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28 July 2017

ROP लगाते समय एक कमांडर को ध्यान में रखनेवाली बाते !

पिछले पोस्ट में हमने आर ओ पि की तैनाती के बारे में जानकारी प्राप्त किये! इस पोस्ट में हम ROP की तैयारी के लिए क्या क्या बात सुनिश्चित(ROP ki taiyari me kya kya dekhna chahiye) करनी चाहिए !




आर ओ पी की तैनाती का तरीका भगौलिक स्तिथि , क्षेत्र में मौजूद खतरा या कार्यरत आतंकवादियो  का मोडस ओपेरंडी तथा उपलब्ध मैन पॉवर के ऊपर निर्भर करती है! और  एक  कमांडर की ये जिम्मेवारी होती है की आर ओ पी  को निकलने के समय  कुछ चीजो को सुनिश्चित करे ताकि ROP आपने मकशाद में कामयाब हो और आतंकवादियो के मसुबो को नाकामयाब बना सके  !

जरुर पढ़े : पेट्रोलिंग और नाईट पेट्रोलिंग और उसके टास्क और नफरी


इस पोस्ट को अच्छी तरह से समझने के लिए हमने इसे निम्न विन्दु में बंटा गया है :
ROP Duty
ROP Duty (प्रतीकात्मक )

  1. आर ओ पी को भेजने से पहले की जरुरी करवाई क्या क्या करनी चाहिए  !(ROP ko bhejne se pahle ki jaruri karwai kya kya karni chahie)
  2. आर ओ पी के दौरान क्या न करे ?(ROP ke dauran kya nahi karne chahie)
1.आर ओ पी को भेजने से पहले की जरुरी करवाई क्या क्या करनी चाहिए  !(ROP ko bhejne se pahle ki jaruri karwai kya kya karni chahie): ROP को लगाने से पहले निम्न को ध्यान में रखना चाहिए :
  • ROP की तैनाती के लिए विस्तृत रैकी करना चाहिए !
  • अम्बुश तथा IED के संभावित जगहे जैसे , पुलिओ और पुल , तंग रस्ते , नाले और जंगल , सड़क के मोड़ और चौराहे , निर्मित इलाके , कोई सुनसान इलाके यदि की पहचान करना चाहिए !
  • पुरे इलाके को क्षेत्रो और उप क्षेत्रो में बांट दो !
  • अपने जवानों को सब यूनिटो तथा सब यूनिटो के भीतर समूहों में बाँट दे !
  • आर ओ पी को पोस्ट छोड़ने से पहले समझाए और कोई इंटेलीजेन्स कोई हो उसे शेयर करे !
  • गोपनीयता व आश्चर्य बनाये रखने के लिए पोस्ट से बहार रात के समय में प्रस्थान करे !
  • प्रश्थान हमेश युद्ध निति से करे 
  • पहले से चयन किए गए इलाको में अँधेरे में ही पहुच जाए !
  • DSMD(Deep Search Metal Detector) और प्रोडर को साथ अवश्यक ले जाए !
  • लघु शास्त्रों के कारगर मारक क्षमता तक सड़क के दोनों तरफ तलाशी करे !
  • जो इलाके सशस्त्र गार्ड द्वारा रखवाली न किये जा रहे हो उन्हें फायर और निगरानी के द्वारा कवर करे !
  • पुलों और पुलिओ को गार्ड रखकर रखवाली करे !
  • खाली क्षेत्रो को एल एम् जी और एमेमजी द्वारा कवर करे !
  • मोबाइल रिज़र्व अवश्य रखे तथा यूनिट और उच्च मुख्यालयों से बेहतर संचार संपर्क रखे !
  • सुनिश्चित करे की काफिला के चलने से आधे घंटे पहले आर ओ पि पूरी तरह से लग चुकी हो !

2. आर ओ पी के दौरान क्या न करे ?(ROP ke dauran kya nahi karne chahie): आर ओ पि के डीपलॉयमेंट के दौरान इन बातो को नहीं करना चाहिए :
  • एक स्थान पर आर ओ पि की तैनाती नहीं करना चाहिए बल्कि आर ओ पि की जगह में परिवर्तन करते रहना चाहिए !
  • जिम्मेवारी के इलाके को सेक्टर व सब सेक्टर में बांटे जहा पहुचने में ज्यादा समय लगते हो !
  • जिस जगह पर उग्रवादियो द्वारा एक बार फायर किया गया हो उस जगह को खली न करे !
  • स्माल आर्म्स के मार्क क्षमता के क्षेत्र में उछि आकृत्य या पहाडियो को खली न छोड़े बल्कि उसके ऊपर गार्ड जरुर लगाये !
इस प्रकार की सावधानिय बरती जाये तो काफी हद तक ROP के दौरान होनेवाले आतंकवादी हमलो के रोका जा सकता है और आतंकवादियो के मंसूबो के ऊपर पनी फेरा जा सकता है !

जरुर पढ़े : अपराधिक सूचना कलेक्ट करने का स्त्रोत और सूचना कलेक्ट करने का तरीका

इस प्रकार से ROP की तैयार में देखनेवाली बाते  से सम्बंधित  एक संक्षिप  ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुई! उम्मीद है की पोस्ट आपको पसंद आएगा ! अगर कोई  या ब्लॉग के बारेमे हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे ! और इस ब्लॉग को सब्सक्राइब तथा फेसबुक शेयर तहत लिखे करके हमलोगों को प्रोतसाहित करे और अच्छा करने के लिए !  


इन्हें भी पढ़े :


  1. पुलिस ड्यूटी
  2. फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट में होनेवाली कुछ कॉमन गलतिया
  3. 6 कॉमन गलतिया अक्सर एक आई ओ सीन ऑफ़ क्राइम पे करता है
  4. क्राइम सीन पे सबसे पहले करनेवाले काम एक पुलिस ऑफिसर के द्वारा
  5. बीट और बीट पेट्रोलिंग क्या होता है ?एक बीट पट्रोलर का ड्यूटी
  6. पुलिस नाकाबंदी या रेड् क्या होता है ?नाकाबंदी और रेड के समय ध्यान में रखनेवाली बाते 
  7. निगरानी और शाडोविंग क्या होता है ? किसी के ऊपर निगरानी कब रखी जाती है ?

27 July 2017

रोड ओपनिंग पार्टी की तैनाती करने का तरीका तथा ROP ड्यूटी के दौरान IED से बचाव के लिए ध्यान में रखनेवाली बाते

पिछले पोस्ट में हमने कॉन्वॉय कमांडर और कॉन्वॉय मूवमेंट से सम्बंधित जानकारी शेयर की थी इस पोस्ट में हम रोड ओपनिंग पार्टी कैसे लगायें और आर ओ पी ड्यूटी में IED से बचने के लिए कौन कौन से हिदायते अपनानी चाहिए(Road Opening karty kaise lagayi jati hai aur ROP duty ke dauran IED se bachne ke liye kya percuation lena chahiye)  इस विषय के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे !





इस पोस्ट को अचछी तरह से समझाने के लिए हमने इसे निम्न विन्दु में बंटा है
ROP Deployment
ROP Deployment

  1. आर ओ पी तैनाती के कौन से तरीके है ?(ROP lagane ke tarike kain se hai ?)
  2. ROP ड्यूटी के दौरान IED से बचने के लिए कौन कौन से सुरक्षा कदम उठाना चाहिए (ROP duty ke dauran IED se bachne ke lie kaun kaun se suraksha kadam uthana chahiye)

1. आर ओ पी तैनाती के कौन से तरीके है ?(ROP lagane ke tarike kain se hai ?) आर ओ पी की तैनाती का तरीका भगौलिक स्तिथि , क्षेत्र में मौजूद खतरा या कार्यरत आतंकवादियो का मोडस ओपेरंडी तथा उपलब्ध मैन पॉवर के ऊपर निर्भर करती हैकि ROP कैसे डिप्लॉय की जाएगी ! उसी को ध्यान में रखकर ROP को निम्न तरीके से तैनात की जाती है :

  • पिकेट  के द्वारा 
  • चुने गए स्थानों पर सशस्त्र गार्ड नियुक्त करके 
  • पैदल पेट्रोलिंग  के द्वारा
  • धाती हमले के संभावित स्थानों को कवर करके  
  • ऊपर बताये गए सभी तरीको के मिश्रण द्वारा !
जरुर पढ़े : पेट्रोलिंग और नाईट पेट्रोलिंग और उसके टास्क और नफरी

2.ROP ड्यूटी के दौरान IED से बचने के लिए कौन कौन से सुरक्षा कदम उठाना चाहिए (ROP duty ke dauran IED se bachne ke lie kaun kaun se suraksha kadam uthana chahiye)ROP को तैनाती के द्वारं ज्यादातर या तो अम्बुश का खतरा रहता है IED(Improvised Explosive Device) का खतरा रहता है इस लिए हर एक कमांडर को चाहिए की अपने जवानों के IED के खतरे के बारे में बताते रहे और यह हर एक जवान की जिम्मेवारी है की वो ROP ड्यूटी के दौरान काफी सचेत रहे और किसी भी खतरा की हलके में न ले ! और IED हमले से बचाव के लिए निम्न सुरक्षा सम्बंधित कदम जरुर उठाना चाहिए :

  • सुरक्षा कवच , हेलमेट तथा सुरंगी चश्मे यदि उपलब्ध हो तो जरुर पहनना चाहिए !
  • सभी जवान को माइन व बूबी ट्रैप के प्रति सचेत रहने के लिए प्रशिक्षित  करे या जानकरी दे  !
  • हर एक सामान को शक के निगाह से देखे !
  • ड्यूटी के दौरान कुछ भी सेफ नहीं है वैसी सोच रख कर ड्यूटी करे !
  • धुल, घास , छड़ी गोबर , तथा सड़क पे अन्य वस्तुओ पर नजर रखे इसमें एक्सप्लोसिव हो सकते है !
  • पोस्टो , वृक्ष पर लगे साकेत के प्रति सतर्क रहे ये बारूदी सुरंग हो सकते है !
  • संकेतो के अतिरिक्त , अन्य चिन्हों जैसे डाँडो , पत्रों की पकती में रखा होना या घास का ढेर जो निश्चित दुरी पर रखे हो उसके ऊपर नजर रखे !
  • सड़क की तरफ से गुज्र्नेवाले तारो पर नजर डाले !
  • किसी तारबंदी तथा झाड़ीदार इलाके में जाने से पहले ध्यानपूर्वक अवलोकन करे !
  • लटकते हुए खुले तारो के प्रति सावधान रहे ! यह आपको ट्रैप कर सकता है !
  • सिविलियन पर नजर रखे तथा बस्तिओ को देखे ! यदि कहली घर के संकेत मिले तो सतर्क हो जाये !
  • उग्रवादियो द्वारा छड़े गए उपकरण तथा राष्ट्र विरोधी तत्वों के ध्वज व रसद के प्रति सावधान रहे ! ये बूबी ट्रैप हो सकते है !
  • पक्का रॉड से उतरके काचेचे रोड की और जाते समय ध्यान रखे !
  • जब कोई डिवाइस पाया जाता है तो उसे चिन्हित करे , पीछे हेट था रिपोर्ट करे ! दुसरो को भी इससे दूर करे !सड़क के किनारे कोई नई खुदाई की गई हो या जहा पे आप अपनी पोजीशन ले रखे उसके आजू बाजू ध्यान पूर्वक देख ले ! 
  • सड़क के दोनों और ऐसी जगह पर नजर रखे जहा पे IED हो सकता है !
जरुर पढ़े : अम्बुश और काउंटर अम्बुश, अम्बुश का उद्देश्य , अम्बुश का पार्टिया , अम्बुश का टारगेट
इस प्रकार से रोड ओपनिंग पार्टी की ड्यूटी के दौरान सतर्कता पूर्वक रह कर ऊपर बताई गई बातो के अपनाये तो रोड ओपनिंग पार्टी के ड्यूटी के दौरान IED के हमले से बचाव अच्छी तरह से किया जा सकता है !


इस प्रकार से ROP पार्टी की तैनाती था ROP ड्यूटी केदौरान IED के हमले से बचाव से सम्बंधित  एक संक्षिप  ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुई! उम्मीद है की पोस्ट आपको पसंद आएगा ! अगर कोई  या ब्लॉग के बारेमे हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे ! और इस ब्लॉग को सब्सक्राइब तथा फेसबुक शेयर तहत लिखे करके हमलोगों को प्रोतसाहित करे और अच्छा करने के लिए !  
 इन्हें भी पढ़े :


  1. पुलिस ड्यूटी
  2. फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट में होनेवाली कुछ कॉमन गलतिया
  3. 6 कॉमन गलतिया अक्सर एक आई ओ सीन ऑफ़ क्राइम पे करता है
  4. क्राइम सीन पे सबसे पहले करनेवाले काम एक पुलिस ऑफिसर के द्वारा
  5. बीट और बीट पेट्रोलिंग क्या होता है ?एक बीट पट्रोलर का ड्यूटी
  6. पुलिस नाकाबंदी या रेड् क्या होता है ?नाकाबंदी और रेड के समय ध्यान में रखनेवाली बाते 
  7. निगरानी और शाडोविंग क्या होता है ? किसी के ऊपर निगरानी कब रखी जाती है ?
  8. अपराधिक सूचना कलेक्ट करने का स्त्रोत और सूचना कलेक्ट करने का तरीका


22 July 2017

लेसन प्लान बनाने का तरीका तथा लेसन प्लान का खाका

पिछले पोस्ट में हमने लेसन प्लान बनाने से पहले क्या क्या सोच विचार करनी चाहिए उसके बारे में जानकारी प्राप्त किये और अब इस पोस्ट में हम लेसन प्लान के खाका और लेसन प्लान बनाने  का तरीका(lesson plan ke khaka aur lesson plan banane ka tarika kya hai) के बारे में जानेगे !





पिछले पोस्ट में हमने ये जान चुके है की लेसन प्लान के सोच विचार करने के दौरान किन किन बातो के ऊपर ध्यान रखना चाहिए और उसके से क्या क्या फायदे है उसी तरह लेसन प्लान  बनाते समय है लेसन प्लान को इस तरह से खाका नुमा स्वरुप देते है की लेसन प्लान देख कर ही बहुत सारी जानकारी लेसन देखने से ही  पता चल जाये !
इस पोस्ट को अच्छे से समझने के लिए इसे निम्न भागो में बंटा गया है :


  1.  लेसन प्लान बनाने के लिए मुख्य बाते(Lesson plan banane ke lie mukhy baten kaun kaun si hai)
  2. लेसन प्लान बनाने का तरीका(Lesson plan banane ka tarika kya hai)
  3.  लेसन प्लान बनाते वक्त ध्यान में रखने वाली बाते(Lesson plan banate wakt dhyan me rakhnewali bate kaun kaun si hai?)
1. लेसन प्लान बनाने के लिए मुख्य बाते(Lesson plan banane ke lie mukhy baten kaun kaun si hai):लेसन प्लान के बारे में अन्य कुछ बातचीत करने से पहले निहायत ही जरुरी है की आपको उसका खाका के बारे में बता दिया जाय और  उसके मुख्य अंश क्या होते है इस सब के बारे में जानकारी दे दी जाये !
लेसन प्लान के मुख्य अंश निम्न होते है :


  • सबसे ऊपर और बाएँ, कोर्स सब्जेक्ट, और पीरियड  आल्लोट की जानकारी  दी जाए 
  • ऊपर और दाहिने , सिलेबस रेफरेंस , पीरियड नम्बर दी जाये 
  • लेसन प्लान के कॉलम - इसके अंतर्गत - सीरियल नम्बर , भाग , पाठ्य समग्रिः /विस्तार से , ट्रेनिंग ऐड , समय /टाइम - इसमें एक्चुअल और रनिंग टाइम दिखाते  है ! रिमार्क्स - इस कलम के सबसे महत्वपूर्ण होता है जिसके अंतर्गत इंस्ट्रक्टर के लिए हिदायते डी जाट है !
2.लेसन प्लान बनाने का तरीका(Lesson plan banane ka tarika kya hai) :  ऊपर आपने देखा की लेसन प्लान का खाका कैसा होता है , लेकिंग बनाने के लिए करवाई कीस प्रकार की जाती है यानि लेसन प्लान बनाने का तरीका निम्न है:
  • प्रेसिज और लाइब्रेरी से मटेरियल इक्कठा करें 
  • सबक का उद्देश्य और समय को देखते हुए जरुरी भागो में बाँट करें 
  • हर एक भाग के अंत में कुछ सवाल और जवाब शामिल कर लिए जाएँ !
  • ट्रेनिंग ऐड का पूरा इस्तेमाल किया जाए  
  • हर एक भाग के साथ समय का बटवारा कर दिया जाए !
  • किसी भी प्रदर्शन/उदहारण  को जरुरत के अनुसार शामिल किया जाये बेहतर होगा की उदहारण को लेसन के अंत में दिया जाए !
  • संक्षेप अंत में जरुर किया जाए 
  • इन सबको मिलकर रफ लेसन प्लान बना लिया जाए 
  • रेहेर्सल अगर जरुरत हो तो कर लिया जाए 
  • फिर लेसन लं बना लिया जाए 
जरुर पढ़े :इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग (IWT) चलाने का तरीका

3. लेसन प्लान बनाते वक्त ध्यान में रखने वाली बाते(Lesson plan banate wakt dhyan me rakhnewali bate kaun kaun si hai?): लेसन प्लान अनते वक्त कुछ जरुरी बातें है जिनको ध्यान में रखना चाहिए वह इस प्रकार है :

  • लेसन प्लान पॉइंट फॉर्म में हो 
  • ट्रेनिंग ऐड को दी कोलन में आवश्यकता के अनुसार शामिल किआ जाए !
  • सवाल और जवाब के लिए प्राप्त समय हो 
  • भूमिका और संक्षेप्त को भी पूरा लिख सकते है 
  • इंस्ट्रक्टर केलिए हिदायते रिमार्क्स कलम में दी जाए  इस के अंतर्गत ओ सभी हिदायते डी जा सकती है जो इंस्ट्रक्टर के लिए मददगार हो !
  • फौजी तरतीब और तरीका से लेसन प्लान बनाया जाए तथा साफ सुथरा हो 

इस प्रकार से लेसन प्लान  बनाने का तरीका तथा  लेसन प्लान का खाका से   सम्बंधित पोस्ट समाप्त हुवा ! उम्मीद है की पोस्ट पसंद आएगा ! अगर ब्लॉग या पोस्ट से सम्बंधित कोई सुझाव हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे !

इन्हें भी  पढ़े :
  1. ग्रुपिंग फायर क्या होता है? ग्रुपिंग की काबिलियत किसे कहते है ?
  2. एम् पी आई और एप्लीकेशन फायर क्या होता है ?
  3. इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग (IWT) चलाने का तरीका
  4. डीलेड ब्लो बैक कैसे काम करता है ?
  5. रेकॉइल ऑपरेशन के सिद्धांत तथा लॉन्ग रेकॉइल और शोर्ट रेकॉइल क्या होता है ?
  6. 84 mm राकेट लांचर के पार्ट्स का नाम और बेसिक टेक्निकल डाटा तथा विशेषताए
  7. एंगल ऑफ़ डिपार्चर और एंगल ऑफ़ एलिवेशन क्या होता है
  8. आटोमेटिक हथियारों का चाल और सिद्धांत
  9. आटोमेटिक वेपन के गैस ऑपरेशन के सिद्धांत कैसा काम करता है
  10. आटोमेटिक हथियार के गैस को रेगुलेट करने का तरीका तथा फायदे और नुकशान
  11. ब्लो बैक ओपेराटेड हथियार और उसका विशेषताए

21 July 2017

पुलिस ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए लेसन प्लान बनाने से पहले क्या क्या सोच विचार होता है ?

इस ब्लॉग पोस्ट में हम जानेंगे की एक सबक चलाने  के लिए लेसन प्लान तैयार करने से पहले क्या क्या सोच विचार करनी चाहिए(Police Training Program ke lie lesson plan banane se pahle kya kya  soch vichar hota hai ?) ताकि ट्रेनिंग को सही से कंडक्ट किया जा सके !





जैसे की हम जानते है किसी भी कार्य को सफल बनाने के लिए यह जरुरी है की उसके बारे में अच्छी तरह से योजना बनायीं जाय और विशेषकर जब हम किसी विषय के ऊपर शबक देने की बात आये तो  की शुरुवात करने के लिए प्लानिं करते है उस समय हमें और  भी विशेष तरह से योजना बद्ध हों चाहिए क्यों की एक ट्रेनिंग को कंडक्ट करने में बहुत सारे  लोगो सामिल होते है और ट्रेनीज भी बहुत जगह से ड्यूटी छोड़ के आते है !

जरुर पढ़े :इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग (IWT) चलाने का तरीका

इस प्रकार से किसी भी इंस्ट्रक्टर को अपना लेसन चलने से पहले सबक का लेसन प्लान बनान जरुरी हो जाता है  ! लेसन प्लान का मतलब है सबक के बारे में ऐसी जानकारी और योजना बनाया जाये की जिसके मदद से एक इंस्ट्रक्टर अपने सबक को दिए हुए समय के मुताबिक सरलता और तरतीब से अपने ट्रेनीज के सामने चला सके !
Training lesson plan
Training class
लेसन प्लान नहीं बनाने से नुकशान यह होता है की या तो लेसन छोटा है जायेगा या दिए हुए समय के अन्दर लेसन समाप्त नहीं होगा या हो सकता है की उस्ताद लेसन से बहार चले जाये और लेसन की पूरी बाते तरतीब से अपने ट्रेनीज को न बता सके !

जरुर पढ़े :आटोमेटिक हथियारों का चाल और सिद्धांत

इस लिए जरुरी है की लेसन प्लान बनाने से पहले थोडा लेसन के विषय बस्तु के बारे में सोच विचार कर लिया जाये ! अगर हम गौर करे तो हमे कुछ प्रश्नों के उत्तर की जरुरत पड़ेगी जैसे :-क्या , कहा , कैसे, कौन आदि को ही हम सामिल कर के लेसन प्लान बनने का आधार मिलता है !

लेसन प्लान बनाने से पहले हमे इन बातो के ऊपर सोच विचार करनी चाहिए :
  • क्या पढ़ना है,  विषय और उद्देश 
  • डेट , समय और जगह . जगह का विकल्प भी होना चाहिए 
  • ट्रेनीज का स्तर! रिक्रूट , यंग सोल्जर या ताजुर्वेदार सोल्जर के लिए , ताजुर्वेदार सोल्जर में भी सिपाही , UOs या SOs के लिए !
  • तरीके : बेसिक , PWT, CWT या IWT के तरीके से 
  • तरिनिंग ऐड : किन किन ट्रेनिंग ऐड की जरुरत पड़ेगी 
  • समय की योजना : समय को योजना बद्ध तरीके से पूरा उपयोग किया जाए 
  •  बंदोबस्ती की कार्यवाही : , गाड़ी , पानी खाना आदि की अवयस्कता 
  • कमजोरी या पॉइंट जो पहले महसूस किये गए हो 
जरुर पढ़े :सिंपल ब्लो बैक और ब्लो बैक विथ एपीआई क्या होता है

इस प्रकार से हम ऊपर दिए गए बातो का ख्याल रखते हुए पुर सोच विचार करने के बाद अगर एक लेसन प्लान बनाते है तो वह लेसन पलना चलाने तथा अपने उद्देशो की पूर्ति करने में हमेश सक्षम रहेगी ! इस लिए एक लेसन प्लान बनाने से पहले उसके बारेमे सभी एंगल से सोच विचार कर लेनी चाहिए तथा उसके बाद ही लेसन की प्लानिंग करनी चाहिए !

इस प्रकार से ट्रेनिंग चलाने  के लिए  लेसन प्लान बनाने से पहले की सोच विचार से   सम्बंधित पोस्ट समाप्त हुवा ! उम्मीद है की पोस्ट पसंद आएगा ! अगर ब्लॉग या पोस्ट से सम्बंधित कोई सुझाव हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे !

इन्हें भी  पढ़े :
  1. ग्रुपिंग फायर क्या होता है? ग्रुपिंग की काबिलियत किसे कहते है ?
  2. एम् पी आई और एप्लीकेशन फायर क्या होता है ?
  3. इंटीग्रेटेड वेपन ट्रेनिंग (IWT) चलाने का तरीका
  4. डीलेड ब्लो बैक कैसे काम करता है ?
  5. रेकॉइल ऑपरेशन के सिद्धांत तथा लॉन्ग रेकॉइल और शोर्ट रेकॉइल क्या होता है ?
  6. 84 mm राकेट लांचर के पार्ट्स का नाम और बेसिक टेक्निकल डाटा तथा विशेषताए
  7. एंगल ऑफ़ डिपार्चर और एंगल ऑफ़ एलिवेशन क्या होता है
  8. आटोमेटिक हथियारों का चाल और सिद्धांत
  9. आटोमेटिक वेपन के गैस ऑपरेशन के सिद्धांत कैसा काम करता है
  10. आटोमेटिक हथियार के गैस को रेगुलेट करने का तरीका तथा फायदे और नुकशान
  11. ब्लो बैक ओपेराटेड हथियार और उसका विशेषताए


19 July 2017

ड्रिल की बुरी आदते तथा ड्रिल की सिखलाई देने की तरतीब

ड्रिल का ट्रेनिंग देते समय यह देखा गया है की ट्रेनीज कुछ ऐसी आदते सिख लेते है जो की डएक अच्छी ड्रिल को भी बुरी बना देती है ! इस पोस्ट में हम ड्रिल के बुरी आदते कौन कौन सी है और ड्रिल की सिखलाई देने के तरतीब(Drill ke buri aadate aur drill sikhlai dene ke tartib kaise ho) के बारे में जानेगे !





ड्रिल का ट्रेनिंग देते समय अगर एक ट्रेनीज को अच्छी आदते और ड्रिल के बुरी आदतों के बारे में नही बताया jay तो बहुत बार ऐसा हो ता है की एक ट्रेनीज अनजाने या जानते हुए कुछ इसी हरकते करता है तो जो दूर से देखने में अच्छा नहीं लगता है और पूरा ड्रिल को ख़राब कर देता है !

इसलिए यह ड्रिल इंस्ट्रक्टर का कम है की वह हर के ट्रेनीज के ऊपर ध्यान दे और हर एक ट्रेनीज को ड्रिल की बुरी आदते कौन कौन सी है जिसे नहीं करना चाहिए !

इस पोस्ट को अच्छी तरह से समझने के लिए हमने इस पोस्ट को निम्नलिखित भागो में बाँट दिया है !
ड्रिल इंस्ट्रक्टर 


  1. ड्रिल की बुरी आदते (Drill ke buri aadate)
  2. ड्रिल की सिखलाई की तरतीब drill sikhlai dene ke tartib kaise ho)
  3. ड्रिल उस्ताद के गुण (Drill ustad/instructor ke gun)
  4. ड्रिल के सिखलाई का पीरियड और बंदोबस्त कैसा हो (Drill ke sikhlai ka period aur bandobast)
जरुर पढ़े :ड्रिल में अच्छी पॉवर ऑफ़ कमांड कैसे दे सकते है

1.ड्रिल की बुरी आदते (Drill ke buri aadate): ड्रिल करते समय कुछ ट्रेनीज ऐसी कुछ हरकते सिख लेते है जोकि ड्रिल ट्रेनिंग के बुरी आदतों में सामिल है ! ड्रिल ट्रेनिंग की कुछ बुरी आदते इस प्रकार से है जैसे :

  • आँख का घुमाना (rolling of eyes): आँख को बार बार इधर उधर घुमाना ड्रिल में गलत मन जाता है !
  • कूदना और फुदकना : मार्चिंग या ड्रिल का हरकत करते समय कूदक कूदक का मार्च करना गलत मन गया है !
  • पांव को घसीट कर चलना : मार्चिंग या ड्रिल के किसी उर हरकत के दौरान पांव को घसीट कर रखना गलत मन गया !
  • एडियो को टकराना : मार्चिंग के दौरान एडियो को आपस में टकरा के मार्च करना !
  • बूट में अंगुलिओं को हरकत देना : बूट के अन्दर अंगुलिओं का हरकत देना कोई बुरी आदत नहीं है लेकिंन अंगुलिओं का मूवमेंट ऐसी नहीं होना चाहिए की ओ बहार से दिखाई दे !
  • अनावश्यक हरकत करना : ड्रिल के दौरान अनावश्यक हरकत को भी ड्रिल की बुरी आदत मानी जाती है !
  • मार्चिंग के दौरान निचे देखना!
  • आगे या पीछे झुक कर मार्च करना  यदि !
2. ड्रिल की सिखलाई की तरतीब drill sikhlai dene ke tartib kaise ho):ड्रिल इंस्ट्रक्टर के लिए स्क्वाड को ट्रेनिंग देना का तरतीब  निम्न प्रकार के होनी चाहिए :

  • स्क्वाड उस्ताद के गिर्द आधे देरे में हो 
  • स्क्वाड का मुह सूरज और सड़क के बरखिलाफ हो 
  • ड्रिल ट्रेनिंग ऐड स्क्वाड से 15 कदम की दुरी पर हो 
  • नई लेसन शुरू  करने पे पहले पिछले लेसन के ऊपर दोहराई ली जाये !
  • ड्सबक का उद्देश्य साफ साफ और दोहराई करा के बताये 
  • सबक का दुरुस्त नमूना दे 
  • गिनती से नमूना दे 
  • गिनती और बयाँ से नमूना दे 
  • अगर गिनती नहीं है तो बयान के साथ नमूना 
  • अगर सबक लम्बा हो तो एक मूवमेंट और उसकी बयाँ कर के बताये 
  • गिनती से अभ्यास और वर्ड ऑफ़ कमांड  उस्ताद बताएं 
  • खुसी से अभ्यास और वर्ड ऑफ़ कमांड उस्ताद बताएं 
  • समय पुकारते हुए अभ्यास वर्ड ऑफ़ कमांड उस्ताद बताएं 
  • समय के अंदाजे से अभ्यास और वर्ड ऑफ़ कमांड उस्ताद बताएं 
  • स्क्वाड के दो अच्छे जवानों का नमूना 
  • सबक सम्पति से पहले कोई शक और सवाल पूछे 
  • अंत में संक्षेप बताये 

3.ड्रिल उस्ताद के गुण (Drill ustad/instructor ke gun): एक अच्छे ड्रिल इंस्ट्रक्टर के अन्दर क्या क्या अच्छे गुण होने चाहिए उसका कुछ लिस्ट निम्न प्रकार से है :

  • फुर्तीला हो 
  • ड्रिल में की जाने वाली हरकतों का दुरुस्त नमूना दे सके 
  • क्लास को सिखाली साफ और दुरुस्त तरतीब से दे सके 
  • स्क्वाड के गलतियो को फ़ौरन अच्छी तरह से दुरुस्त कर सके 
  • वर्ड ऑफ़ कमांड अच्छे तरह से उछि आवाज में दे सके 
  • क्लास में कभी भी ढीलापन न आने दे 
  • हमेश उच्चे दर्जे के डिसिप्लिन को कायम रखे 
  • सहनशील हो 
  • निष्पक्ष हो 
  • शारीरिक गठन स्मार्ट हो यदि 

4.ड्रिल के सिखलाई का पीरियड और बंदोबस्त कैसा हो (Drill ke sikhlai ka period aur bandobast): सिखलाई और बंदोबस्त के दौरन ध्यान में रखने की बाते निम्न प्रकार से है :
  • ड्रिल तरतीब से सिखाई जाये 
  • ड्रिल की एक हरकत पे 15 मिनट से ज्यादा समय न लिया जाय 
  • एक पीरियड 40 मिनट से ज्यादा का न हो 
  • रिक्रूट की ट्रेनिंग के दौरान एक दिन में 3 पीरियड से ज्यादा ना चलाया जाएँ 
  • उस्ताद को चाहिए के सबक के आखरी 5 मिनट में स्क्वाड जो हरकत अच्छी तरह कर सकते हो  उन हरकतों को प्रोतोसाहित करनी चाहिए ताकि उन हरकतों को जिससे जवान को अपने काम पर भरोसा हो जाता है !
  • स्क्वाड को छोड़ने से पहले उनके शक और सवाल पूछ कर और दूर करके ही छोड़ना चाहिए !  
इस प्रकार से पुलिस की छवि और उसके नफा नुकशान से सम्बंधित पोस्ट समाप्त हुवा ! उम्मीद है की पोस्ट पसंद आएगा ! अगर ब्लॉग या पोस्ट से सम्बंधित कोई सुझाव हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग को सब्सक्राइब या फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे !
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18 July 2017

पुलिस की छवि और छवि का पुलिस के ड्यूटी पे पड़ने वाले असर कौन कौन से है

यह टॉपिक पुलिस ट्रेनिंग के दौरान पुलिस और समाज विधी के अंतर्गत आता है है जिसमे पुलिस और समाज के बीच कैसे संबंध होना  चाहिए और समाज पुलिस से क्या अपेक्षा रखता है यदि, टॉपिक को पढाया जाता है ! इस पोस्ट में पुलिस की छवि का क्या मतलब और पुलिस की सकारात्मक छवि क्यों जरुरी है(Police ki chhavi ka kya matlab aur police ki sakaratmak chhavi kyo jaruri hai ) के बारे में जानेगे  !





इस विषय को अच्छी तरह से समझने के लिए हम इस पोस्ट को निम्न भागो में बंटा है ?

police image
पुलिस करवाई 
  1. छवि क्या है ?(Chhavi kya hota hai)
  2. पुलिस की सकारात्मक छवि क्यों जरुरी है ?(Police ki sakaratmak chhavi kyo jaruri hai)
  3. पुलिस की सकारात्मक छवि नहीं होने का क्या क्या नुकशान हो सकता है ?(Police ki sakaratmak chhavi nahi hone ka kya kya nukshan ho sakta hai )

जरुर पढ़े :चुनाव के दौरान पुलिस का कर्तव्य

1. छवि क्या है ?(Chhavi kya hota hai):  पुलिस को आज हर तरफ से अविश्वास और संदेह के नजर से देखा जाता है ! आम नागरिक एक पुलिस वाले को घृणा की दृष्टी से देखता है! आज काल पुलिस का आम नागरिको पर उतना प्रभाव या रॉब नहीं है और न ही पुलिस को पहले की तरह उतना सम्मान दिया जाता है ! पुलिस के प्रति जनता में बहुत ही रोष है जो की बहुत बार पुलिस के ऊपर हमला कर के दिखा चुकी है ! इस रोष के पीछे अनेको कारन है जिसमे की एक है की वर्तमान पुलिस संगठन उपनिवेशवादी शासन प्रणाली का देना है इस लिए पुलिस भी प्रजातान्त्रिक ढांचे के अनुरूप काम नहीं करती है!  पुलिस की छवि एक दमन करी बन कर रह गई है !

छवि क्या  होता है ? छवि को इंग्लिश में image भी कहते है :साधारणतः छवि  से तात्पर्य  उस विचारधारा से जो किसी व्यक्ति या संस्था या विभाग के प्रति आमलोगों द्वारा उनके गुणों और विशेषताओ  को बहुत बारीकी से देखने, परखने और अजमाने के बाद बनाते है !


जरुर पढ़े :थाना इंचार्ज के चुनाव ड्यूटी सम्बंधित चेक लिस्ट

यानि जब कोई आम जन किसी विभाग के कर्मचारियो से मिलता है आपने काम के बारे में बात करता है योर उस दौरान उस कर्मचारी या बिभाग के प्रति जो वह एक छवि अपने मन  में बनाता है उसे  से  ही उस व्यक्ति या विभाग का छवि कहते है !

2. पुलिस की सकारात्मक छवि क्यों जरुरी है ?(Police ki sakaratmak chhavi kyo jaruri hai): सकारात्मक छवि केवाल पुलिस को ही जरुरत नहीं पड़ती है बल्कि सकारात्मक छवि सभी के लिए जरुरी होती है चाहे  ओ कोई विभाग हो या कर्मचारी !

प्रत्येक विभाग की छवि उस विभाग में कार्य करने वाले व्यक्तिओ या कर्मचारियो  पर निर्भर करती है ! छवि दो प्रकार की होती है एक अच्छी छवि और दूसरी बुरी छवि ! यदि पुलिस अपने कर्तव्य पालन के दौरान सहयोगात्मक रवैया अपनाती है और आम जनता के साथ अच्छी तरह से व्यवहार करी है तो जनता के मन पुलिस के प्रति अच्छी छवि बनेगी नहीं तो पुलिस के प्रति आम जन मानस में बुरी छवि बनेगी !

अतः पुलिस की छवि उस विचार धरा पर आधारित है जो जनता द्वारा पुलिस के बारे में व्यक्त की जाती है !


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जैसे की आम जनता यह मानती है की पुलिस सबसे ज्यादा भ्रष्ट विभाग है जो की सही नहीं है पुलिस से भी ज्यादा भ्रष्ट सरकारी महकमा है लेकिन आम जनता में पुलिस की प्रति ऐसा छवि है की पुलिस ही सबसे बड़ी भ्रष्ट विभाग है !

पुलिस की सकारात्मक छवि होने से पुलिस कर्मचारियो का मनोबल उच्चा रहता है तथा विकाश का मार्ग प्रसस्त करने में उपयोगी भुमिका निभाती है तथा समाज के अन्दर कानून के राज्य स्थापित करने में आसानी होता है ! ! पुलिस के सकारात्मक छवि होने पे हर पुलिस कर्मी सोचता है की जनता हमारे साथ है और जरुरत पड़ने पे हमें पोलिसिंग करने में मदद करेगी ! इस लिए पुलिस को अपनी सकारात्मक छवि हमेशा बनाये रखना चाहिए

3.पुलिस की सकारात्मक छवि नहीं होने का क्या क्या नुकशान हो सकता है ?(Police ki sakaratmak chhavi nahi hone ka kya kya nukshan ho sakta hai ): अगर पुलिस सकारात्मक छवि नहीं रखती है तो निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करने में काफी कठिन हो सकता है !
  • विभागीय उद्देश्य की पूर्ति करना जिसमे अपराधो की रोकथाम करना और कानून व्यवस्था को कायम करना !
  • मानव मूल्यों को कायम रखते हुए सामाजिक न्याय प्रदान करना !
  • जनापेक्षाओ की पूर्ति करना !
  • जनता की सहायता व सहयोग प्राप्त करना !
  • नैतिक मूल्यों की रक्षा करना व पुलिस मनोबल को बढ़ाना !
  • प्रभावी ढंग से कर्तव्य पालन हेतु कार्यक्षमता को बढ़ाना !
  • आमलोगों से मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध कायम रखना !
  • सभी के अधिकारों की रक्षा करना व न्याय दिलाना !
उपरोक्त उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए कहा जा सकता है की पुलिस की छवि का सकारात्मक होना बहुत ही आवश्यक है क्यों की इसके बिना उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति नहीं की जा सकती है !

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