मैप रीडिंग के पिछले पोस्ट में हमने कन्वेंशनल साइन के महत्व के बारे में जनकारी प्राप्त किया ! इस पोस्ट में हम मैप के स्केल के कितने प्रकार के होते है( Map ke scale ke prakar ttha uska mahataw)के महत्व के बारे में जानेंगे !
जैसे की हम जानते है की मैप या स्केच किसी इलाके का छोटे रूप में चित्र होता है ! जिस अनुपात से उसे छोटा किया होता है उसी को हम मैप का स्केल कहते है !
जरुर पढ़े :कंपास को सेट करना तथा इस्तेमाल करने का तरीका
जब तक की हमे स्केल के बारे में पूर्ण ज्ञान हासिल न हो जाये तब तक हम एक सफल मैप के बारे में जानकार नहीं हो सकते !
अगर एक जवान मैप रीडिंग और मैप के स्केल के बारे में सही जानकारी रहता है और किसी आउट पोस्ट में ड्यूटी के दौरान उसके द्वारा दिए गए दुश्मन का लोकेशन जो उसने अपनी मैप रीडिंग के ज्ञान के अनुसार दिया है अगर उसने सही दुरी और बेअरिंग की जानकारी के साथ दुश्मन का लोकेशन बतात है तो सपोर्टिंग हथियारों का फायर आगे की अपनी टुकारियो को काफी मदद दुशमन के ऊपर सटीक फायर डाल के देता है !
जरुर पढ़े : मैग्नेटिक वेरिएशन , लोकल वेरिएशन तथा एंगल ऑफ़ कन्वर्जेन्स का मतलब
लेकिनं अगर आउट पोस्ट में बैठा जवान को मैप की सही जानकारी नहीं है और उसे मैप के बेअरिंग तथा स्केल पढना सही सही नहीं आता है तो उसके द्वारा दिया गया जानकारी गलत होगी तथा सपोर्टिंग फायर के द्वारा डाला गया फायर किसी गलत जगह पे गिर सकता है और हो सकता हो कही अपनी ही इलाके में जान माल का नुकशान कर दे !
जरुर पढ़े :मैप कितने प्रकार के होते है ?
इसी लिए एक जवान को विशेषकर आर्म्ड फ़ोर्स के जवान को मैप राडिंग तथा मैप के स्केल और बेअरिंग के बारे में सही ज्ञान होना बहुत ही जरुरी है !
इस पोस्ट में हम निम्न दो बाते मैप रीडिंग के बारेमे जानेगे :
1. मैप के स्केल का परिभाषा (Map ke scale ka paribhasha): ज़मीं और उस पर बनी डिटेल के बीच के पड़े फासले को जिस अनुपात में मैप या स्केच पर कम करके तथा मैपो या स्केच के बीच के पड़े फासले को इनलार्जमेंट पर बड़ा करके दिखाया जाता है उसी अनुपात को स्केल कहते है !
जरुर पढ़े : बैक बेअरिंग और फॉरवर्ड बेअरिंग में अंतर तथा ग्रिड लाइन का परिभाषा
यनी उदहारण के लिए अगर जमीन का 1 किमोमीटर की एरिया को अगर हम छोटा कर के मैप पर एक से.मी. के एरिया में दर्शाते है या मैप का 1 सेंटीमीटर अगर जमीन के 1 किलोमीटर के एरिया के डिटेल्स को दर्शत है तो इस अनुपात को हम स्केल कहते है ! हर मैप के उसपर उसका स्केल लिखा रहता !
जरुर पढ़े : 13 तरीके मैप सेट करने का !
2. मैप के स्केल का प्रकार (Map ke scale ka prakar): साधारणतः मैप के स्केल निम्न तीन प्रकार के होते है :
(i) छोटी स्केल (Small scale)
(ii) माध्यम स्केल (Medium scale)
(iii)बड़ी स्केल (Large Scale)
(i) छोटी स्केल (Small scale): जिन मैपो पर ज़मीन पर बने निशानों के बीच की दुरी साधारण से कम दिखाई गई हो तो वह छोटी स्केल के मैप कहलाते है !
(ii) माध्यम स्केल (Medium scale): जिन मैपो पर जमीनी निशानों के पड़े फासले साधारण रूप में दिखाए गए हो वह माध्यम स्केल के मैप कहलाते है !
(iii)बड़ी स्केल (Large Scale): जिन मैपो या स्केचो पर जमीनी फासला को साधारण से बड़े अनुपात में दिखाते है वह बड़ी स्केल के मैप कहलाते है !
जरुर पढ़े : 5 तरीका मैप पे ऊपर खुद का पोजीशन को पता करने का
इस प्रकार से यहाँ हम मैप रीडिंग में स्केल का महत्व तथा मैप के स्केल कितने प्रकार के होते है उसके बारेमे जानकारी प्राप्त की !उम्मीद है की ये पोस्ट पसंद आएगा ! अगर कोई कमेंट हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे और इस ब्लॉग को सब्सक्राइब तथा फेसबुक पेज लाइक करके हमलोगों को और प्रोतोसाहित करे बेहतर लिखने के लिए !
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जब तक की हमे स्केल के बारे में पूर्ण ज्ञान हासिल न हो जाये तब तक हम एक सफल मैप के बारे में जानकार नहीं हो सकते !
अगर एक जवान मैप रीडिंग और मैप के स्केल के बारे में सही जानकारी रहता है और किसी आउट पोस्ट में ड्यूटी के दौरान उसके द्वारा दिए गए दुश्मन का लोकेशन जो उसने अपनी मैप रीडिंग के ज्ञान के अनुसार दिया है अगर उसने सही दुरी और बेअरिंग की जानकारी के साथ दुश्मन का लोकेशन बतात है तो सपोर्टिंग हथियारों का फायर आगे की अपनी टुकारियो को काफी मदद दुशमन के ऊपर सटीक फायर डाल के देता है !
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इसी लिए एक जवान को विशेषकर आर्म्ड फ़ोर्स के जवान को मैप राडिंग तथा मैप के स्केल और बेअरिंग के बारे में सही ज्ञान होना बहुत ही जरुरी है !
इस पोस्ट में हम निम्न दो बाते मैप रीडिंग के बारेमे जानेगे :
Map Scale |
1. मैप के स्केल का परिभाषा (Map ke scale ka paribhasha)
2. मैप के स्केल का प्रकार (Map ke scale ka prakar)1. मैप के स्केल का परिभाषा (Map ke scale ka paribhasha): ज़मीं और उस पर बनी डिटेल के बीच के पड़े फासले को जिस अनुपात में मैप या स्केच पर कम करके तथा मैपो या स्केच के बीच के पड़े फासले को इनलार्जमेंट पर बड़ा करके दिखाया जाता है उसी अनुपात को स्केल कहते है !
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2. मैप के स्केल का प्रकार (Map ke scale ka prakar): साधारणतः मैप के स्केल निम्न तीन प्रकार के होते है :
(i) छोटी स्केल (Small scale)
(ii) माध्यम स्केल (Medium scale)
(iii)बड़ी स्केल (Large Scale)
(i) छोटी स्केल (Small scale): जिन मैपो पर ज़मीन पर बने निशानों के बीच की दुरी साधारण से कम दिखाई गई हो तो वह छोटी स्केल के मैप कहलाते है !
(ii) माध्यम स्केल (Medium scale): जिन मैपो पर जमीनी निशानों के पड़े फासले साधारण रूप में दिखाए गए हो वह माध्यम स्केल के मैप कहलाते है !
(iii)बड़ी स्केल (Large Scale): जिन मैपो या स्केचो पर जमीनी फासला को साधारण से बड़े अनुपात में दिखाते है वह बड़ी स्केल के मैप कहलाते है !
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