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26 December 2016

मार्क्स मैन के गुण और मार्क्स मैंन बनाने का तरीका

पिछले पोस्ट में हमने इंसास राइफल से स्टैंडिंग पोजीशन में फायर करने के तरीका के बारे में जानकारी हासिल की इस पोस्ट में हम संक्षिप्त जानकारी अच्छे निशानेबाज बनाने (Small Arms training me Marksman ke banne liye liye jaruri baate) के बारे में जानेगे !




आर्म्ड पुलिस फ़ोर्स के जवानों को एक अच्छे निशानेबाज होने बहुत जरुरी है और उसका बहुत सारे फायदे है तो अच्छे निशानेबाज बनाने के लिए एक निशानेबाज के अन्दर क्या गुण होने चाहिए ये हमें जानना बहुत ही जरुरी है !

जरुर पढ़े :9 mm पिस्तौल का खुबिया और खामिया

अच्छे निशानेबाज के गुण(Marksman ke quality ) : अच्छे निशानेबाज होने के लिए कुछ विशेष गुण की जरुरत होती है जो इस प्रकार से है !
  • वेपन हैंडलिंग में माहिर हो !
  • अच्छी सूटिंग की बेसिक जानकारी होनी चाहिए !
  • भिन्न भिन्न पोजीशन से  ग्रुप फायर करने में माहिर हो !
  • फायरिंग की गलती को सुधारना आता हो 
  • हवा के रफ़्तार के अनुसार फायरिंग आता हो 
  • दिए हुए टाइम के अन्दर स्नेप और मूविंग टारगेट को मार सकने की क्षमता हो !
  • सिखने की क्षमता रखता हो !
अच्छे निशानेबाज के लिए ट्रेनिंग कोर्स(Training stage of markshaman) 
प्रारंभिक ट्रेनिंग(Preliminary training)
  1. स्क्वाड पोस्ट ट्रेनिंग(Squad post training)
  2. शोर्ट रेंज फायरिंग (Short Range firing)

बेसिक मार्क्स मैन शिप ट्रेनिंग (Basic Marksmanship training)
  • तैयारी स्टेज (Prepratory stage)
  1. ग्रुपिंग & ज़ेरोइंग 100 गज से (Grouping & Zeroing)
  2. एप्लीकेशन फायर (Application fire)
  • बेसिक एनुअल रेंज क्लासिफिकेशन फायर(Basic ARCF)
  •  कॉम्बैट मार्क्स मैंनशीप(Cambat Markshmanship)
  1. IWT क्लास 
  2. कॉम्बैट रेंज कोर्स
  3. फील्ड फायरिंग  

मास्टर आँख पता करने का तरीका (How to detect master eye): अच्छे फायर बनाने  के लिए ये बहुत ही जरुरी है की फायरर को अपने मास्टर आँख के बारे में पता हो की उसका कौन सा आँख मास्टर आँख है ! वैसे तो ज्यादातर लोगो का मास्टर आँख दाहिना आँख ही होता है !

मास्टर आँख जानना इस लिए जरुरी है क्यों की इससे दुरुस्त अलिंग्मेंट करना आसन होता है फायरिंग के दौरान ! साधारण तह दो मेथड है जिसके साथ हम अपने मास्टर आँख को जन सकते है !
  1. मिलर कोन मेथड(Miller cone method) : अपने दोनों हाथो को फैलये  और फायर उसको अपने दोनों आँखों के सिद्ध में लाये और दोनों हाथो के बीच थोडा गैप रखते हुए  किसी ऑब्जेक्ट को देखे और फिर अपने हाथ  को धीरे धीरे आँखों को करी लाये और उस ऑब्जेक्ट को भी देखते रहे इस दौरान जिस आँख की और दोनों हाथे एप्रोच करेगी वही आपका मास्टर आँख है ! 
  2. सिंगल ऑब्जेक्ट फ़ोकसिंग मेथड(Single Object focusing method) : इस मेथड में फायरर अपने दोनों आँखों को खोले रख कर एक बस्तु विशेष पर अपनी आँखों को फोकस और अलिंग्मेंट करता है ! जैसे की उदाहरण के लिए ओ किसी एक पेंसिल को  दोनों आँखों से देखता है , उसके बाद उसी पेंसिल को एक-एक कर  आँख बंद कर के देखता इस दौरान जिस आँख से पेंसिल की पोजीशन एक ही पोजीशन में दीखता है वही फायरर का मास्टर ाआँख है ! 

दुरुस्त  फायरिंग स्किल के लिए अहम् जरूरियात(Fundamentals of accurate firing) :
  1. खड़ा होने का तरीका(Stance): खड़ा इस प्रकार से हुवा जाय की बॉडी, हाथ  और गन का अलिंग्मेंट टारगेट के साथ एकदम सही हो 
  2. हथियार के ऊपर पकड़(Grip) : हथियार के ऊपर पकड़ ऐसा की गन V फॉर्म बना हुवा हो और पिस्तौल अंगूठा और इंडेक्स फिंगर के बीचा अच्छा से ग्रिप बनाया हुवा हो  
    पिस्तौल का ग्रिप बनाना
    पिस्तौल का ग्रिप बनाना 
     
  3. साँस के ऊपर कण्ट्रोल(Breath Control) :साँस के ऊपर कण्ट्रोल रखना इस लिए जरुर होता है क्यों की इसके द्वारा हम बॉडी के मूवमेंट को कम किया जा सकता है ! इस लिए यह सलाह दिया जाता है की फायरर को साँस गोली को फायर हो जाने और दुबारा फायर करने के दौरान लेना चाहिए नकी फायरिंग और ट्रिगर ऑपरेशन के दौरान . 
  4. साईट अलिंग्मेंट(Sight Alingment) :  फोरे साईट और रियर साईट एक सिद्ध में होने चाहिए न की उप और डाउन यानि दुरुस्त साईट अलिंग्मेंट होनी चाहिए !
  5. ट्रिगर ऑपरेशन(Trigger Operation) : ट्रिगर ऑपरेशन स्मूथ होना चाहिए और ट्रिगर को झटके से नहीं दबाना चाहिए बल्कि धीरे धीरे प्रेशर को रिलीज़ कर के दबाना चाहिए !

ऊपर बताये गए पांचो पॉइंट्स एक अच्छे फायरर बनाने के लिए कभी अहमियत रखता है और ये अलग अलग हथियारों  पोजीशन  लिए अलग अलग होता है जैसे की हमने इंसास के स्टैंडिंग पोजीशन के लिए अपने पिछले पोस्ट में पटाया है वैसी और सभी हथियारों  लिए अलग होता है लेकिंग सभी प्रकार के हथियारों को फायर करने के लिए ऊपर वाले बाते लागू होती है !

इसी के साथ अच्छे फायरर में होने वाले गुण और अच्छी फायरिंग के लिए जरुरी बातो के बारे में संक्षिप्त जानकारी समाप्त हुई उम्मीद है की ये पोस्ट पसंद आएगा !अगर इस पोस्ट तथा इस ब्लॉग के बारे में कोई कमेंट या सुझाव हो तो निचे लिखे कमेन्ट बॉक्स में जरूर  दे !ब्लॉग को  सब्सक्राइब और अपने दोस्तों के बिच भी फेसबुक के ऊपर शेयर  कर हमलोगों को सपोर्ट  करे !

इसे भी पढ़े :
  1. 9 mm कार्बाइन मचिन या सब मचिन गन का इतिहास और खुबिया
  2. 9mm कार्बाइन का टेक्नीकल डाटा -II
  3. 9 mm कार्बाइन मचिन का बेसिक टेक्नीकल डाटा -I
  4. 5.56 mm INSAS LMG का बेसिक डाटा और स्पेसिफिकेशन
  5. इंसास राइफल का पार्ट्स का नाम और खोलना जोड़ना
  6. इंसास राइफल के डेलाइट टेलीस्कोपिक और पैसिव साईट का डिटेल.
  7. AKM राइफल का बेसिक टेक्नीकल डाटा
  8. 7.62mm SLR के पार्ट्स का नाम और 7.62 mm SLRराइफल का चाल
  9. AKM का चाल और उसका पार्ट्स का नाम
  10. हरकती टारगेट पर पॉइंट ऑफ़ एम सेट करना !

वेपन & टैक्टिस के ऊपर क्विज इबुक पुलिस ट्रेनीज के लिए

अपने ब्लॉग पोस्ट के रीडर्स और उनके द्वारा खोजे गये प्रश्नों को देखते हुवे हमलोग  इस निर्णय पे पहुचे है  की क्यों न कुछ  इबूक्स तैयार किया जाए जो पाठको  को  उनके छोटे छोटे सवालो का जवाब एक जगह ही मिल जाये !

इसी बात के ध्यान में रखते हुए हमलोग  कुछ दिनों के अन्दर एक मिनिमम मूल्य पे मैक्सिमम उपयोगी इबुक उपलब्ध करने का सोच रहे है  और उस बुक के ऊपर काम भी शुरू कर दिया हु जो की कुछ सप्ताहों में तैयार हो जायेगा !ये बुक निम्न लिखित विषयो पे अलग अलग होगा !

1. क्विज बुक वेपन सब्जेक्ट पे(Quiz ebook on weapon subject) :  इस इबुक के अन्दर मुख्या मुख्य हथियारों से सम्बंधित क्विज टाइप के सवालो का जवाब संग्रहित रहेगा ! कुल सवाल 1000 से ऊपर होगा और जिन हथियारों से सम्बंधित सवाल रहेगा ओ इस प्रकार से है !ये सवाल वैसे है जो बेसिक ट्रेनिंन के दौरान पूछे जाते है डिपार्टमेंट के प्रमोशन के लिए जो टेस्ट होते है उसमे पूछे जाते है !

            COMING SOON
बुक कवर 


  • 7.62 mm एसएलआर
  • 7.62 mm एल.एम्.जी 
  • 9 mm कार्बाइन मचिन 
  • 9 mm पिस्तौल ब्राउनिंग 
  • 5.56 mm  इंसास राइफल 
  • 5.56 mm इंसास एल.एम्.जी 
  • 7.62 mm AKM
  • 2 इंच मोर्टर 
  • 51 mm मोर्टार 
  • 36 नॉ हैण्ड ग्रनेड










Ebook Sample Questions


2.हैंडबुक सेक्शन कमांडर (Handbook for Section Commander) : ये बुक वेपन & टैक्टिस पे होगी जिसमे ऑपरेशन के दौरान के बहुत से ड्यूटी और आर्डर के बारे में दिया जाएगा !

3. ड्रिल क्विज बुक(Quiz on drill subject) : इसमें ड्रिल से सम्बंधित क्विज रहेंगे !

 पहली बुक के सफलता के अनुसार ही आगे वाली  किताबो के बारे में सोचूंगा और प्लान करूँगा !हमलोगों के इस ब्लॉग पे प्रति दिन अच्छी तादाद में  पाठक आते है और प्रति महीने इसमें करीबन 25% पाठको की अभी बढ़ोतरी है ! पाठको की संख्या और उनके द्वारा ढूंढे जाने वाले सवालों को देखते हुए आशा करता हु की ये इबुक जरुर पसंद आयेगी जो की बहुत ही कम रेट यानि 35/- रु पे इबुक फॉर्मेट में उपलब्ध  कराई जाएगी! आपलोगों का फीडबैक का इन्तेजार रहेगा !अगर इस पोस्ट तथा इस ब्लॉग के बारे में कोई कमेंट या सुझाव हो तो निचे लिखे कमेन्ट बॉक्स में जरूर  दे !ब्लॉग को  सब्सक्राइब और अपने दोस्तों के बिच भी फेसबुक के ऊपर शेयर  कर हमलोगों को सपोर्ट  करे !

25 December 2016

5.56 mm इंसास राइफल के स्टैंडिंग पोजीशन से फायर करने का तरीका

पिछले पोस्ट में हमने .303" LMG के जिरोइंग के बारे में जानकारी हासिल किये इस पोस्ट में हमन 5.56 mm इंसास राइफल से स्टैंडिंग पोजीशन में फायर करते वक्त ध्यान देने वाली बाते(5.56 mm INSAS rifle ke standing position se firing ke samay dhyan me rakhne wali bate) के बारे में जानकारी शेयर करेंगे !



और सब राइफल की तरह ही इंसास राइफल को भी फायर करने से पहले एक फायर को को निम्न जानकारिय होनी चाहिए ताकि फायरिंग के दौरान जरुँत पड़ने पे राइफल को अच्छी  तरह से हैंडल कर सकते  !

Rifle ke standing Position
Rifle ke standing Position
  • इंसास के बारे में बेसिक जानकारी होनी चाहिए(basic knowledge of INSAS rifle)   !
  • इंसास में पड़ने वाली रोको के बारे में जानकारी होनी चाहिए (Stoppage of INSAS rifle)
  • और उसे दूर करने के बारे में जानकारी होंना चाहिए (Removal of stoppage of INSAS Rifle)!
जरुर पढ़े :5.56 mm INSAS राइफल के मग्जिन को भरना खाली करना और रेंज लगाना
ऊपर बताई गयी जानकारिय अगर आप को है तो इंसास राइफल से फायर करते समय आपको कोई परेशानी नहीं आएगी! ऐसे तो इंसास राइफल को हम एसएलआर(SLR) की तरह भिन्न भिन्न पोजीशन से फायर करते है लेकिंग इस पोस्ट में हम इंसास राइफल को स्टैंडिंग पोजीशन से फायर करने के बारे में जानेगे  
स्टैंडिंग पोजीशन से इंसास राइफल की अच्छी फायरिंग के लिए निम्न बातो का ख्याल रखना चाहिए(INSAS RIfle ke standing position se fire karne ka tarika) !
जरुर पढ़े :इंसास राइफल को भरना, खाली करना, रेडी और मेक सफे कैसे करते है
  • हथियार को अपने मास्टर हाथ(Master hand)में पकडे! 
  • फायरिंग से पहले राइफल की स्लिंग को एडजस्ट करे!
  • स्पोर्टिंग हाथ(Supporting hand) फ्रंट हैण्ड गार्ड(Front hand guard) पे रखे!
  • टारगेट से तिरछी यानि साइड वे(SIdeway) खड़ा हो !
  • दोनों पैर कद के अनुसार खुले रखे !
  • शारीर का पूरा वजन दोनों पैरो  के ऊपर रखे!
  • राइफल के बट को अपने मास्टर हैण्ड के अनुसार राईट या लेफ्ट कंधे पे फिक्स करे !
  • टारगेट के ऊपर एक नेचुरल अलिंग्मेंट बनाये !
  • मुख्य आँख (Master eye)  को खोले !
  • दुरुस्त साईट अलिंग्मेंट(Sight alingment) बनाये 
  • उसके बाद साईट पिक्चर(Sight picture)  हासिल करे 
  • साईट पिक्चर के हासिल करने के बाद फिर ध्यान साईट अलिंग्मेंट पे लाये !
  • अंगुली को ट्रिगर के ऊपर ले जाये(index finger on trigger) !
  • अपनी साँस को कण्ट्रोल करे !
  • धीरे धीरे प्रेशर बढ़ाते हुए ट्रिगर को दबाये(Gradually press trigger) !
  • फायरिंग के बाद अपनी रिजल्ट को देखे !
  • रिजल्ट को एनालिसिस करे !
  • जरुरत हो तो अनुभवी प्रक्षीक्षक से सलाह ले !
  • गलतियों को दुरुस्त करने के लिए ड्राई प्रैक्टिस करे !!
  • जब लग जाए की हमने अपनी गलतियो के सुधर कर इए है तो फिर प्रैक्टिस फायर करे !
  • अपने रिजल्ट को नोट कर के रखे !
जरुर पढ़े :INSAS राइफल के फायरिंग पोजीशन और मज़बूत पकड़ बनाने के तरीके -I

इन सब बातो को ध्यान में रख कर हम 5.56 mm इंसास राइफल के स्टैंडिंग पोजीशन में अच्छी फायरिंग रिजल्ट हासिल कर सकते है ! और उम्मीद है की ये पोस्ट पसंद आएगा !अगर इस पोस्ट तथा इस ब्लॉग के बारे में कोई कमेंट या सुझाव हो तो निचे लिखे कमेन्ट बॉक्स में जरूर  दे !ब्लॉग को  सब्सक्राइब और अपने दोस्तों के बिच भी फेसबुक के ऊपर शेयर  कर हमलोगों को सपोर्ट  करे !
इसे भी पढ़े :
  1. इंसास राइफल में निलिंग पोजीशन के तरीके और इसमें देखनेवाली बाते !
  2. इंसास राइफल से स्टैंडिंग पोजीशन से फायर करने के तरीके और देखने वाली बातें !
  3. 7.62mm SLR का निरिक्षण के लिए जाँच शाश्त्र की करवाई और अहमियत
  4. 7.62 mm एसएलआर को खोलना , जोड़ना और मग्जिन को खोलना जोड़ना !
  5. 7.62mm SLR सफाई करने का सामान और सफाई करने का तरीके
  6. 9mm कार्बाइन मशीन को खोलना जोड़ना और टेस्ट ?
  7. 9 mm कार्बाइन की सफाई और रख रखाव का तरीका
  8. 9mm कार्बाइन के मगज़ीन को भरना खाली करना , 
  9. कार्बाइन को भरना खाली और फायर करने का तरीका
  10. 5.56 mm INSAS Rifle के सिंगल शॉट ट्रिगर मेचानिज्म और पार्ट्स के नाम

18 December 2016

.303" LMG के ज़ेरोइंग के सिद्धांत और ज़ेरोइंग करने का तरीका

पिछले पोस्ट में हमने .303" एल.एम्.जी  का जीरोइंग कब की जाती है और जिरोइंग के फायदे(.303" LMG ko kab zeroing kiya jata hai aur zeroing ke fayde) के बारे में जानकारी शेयर की इस पोस्ट में हम .303" एल.एम्.जी के जिरोइंग के सिद्धांत तथा जिरोइंग करने के तरीका(.303" LMG ko zeroing karne ka siddhant aur zeroing karne ka tarika) के बारे में जानकारी शेयर करेंगे !



303" एल.एम. जी. जिरोइंग के सिद्धांत(.303" LMG ke zeroing ka siddhant ):जैसे की राइफल के जिरोइंग वाले पोस्ट में बताया गया है की गोली के उड़न पे दो चीजे काफी असर डालती है  ओ चीजे है हवा और जमीं की कशिस  इस लिए इन दोनों को बे असर करने के लिए बैरल को थोडा बहुत एलिवेशन  दिया जाता है यह एलिवेशन बैक साईट को रेंज के मुताबिक एडजस्ट करने से मिलता है ! 
.303" LMG ka zeroing table
.303" LMG ka zeroing table

एक एल.एम्.जी को जिरोइंग करने के लिए उस पर 200 गज का साईट फिट करके 100 गज से 5 गोलियों का ग्रुपिंग फायर किया जाता है और इस तरह से हुई 5 गोलिओ के ग्रुप का एम्.पी.आई. दुरुस्त है तो बाकि रंजो पर भी नतीजा दुरुस्त मिलेगा !

जरुर पढ़े : 7.62 mm एसएलआर के ज़ेरोइंग करना और ज़ेरोइंग से होने वाले फायदे ? एम्.पी.आई की दुरुस्ती(.303" LMG ke Mean Point of Impact ki durusti) : अगर ऊपर बताये गए तरीके से फायर  ग्रुप की एम्.पी.आई  को दुरुस्त एम्.पी.आई से चेक करना चाहिए ! एल.एम्.जी का दुरुस्त एम्.पी.आई 5" ऊपर तथा 1" दाए होता है !

अगर एम्.पी.आई(MPI) की दुरुस्ती में गलती पाई जाए तो गलती को इस प्रकार से दूर किया जाता है :
  • आगर एलिवेशन में गलती हो तो बड़ी या छोटी फोर साईट को फिट करके गलती को दूर करे !
  • अगर डिफ्लेकसन में गलती है तो फोर साईट को दाए या बाए को हरकत दे ! हमेश याद रखे की फोर साईट को गलती की तरफ हरकत देना चाहिए !
  • दुरुस्त फायर करने के बाद ग्रुपिंग फिरे करके गलती को चेक करना चाहिए जहा तक हो सके निचे की गलती को नहीं छोड़ना चाहिए !
जरुर पढ़े :10 पॉइंट राइफल को ट्यूनिंग उप और स्टॉकिंग के करवाई के बारे में

.303" एल.एम्.जी को जिरोइंग करने का तरीका(.303" LMG ko zeroing karne ka tarika) :
  • फायरर की फायरिंग : जहा तक हो सके सेक्शन का अच्छा फायरर या एल.एम्.जी नम्बर -1 ही एल.एम्.जी को जीरो करे ! एल.एम्.जी को अगर आर्डिनेंस ट्राईपोड मिला हो तो उस पर माउंट करके जीरो करे बरना इम्प्रोवाइज्ड ट्राईपोड पर भी जीरो किया जा सकता है ! हर गोली को फिरेर करने के बाद शिस्त को चेक करे !
  • अगर हो सके तो 100 गज के रेंज से जीरो करे ! अगर 100 गज का रेंज न मिले तो 25 गज से भी किया जा सकता है !
.303" एल.एम्.जी को जिरोइंग करने के लिए साईट(.030 LMG  ko zeroing karne ke site range): 200 गज पे हो 

.303" एल.एम्.जी को जिरोइंग के लिए टारगेट (.030 LMG  ko zeroing karne ke target): 100 गज पे 4' x 4' क्लासिफिकेशन टारगेट जिस पर 4.5" x 3" सफ़ेद ऐमिंग मार्क लगा हो ! अगर जिरोइंग 25 गज पर कीया  जा रहा है  तो 1' x 1'  रिप्रेजेन्टेटिव टारगेट  या सफ़ेद स्क्रीन जिस पर 1" काला ऐमिंग मार्क लगा हो का इस्तेमाल किया जाय!

.303" एल.एम्.जी को जिरोइंगके वक्त ग्रुपिंग का साइज़(.030 LMG  ko zeroing karne ke grouping ka size) : 100 गज के रेंज से 4" का ग्रुप होना चाहिए  अगर 25 घ के रेंज से किया जा रहा हो तो ग्रुप 1" का होना चाहिए !

इस प्रकार से या .303" एल.एम्.जी का जेरोइंग के सिद्धांत और जिरोइंग करने से सम्बंधित एक संक्षिप्त पोस्ट समाप्त हुवा और उम्मीद है की ये पोस्ट पसंद आएगा !अगर इस पोस्ट तथा इस ब्लॉग के बारे में कोई कमेंट या सुझाव हो तो निचे लिखे कमेन्ट बॉक्स में जरूर  दे !ब्लॉग को  सब्सक्राइब और अपने दोस्तों के बिच भी फेसबुक के ऊपर शेयर  कर हमलोगों को सपोर्ट  करे !
इसे भी पढ़े :
  1. .303 LE राइफल का इतिहास
  2. Lee Enfield .303राइफल का टेक्नीकल डाटा
  3. Lee Enfield 303राइफल की खूबिय और खामिया
  4. 9 mm कार्बाइन मचिन या सब मचिन गन का इतिहास और खुबिया
  5. 9mm कार्बाइन का टेक्नीकल डाटा -II
  6. 9 mm कार्बाइन मचिन का बेसिक टेक्नीकल डाटा -I
  7. 5.56 mm INSAS LMG का बेसिक डाटा और स्पेसिफिकेशन
  8. इंसास राइफल का पार्ट्स का नाम और खोलना जोड़ना
  9. इंसास राइफल के डेलाइट टेलीस्कोपिक और पैसिव साईट का डिटेल.
  10. AKM राइफल का बेसिक टेक्नीकल डाटा

.303" LMG का जिरोइंग कब की जाती है और जिरोइंग से होने वाले फायदे क्या है ?

पिछले पोस्ट में हमने बुलेट फायर करने पर  एक ही सुराख़ से क्यों नहीं पास होता है(Rifle se bullet fire karne pe ek hi surakh se kyo nahi pass hota hai ) इसके बारे में जानकारी हासिल की , इस पोस्ट में हम .303 एलएमजी  के ज़ेरोइंग के बारे में कुछ मुख्य जानकारी(.303"  LMG ke zeroing ke bare me mukhy jankariya) शेयर करेंगे !



किसी भी हथियार को annualआनुअल फायर करने से पहले हथियारों को  जीरो  किया जाता है ताकि इस बात का यकीं हो जाये की दिफ्लेकसन(Deflection) और एलिवेशन(Elevation) दोनों के लिए हथियारों के सीते को दुरुस्त किया जा सके !

एलेमजी को किसके द्वारा ज़ेरोइंग करना चाहिए(.303" LMG ko kiske dwara zeroing karana chahiye) :एलेमजी और राइफल के ज़ेरोइंग में कोई खास फर्क नहीं है सिवाए इसका की राइफल एक जवान का जातीय हथियार होता है इस लिए ये जरुरी होता है की सभी जवान अपना राइफल का ज़ेरोइंग स्वमं फायर करके करे जब की एलेमजी एक सेक्शन का वेपन होता है इसलिए  जवानों को अपनी मर्जी के अनुसार जिरोइंग नहीं किया जाता है है बल्कि एक सेक्शन के औसत जवानों के लिए ही जीरो  किया जाता है ! 

जरुर  पढ़े :राइफल का ग्रुपिंग क्या होता है और उसका सिधांत

इसलिए एलेमजी को अमूमन एलेमजी नम्बर 1  के द्वारा ही कराइ जाती है और यदि सेक्शन में कोई और जवान जो एलेमजी नम्बर 1 से अच्छा फायर करता है तो उसके द्वारा कराइ जाती है !

एलेमजी को कब कब जीरो किया जाता है(.303" LMG ko kab kab zero kiya jata hai) :
  • नई गन मिलने पर या कोई नया पार्ट्स बदलने पर 
  •  रेंज क्लासिफिकेशन फायर से पहले !
  • गन की दुरुस्ती चेक करने के लिए विशेषकर वैसे वेपन का जिससे लम्बे समय से फायर नहीं किया गया हो !
  • गन की दुरुस्ती पर शक होने पर !
  • किसी बड़ी ऑपरेशन  में जाने से पहले 
  • किसी फायरिंग प्रतियोगिता में जाने से पहले !

जिरोइंग से सम्बंधित कुछ अहम् बाते(.303" LMG ke zeroing se smabandhit kuchh vishesh bate) :
  • दोनों बैरल को जीरो करके दोनों का नतीजा एक सा होना चाहिए !
  • एलमजी की साईट लाइन ऑफ़ फायर से 1" बाये होने की वजह से इसका एम्.पि. आई. 1" दाये बनता है ! यह फर्क हर रेंजो पर एक सा होता है इस लिए इसका एम्.पी.आई को कभी भी सेण्टर में लेन की कोशिश नहीं करना चाहिए !
  • एल.एम्.जी. जीरो करने के बाद सेक्शन के बाकि जवानों से ग्रुपिंग फायर करवाकर मास्टर ग्रुप चेक कर लेना चाहिए ! ऐसा करने से  सेक्शन के बाकि जवानों को एलिवेशन और डिफ्लेकसन का फर्क मालूम पद जायेगा !
  • हर एक जिरोइंग के बाद इसका रिकॉर्ड रखना चाहिए !
  • जिरोइंग  से पहले एल.एम्.जी का मुलेहजा  कर लेना चाहिए ! 
  • जहा तक संभव हो जिरोइंग साफ दिन और सुबह के वक्त ही करना चाहिए ऐसा करने से जिरोइंग का नतीजा अच्छा मिलता है !
  • यकीं करना चाहिए की जिरोइंग से पहले बैरल खुश्क और अच्छी हालात में हो !
  • ग्रुपिंग फायर करने से पहले  बैरल 10 गोलिओ का ब्रस्ट फायर करके गर्म कर लेना चाहिए !
इस प्रकार से .303"एल.एम्.जी के जिरोइंग कब की जाती है , से सम्बंधित  एक संक्षिप पोस्ट समाप्त हुवा ! उम्मीद है की पोस्ट  पसंद आएगा !अगर इस पोस्ट तथा इस ब्लॉग के बारे में कोई कमेंट या सुझाव हो तो निचे लिखे कमेन्ट बॉक्स में जरूर  दे !ब्लॉग को  सब्सक्राइब और अपने दोस्तों के बिच भी फेसबुक के ऊपर शेयर  कर हमलोगों को सपोर्ट  करे !
इसे भी पढ़े :
  1. .303 LE राइफल का इतिहास
  2. Lee Enfield .303राइफल का टेक्नीकल डाटा
  3. Lee Enfield 303राइफल की खूबिय और खामिया
  4. 9 mm कार्बाइन मचिन या सब मचिन गन का इतिहास और खुबिया
  5. 9mm कार्बाइन का टेक्नीकल डाटा -II
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  7. 5.56 mm INSAS LMG का बेसिक डाटा और स्पेसिफिकेशन
  8. इंसास राइफल का पार्ट्स का नाम और खोलना जोड़ना
  9. इंसास राइफल के डेलाइट टेलीस्कोपिक और पैसिव साईट का डिटेल.
  10. AKM राइफल का बेसिक टेक्नीकल डाटा

12 December 2016

राइफल को फायर करने पे सभी गोलिया एक ही सुराख़ से क्यों नहीं निकलती है ?

पिछले पोस्ट में हमने 7.62 mm एसएलआर के ज़ेरोइंग कब और कैसे किया जाता है इसके बारे में जानकारी शेयर की इस पोस्ट में हम नार्मल हथियार के सिद्धांत के बारे में जानकारी शेयर करेंगे (Theory of normal weapon)!



एक अच्छा फायरर बनाने  के लिए आम ग्रुप के सिद्धांत जानना और उनका प्रयोग करना निहायत आवश्यक है ! जैसे की हम जानते है की 25 गज या 100 गज से जीरो की हुई राइफल या एल एम् जी जरुरी नहीं की दुसरे रेंज पर साईट के अनुसार दुरुस्त फायर करे इसलिए ये हर एक जवान को इस योग्य होना चाहिए की वह अपनी गोलिओ की मार देखकर ठीक दुरुस्ती कर सके !
राइफल की गोली एक सुराख़ से क्यों नहीं निकलती है ?
राइफल की गोली एक सुराख़ से क्यों नहीं निकलती है ?
सभी गोलिया एक ही सुराख़ से क्यों नहीं पास होती है(Rifle se fire ki jani wali safi goliya ek surakh se kyo nahi pass hoti hai) ?:चाहे किसी भी हथियार से फायर किया जाए, अच्छे फायर के तीन बुनियादी उसूलो का प्रयोग करने पर भी तमाम गोलिया एक सुराख़ से नहीं निकलती है ! फैक्ट्री में राइफल को शिकंजे में डालकर 100 फुट के रेंज से फायर करके टेस्ट किया जाता है और इस टेस्ट में पास करने के लिए हर एक राइफल की गोलिया कम से कम  1" x 1.5" के एरिया में लगनी चाहिए !

जब शिकंजे में डालकर फायर करने पर भी तमाम गोलिया एक सुराख़ से नहीं निकलती , तो राइफल को हाथ से पकड़ने पर कभी एक सुराख़ से नहीं निकलेगी ! गोलिओ के एक सुराख़ से नहीं निकल पाने की कुछ कारन होता है जैसे  की(Golio ko ek surakh se nahi nikal pane ke karan) :


जरुर  पढ़े :राइफल का ग्रुपिंग क्या होता है और उसका सिधांत
  1. अमुनिसन(Ammunition) : गोली में बारूद काफी होशियारी के साथ भरी जाती है फिर भी बारूद का मिक्सचर में मामूली कमी बेसी हो जाती है !
  2. बैरल का गरम होना(Heating of barrel) : लगातार फायर होने पर बैरल भी गरम हो जाती है जिससे बैरल थोडा खुल जाती है और गोलिओ की वेलोसिटी या रफ़्तार थोडा कम हो जाता है जिसके कारन गोलिया निचे लगती है !
  3. स्टॉकिंग(Stocking) : राइफल की बैरल लकड़ी की स्टॉकिंग के बीच तुली होती है अगर फायर के धमाके से मामूली भी स्टॉकिंग में फर्क आ जाए तो गोली की दुरुस्ती पर असर पड़ता है और गोलिया एक जगह नहीं लगती है !
  4. मौसमी असर(Effect of weather condition) :  हवाई नमी , हवा की रफ़्तार और रेख गोली पर असर डालने वाली कुछ मौसमी चीजे है जो हर वक्त बदलती रहती है इसलिए हर एक गोली पर इसका असर दूसरी गोली से अलग होती है जिसके कारन गोलिया एक जगह पे हिट नहीं करती है !
  5. फायरर की गलती(Firer mistakes) : फायरर की पकड़, सिस्ट और ट्रिगर ऑपरेशन में अलग अलग  फर्क तो गोलिया एक जगह नहीं लगती है !

इसी के साथ एक छोटी सी जानकारी राइफल की गोलिया फायर करने से एक ही सुराख़ से क्यों नहीं पास होती है समाप्त हुई ! उम्मीद है की पोस्ट पसंद आएगी!अगर इस पोस्ट तथा इस ब्लॉग के बारे में कोई कमेंट या सुझाव हो तो निचे लिखे कमेन्ट बॉक्स में जरूर  दे !ब्लॉग को  सब्सक्राइब और अपने दोस्तों के बिच भी फेसबुक के ऊपर शेयर  कर हमलोगों को सपोर्ट  करे !
इसे भी पढ़े :
  1. 7.62mm SLR का निरिक्षण के लिए जाँच शाश्त्र की करवाई और अहमियत
  2. 7.62 mm एसएलआर को खोलना , जोड़ना और मग्जिन को खोलना जोड़ना !
  3. 7.62mm SLR सफाई करने का सामान और सफाई करने का तरीके
  4. 9mm कार्बाइन मशीन को खोलना जोड़ना और टेस्ट ?
  5. 9 mm कार्बाइन की सफाई और रख रखाव का तरीका
  6. 9mm कार्बाइन के मगज़ीन को भरना खाली करना , 
  7. कार्बाइन को भरना खाली और फायर करने का तरीका
  8. 5.56 mm INSAS Rifle के सिंगल शॉट ट्रिगर मेचानिज्म और पार्ट्स के नाम
  9. इंसास राइफल से दुरुस्त शिस्त लेने का तरीका और शिस्त लेते समय होने वाले कुछ कॉमन गलतिया
  10. इंसास एलेमजी को खोलना जोड़ना और उसके पार्ट्स का नाम

11 December 2016

7.62 mm एसएलआर राइफल को ज़ेरोइंग कैसे और कब किया जाता है?

पिछले पोस्ट में हमने जानकर शेयर किया 7.62 mm राइफल को ज़ेरोइंग करते समय ध्यान में रखने वाली विशेष बाते  और इस पोस्ट में हम जानकारी शेयर करेगे इन 7.62 mm एसएलआर को ज़ेरोइंग कैसे करे(7.62 mm SLR ko zeroing kaise karte hai) !




जैसे की हम जानते है की फायरर कितना भी अच्छा क्यों न हो अगर राइफल की ज़ेरोइंग अच्छी तरह से नहीं की गई हो तो फायर सही जगह पे नहीं लगेगी इसलिए ये जरुरी होता है की अगर फायरर फायरिंग की पूरी उसूल को अपनाता है फिर भी फायर सही नहीं लग रहा हो तो राइफल का ज़ेरोइंग चेक कर लेना चाहिए और फिर से ज़ेरोइंग करनी चाहिए !
7.62 mm SLR's Zeroing
7.62 mm SLR's Zeroing 
 कैसे समझे की राइफल का ज़ेरोइंग की ज़रूरत नही  है(Kaise samjhe ki rifle ko zeroing ki jarurat nahi hai ) ?
 अगर बैरल गर्म करने के बाद फायरर राइफल का 200 गज का साईट लगा कर 100 गज से 4' x 4' टारगेट के ऊपर या 25 ग्ज से 1' x 1' टारगेट पर ऐमिंग मार्क की मदद से एक ही जगह शिस्त लेते हुए पांच गोलियों का एक ग्रुप फायर करता है और टारगेट पे गोलिओ का ग्रुप का एम् . पी. आई  यदि 100 जग से 2" ऊपर बनती है तो समझना चाहिए की राइफल का ज़ेरोइंग ठीक हुई है और बाकि सभी रंगों पर दुरुस्त नतीजा मिलेगा !
जरुर  पढ़े :10 पॉइंट राइफल को ट्यूनिंग उप और स्टॉकिंग के करवाई के बारे में
कैसे समझे की राइफल का ज़ेरोइंग की ज़रूरत है (Kaise samjhe ki rifle ko zeroing ki jarurat  hai ) ?

अगर ऊपर की पाराग्राफ में बताई गई बातो को ध्यान रख कर फायर किया गया और गोली 2" ऊपर लगने के जगह निचे लगती है तो समझना चाहिए की राइफल की ज़ेरोइंग ठीक नहीं है और राइफल की ज़ेरोइंग करना जरुरी है !

एसएलआर की  मार में कितने प्रकार की गलती हो सकती है जिसे ज़ेरोइंग के द्वारा दूर किया जा सकता है(SLR ke zeroing se kitne prakar ki galti ko hm dur kar sakte hai) ?
 ज़ेरोइंग के द्वारा दो प्रकार की गलती को दूर किया जा सकता है :
  1. ऊपर या निचे (Elevation) की गलती 
  2. दाये या बाये (Deflection)
  • ज़ेरोइंग के द्वारा ऊपर या निचे की गलती को दूर करने का तरीका(Zeroing ke dwara upar -niche ki galti ko dur karne ka tarika ) :यदि गोली निशाने की जगह से ऊपर या निचे लग रही है तो बैरल का elevation ऊपर या निचे करने की जरुरत है ! मन लीजिये की गोलिया ऊपर लग रही है इस हालत में हमे बैरल को निचे करना पड़ेगा !लेकिंन  हर हालत में हमें निशान की जगह वही रखना पड़ेगा ! ! यानि गोली उपर हिट कर रही है तो उसे निचे करने के लिए हमे फोरे साईट  को ऊपर करना पड़ेगा! 

निम्न राइफल की ऊपर निचे की गलती निचे लिखे तरीके से दूर की जाती है !
  1. 7.62 mm एसएलआर 1 A 1 : इस राइफल में सबसे पहले फोरे साईट लॉकिंग नट  को ढीला करे और फोरे साईट को जरुरत के मुताबिक धुमाए ! यद् रखे फोरे साईट एक चक्कर धुमने से 6 इंच का फर्क पड़ता है ! घडी के सीधे रुख घुमाने से फोरे साईट निचे आएगी और घडी के उलटे रौख घुमाने से ऊपर जाएगी ! चुकी इस राइफल का फोरे साईट गोल होता है इसलिए इस राइफल में आधे से कम चक्कर को भी दुरुस्त किया जा सकता है ! दुरुस्ती के बाद फोरे साईट लॉकिंग नट को कस (tight) देना चाहिए !
  2. 7.62 mm एसएलआर L1 A 1:  इस राइफल की फोरे साईट को हरकत देने के लिए कीपर स्क्रू को कॉम्बिनेशन टूल की मदद से ढीला करे और फोरे साईट टिप को घुमाये चुकी राइफल इस राइफल का फोरे साईट टिप चिपटी होती है इस लिए इसमें आधा चक्कर से कम की दुरुस्ती नहीं दी जा सकती है ! इस राइफल में 100 गज से फोरे साईट को एक चक्कर घुमाने से 4" का फर्क पड़ता है !
  3. 7.62 mm एसएलआर FAL:- इस राइफल में एक चक्कर घुमाने से 5.5 इंच का फर्क पड़ता है बाकि कार्यवाही 7.62 mm एसएलआर 1 A 1 की तरह से ही है !
  • ज़ेरोइंग के द्वारा दाए या बाए  की गलती को दूर करने का तरीका(SLR ke zeroing se daaye aur baaye ki galti ko dur karne ka tarika):जब ऊपर निचे की गलती दूर हो जाये तो बाये दये की गलती दूर की जताई है ! दाए बाए की गलती दूर करने के लिए बेक साईट में दुरुस्ती करनी पड़ती है !हिट को दुरुस्त करने के लिए गलती से दूर भागो (move away from error) का सिधांत अपनाया जाता है ! जब गोली बाए लग रही हो बेक साईट को दाहिने करे और दाए लग रही हो तो बाये की जाए !
  • बेक साईट  स्क्रू को जिस तरफ खिसकाना है उस तरफ से फ्हिला करे और दूसरी तरफ से उतना ही काश दे ! बेक साईट को पूरा एक चक्कर से 4 " दाये , बाये का फर्क पड़ता है !
ज़ेरोइंग स्लिप क्या होता है(Zeroing slip kya hota hai) ? ज़ेरोइंग स्लिप में राइफल को कब जीरो किया गया , किसने जीरो किया , फोरेसिते और बेक साईट में क्या तबदीली की गई इसका विवरण रखा जाता है ! इससे यह फायदा होता है की जब राइफल लम्बे रेंज से दुरुस्ती से फायर नहीं करता है तो उसका कारन मालूम करने के लिए ज़ेरोइंग स्लिप की मदद ली जाती है !
Zeroing slip
7.62 mm SLR Zeroing slip
ज़ेरोइंग के बाद की जाने वाली कार्यवाही  क्या क्या होती है(Zeroing karne ke bad kya karni chahiye) : ज़ेरोइंग के बाद एक चेक ग्रुप फायर क्र लेना चाहिए ! यदि किसी की राइफल दुसरे ने जीरो की है तो उसका यकीं करने के लिए उसके ठीक जीरो हो गई है , उसे भी एक ग्रुप फायर कर लेना चाहिए ! यदि समय हो तो बड़े रंज पर फायर कर के तसल्ली कर लेना चाहिए !

जरुर पढ़े :5.56 mm INSAS LMG से सही फायर करने का तरीका

इस प्रकार से ज़ेरोइंग कैसे और कब की जाती है से सम्बंधित जानकारी का यह पोस्ट यही समाप्त हुवा उम्मीद है की पोस्ट पसंद आएगी!अगर इस पोस्ट तथा इस ब्लॉग के बारे में कोई कमेंट या सुझाव हो तो निचे लिखे कमेन्ट बॉक्स में जरूर  दे !ब्लॉग को  सब्सक्राइब और अपने दोस्तों के बिच भी फेसबुक के ऊपर शेयर  कर हमलोगों को सपोर्ट  करे !
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  4. 9mm कार्बाइन मशीन को खोलना जोड़ना और टेस्ट ?
  5. 9 mm कार्बाइन की सफाई और रख रखाव का तरीका
  6. 9mm कार्बाइन के मगज़ीन को भरना खाली करना , 
  7. कार्बाइन को भरना खाली और फायर करने का तरीका
  8. 5.56 mm INSAS Rifle के सिंगल शॉट ट्रिगर मेचानिज्म और पार्ट्स के नाम
  9. इंसास राइफल से दुरुस्त शिस्त लेने का तरीका और शिस्त लेते समय होने वाले कुछ कॉमन गलतिया
  10. इंसास एलेमजी को खोलना जोड़ना और उसके पार्ट्स का नाम

09 December 2016

7.62 mm एसएलआर राइफल को ज़ेरोइंग करते समय ध्यान में रखने वाली विशेष बाते

पिछले पोस्ट में हमने एसएलआर के ज़ेरोइंग को समझा और ज़ेरोइंग कब कब की जाती है इसके बारे में जानकारी हासिल की इस पोस्ट में हम ज़ेरोइंग करते समय ध्यान में रखने वाली बाते(Zeroing karte samay dhyan me rakhne wali bate) के बारे में जानकारी हासिल करेगे !



जैसे की पिछले पोस्ट में हमने ज़ेरिंग कब कब की जाती है और ज़ेरोइंग करने के बाद होने वाले फायदे के बारे में जानकारी हासिल की है ! किसी भी राइफल को फायर करने के बाद लगे की इसकी फायर दुरुस्त नहीं लग रही है तो आर्मरर के मदद  से उस हथियार का ज़ेरोइंग जरुर करा लेना चाहिए!
SLR ka zeroing
SLR ka zeroing
ज़ेरोइंग करते समय ध्यान में रखने वाली कुछ मुख्य मुख्य बाते इस प्रकार से है(Zeroing ke samay dhyan me rakhnewali bate): ज़ेरोइंग कभी भी जल्दी बाजी में नहीं करनी चाहिए और ज़ेरोइंग करते समय निम्नलिखित बातो को ध्यान में रखना चाहिए :

जरुर  पढ़े :राइफल का ग्रुपिंग क्या होता है और उसका सिधांत

  1. तालमेल(Tuning Up) : रोजाना इस्तेमाल या कोत में लम्बे समय तक रखने से राइफल का तालमेल बिगड़ जाता है ! नट व स्प्रिंग ढीले हो जाते है इस लिए जरुरी है की ज़ेरोइंग से पहले राइफल का तालमेल के अर्मेर्र से ठीक करा लिया जाय!
  2. मौसम(Weather): ज़ेरोइंग  को ख़राब मौसम में न किया जाय ! इसलिए अच्छी रौशनी और कम हवा वाला दिन ही ज़ेरोइंग किया जाय ! तेज धुप व तेज हवा वाले दिन ज़ेरोइंग न किया जाय !
  3. रेंज(Range) : ज़ेरोइंग 25 गज या 100 गज की दुरी से किआ जाना चाहिए !   100 गज का फासला अच्छा मन जाता है क्यों की इसमें मौसमी हालत यानि हवा और रौशनी का काफी असर शामिल हो जाता है ! जिससे दुसरे लम्बे व छोटे रेंज पर हवा और रौशनी का असर ज्यादा गड़बड़ी नहीं पैदा कर सकता है !
  4. टारगेट(Target) : आर्डिनेंस से राइफल उस वक्त पास की जाती है जब की उसकी गोलिया 100 गज के रेंज से 1.5 इंच  x 1 इंच के अन्दर लगे ! इस लिए ज़ेरोइंग करते समय सही टारगेट का चुनाव और ऐमिंग मार्क किया जाना चाहिए !(i) 100 गज से ज़ेरोइंग के लिए  4'  x 4' का टारगेट पर 4.5 इंच x 3 इंच का ऐमिंग मार्क होना चाहिए (ii) 25 गज से ज़ेरोईन्ग करते समय 1' x 1' के टारगेट पर 1" x .75" का ऐअमिंग मार्क होना चाहिए ! क्यों की ऐसा टारगेट फायर करने वाले को एक खास शिस्त की जगह दर्शाता है जिससे उसका ग्रुप बनाने में मदद मिले ! इस प्रकार के टारगेट को ग्रुपिंग टारगेट कहते है !
  5. फायरर(Firer) : हर जवान को अपनी राइफल खुद ही जीरो करनी चाहिए क्यों की प्रत्येक जवान की पकड़ निशाने व ट्रिगर दबाने की करवाई में कुछ न कुछ अंतर होता है ! इसलिए देखा गया है की एक जवान द्वारा जीरो की हुई राइफल से दूसरा जवान उसी निशान की जगह पर शिस्त लेकर फायर करता है तो गोलियों की एम्.पी.आई में फर्क पड़ता है ! ज़ेरोइंग वही फायरर कर सकता है जिसके ग्रुप की काबिलियत 8" की हो !
  6. राइफल(Rifle) : ज़ेरोइंग करने से पहले राइफल को खुश्क कर लिया जाए ! राइफल की साईटस को काला कर लिया जाय ! फायरर को सैंड रेस्ट का सही इस्तेमाल करना चाहिए ! रेस्ट के ऊपर कलाई व हाथ रखना चाहिए न की राइफल ! 
  7. ज़ेरोइंग के समय राइफल पर बेनट नहीं चढ़ा होना चाहिए ! ज़ेरोइंग करने से पहले दो गोली  बैरल गर्म करने के लिए स्टॉप बट पर फायर कर लेना चाहिए ताकि राइफल सामान्य तपमान पे आ जाये !
  8. अमुनिसन(Ammunition): जो अमुनिसन ज़ेरोइंग के लिए प्रयोग किया जाये वह एक ही सन व लोट का हो अलग अलग लोट का अमुनिसन का एलिवेशन में फर्क पड़ता है !

ये रही कुछ मुख्य मुख्य बाते ज़ेरोइंग करते वक्त ध्यान में रखा जाय तो राइफल की ज़ेरोइंग सही प्रकार से होगी और राइफल सही तरीके से टारगेट को  हिट करेगा ! उम्मित है यह पोस्ट आप लोगो को पसंद आएगी !अगर इस पोस्ट तथा इस ब्लॉग के बारे में कोई कमेंट या सुझाव हो तो निचे लिखे कमेन्ट बॉक्स में जरूर  दे !ब्लॉग को  सब्सक्राइब और अपने दोस्तों के बिच भी फेसबुक के ऊपर शेयर  कर हमलोगों को सपोर्ट  करे !

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  2. 7.62 mm एसएलआर को खोलना , जोड़ना और मग्जिन को खोलना जोड़ना !
  3. 7.62mm SLR सफाई करने का सामान और सफाई करने का तरीके
  4. 9mm कार्बाइन मशीन को खोलना जोड़ना और टेस्ट ?
  5. 9 mm कार्बाइन की सफाई और रख रखाव का तरीका
  6. 9mm कार्बाइन के मगज़ीन को भरना खाली करना , 
  7. कार्बाइन को भरना खाली और फायर करने का तरीका
  8. 5.56 mm INSAS Rifle के सिंगल शॉट ट्रिगर मेचानिज्म और पार्ट्स के नाम
  9. इंसास राइफल से दुरुस्त शिस्त लेने का तरीका और शिस्त लेते समय होने वाले कुछ कॉमन गलतिया
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