पिछले पोस्ट में हमने 51 mm मोर्टर के हाई एक्सप्लोसिव बम की पहचान के बारे में जानकारी शेयर की इस पोस्ट में हम 51 mm मोर्टर के डिटैचमेंट का काम और मोर्टर फायर को नियंत्रण करने का तरीका(Mortar Detachment Ka kam aur mortar fire ko control karne ka tarika ) के बारे में जानकारी हासिल करेंगे !
कारगर और सुरक्षित मोर्टार फायर करने के लिए ये जरुरी है की मोर्टार पलटन एक हर एक जवान मोर्टार को चलाने के बारे में जानता हो क्यों की मोर्टार डिटैचमेंट के जवान को ये जनलेना चाहिए की इसमें किसी भी जवान का काम निश्चित नहीं होती है इसलिए ये जरुरी होता है की मोर्टार पलटन के सभी जवानों को हरेक तरह के काम आने चाहिए और उसका समय समय पे डमी प्रैक्टिस भी करते रहना चाहिए!
a) मोर्टार डिटैचमेंट की बनावट(51 mm Mortar detachment ka banawat) :
1. स्टैण्डर्ड(51 mm Mortar detachment k standard banawat) : यह बनावट मैदानी इलाके के लिए लागु है और इस ने सिर्फ मोर्टार डिटैचमेंट कमांडर और नॉ-1 होते है ! इन दोनों के पास निम्नलिखित सामान होते है !
- डेट कमांडर (51 mm Mortar ke detchament commander ka saman)
- कार्बाइन बेनट के साथ
- भरा हुवा कार्बाइन मगज़ीन
- 2 बम काररीएर (6 HE और 5 स्मोक)
- मोर्टर नॉ -1 (51 mm Mortar ke Morter No-1 ka saman)
- 51 mm मोर्टार
- 9 mm पिस्टल ब्राउनिंग
2. मॉडिफाइड(51 mm Mortar detachment k Modified banawat) :यह बनावट हर इलाके में लागु है ! इस बनावट में मोर्टर नॉ-2 शामिल होता है , ताकि डेट कमांडर अपने साथ ज्यादा अमुनिसन उठा सके ! स्टैण्डर्ड बनावट में जिस प्रकार डेट कमांडर और मोर्टर नॉ-1 एक के पास सामना होता है वैसे ही इस बनावट में उनके पास सेम सामान होता है बस मोर्टर नॉ-2 के पास एक्स्ट्रा सामान जुड़ जाता है !पुरे डेट के पास निम्न सामान होता है !
- डेट कमांडर (51 mm Mortar ke detchament commander ka saman)
- कार्बाइन बेनट के साथ
- भरा हुवा कार्बाइन मगज़ीन
- 2 बम काररीएर (6 HE और 5 स्मोक)
- मोर्टर नॉ -1 (51 mm Mortar ke Morter No-1 ka saman)
- 51 mm मोर्टार
- 9 mm पिस्टल ब्राउनिंग
- मोर्टर नॉ -2 (51 mm Mortar ke Morter No-2 ka saman)
- राइफल 7.62 /5.56 mm
- राइफल के भरे हुए मग्जिन
- 2 बम काररीएर (6 HE और 6 स्मोक )
(b). मोर्टार डिटैचमेंट का काम(51 mm Mortar Ditachment ka kam) :
1. डेट कमांडर का काम (51 mm Mortar Ditachment Commander ka kam)
- डेट कमांडर की पहली जिम्मेवारी यह होती है की जो हुकुम उसे मिले है और फायर डालने के लिए जो काम उसे करने है उसके अनुसार मोर्टर की पोजीशन चुने ! मोर्टर पोजीशन एक या एक से ज्यादा चुने और दो पोजीशनस के दरमियान कम से कम 50 गज के फासला रखे !
उदहारण : डेट कमांडर पहुचते ही नॉ-1 और न०-2 को ऐसी जहा ले जाये जहाँ से हु टारगेट या निशान बिंदु को अच्छी तरह से देख सके ! जवान को जोर देके समझाए ही हर एक मौके पर सावधानी बरती जाए और इस बात का खास ध्यान रखा जाय की दुश्मन तो हमे नहीं देख रहा है !
- एक मोर्टर का पोजीशन चुनने के साथ ही डेट कमांडर दुसरे मोर्टर पोजीशन को भी चुन लेता है और उसके पास जाने के रस्ते को भी ध्यान रखता है और अपने मोर्टर नॉ-1 और मोर्टर नॉ-2 को वह उस पोजीशन के बारे में बताता है की अगर दुश्मन हमारे पोजीशन को देख लेता है तो हमर दूसरा पोजीशन कौन सा होगा और उसके ऊपर जाने का रास्ता कौन सी होगी !
- सब होने के बारे में डेट कमांडर फायर किये जाने वाले बम की किस्म , रेंज और कोण के बारे में हुकुम देगा ! जैसे HE लोड 40 डिग्री उच्चा कोण !
- अगर अक्सुलिरी ऐमिंग मार्क की जरुरत हो तो डेट कमांडर उसको लगाएगा या लगवाए गा ! उसके बाद नॉ-2 को हिदायत देके डेट कमांडर खुद छिपी हुई पोजीशन में चाल जाये और वही से ओ मोर्टर का फायर डलवाए और फायर को कण्ट्रोल करे !
2. मोर्टर नॉ-1 का काम(51 mm Mortar No-1 ka kam) : का कम मोर्टर की देखभाल करना और फायर डालना है ! यह भी देखो की चुन्नी हुई पोजीशन के रस्ते में कोई छोटी मोटी चीज तो नहीं है अगर ऐसा है तो डेट कमांडर को उसकी सूचना दे !
3. मोर्टर नॉ-2 का काम(51 mm Mortar No-2 ka kam) : का पहला कम है की वह नॉ-1 को लगातार बम की सप्लाई करता रहे ! अगर इस कम के लिए उस की जरुरत नहीं है तो आब्जर्वर या मुमकिन बचाओ के कम पे तैनात किया जा सकता है !अगर फायर बहुत तेज रफ़्तार से डालना हो तो वह नॉ-1 के साथ मोर्टर को लोड करेगा ! अगर इस बात की जरुरत नहीं है तो नॉ-1 के साथ इसे नहीं रखा जाये!
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(क) 51 mm बम का फायर नियंत्रण(51 mm Mortar ke fire par control karne ka tarika): डेट कमांडर को ऐसी जगह पे होना चाहिए जहा से ओ टारगेट को देख सके और दुश्मन से अपना छुपाव रखते हुए मोर्टर से इतनी दुरी पे रहे की मोर्टर नॉ-1 और नॉ-2 के पास उसका आवाज़ पहुच सके ! वह फायर रुख के परे रहे लेकिन बाजु की तरफ भी इतनी दुरी पे न हो की वह फायर की हिट को अच्छी तरह से न अनुमान लगा सके !
डेट कमांडर अपना पोजीशन ऐसी जगह बनाएगा की वह वह से फायर की हुकुम दे सके और फायर के हिट की करेक्शन करा सके ! अगर संभव हो तो वह बोम गिरने की जगह को देख कर हिट और नट हिट का करेक्शन दे . अगर बम टारगेट तक न पहुचे तो डेट कमांडर हुकुम देना चाहिए सही रेंज बताते हुए !
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अगर बम टारगेट के बाएँ गिरे तो अपनी गलती देख 6 डिग्री दाहिने का करेक्शन कराये और अगर बम टारगेट के दाहिने गिरे तो 6 डिग्री बाएँ का करेक्शन करेगा !
इस प्रकार से मोर्टार डिटैचमेंट कमांडर अपने मोर्टार डिटैचमेंट के फायर के ऊपर नियंत्रण रखते हुए मोर्टर का फायर कराएगा और टारगेट को बर्बाद करेगा ! उम्मीद है की यह पोस्ट आपको पसंद आएगा !अगर कोई कमेंट हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग को सब्सक्राइब और फेसबुक पे लाइक कर के हमलोगों को प्रोतोसाहित करे !
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