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22 February 2017

ड्रिल के उद्देश्य और फायदे

ऐसे तो मैंने ड्रिल के ऊपर बहुत सरे ब्लॉग पोस्ट लिखे है लेकिंन इस दौरान मैंने देखा है की बहुत से पाठक है ओ बहुत ही बेसिक जानकारी के लिए मेरे ब्लॉग पे आ रहे है और यहाँ ढूंढ  रहे है की ड्रिल करने से क्या फायदा होता है या ड्रिल का उद्देश्य क्या होता है  इस लिए इस पोस्ट में मैं  ड्रिल के उद्देश्य या ड्रिल के फायदे के बारे में लिखूंगा (Objective of drill)!



इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप निम्न सवालो का जवाब जान सके गए :
रिक्रूट ड्रिल ट्रेनिंग
रिक्रूट ड्रिल ट्रेनिंग 
  • ड्रिल करने का उदेश्य क्या होता है(Drill ka udeshya kya hota hai) ?
  • आर्म्ड फाॅर्स में ड्रिल की अहमियत इतनी क्यों है(Armed force me drill ki ahmiyat itni kyo hoti hai) !
  • ड्रिल डिसिप्लिन की बुनियाद है(Drill discipline ki buniyad hai kaise) !
  • यूनिफार्म फाॅर्स में ड्रिल की जरुरत क्यों होती है (Uniform force me drill ki jarurat kyo hoti hai)?
जरुर पढ़े : खड़े खड़े सलूट का तरीका और जरुरत

 पुलिस अनुसंधान एवं विकाश ब्यूरो(Bureau of police reaserch and development ) के द्वारा प्रकाशित ड्रिल मैन्युअल (BPR&D's Drill manual)के चैप्टर -2  सेक्शन -1 के  अनुसार ड्रिल का उद्देश्य या ड्रिल से निम्न लिखित फायदे है :
  1. ड्रिल का मुख्य उद्देश्य होता है (drill ka main aim) की रिक्रूट के अंदर उच्चे दर्जे के अनुशाशन पैदा करना !
  2. रिक्रूट के अंदर उच्चे दर्जे के टर्न आउट तथा पुलिस के प्रति  आत्म समान्न पैदा करना !
  3. ड्रिल रिक्रूट के अंदर आत्म सम्मान के साथ साथ आत्म बल तथा एक साथ काम करने की भवन पैदा करता है !
  4. ड्रिल जवानों के  मन और शरीर के बिच सामंजस्य पैदा करता है जिससे की दूसरे विषय की ट्रेनिंग ग्रहण करने के समय काफी सहायता मिलती है ! 
  5. एक उच्च कोटि का ड्रिल करने के बाद  रिक्रूट उस ड्रिल को करने में महारत हासिल कर लेते है !
  6. उच्च कोटि के ड्रिल से देखने वालो के मन में पुलिस फाॅर्स के बारे में एक सम्मान और विश्वास पैदा होता है !
  7. पब्लिक सामान्यतः एक या बहुत से छोटी टुकड़ी को को ड्यूटी के दौरान देखती है लेकिन जब पुलिस फाॅर्स को ड्रिल करते देखते है ओ जानते है की एक अनुशासित तथा योग्य बल और उनके अंदर पुलिस के प्रति एक आत्मविश्वास पैदा होता  है !
  8. सेरेमोनियल ड्रिल एक बहुत ही अहम मौका देता है जहा आम जनता के सामने  पुलिस बल को अपनी उच्च कोटि की ट्रेनिंग और अनुशासन को दिखने  का !
  9. ड्रिल पुलिस के जवानों के अंदर एक अहम् रोल प्ले करता है  है आउटडोर फील्ड ड्यूटी करने के  और सिखने के लिए क्यों की ड्रिल आदेश को सही तरीके से देना तथा  पालन करना सिखाता है !
  10. ड्रिल से जवान को अपने संस्था के प्रति आत्मसम्मान तथा अपनत्व की भावना पैदा होता है !
  11. ड्रिल एक साथ काम करना सिखाता है !
  12. ड्रिल सही तरीके से यूनिफार्म पहनना तथा चलना सिखाता है !
  13. ड्रिल जवानों को अपने से सीनियर और जूनियर से कैसे  व्यवहार करना चाहिए सिखाता है !
  14. ड्रिल सलूट करना तथा हथियार के साथ कैसे एक जगह से दूसरे जगह ले जाते है उसके बारे में सही तरीका सिखाता है !

दूसरे शब्दो में कहे तो ड्रिल ही किसी यूनिफार्म फाॅर्स के अनुशासन की बुनियाद है यानि ड्रिल ही एक जवान के अंदर अनुशाशन की भावना पैदा करती है !इसलिए  ड्रिल हरेक यूनिफार्म फाॅर्स के ट्रेनिंग का एक अहम् हिस्सा होता है !क्यों की आर्म्ड फाॅर्स के जवान ज्यादातर हथियार के साथ ड्यूटी करते है जहा की ड्रिल और डिसिप्लिन दोनों की  बहुत जरुरत पड़ती है !

उम्मीद है की यह एक छोटा है पोस्ट जो की ड्रिल के उदेश्य तथा उसकी अहमियत के  ऊपर था ओ आपलोगो को पसंद आया होगा ! अगर इस पोस्ट के बारे में कोई भी कमेंट हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे ! इस ब्लॉग को सब्सक्राइब और फेसबुक पर लाइक  और शेयर करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे !

इन्हें भी  पढ़े :
  1.  2 स्टेप्स में खड़े खड़े बाएँ सलूट की करवाई का तरीका
  2. विशार्जन , लाइन तोड़, और स्वस्थान का ड्रिल करवाई
  3. धीरे चाल से सामने सलूट की जरुरत और करवाई
  4. 4 स्टेप्स में धीरे चल से दाहिने दाहिने सलूट की करवाई और जरुरत
  5. 4 स्टेप्स में धीरे चल से बाएँ सलूट के ड्रिल और कमांड
  6. "परेड पर(getting on parade) " जरुरत और करवाई
  7. परेड मार्च पास्ट का कमांड और मार्च पास्ट परेड करने का तरीका
  8. 7 स्टेप्स में पत्र के साथ सामने सलूट की पूरी करवाई करने का तरीका
  9. धीरे कदम ताल , थम और आगे बढ़ की ड्रिल की करवाई करने का तरीका !
  10. खड़े खड़े बाएँ स्क्वाड बना ड्रिल की कमांड और तरीका

3 तरीके दुश्मन के फायर पोजीशन को पता लगने के

पिछले पोस्ट में हमने कारगर फायर आने पे क्या करवाई करनी चाहिए इसके बारे में जानकारी शेयर र की इस पोस्ट में हम सेक्शन बैटल ड्रिल के एक महत्वपूर्ण लेसन दुश्मन के फायर पोजीशन को पता लगने के(Dushman ko pata lagane ke tarike ) बारे में जानकरी शेयर करेंगे !



इस पोस्ट पढ़ने के बाद आप इन सेक्शन बॉटल ड्रिल के इन बातो के बारे में जानकारी पहासिल करेंगे !
  1. दुश्मन के फायर पोजीशन का पता लगाना (Dushman ke fire position ko pata lagane ka tarika)
  2. टारगेट बताना (Target batane ka tarika)
  3. दुश्मन के फायर को अपने फायर से नाकारा करना (Dushman ke fire ko nakara banane ka)
1.  दुश्मन की पोजीशन का पता लगाने का तरीका (Enemy ke fire position ka pata lagane ka tarika): दुश्मन की पोजीशन का पता लगाना अक्सर आसान नहीं होता है क्यों की दुश्मन भी ट्रेनिंग पाए हुवे होता है और उसे भी मालूम है की जिसकी पोजीशन जल्दी जाहिर हो गई तो वह एक  आसान टारगेट बन जायेगा !

इसलिए  दुश्मन की पोजीशन का पता न लगा सकने की स्तिथि में सेक्शन के बैगैर कैसुअलिटी उठाए हुए आगे बढ़ना मुश्किल है सिवाए जब की धुएं की पर्दा हो ! और ऐसी हालात में सेक्शन अपना काम नहीं कर सकता है और पलटन का एडवांस रूक जायेगा !

दुश्मन की पोजीशन का पता लगाने का तरीका : पोजीशन का पता लगाने का ड्रिल तीन भागो में होता है !
Indication of Target (प्रतीकात्मक)
  • देख भाल से (Dekh bhal se position pata karna): उस इलाके की तरफ देखो जिस तरफ से फायर आया है ! गोली फायर होने और टकराने की आवाज़ रेंज मालूम करने मदद देती है ! अगर 30 सेकंड या इससे थोड़ा ज्यादा समय तक कुछ दिखाई नहीं देता तो देखभाल से  दुश्मन का पता लगाना मुश्किल है!
  • फायर से(Fire se position pata karna) :- सेक्शन कमांडर अपने २ जवानों को किसी शकील जगह पर दो दो राउंड फायर करने का हुकुम देगा ! बाकि सेक्शन के जवान उनके फायर की हद में देखभाल करेंगे ! अगर ऐसा करने से शत्रु का कोई जवान जवाबी फायर करता है तो उससे शत्रु का पोजीशन पता चल जायेगा ! अगर शत्रु की और से कोई फायर नहीं आया तो सेक्शन कमांडर अपने दो और दूसरे जवानों से दो- दो राउंड फायर करने का आदेश देगा अगर इसपे भी दुश्मन की और से कोई फायर नहीं आया तो समझना चाहिए की दुश्मन या तो बहुत ही उच्च कोटि का ट्रेनिंग पाया  दुश्मन उस लोकेशन से लौट के चला गया है ! 
  • हरकत से(Harkat se position pata karna) : सेक्शन कमांडर अपने 2 जवानों को  करीब 10  गज के दुरी पर आगे की तरफ किसी दूसरे आड़ को दौड़ के पकड़ें  का आदेश देता है ,अगर इस हरकत पे भी  दुश्मन ने फायर न खोल हो तो यह करवाई  ! अगर  शत्रु फिर भी फायर नहीं करता  और वह वहां पे है तो समझ लेना चाहिए की वह बहुत ही अच्छी तरह से सिखलाई  पाया हुवा है और हमारी चालाकियो में आकर ऐसी मुश्किल टारगेट के ऊपर फायर नहीं खोलेगा !अगर शत्रु फिरभी किसि किस्म की करवाई नहीं करता है तो कमांडर को चाहिए की वह अपना एडवांस शुरू करे  ! 

2 . टारगेट बताना(Indication of target) : अगर सेक्शन में कोई जवान सेक्शन कमांडर से पाहिले दुश्मन का पता लगा लेता है तो उसे  अपनी राइफल में  ट्रेसर भरना चाहिए और उच्ची आवाज़ से पुकारना चाहिए "मेरा ट्रेसर को देखो(Mera tracer dekho) " और फिर  फायर कर देना चाहिए ! यह फायर उस समय तक जारी रखना चाहिए जब तक की सेक्शन कमांडर अपना फायर कण्ट्रोल आर्डर न देदे ! इस से यह फायदा होगा :
  • एक तो आम जवान अच्छी तरह से फायर आर्डर नहीं दे सकता और दूसरा टारगेट को जल्दी से   जल्दी से सही बयान नहीं कर सकता!
  • इस तरह से ट्रेसर की मार पर सेक्शन कमांडर आसानी से फायर कण्ट्रोल आर्डर दे सकता  है जिससे की वक्त की बचत हो सकती है !
  • दुश्मन को पता लगते ही कुछ फायर जल्दी से डाला जा सकता है !
3.  शत्रु के फायर को अपने फायर नाकारा करने का तरीका (Shatru ke fire ko nakara banane ka tarika):यह करवाई निचे के मुताबिक की जाएगी :
  • जैसे ही सेक्शन कमांडर को शत्रु के पोजीशन का पता चल जाता है और उसे लगता है की शत्रु हमारे हथियार के कारगर रेंज में है वह वैसे फायर कण्ट्रोल आर्डर दे कर शत्रु के ऊपर फायर डलवाता है, ताकि शत्रु के सर को दबाने के लिए  सेक्शन का फायर काफी तादाद  जा सके ! अगर सेक्शन के कुछ जवान पहले  अपना फर्रे शुरू कर चुके हो तो सेक्शन कमांडर फायर कण्ट्रोल आर्डर देने से पहले "स्टॉप" का हुकुम देकर फायर पर कण्ट्रोल करेगा ! 
  • दुश्मन के फायर को नाकारा कर चुकने के बाद भी सेक्शन कमांडर का फायर शत्रु के ऊपर डालते रहना चाहिए ताकि वह असाल्ट करने के लिए हरकत  नजदीक न आ पाए ! 

इस पोस्ट से आप इन सवालो का जवाब भी जान गए होंगे :
  1. दुश्मन के पोजीशन को पता लगाने के लिए कितने तरीके है ?
  2. ट्रेसर फायर करने के क्या फायदे ?है 
  3. दुश्म न असाल्ट न कर सके इसके लिए सेक्शन कमांडर को क्या करना चाहिए ?
इस प्रकार से दुश्मन के लोकेशन पता करने से सम्बंधित संक्षिप्त पोस्ट समाप्त हुई उम्मीद है की पोस्ट पसंद आएगा अगर कोई कमेंट होतो निचे के कमेंट बॉक्स में लिखे! इस ब्लॉग को सब्सक्राइब और फेसबुक पर लाइक  तथा शेयर करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे

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इन्हें भी पढ़े :
  1. सेक्शन फार्मेशन एंड प्लाटून फार्मेशन के फायदे और नुकशान
  2. टेक्टिकल वर्ड्स और उसका मतलब हिंदी में -II
  3. टेक्टिकल वर्ड्स और उसका मतलब हिंदी में -I
  4. कामौफ्लाज और कांसिल्मेंट के ऊपर एक संक्षिप्त जानकारी
  5. पेट्रोलिंग के परिभाषा और पेट्रोलिंग के प्रकार
  6. पेट्रोलिंग पार्टी को ब्रीफिंग देने का तरीका ?
  7. अम्बुश का परिभाषा और अम्बुश की पार्टिया
  8. अम्बुश  की पार्टियो को ब्रीफिंग देने के तरीका
  9. फायर कण्ट्रोल आर्डर और फायर डिसिप्लिन क्या है ?

20 February 2017

4 बाते शत्रु के कारगर फायर के अंदर आने पे करनी चाहिए

पिछले पोस्ट में हमने सेक्शन बैटल ड्रिल को सफल बनाने वली कौन कौन सी बात है उनके बारे में जानकारी शेयर किये है ! इस पोस्ट में हम जानेगे की दुश्मन के कारगर फायर के नीचे आने पर क्या करवाई किया जाए(Dushman ke effective fire ke niche aane pe kya karwai kare) !



इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप इन 4   बातो की जानकारी हासिल कर लेंगे :
  1. कारगर फायर आने पे एक सेक्शन कमांडर क्या क्या सोचता है 
  2. कारगर फायर के अंदर आने पे एक जवान को क्या करनी चहिये 
  3. खुले इलाके में कारगर फायर आने पे दिन के समय एक आदमी से दूसरे आदमीके बिच की दुरी कितनी होनी चाहिए !
  4. कारगर फायर आने पे जवानों द्वारा की जाने वाली गलतिया और उसका सुधार 
लड़ाई शुरू होने से पहले,  और लड़ाई बाद  बहुत सी करवाई की जाती है उस लड़ाई   जीतने बैटल ड्रिल  "एक सामूहिक  त्वरित करवाई  जिसको अमल में लाने  लिए ज्यादा लिखित या  मौखिक आदेश  नहीं नहीं दिया जाता है !ये पहले  ले डाउन प्रोसीजर रहता जिसको समय समय पे  प्रैक्टिस किया जाता है" ! और उन करवायो को हम बैटल ड्रिल कहते है  सेक्शन  लेवल  फॉलो होने वाले प्रोसीजर को  सेक्शन बैटल ड्रिल   कहते है !

जरुर पढ़े :पेट्रोलिंग के परिभाषा और पेट्रोलिंग के प्रकार

सेक्शन इतनी सिखलाई पाई हुए होनी चाहिए की  इलाके में एक्का दुक्का फायर आने के बावजूद भी अपनी हरकत जारी रखे !
लेकिंग अगर सेक्शन दुश्मन के कारगर फायर के निचे आ गई तो निम्न करवाई करे :

1.  सेक्शन कमांडर जैसे ही आपरेशन में आगे बढ़ता है तो लगतार इन चींजो के लिए देख भल करेगा (Kargar fire ke niche aane pe section commande ka soch vichar)
  • फायर कण्ट्रोल आर्डर देने के लिए नए रिफरेन्स पॉइंट चुने और जैसे ही सेक्शन आगे बढ़ती है, सेक्शन कमांडर   उन रिफरेन्स पॉइंट अपने जवानों को बताएगा !
  • ऐसे मुमकिन पोजीशन जहाँ की सेक्शन शत्रु के कारगर फायर के निचे आने पर पोजीशन ले सकती है गर मुमकिन हो तो ऐसे पोजीशन सेक्शन कमांडर पहले से ही बता देगा !जैसे उदहारण स्वरुप- अगर सेक्शन शत्रु के कारगर फायर के निचे  आ जाती है तो ब्रेन ग्रॉउंप उन झाड़ियो में और राइफल ग्रुप बांध के साथ पोजीशन लेगा 
2.  कारगर फायर के निचे आने पर , कुदरतन जवान ज़मीन पर लेट जाने के आदि होते है ! जो की गलत है क्यों की जब टारगेट खुले इलाके में होता है तभी शत्रु फायर खोलेगा इसलिए सबसे बेहतरीन करइ यह होगी की जल्दी से जल्दी भाग कर  मुनासिब पोजीशन पकड़ी जाए ताकि शत्रु के लिए एक मुश्किल टारगेट बने ! इस तरह के करवाई से कण्ट्रोल टूट जाने की खतरा रहता है लेकिंग कुछ हिदायतों का पालन किया जाय तो कण्ट्रोल नहीं टूटेगा  जैसे की(Kargar fire aane pe aad pakdne ka tarika) :

  • जैसे की आड़ पकड़ने का हुकुम सेक्शन कमांडर की तरफ से हुकुम के तौर पे दिया जय यानि "आड़ पकड़ो "
  • आड़ पकड़ने के हुकुम मिलने पर हर एक आदमी नज़दीक आड़ को दौड़ के पकड़ेगा या उस आड़ की तरफ जायेगा जो की सेक्शन कमांडर ने पहले बताई थी ! कोई व्यक्ति 15  गज से ज्यादा दूर के आड़ के लिए नहीं दौड़ेगा सिवाए उस हालात में जब की सेक्शन कमांडर की बताई आड़ इस फैसले से दूर हो !
  • सब आदमी तेज़ी से आड़ पकडे और रेंग कर मुनासिब पोजीशन में जाएंगे ताकी दोबारा उस को हरकत  करनी पड़े तो यह न हो की शत्रु पाहिले से ही उस जगह पर शिस्त लिए हुए हो !
  • हर आदमी देखभाल कर के पोजीशन अख्तियार करेगा ! अगर कोई आदमी सेक्शन कमांडर की आवाज़ नहीं सुन प् रहा हो तो रेंग कर नज़दीक आएगा !
  • अगर किसी आदमी को शत्रु की पोजीशन का पता लग जाता है तो बैगर सेक्शन कमांडर के हुकुम का इंतज़ार किए हुए फायर करेगा 
  • जब शत्रु के साथ लगाव  हो जाता है तो  सेक्शन का कोई आदमी बेकार नहीं बैठेगा ! हर एक आदमी में लड़ने का जोश होना चाहिए और वह इन करवाई में से कोई एक करवाई करते रहना चाहिए !
  1. फायरिंग 
  2. या देखभाल 
  3. या देखभाल करने के लिए नई पोजीशन को हरकत 
  4. या नए फायर पोजीशन को हरकत 
  5. या असाल्ट के लिए हरकत 
  • सिवाए ब्रेन नो 1  और 2  के जब की ज़रूरी हो, बाकि आदमी एक वक्त में इकठे होकर टारगेट नहीं बनेगे ! खुले इलाके में दिन के समय एक आदमी से दूसरे आदमी का दरमियानी दुरी 5 गज से काम नहीं होनी चाहिए  
  • खुलासे के तौर पर सेक्शन कमांडर की तरफ से "आड़ पकड़ो " के हुकुम पर यह करवाई की जाती है 
"दौड़ो , लेटो , रेंगो, देखो, साइट लगाओ और फायर करो(Daudo, Leto, Rengo, Dekho, sight lagao, fire karo) "

यह कुछ करवाई है जब कोई सेक्शन शत्रु के कारगर फायर के अंदर आ जाता है तो उसे करनी चाहिए ! उम्मीद है की पोस्ट पसंद आएगा अगर कोई कमेंट हो तो निचे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे ! इस ब्लॉग को सब्सक्राइब और फेसबुक पर लाइक   करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे !
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  1. सेक्शन फार्मेशन एंड प्लाटून फार्मेशन के फायदे और नुकशान
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  7. अम्बुश का परिभाषा और अम्बुश की पार्टिया
  8. अम्बुश  की पार्टियो को ब्रीफिंग देने के तरीका
  9. फायर कण्ट्रोल आर्डर और फायर डिसिप्लिन क्या है ?

19 February 2017

सेक्शन बैटल ड्रिल और उसे सफल बनाने वाली बातें

पिछले पोस्ट में हमने फायर कण्ट्रोल आर्डर और फायर डिसिप्लिन के बारे में जानकारी शेयर किये है इस पोस्ट में हम सेक्शन बैटल ड्रिल के बारे में जानेगे(Section battle drill ki jankari) की किसी भी फील्ड आपरेशन शुरू करने से पहले हमे बहुत से  तैयारिया करनी करनी पड़ती है  !



आज कल हम आये दिन सुनते है की  आर्म्ड फाॅर्स और टेररिस्ट या नक्सलाइट्स  के बिच मुठभेड़ की खबरे! और इसके लिए  आर्म्ड फाॅर्स के जवानों को हमेशा तैयार रहना पड़ता है,  पता नहीं कहा पे  इन से  सामना करना पड़ जाए !

जरुर पढ़े :पेट्रोलिंग के परिभाषा और पेट्रोलिंग के प्रकार

 है  वॉर के लिए तो काफी तैयारी की जाती है और उसके लिए समय और संसाधन पर्याप्त मात्रा में मिल जाते है लेकिंन  एंटी टेररिस्ट या एंटी नक्सलाइट्स  आपरेशन जो की किस इंटेलिजेंस के मिलने पे किया जाता है उसमे आर्म्ड फाॅर्स के जवानों को उतनी समय नहीं मिलता है की ओ संबकुछ इत्मिनान से कर सके क्यों की अगर ओ ज्यादा समय लेंगे तो हो सकता है की इंटेलिजेंस में बताये हुए टारगेट अपना जगह बदला ले या उसको पता चल जाये और ओ वहा से भाग जाये !

इस लिए इन डिस्टर्ब  एरिया में तैनात आर्म्ड फाॅर्स की टुकड़ी इन सभी ऐवेन्टुअलिटी के लिए हमेशा तैयार रहती है !
लेकिन इतनी हड़बड़ी कंवेंशनल लड़ाई के लिए नहीं होता है उसकी तैयारी पूरी तरह से स्टेज वाइज स्टेज की जाती है उस कंवेशन वॉर की तैएरी के लिए एक  प्रोसीजर  उसे  सभी कमांडर  अपने लेवल  के  अनुसार फॉलो   करते और करवाते है   जिसे हम बैटल ड्रिल कहते है !

जरुर पढ़े : टेक्टिकल वर्ड्स और उसका मतलब हिंदी में -II


 लड़ाई शुरू होने से पहले,  और लड़ाई बाद  बहुत सी करवाई की जाती है उस लड़ाई   जीतने  लिए "एक सामूहिक  त्वरित करवाई  जिसको अमल में लाने  लिए ज्यादा लिखित या  मौखिक आदेश  नहीं नहीं दिया जाता है !ये पहले  ले डाउन प्रोसीजर रहता जिसको समय समय पे  प्रैक्टिस किया जाता है" ! और उन करवायो को हम बैटल ड्रिल कहते है  सेक्शन  लेवल  फॉलो होने वाले प्रोसीजर को  सेक्शन बैटल ड्रिल   कहते है !

 सेक्शन बैटल  ड्रिल  के लिए  शुरू शुरू की तैयारी में निम्न बातो को यकीन करना चाहिए (Section battle drill ke liye shuru shuru ki taiyari):
बैटल ड्रिल (प्रतीकात्मक ) 
  • यकीन  करे जवानों के क्षमता के अनुसार टास्क पहले से डिटेल कर के रखना चाहिए !
  • एरिया  अनुसार  सभी इक्विपमेंट का  कामोफ्लाज कर के रखना चाहिये !
  • यकीन करना की हथियार ठीक है और अमुनिसन ठीक भरे हुए है !
  • ग्रेनेड साफ और प्राइम किये गए है और राइफल अम्मुनिशन ठीक पाउच में रखे गए है !
  • सपोर्टिंग वेपन जैसे 51 mm मोर्टार और उसके बम उचित मात्रा में ले लिए गए है !
  • यकीन वायरलेस इक्विपमेंट काम ठीक कर रहे है 
  • यकीन  करे जिस आपरेशन के लिए हम जा रहे है उसके बारे में जो कोई भी हिदायते ऊपर के हेड क्वार्टर से मिली है उसको अमल में लाया गया हो !
 बैटल ड्रिल  को सफल बनाने वाली बातें (Battle drill ko safal bananewali bate): बैटल ड्रिल को सफसल बनाने के लिए इन बातो को ध्यान में रखना चाहिए :
  • हर जवान के पास ट्रेसर राउंड टारगेट बताने के लिए तैयार हो !
  • हरकत सेक्शन कमांडर को ज़मीन को देखते हुए  बदल देनी चाहिए !
  • सेक्शन की  बुनियादी फार्मेशन सिंगललाइन फार्मेशन , फाइल  फार्मेशन, एरो हेड फार्मेशन  डायमंड , स्पीयर हेड और एक्सटेंडेड  . उसे हर वक्त इस बात के बारे में सोचते  रहना चाहिए की उसका ग्रुप कौन से फार्मेशन में किस जगह बेहतर होगा!
  • कई एक  जवान  खीचने  मुकर्रर चाहिए, ताकीद वह अपने जवानों को हाथ  या मुह    जल्द  पंहुचा सके !
  • सेक्शन इतनी सिखाई पाई हुई चाहिए की उस  ग्रुप का आदमी यह जनता हो की उसको लीडर के इशारो को देखने या सुनने पर क्या करवाई करनी है !
  • सेक्शन इतनी सिखलाई पाई हुए होनी चाहिए की  इलाके में एक्का दुक्का फायर आने के बावजूद भी अपनी हरकत जारी रखे !
  • जैसे ही शत्रु  कारगर फायर यानि वह फायर   रखना मुश्किल  कैसुअलिटी होनी शुरू  एक डैम बैटल ड्रिल  शुरू !  

ये रही कुछ मुख्य मुख्य बाते जिसे किसी आपरेशन में जाने से पहले की तैयारी में यकीन कर लेना चाहिए और जहा तक हो सके! यकीं है की यास शार्ट ब्लॉग आपको पसंद आएगा अगर कोई कमेंट हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे ! और इस ब्लॉग को सब्सक्राइब तथा फेसबुक पे लिखे और शेयर करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे !
इन्हें भी पढ़े :
  1. सेक्शन फार्मेशन एंड प्लाटून फार्मेशन के फायदे और नुकशान
  2. टेक्टिकल वर्ड्स और उसका मतलब हिंदी में -II
  3. टेक्टिकल वर्ड्स और उसका मतलब हिंदी में -I
  4. कामौफ्लाज और कांसिल्मेंट के ऊपर एक संक्षिप्त जानकारी
  5. पेट्रोलिंग के परिभाषा और पेट्रोलिंग के प्रकार
  6. पेट्रोलिंग पार्टी को ब्रीफिंग देने का तरीका ?
  7. अम्बुश का परिभाषा और अम्बुश की पार्टिया
  8. अम्बुश  की पार्टियो को ब्रीफिंग देने के तरीका
  9. फायर कण्ट्रोल आर्डर और फायर डिसिप्लिन क्या है ?

15 February 2017

फायर कण्ट्रोल आर्डर और फायर डिसिप्लिन क्या है ?

पिछले ब्लॉग  पोस्ट में हमने अम्बुश की पार्टी को ब्रीफिंग देने के बारे मे जानकारी हासिल की और इस पोस्ट में हम फायर कण्ट्रोल आर्डर और फायर डिसिप्लिन का बारे(Fire Control Order aur Fire Discipline ki jankari) में जानकरी शेयर करेंगे !

1 . फायर कण्ट्रोल आर्डर क्या है ?(Fire Control Order kya hai?) फायर की ताकत का सही इस्तेमाल करने के लिए फायर कण्ट्रोल आर्डर का इस्तेमाल ज़रूरी है ! फायर पर कण्ट्रोल और सही फायर आर्डर देने की जिम्मेवारी फायर यूनिट कमांडर की होती है ! लेकिन इन आर्डर की सिखलाई सभी जवानों को देना चाहिए ताकि
Fire Control Order
फायर कण्ट्रोल आर्डर (प्रतीकात्मक)
  • फायर यूनिट कमांडर(Fire Unit Commander) की कैसुअलिटी(Causality) होने पर कोई भी जवान उसकी जगह काम कर सके !
  • अगर ग्रुप कमांडर  की कमी हो तो जवानों को ही यह ड्यूटी करनी पड़ेगी !
2.  फायर कण्ट्रोल ऑर्डरों का फ़ायदा उठाने के लिए टारगेटों का सही बयान और उनको पहचानने की सिखलाई निहायत ऊँचे दर्जे की होनी चाहिए !

3. फायर कण्ट्रोल आर्डर में सामिल होने वाले  कुछ शब्द और  उनका मतलब 

  • फायर यूनिट क्या होता है (Fire Unit kya Hota hai?): उस हथियार बंद टोली को कहते है जो एक कमांडर के हुकुम से फायर करती है ! यह आमतौर पर एक सेक्शन की टोली होती है !
  • फायर यूनिट कमांडर (Fire Unit Commander kaun Hota Hai?): वह कमांडर जो फायर यूनिट को फायर का हुकुम देता है और उसके फायर पर कण्ट्रोल रखता है !
  • फायर डायरेक्शन आर्डर क्या होता है ?(Fire Direction order kya hota hai?) : यह वह आर्डर होते है जो फायर यूनिट कमांडर को अपने से ऊपर वाले कमांडर से मिलती है ! इन हुकमों में यह बताया जाता है किह किस वक्त किन किन टारगेट पर किस हथियार और कितने तादाद का फायर डाला जाए!सेक्शन कमांडर को फायर डायरेक्शन आर्डर अपने पलटन कमांडर से मिलता है !
  • फायर कण्ट्रोल ऑर्डर्स क्या होता है ?(Fire control order kya hota hai?):- यह वह हुकुम होता है जो एक फायर यूनिट कमांडर फायर डलवाने और उस पर काबू रखने के लिए फायर यूनिट को देता है !
  • आर्क ऑफ़ फायर क्या होता है ?(Arc of fire kya hota hai?):- यह वह इलाका होता है जिस के अंदर टारगेटों को बर्बाद करने की जिम्मेवारी एक फायर यूनिट को दी जाती है! यह इलाका बाएं और  दाहिने हदो से ज़ाहिर किया जाता है !
  • फील्ड ऑफ़ फायर क्या होता है ?(Field of fire kya hota hai?) उस इलाके को कहते है जिस पर किसी भी दिशा में किसी हथियार का कारगर फायर डाला जा सकता है !
4.  फायर कण्ट्रोल आर्डर के उसूल (Fire control order ke usul kya hote hai):
  • फायर हमेशा दुश्मन को मर डालने  खोल जाये नहीं उसको डराने के लिए 
  • अम्मुनिशन की बचत का ख्याल रखना चाहिए 
  • फायर डिसिप्लिन का खास ध्यान रखा जाए !

5.  फायर खोलने से पाहिले ध्यान में रखने वाली बातें (Fire kholne se pahle kin kin bate pe dhyan rakhna chahiye):  आर्डर देने से पहल;इ फायर यूनिट कमांडर को नींम बातो पर सोच विचार कर फायर का आर्डर देना चाहिए !
  • क्या रेंज और दिखाई और फायर डालने के लिए ठीक है !
  • क्या सरप्राइज हासिल करने के लिए और दुश्मन पर अचानक फायर से ज्यादा नुकशान पहुचने के लिए फायर को थोड़ी देर के बाद खोला जाए !
  • फायर की रफ़्तार क्या होनी चाहिए ? आमतौर पर रैपिड फायर सिर्फ इन मौकों पर खोल जाता है :
(i) जब दुश्मन पर अचानक सरप्राइज हासिल करना हो !
(ii) जब ऐसा टारगेट सामने आ जाए की फायरर रैपिड फायर से ज्यादा से ज्यादा नुकशान पंहुचा सकता हो
(iii) असाल्ट में कवरिंग फायर देते समय !
  • फायर पर खुद काबू रखा जाए , या की जिम्मेवारी ग्रुप कमांडर को दी जाए, या हर एक जवान को अपने पर काबू रखने का हुकुम दिया जाए !
6. फायर कण्ट्रोल आर्डर कैसे देने चाहिए ?(Fire control order kaise dena chahiye)
  • हुकुम साफ , धीरे और काम लफ्जो में देने चाहिए 
  • आवाज़ इतनी उची हो की आसानी से सुनाई दे 
  • हुकुम हुकुम के तौर पे देने चाहिए 
  • हुकुम ठहर ठहर के देनई चाहिए ताकि जवान उसपर साथ साथ अमल कर सके 

7 . फायर कण्ट्रोल ऑर्डर्स की तरतीब और फायर पर काबू रखने के तरीके(Firre control order ki taritib aur fire pe kabu rakhne ke tarike kaun kaun se hai) :हुकुम हमेशा मुकर्रर किये हुए तरतीब से दिए जाने चाहिए ताकीद कोई बात छूट न जाए और समझने में आसानी हो ! तरतीब को यद् रखने के लिए जो कोडवर्ड है उसे "GRIT " से जाहिर करते है 
  • G-ग्रुप (Group)
  • R- रेंज (Range)
  • I-इंडिकेशन ऑफ़ टारगेट(indication of Target 
  • T-टाइप ऑफ़ फायर (Type of fire)
फायर यूनिट कमांडर फायर के दौरान "स्टॉप" , "गो ऑन "वगैरह के द्वारा फायर पे काबू रख सकता है !

8.  फायर कण्ट्रोल आर्डर की किस्मे(Fire Control order kitne prakar ke hote hai) 
  • फुल फायर आर्डर :- इन आर्डर में पूरी तरतीब द्वारा आर्डर दी जाती है ! यह दो प्रकार की होती है (i) पॉइंट या नुक्ता टारगेट (ii) फैला हुवा टारगेट 
  • डिलेड फायर आर्डर : इन ऑर्डरों में और बातें बता दी जाती है लेकिंग फायर खोलने के लिए हुकुम का इन्तेजार करना होता है ! फायर यूनिट कमांडर बोलता है की फायर मेरे हुकुम से होगा !
  • अपॉरचुनिटी फायर आर्डर : इस किस्म से फायर आर्डर में जवानों को खुद फायर खोलने की ज़िम्मेवारी दी जाती है !
  • ब्रीफ फायर  आर्डर :यह फायर आर्डर उस वक्त दी जाती है जब टारगेट साफ और अचानक नज़दीक ही दिखलाई दे और एक डैम ही फायर करने की ज़रूरत हो ! जैसे फायर किसी टारगेट पर हो रहा है और नज़दीक किसी दूसरे दिशा से दुश्मन निकल आये !

9 . फायर डिसिप्लिन(Fire discipline kya hota hai?) : चाहे फायर कण्ट्रोल आर्डर कितने ही अच्छे हो लेकिन फायर डिसिप्लिन के बगैर कामयाबी नहीं मिलती है ! फायर डिसिप्लिन को मेन्टेन रखने के लिए निचे लिखी बातों का  ध्यान रखना चाहिए !
  • बगैर हुकुम के फायर न खोल जाए !
  • फायर दुश्मन को मर डालने के लिए ही खोल जाए !
  • अँधा धुंध फायर न किया जाए !
  • रात के वक्त फायर डिसिप्लिन काफी उचे दर्जे का होना चाहिए !
  • रात के वक्त दुश्मन हमारी पोजीशन और नफरी मालूम करने के लिए  तरह तरह के चालाकियां करेगा ! इस लिए रत के वक्त फायर तभी खोलना चाहिए जब तक यह यकीं न हो जाए की दुश्मन का कोई भी जवान बच कर नहीं जा सकेगा , दूसरे जब दुश्मन ने अपना काम कर लिया हो तो फायर बौछार के तरह करनी चाहिए !
जरुर पढ़े :पेट्रोलिंग के परिभाषा और पेट्रोलिंग के प्रकार

इस प्रकार से फायर कण्ट्रोल आर्डर और फायर डिसिप्लिन से सम्बंधित एक संक्षिप्त पोस्ट समाप्त हुई ! उम्मीद है की पोस्ट पसंद आएगा ! अगर कोई कमेंट हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे ! इस ब्लॉग को सब्सक्राइब और फेसबुक पर लाइक  थक शेयर करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे !


इन्हें भी पढ़े :

  1. पुलिस ड्यूटी
  2. फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट में होनेवाली कुछ कॉमन गलतिया
  3. 6 कॉमन गलतिया अक्सर एक आई ओ सीन ऑफ़ क्राइम पे करता है
  4. क्राइम सीन पे सबसे पहले करनेवाले काम एक पुलिस ऑफिसर के द्वारा
  5. बीट और बीट पेट्रोलिंग क्या होता है ?एक बीट पट्रोलर का ड्यूटी
  6. पुलिस नाकाबंदी या रेड् क्या होता है ?नाकाबंदी और रेड के समय ध्यान में रखनेवाली बाते 
  7. निगरानी और शाडोविंग क्या होता है ? किसी के ऊपर निगरानी कब रखी जाती है ?
  8. अपराधिक सूचना कलेक्ट करने का स्त्रोत और सूचना कलेक्ट करने का तरीका
  9. पेट्रोलिंग के परिभाषा और पेट्रोलिंग के प्रकार
  10. पेट्रोलिंग पार्टी को ब्रीफिंग देने का तरीका ?
  11. अम्बुश का परिभाषा और अम्बुश की पार्टिया
  12. अम्बुश  की पार्टियो को ब्रीफिंग देने के तरीका

14 February 2017

अम्बुश की पार्टियो को ब्रीफिंग देने के तरीका

पिछले पोस्ट में हमने अम्बुश का परिभाषा तथा अम्बुश के पार्टिया और काम के बारे में जानकारी शेयर किये इस पोस्ट में हम अम्बुश  की पार्टियो को ब्रीफिंग कैसे दी जाती फॉर्मेट(Ambush ki briefing format)  जानकारी हासिल करेंगे !



इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप निम्न बातो के बारे में जानकारी हासिल कर चुके होंगे
  1. अम्बुश की ब्रीफिंग में क्या क्या सामिल करना चाहिए 
  2. अम्बुश की ब्रीइफिंग का फॉर्मेट  क्या होता है 
ब्रीफिंग की जरुरत क्यों पड़ती है(kisi operation ke liye briefing ki jaruat kyo padti hai) :किसी भी आपरेशन को अंजाम देने से पहले बहुत से कमांडर स्तर पर ब्रीफिंग दी जाती है उस ब्रीइफिंग के दौरान बहुत सी बातो को बताया जाता है ! इसलिए ये जरुरी है की कमांडर उन महत्वपूर्ण बातो और हिदायतों को अपने पार्टी जो उस  आपरेशन में वास्तव में सामिल हो रही  है उसके साथ शेयर करे ! उसी बातो और हिदायतों को हम ब्रीफिंग कहते  है !
Ambush Briefing -pratikatmak
Ambush Briefing -pratikatmak
आम तौर से ब्रीफिंग को एक तारितीब में दी जाती है जिससे की कोई पॉइंट छूट न पाए और ब्रीफिंग का परफोर्म फॉलो करने से जवानों को समझने में आसानी होती है क्यों की उसकी ओ ट्रेनिंग के दौरान सिखलाई पाए हुए होते है !

अम्बुश कमांडर के ब्रीफिंग का नमूना (ये प्रतीकात्मक है )


1. ज़मीनी निशान(Land Mark )(Jameeni nishan):जमीनी निशान जो हुकुम के साथ तालुक रखते है

2. खबर(Khabar-Situation) 
(a) दुश्मन के बारे में(Khabar Dushman ke bare me) 
  • शत्रु की जगह (एफडीएल-FDL))
  • उसकी पैट्रॉल या टोली की बनावट और उसका हथियार 
  • शत्रु के आने का समय और रस्ते बारे खबर 
  • शत्रु की आम आदत के बारे यदि कोई खबर मालूम हो और उसकी मुमकिन जवाबी करवाई 
  • शत्रु के मुमकिन डीएफ टास्कस 
(b) अपनी बारे में(Khabar apne bare me  
  • हमारे दाए और बाये के एफडीएल 
  • हमारी बहार गई पैट्रॉल /अम्बुश  में खबर 
  • हमारे डीएफ टास्क 
3 . टास्क(Task) : (हमारी पार्टी _________ इलाके______ में अम्बुश लगाकर दुश्मन को बर्बाद करेगी और पहचान के निशान हासिल करेगी)


4 . तरीका(Tarika) :
(a) डिस्पर्सल पॉइंट /RV  तक हरकत (Disperal point/RC tak ka movement)
  • अम्बुश पार्टी की बनावट और कमांडर 
  • पार्टी  और उनके काम 
(i)  स्काउट - नफरी , काम जगह 
(ii) कवरिंग पार्टी/नफरी , कमांडर , काम और जगह और जगह 
(iii) स्टॉप , नफरी काम  जगह 
(iv) रिज़र्व पार्टी , नफरी कमांडर , काम और जगह 
  • समय बहार जाने का 
  • रस्ते बहार जाने के 
  • बाउंड और RV 
  • हरकत के समय , आर्डर ऑफ़ मार्च और फार्मेशन 
  • रुकावट पर करवाई 
  • रस्ते में अम्बुश हो जाने पर करवाई 
  • RV /डिस्पर्सल पॉइंट 

(b) अम्बुश साइट पकड़ने और अम्बुश की करवाई (Ambush site pakdne aur ambush ki karwai)
  • अम्बुश की जगह का आखरी रेकी (पार्टी की बनावट और करवाई )
  • अम्बुश साइट पर सर्वेलेंस पार्टी 
  •  अम्बुश साइट को हरकत और पार्टी का ज़मीन पर लगाना 
  • अम्बुश पार्टी कमांडर द्वारा फायर के इलाके की बाँट 
  • सिक्योरिटी के लिए हिदायते 
  • दुश्मन का अम्बुश साइट में फसने पर करवाई 
  • रात के समय मारने के इलाके में रौशनी का प्रबंध 
  • शत्रु द्वारा अम्बुश का पता लगाने अर करवाई 
  • अल्टरनेटिव अम्बुश साइट और वहाँतक पहुचने के रस्ते 
  • डिसेप्शन प्लान यदि कोई बनाई गई है 
  • इशारे 
(i)   फायर खोलने का  
(ii)  हमला 
(iii) विथद्रवल का 
(iv) शत्रु आ रहा है 
(v) कोई और ज़रूरी इशारा 
  •  भाग निकलने के रास्तो पे लगाना 
(c) वापसी (Wapsi)
  • RV 
  • RV  तक जाने के रस्ते 
  • RV से आर्डर  ऑफ़ मार्च 
  •  मिलाप :- कमांड और इलेक्ट्रॉनिक्स 
5 . बंदोबस्त(Bandobast) : एडम और लॉजिस्टिक 

6. मिलाप(Milap) : कमांड और इलेक्ट्रॉनिक्स (घडी मिलाओ )


7 . कोई शक  शुह्बा (Any doubt)

इस प्रकार से यहाँ अम्बुश की ब्रीफिंग कैसे दी जाती है और उसका परफॉर्म क्या होता है उससे सम्बंधित एक छोटा ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुवा ! उम्मीद हैकि ये पोस्ट आपको पसंद आएगी ! अगर कोई कमेंट में तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे ! हमे सब्सक्राइब और फेसबुक पे लाइक  तथा शेयर करके हमलोगों  प्रोतोसाहित करे !
  
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अम्बुश का परिभाषा और अम्बुश की पार्टिया

पिछले पोस्ट में हमने पेट्रोलिंग पार्टी के ब्रीफिंग देने के तरीके के बारे में जानकारी शेयर  हम अम्बुश क्या होता है और अम्बुश लगाने की जरुरत क्यों पड़ती है(Ambush lagane ke karan) इसके बारे में जानकारी शेयर करेंगे !



अम्बुश का परिभाषा(Ambush ka paribhasha) : अम्बुश का मतलब है किसी छुपी  पोजीशन से शत्रु के ऊपर ऐसा अचानक हमला करना जिसकी उसे  उम्मीद न हो !

जरुर पढ़े : टेक्टिकल वर्ड्स और उसका मतलब हिंदी में -I

अम्बुश लगाने की जरुरत(Ambush lagane ka jarurat) :
  • शत्रु के आदमियों और इक्विपमेंट को  बर्बाद करने लिए 
  • खबर हासिल करने के लिए 
  • शत्रु को तंग लिए 
  • शत्रु कामनोबल को तोड़ने के लिए 
  • शत्रु के दिल और दिमांग पे छाये रहने  लिए 
अम्बुश का प्रकार(Ambush ka prakar) :
  • मौके का अम्बुश 
  • तैयारी अम्बुश 
मौके का अम्बुश को कामयाब बनाने वाली बातें (Mauke ka ambush ko kamyab banane wali bate)
  • कमांडर का पक्का इरादा  और पहल करने की भावना  हो 
  • ट्रुप्स का डिसिप्लिन और सिखलाई उच्चे दर्जे की हो 
  • अम्बुश साइट को पकड़ना और इकठी करवाई करना 
बनावट के अनुसार अम्बुश की पार्टिया (Banawat ke anusar ambush ki partiya)
Ambush ki Parties
  • स्काउट या लुक आउट मैन 
  • कवरिंग पार्टी 
  • स्टॉप्स 
  • रिज़र्व पार्टी 
नोट:ध्यान  बात है की स्काउट और स्टॉप दोनों मौके के लिहाज  दूसरे का काम कर सकते है !

जरुर पढ़े : अम्बुश और काउंटर अम्बुश, अम्बुश का उद्देश्य , अम्बुश का पार्टिया , अम्बुश का टारगेट

अम्बुश की पार्टियों का काम (Ambush partiyo ka kaam)
  • स्काउट(Scout) : यह दुश्मन के मुमकिन आने वाले रास्तो पर लगाए जाते है ताकि अर्ली वार्निंग दे सके !
  • कवरिंग पार्टी(Covering Party): इशारा मिलने पर दुश्मन पर भरी तादाद में फायर करना और ज्यादा से ज्यादा जानी और माली नुकशान पहचान !
  • स्टॉप(Stop): भागते हुए दुश्मन को मार गिरना ! यह अम्बुश साइट से भाग निकलने वाले रास्तो पे लगाए जाते है   
  • रिज़र्व पार्टी(Reserve Party) : 
  1. दुश्मन पर फायर बंद होने के बाद असाल्ट करना और बचे हुए को मरना 
  2. पहचान के निशान हासिल करना 
  3. कवरिंग पार्टी के विथड्रावल को कवर करना 
अम्बुश के करवाई के हिस्से (Ambush ke karwai ke hinsse)
  • तैयारी 
  • साइट पकड़ना और करवाई 
  • विथड्रावल 

वार्निंग आर्डर मिलने के बाद अम्बुश की तयारी का तरतीब(Warning order milne ke bad ambush ki tartib) 
  • छोटा सोच विचार 
  • वार्निंग आर्डर देना 
  • इनफार्मेशन हासिल करना 
  • ग्राउंड रेक्की करना अगर सम्भव होतो 
  • तजवीज बनाना 
  • ब्रीफ करना 
  • रिहर्शल -इशारा ,साइट पकड़ने की ड्रिल , पीछे हटने की ड्रिल यदि 
अम्बुश के लिए रेकी पार्टी (Ambush ke liye reccee party ka kaam)
  • अम्बुश पार्टी कमांडर 
  • हर पार्टी के पार्टी कमांडर 
  • सर्वेलेंस पार्टी अगर छोड़ना होतो 
और रेकी में देखने वाली बातें(Recee ke dauran dekhnewali baten) 
  • अम्बुश की साईट और किल्लिंग ग्राउंड 
  • मेनबॉडी को अम्बुश साईट तक जाने का रास्ता 
  • RV और वहा ताका आने जाने का रास्ता 
  • अम्बुश लम्बे समय के लिए हो तो रेस्ट एरिया और असेंबली एरिया 
  • पीछे हटने के रस्ते 
  • अल्टरनेटिव अम्बुश पोजीशन 

अम्बुश के पकड़ने तथा कंडक्ट की तरतीब (Ambush pakdne ttha conduct ka tartib)
1.ऑक्यूपेशन (Occupation)
  1. डिसपरसल पॉइंट के लिए मूव 
  2. सर्वेलेंस पार्टी से मिलाप 
  3. अंतिम रेकी और अंतिम हुकुम 
  4. पार्टियो के द्वारा अपनी जगह पकड़ना 
2.कंडक्ट(Conduct)
  1. इंतज़ार 
  2. इशारा होने पर होशियार 
  3. स्प्रिन्गिंग 
  • स्काउट से वार्निंग पर पूरी पार्टी अलर्ट 
  • एक दम पूरा फायर खोलना 
  • फायर बंद
  • असाल्ट 
  • सर्च 
3. लगतार करवाई (Lagtar karwai)
अम्बुश में हथियारों को साईट करते वक्त ध्यान में रखने वाली  बाते (Ambush me hathiyar site karte samay dhyan me rakhne wali bate)
  • आटोमेटिक हथियार को पहले साईटइंग करे और ज्यादा से ज्यादा किल्लिंग ग्राउंड को कवर करे 
  • जो इलाका आटोमेटिक से कवर न हो राइफल के फायर से कवर करे 
  • शत्रु के भागने के रास्तो को बूबी ट्रैप्स, राइफल ग्रेनेड और मोर्टार फायर से कवर करे 
विथ्द्रवल की तरतीब (Withdrawal ki tartib)
  • स्काउट , कवरिंग पार्टी रिज़र्व और स्टॉप को अलग अलग रास्तों से अपनी जगह  छोड़ना 
  • RV पर पहुचना 
  • ऍफ़ डी एल में वापसी 
इस प्रकार से अम्बुश की परिभाषा , पार्टिया , लगाने का तरीका तथा विथ्द्र्वल के बारे में एक संक्षिप्त ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुवा उम्मीद है की ये पोस्ट पसंद आएगा ! अगर कोई कमेंट हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! और इस ब्लॉग को सब्सक्राइब तथा फेसबुक पर लाइक और शेयर करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे !

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 इन्हें भी पढ़े :

  1. पुलिस ड्यूटी
  2. फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट में होनेवाली कुछ कॉमन गलतिया
  3. 6 कॉमन गलतिया अक्सर एक आई ओ सीन ऑफ़ क्राइम पे करता है
  4. क्राइम सीन पे सबसे पहले करनेवाले काम एक पुलिस ऑफिसर के द्वारा
  5. बीट और बीट पेट्रोलिंग क्या होता है ?एक बीट पट्रोलर का ड्यूटी
  6. पुलिस नाकाबंदी या रेड् क्या होता है ?नाकाबंदी और रेड के समय ध्यान में रखनेवाली बाते 
  7. निगरानी और शाडोविंग क्या होता है ? किसी के ऊपर निगरानी कब रखी जाती है ?
  8. अपराधिक सूचना कलेक्ट करने का स्त्रोत और सूचना कलेक्ट करने का तरीका

12 February 2017

पेट्रोलिंग पार्टी को ब्रीफिंग देने का तरीका ?

पिछले पोस्ट में हमने पेट्रोलिंग क्या होता है और पेट्रोलिंग के दौरान ध्यान में रखने वाली बाते  के बारे में जानकारी  था इस पोस्ट में हम पेट्रोलिंग पे जाने वाले पार्टी को पेट्रोलिंग  कमांडर  ब्रीफिंग देता है पेट्रोलिंग  परफॉर्म क्या होता है (Patrol commander ka briefing dene ka tarika ttha briefing ka performa)इसके बारे में जानकारी शेयर करे!



किसी भी आपरेशन को शुरू करने और खंत होने पे एक ब्रीइफिंग दी जाती है ! पार्टी को  शुरू में दी जाने वाली जानकारी को को ब्रीफिंग तथा आपरेशन समाप्त होने के बाद देने वाली ब्रीफिंग को डी -ब्रीफिंग कहते है !

जरुर पढ़े : टेक्टिकल वर्ड्स और उसका मतलब हिंदी में -I

ब्रीफिंग की जरुरत क्यों पड़ती है(kisi operation ke liye briefing ki jaruat kyo padti hai) :किसी भी आपरेशन को अंजाम देने से पहले बहुत से कमांडर स्तर पर ब्रीफिंग दी जाती है उस ब्रीइफिंग के दौरान बहुत सी बातो को बताया जाता है ! इसलिए ये जरुरी है की कमांडर उन महत्वपूर्ण बातो और हिदायतों को अपने पार्टी जो उस  आपरेशन में वास्तव में सामिल हो रही  है उसके साथ शेयर करे ! उसी बातो और हिदायतों को हम ब्रीफिंग कहते  है !
Armed Force Briefing before a operation
Armed Force Briefing before a operation-(प्रतीकात्मक)
आम तौर से ब्रीफिंग को एक तारितीब में दी जाती है जिससे की कोई पॉइंट छूट न पाए और ब्रीफिंग का परफोर्म फॉलो करने से जवानों को समझने में आसानी होती है क्यों की उसकी ओ ट्रेनिंग के दौरान सिखलाई पाए हुए होते है !

पेट्रोल कमांडर के ब्रीफिंग का नमूना (Patrol Commander ka briefing ka performa):

1.  जमीनी निशान(Land Mark ) :: जमीनी निशान जो हुकुम के साथ तालुक रखते है

2.  खबर (Situation)-
     (i ) शत्रु के नफरी, हथियार, डिसपोसिशन जिन के बारे में मालूम हो और पैट्रॉल के बारे में खबरे कोई खास          आदत !

     (ii )अपनी फ़ौज: डिसपोसिशन, अपनी पैट्रॉल के बारे में खबर, तोपखाना, मोर के डीएफ टास्क                          और तंग करने वाले फायर टास्क !
3.  टास्क(Task ) : टास्क को सवाल के तौर पे बताया जाय


4 . तरीका (Execution):टास्क तीन हिंस्सों में पूरा करेंगे !
     (i) हिस्सा नो-I - 
  • एफडीएल(FDL) से पैट्रॉल बेस(Patrol base) तक हरकत
  • नफरी पैट्रॉल की बनावट 
  • रॉउट आउट 
  • बॉन्ड्स और आरवी(RV)
  • फार्मेशन , रफ़्तार और कण्ट्रोल के लिए इशारे 
  • टाइम आउट और टाइम इन 
  • हालत या रुकावट पर करवाई 
  • सरप्राइज होने पर और वैरी लाइट या फलते फायर होने पर करवाई 
  • दुश्मन देखने पर करवाई 
  • अम्बुश होने पर करवाई 
  • फायर खोलने के बारे में हिदायते 
  • पैट्रॉल बेस 
  • नेविगेशन(रात के समय )
  • रिहेर्सल  के लिए , हथियारों के मुलाहिजा के लिए और ज़मीन  देखने के लिए वक्त 
  • आखरी इंस्पेक्शन 
जरुर पढ़े : सेक्शन फार्मेशन एंड प्लाटून फार्मेशन के फायदे और नुकशान

 (ii ) हिस्सा नो-II  - पैट्रॉल बेस पकड़ने के तरतीब और खबरे हासिल करना
  • पैट्रॉल बेस पकड़ने की तरतीब 
  • पार्टीज की बाँट और टास्क 
  • खबर हासिल करने का तरीका 
  • अल्टरनेटिव पैट्रॉल बेस(Alternative Patrol Base) 
  • अल्टरनेटिव पैट्रॉल बेस पकड़ने का तरीका 
  • पैट्रॉल बेस को वापिसी 
  • छोटा दी- ब्रीफिंग 
  • गेट अवे मन (Get away man)
      (iii ) हिस्सा नो-III  - एफडीएल को वापसी 
  •  पैट्रॉल बेस छोड़ना 
  • रॉउट इन 
  • शैडो पैट्रॉल 
  • एफडीएल में दाखिल होना 
5 . बंदोबस्त(Adm  & Logistics )
  • ड्रेस, इक्विपमेंट और कैमोफ्लाज 
  • हथियार 
  • अम्मुनिशन 
  • राशन अगर ज़रूरत हो तो 
  • पानी और पानी साफ करने की दावा 
  • कैदियो के बारे में बंदोबस्त 
  • खान और आराम करने का समय 
जरुर पढ़े : टेक्टिकल वर्ड्स और उसका मतलब हिंदी में -II

6 . मिलाप (Command  aur  Electronics )
  • मिलाप का जरिया 
  • पासवर्ड 
7 . घडी मिलाओ 

8 . पूरी ब्रीफिंग में कोई शक या सवाल ?

इस प्रकार से यहाँ पेट्रोलिंग  की ब्रीफिंग कैसे दी जाती है और उसका परफॉर्म क्या होता है उससे सम्बंधित ए क छोटा ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुवा ! उम्मीद हैकि ये पोस्ट आपको पसंद आएगी ! अगर कोई कमेंट में तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे ! हमे सब्सक्राइब और फेसबुक पे लाइक  तथा शेयर करके हमलोगों  प्रोतोसाहित करे !


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  1. पुलिस ड्यूटी
  2. फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट में होनेवाली कुछ कॉमन गलतिया
  3. 6 कॉमन गलतिया अक्सर एक आई ओ सीन ऑफ़ क्राइम पे करता है
  4. क्राइम सीन पे सबसे पहले करनेवाले काम एक पुलिस ऑफिसर के द्वारा
  5. बीट और बीट पेट्रोलिंग क्या होता है ?एक बीट पट्रोलर का ड्यूटी
  6. पुलिस नाकाबंदी या रेड् क्या होता है ?नाकाबंदी और रेड के समय ध्यान में रखनेवाली बाते 
  7. निगरानी और शाडोविंग क्या होता है ? किसी के ऊपर निगरानी कब रखी जाती है ?
  8. अपराधिक सूचना कलेक्ट करने का स्त्रोत और सूचना कलेक्ट करने का तरीका

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