजिमेंट के इस्तेमाल करने से सम्बंधित पोस्ट समाप्त हुई !उम्मीद है की यह छोटा पोस्ट आप को पसंद आएगा ! अगर कोई कमेंट होतो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग  को सब्सक्राइब औत फेसबुक पर लाइक करे और हमलोगों को और अच्छा करने के लिए प्रोतोसाहित !

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  1. स्निपिंग राइफल SSG -69 का एक संक्षिप्त परिचय
  2. स्नाइपर राइफल के अन्दर क्या क्या खूबिया होनी चाहि...
  3. SSG-69 स्नाइपर राइफल का बेसिक टेक्निकल डाटा
  4. SSG-69 राइफल की विशेषताए और सुरक्षित इस्तेमाल के ल...
  5. SSG-69 राइफल को खोलना और जोड़ने का तरीका
  6. SSG-69 राइफल के टेलीस्कोपिक साईट की बेसिक जानकारी ...
  7. SSG-69 राइफल का इस्तेमाल और रख रखाव में ध्यान में ...
  8. SSG-69 राइफल की रख रखाव और सफाई का तरीका
  9. SSG-69 राइफल को भरना और खाली करने का तरीका
  10. SSG-69 राइफल को रेडी, मेक सेफ और खाली कर का तरीक...

14 October 2018

स्नाइपर बिनाकुलर को कैसे इस्तेमाल करने का दुरुस्त तरीका

पिछले पोस्ट में हमने स्नाइपर राइफल से हरकती टारगेट के ऊपर दुरुस्त शिस्त लेने का तरीका और अब हम इस पोस्ट में जानेगे की स्नाइपर दूरबीन  यानि बिनाकुलर को इस्तेमाल करने का दुरुस्त तरीका! 



स्नाइपर को अपने जिमेवारी के इलाके में अच्छी तरह से देखभाल करने केलिए दूरबीन और टेलिस्कोप स्काउट के रेजिमेंट दिया जाता है ! स्नाइपर इसके मदद से अपनी जिमेवारी के इलाके को गौर से देखता है और दुश्मन की हरकतों का पता लगता है ! 

इस लिए टेलिस्कोप एक स्नाइपर के लिए बहुत ही अहम इक्विपमेंट है इस लिए यह जरुरी है की इसका ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने के लिए उसको सही तरीके से इस्तेमाल करे ! इस पोस्ट में हम केवल बैनाकुलर यानि टेलिस्कोप  के दुरुस्त इस्तेमाल के बारे में जानेगे और टेलिस्कोप स्काउट को बारे में हम अगले पोस्ट में जानेगे !

इस पोस्ट में हम टेलिस्कोप के बारे में निम्न बाते जानेगे :
Binacular se durust focus ka tarika
Binacular

1.टेलिस्कोप की आम जानकारी और हिदायेते(Sniper Binacular ke bare me basic jankari aur hidayete)
2.टेलिस्कोप  को दुरुस्त फोकस करने  का तरीका (Sniper teliscope ko durust focus karne ka tarika)
3.टेलिस्कोप के डिग्री और मील का इस्तेमाल करने का तरीका (Teliscop ke dgree aur mil ka istemal karne ka tarika)

1.टेलिस्कोप की आम जानकारी और हिदायेते(Sniper Binacular ke bare me basic jankari aur hidayete)

ऐसे तो भिन्न भिन्न कंपनी का बना हुवा टेलिस्कोप स्नाइपर इस्तेमाल करते है इस लिए उनके बेसिक डाटा जैसे लम्बाई चौड़ाई या वजन भी भिन्न होता है इस लिए उसे यहाँ स्टिक बताना असान  नहीं होगा क्यों की सभी का मापदंड अलग अलग होता है और टेक्नोलॉजी के उन्तिकरण के साथ बदलते रहता है ! यहाँ पर हम टेलिस्कोप के  कुछ विशेषताओ के बारे में जानेगे :
  • यह हल्का होता है और इसे ले जाना आसन होता है !
  • इसकी मग्निफीकेसन पॉवर 6 से 10 गुना तक होती है !
  • इससे बहुत सरे इलाके को आसानी से देखा जाता है !
  • रात को देखभाल में दूरबीन का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद साबित होता है !
इसकी रख रखाव से सम्बंधित कुछ हिदयेते :
  • दूरबीन को हमेशा गले में लटका कर ले जाना चाहिए !
  • इसको साफ रखा जाए 
  • लेन्से को कभी भी खोला न जाये 
  • दूरबीन कोई कभी गिरना नहीं चाहिए 
  • इसे पानी और तेल से दूर रखना चाहिए ! यदि 

2.टेलिस्कोप  को दुरुस्त फोकस करने  का तरीका (Sniper teliscope ko durust focus karne ka tarika)

दूरबीन का इस्तेमाल से पहले फोकस करना पड़ता है ! अगर सिर्फ ऑयपिस एडजस्ट वाली बईनाकुलर है तो सबसे पहले उसके सामने के इलाके को देखे , एक हाथ से एक लेन्से को बंद करे और दुसरे हाथ से ऑय पिस को घुमाकर सेट करे ! यह करवाई दुसरे वाले लेन्से के साथ करे ! 

दोनों हाथ हटाये और सामने के इलाके को देखे ! फोकस करने के बाद बईनाकुलर को दो तीन बार मोड़ो और आँखों की दुरी के लिहाज से सेट करो !

अगर बड़ी वाली दूरबीन है तो इसके बीच मेसे घुमाव जिससे दोनों ऑय पिस एक साथ हरकत करेंगे ! आँखों के लिहाज से दूरबीन को सेट करे !

3.टेलिस्कोप के डिग्री और मील का इस्तेमाल करने का तरीका (Teliscop ke dgree aur mil ka istemal karne ka tarika)

दूरबीन के फील्ड ग्लास में डिग्री की लकीरे डी हुई होती है जिसका इस्तेमाल स्नाइपर डिग्री निकलने के लिए करता है ! लेकिन किसी किसी दूरबीन में मिल की लकीरे भी खंची होती है ! अगर ऐसी  कोई दूरबीन है तो इससे दुरी का अंदाज भी आसानी से लगाया जा सकता है ! और दुरी अंदाज लगाने के लिए एक फार्मूला है !

जैसे हम जानते है 360  डिग्री में 6400  मिल होता है !

जरुर पढ़े :81 mm मोर्टार के 10 छोटी छोटी बेसिक बाते

इस प्रकार  से यहाँ बईनाकुलर के इस्तेमाल  से सम्बंधित पोस्ट समाप्त हुवा !उम्मीद है की यह छोटा पोस्ट आप को पसंद आएगा ! अगर कोई कमेंट होतो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग  को सब्सक्राइब औत फेसबुक पर लाइक करे और हमलोगों को और अच्छा करने के लिए प्रोतोसाहित !

इसे भी पढ़े : 
  1. सेक्शन फार्मेशन और सेक्शन फार्मेशन का बनावट
  2. आतंक प्रभावित इलाके में सिक्यूरिटी पोस्ट लगान
  3. रात के संतरी तथा स्काउट की ड्यूटी क्या होता है
  4. फील्ड फोर्टीफीकेसन में इस्तेमाल होने वाले फौजी टेकटिकल शब्दों का क्या मतलब
  5. फौजी टैक्टिकल शब्द जैसे फर्स्ट लाइट फ्लैंक गार्ड यदि क मतलब
  6. अम्बुश की जुबानी हुक्म क्या होता है और इसमें सामिल होने वाले मुख्य बाते
  7. रोड ओपनिंग पार्टी/पट्रोल और उसके महत्व के बारे
  8. कॉन्वॉय कितने प्रकार का होता है ? कॉन्वॉय प्रोटेक्शन की पार्टिया कौन कौन सी होती ?
  9. कॉन्वॉय कमांडर और कॉन्वॉय मूवमेंट से पहले जानने वाली बातें
  10. रोड ओपनिंग पार्टी की तैनाती करने का तरीका तथा ROP ड्यूटी के दौरान IED से बचा के लिए ध्यान में रखनेवाली बाते

13 October 2018

#MeToo मूवमेंट का अंतिम अंजाम क्या होगा पुलिसमैन की नजर से

#Metoo मूवमेंट आज कल जोरो पे है पिछले दो सप्ताह से यह देखा गया आये दिन किसी न किसी नए सेलेब्रेटी का नाम इस #MeToo के लिस्ट में जुड़ रहा है ! और तरह तरह के चुटकुले सोसिअल मीडिया और व्हात्सप्प ग्रुप में चल रहे है ! लेकिन इस मूवमेंट का सबसे ज्यादा अगर किसी सरकारी महकमा के ऊपर असर डालने वाला है वो है पुलिस डिपार्टमेंट!
#Metoo in India
#Metoo
क्यों की अगर यह कोम्पैन केवल धित्कार और बदनाम तक ही सिमित रहता है तो इसमें पुलिस का कोई खास भूमिका  नहीं होगा लेकिंन  अगर पुलिस केस फाइल किया जाता है  तो पुलिस का भूमिका  बढ़ जायेगा!

और आम जनता तथा मीडिया ये प्रचारित करने लगेगी की पुलिस कंप्लेंन  होने के बाद भी पुलिस ये करवाई नहीं कर रही है तो पुलिस ओ करवाई नहीं कर रही है और हाथ पर हाथ रख कर बैठी हुई है!

ज्यादातर मीडिया रिपोर्टर बिना टाई के वकील बनेगे और जो पुलिस की पहले से  धूमिल छवि है उसे और  धूमिल करेगे  और पुलिस कितना भी अपनी सफाई दे लोग उनके सफाई के ऊपर उतना विश्वास नहीं करेंगे !


इसलिए मै यह जानने की कोसिस किया की अगर आरोपकर्ता पुलिस कोम्प्लेंन करता है तो पुलिस  क्या कर सकती है ! इसको जानने केलिए मैंने बहुत से ख्याति प्राप्त वकीलों का पोस्ट पढ़ा और जानकर लोगो का इंटरव्यू देखा और समझने के कोसिस किया की अगर पुलिस कंप्लेंन  होने पर क्या होगा !

# Metoo कोम्पैन वाले जो विक्टिम है अगर पुलिस कंप्लेंन  करते है तो उनके FIR  जो साधारणतः IPC सेक्शन लगेगा वह निम्न हो सकता है :
  • IPC सेक्शन  354-
  • IPC सेक्शन 354A
  • IPC सेक्शन 354B
  • IPC सेक्शन 354C
  • IPC सेक्शन 354D
  • और IPC सेक्शन 509
यहा यह बताना बेहद जरुरी है की  IPC सेक्शन 354  के साथ 354A,354B,354C,354D को 2013 में सामिल किया गया इसलिए जोभी गुनाह अगर  सन 2013 से पहले हुवा है उसका केस  IPC की धरा 354A, B,C,और D के अंतर्गत फाइल नहीं किया जा सकता और केवल IPC की धरा 354 के अंतर्गत ही फाइल किया जा सकता है ! 

इस विषय में एक विस्तृत पोस्ट सोसिअल साईट Quora पर सुप्रीम कोर्ट के जाने माने  वकील श्री अशोक धमीजा जी ने लिखा है जो बहुत ही सरल भाषा में समझा दिए है की क्या होसकता है  ! 

रही बात IPC सेक्शन 354  का तो सन 2013 से पहले इस सेक्शन के अंतर्गत अधिकतम सजा की जो अवधि थी वह  2 साल की थी जिसे सन 2013 में तीन साल कर दिया गया ! तो सन 2013 से पहले इस सेक्शन की अधिकतम सजा 2 साल थी इसलिए समानतः 3 साल के अन्दर कंप्लेंन  फाइल होना चाहिए  नहीं तो बिना कोर्ट के परमिशन इंसिडेंट  के  3 साल के बाद इस सेक्शन अंतर्गत केस नहीं चलाया जा सकता है ! 

कोर्ट के पास अधिकार है की वह स्पेशल परिस्थिति में अनुमति दे सकता है 3 साल के बाद केस चलाने  के लिए लेकिन उसके लिए कोर्ट को तथ्य के साथ सहमत कराना पड़ेगा  अगर कोर्ट प्रस्तुत किये गए कारण और तथ्यों को नहीं माना  तो केस नहीं चल सकता है !

यही बात IPC सेक्शन 509 पे लागु होता है  सन 2013 से पहले इस सेक्शन के अंतर्गत भी अधिकतम सजा 1 साल का था जिसे सन 2013 में बढ़ा कर 3 साल कर दिया गया !और इस सेक्शन के अंतर्गत केस रजिस्टर करने  का समय  गुनाह होने के 1 साल  के अन्दर  था ! इस केस में भी कोर्ट चाहे तो तथ्यों को ध्यान में रखते हुए केस फाइल करने का सीमा को बढ़ा सकता है और केस फाइल कर केस चलाने को बोल सकता है !

अभी तक जितना भी #Metoo के आरोप आये है ओ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2013 से पहले के है तो अगर ये लोग पुलिस के पास अपना फरियाद लिखाते  है तो पुलिस तो मना नहीं कर सकती है लेकिन ये अब पुलिस से ज्यादा फरियादी के ऊपर निर्भर करता है की ओ कोर्ट को कैसे राजी कर पाते है अपने तथ्य और साबुत से की कोर्ट यह मान ले और लेप्स पीरियड को  कंडोंनेशन (Condonation of delay period) कर दे अगर कोर्ट नहीं माना तो पहले स्टेज में ही केस को ख़ारिज कर देगा  !

पुलिस डिपार्टमेंट के ऊपर असर (Police Department ke upar #Metoo ka asar)

 किसी भी तरह के महिला उत्पीडन गलत है वह चाहे कार्यस्थल पे हो या घर पे इसका जितना भी घोर निंदा किया जाय काम है इसमें गुनाहगार को सख्त से सख्त सजा मिलिनी ही चाहिए लेकिन ऊपर बताई गई सारी बाते  रही क़ानूनी बैधता की बात  है !अब इन सब केसों के कारण पुलिस डिपार्टमेंट के ऊपर क्या असर पड़ेगा!

जैसे की हम पहले से जानते है की भारतीय पुलिस बहुत ही ओवर स्ट्रेच है बिभिन्न तरह की डियूटीज के कारण अभी ही ही औसतन एक पुलिस जवान दिन में करीबन 14 से 16 घंटा ड्यूटी करता है ! 

अभी तक केवल एक केस फाइल हुवा है जिसमें एक FIR रजिस्टर और स्टेटमेंट लेने में  करने में चार घंटा लग गया जिसमे जिसमे उच्च अधिकारी से लेकर कांस्टेबल तक सभी व्यस्त रहे ! और लोग भी आगे आते है और केस रजिस्टर करते है तो इसी के अनुसार ही समय लगेगा क्यों की  एलिगेसन कभी पुराने इंसिडेंट के ऊपर है जिसका साबुत मिलने में बहुत कठिन होगा ! 

ये ज्यादातर केस में बोलीवूड के लोगो के बिच का है और बोलीवूड आलरेडी डिवाइड होगया है तो यह पता नहीं की जो बॉलीवुड के लोग मौके बारदात पे मौजूद थे ओ किस खेमे के साथ है और ओ गवाही में किसका सपोर्ट करेंगे ! क्यों की अभी तक बॉलीवुड का रिकॉर्ड इस मामले में बहुत अच्छा नहीं रहा है ये  लोग हल्ला बहुत मचाते है लेकिन कोर्ट कचहरी से दूर रहते है !

 अब ये हाई प्रोफाइल केस है और  रजिस्टर होने के दिन से  पुलिस का मीडिया ट्रायल  शुरू हो जायेगा की पुलिस ये नहीं कर रही, पुलिस ओ नहीं कर रही लेकिन जो पुलिस कर रही है उसके बारे में मीडिया कुछ नहीं बताएगी और इसके कारण पुलिस के ऊपर बहुत दबाव आएगा और जो पुलिस अभी अपने काम के बोझ तले दबी हुई है किसी अहम् केस को छोड़ के इन केसों के ऊपर ज्यादा समय देना पड़ेगा !

और अगर  पुलिस की यह केस पहले दिन ही कोर्ट से ख़ारिज होगया तो मीडिया आरोपकर्ता को जिमेवार नहीं ठहरायेगी की वो लोग इतने दिनों तक क्यों चुप रहे बल्कि पुलिस के ऊपर मालवा आ कर गिरेगा की पुलिस केस को अच्छी तरह  से विवेचना नहीं की इसलिए केस गिर गया कोर्ट में !

यहाँ तक तो एपिसोड का पहला भाग है पुलिस का काम यही ख़त्म नहीं होगा अगर पुलिस केस कोर्ट में गिर गया तो आरोपी वर्ग काउंटर केस आत्मसम्मान(defamation) को ठेस  पहुचने का केस करेगा फिर पुलिस वाले एक केस से निकलेगे दुसरे में सुरु हो जायेगे और मीडिया ट्रायल जारी रहेगा ! और दोनों अपना अपना काम करेंगे यानि पुलिस अपनी काम करेगी और मीडिया अपनी ! 

All the best to both party media and police!

उम्मीद है की यह छोटा पोस्ट आप को पसंद आएगा ! अगर कोई कमेंट होतो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग  को सब्सक्राइब औत फेसबुक पर लाइक करे और हमलोगों को और अच्छा करने के लिए प्रोतोसाहित !

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