पिछले पोस्ट में हमने एसएलआर के ज़ेरोइंग को समझा और ज़ेरोइंग कब कब की जाती है इसके बारे में जानकारी हासिल की इस पोस्ट में हम ज़ेरोइंग करते समय ध्यान में रखने वाली बाते(Zeroing karte samay dhyan me rakhne wali bate) के बारे में जानकारी हासिल करेगे !
जैसे की पिछले पोस्ट में हमने ज़ेरिंग कब कब की जाती है और ज़ेरोइंग करने के बाद होने वाले फायदे के बारे में जानकारी हासिल की है ! किसी भी राइफल को फायर करने के बाद लगे की इसकी फायर दुरुस्त नहीं लग रही है तो आर्मरर के मदद से उस हथियार का ज़ेरोइंग जरुर करा लेना चाहिए!
ज़ेरोइंग करते समय ध्यान में रखने वाली कुछ मुख्य मुख्य बाते इस प्रकार से है(Zeroing ke samay dhyan me rakhnewali bate): ज़ेरोइंग कभी भी जल्दी बाजी में नहीं करनी चाहिए और ज़ेरोइंग करते समय निम्नलिखित बातो को ध्यान में रखना चाहिए :
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जैसे की पिछले पोस्ट में हमने ज़ेरिंग कब कब की जाती है और ज़ेरोइंग करने के बाद होने वाले फायदे के बारे में जानकारी हासिल की है ! किसी भी राइफल को फायर करने के बाद लगे की इसकी फायर दुरुस्त नहीं लग रही है तो आर्मरर के मदद से उस हथियार का ज़ेरोइंग जरुर करा लेना चाहिए!
SLR ka zeroing |
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- तालमेल(Tuning Up) : रोजाना इस्तेमाल या कोत में लम्बे समय तक रखने से राइफल का तालमेल बिगड़ जाता है ! नट व स्प्रिंग ढीले हो जाते है इस लिए जरुरी है की ज़ेरोइंग से पहले राइफल का तालमेल के अर्मेर्र से ठीक करा लिया जाय!
- मौसम(Weather): ज़ेरोइंग को ख़राब मौसम में न किया जाय ! इसलिए अच्छी रौशनी और कम हवा वाला दिन ही ज़ेरोइंग किया जाय ! तेज धुप व तेज हवा वाले दिन ज़ेरोइंग न किया जाय !
- रेंज(Range) : ज़ेरोइंग 25 गज या 100 गज की दुरी से किआ जाना चाहिए ! 100 गज का फासला अच्छा मन जाता है क्यों की इसमें मौसमी हालत यानि हवा और रौशनी का काफी असर शामिल हो जाता है ! जिससे दुसरे लम्बे व छोटे रेंज पर हवा और रौशनी का असर ज्यादा गड़बड़ी नहीं पैदा कर सकता है !
- टारगेट(Target) : आर्डिनेंस से राइफल उस वक्त पास की जाती है जब की उसकी गोलिया 100 गज के रेंज से 1.5 इंच x 1 इंच के अन्दर लगे ! इस लिए ज़ेरोइंग करते समय सही टारगेट का चुनाव और ऐमिंग मार्क किया जाना चाहिए !(i) 100 गज से ज़ेरोइंग के लिए 4' x 4' का टारगेट पर 4.5 इंच x 3 इंच का ऐमिंग मार्क होना चाहिए (ii) 25 गज से ज़ेरोईन्ग करते समय 1' x 1' के टारगेट पर 1" x .75" का ऐअमिंग मार्क होना चाहिए ! क्यों की ऐसा टारगेट फायर करने वाले को एक खास शिस्त की जगह दर्शाता है जिससे उसका ग्रुप बनाने में मदद मिले ! इस प्रकार के टारगेट को ग्रुपिंग टारगेट कहते है !
- फायरर(Firer) : हर जवान को अपनी राइफल खुद ही जीरो करनी चाहिए क्यों की प्रत्येक जवान की पकड़ निशाने व ट्रिगर दबाने की करवाई में कुछ न कुछ अंतर होता है ! इसलिए देखा गया है की एक जवान द्वारा जीरो की हुई राइफल से दूसरा जवान उसी निशान की जगह पर शिस्त लेकर फायर करता है तो गोलियों की एम्.पी.आई में फर्क पड़ता है ! ज़ेरोइंग वही फायरर कर सकता है जिसके ग्रुप की काबिलियत 8" की हो !
- राइफल(Rifle) : ज़ेरोइंग करने से पहले राइफल को खुश्क कर लिया जाए ! राइफल की साईटस को काला कर लिया जाय ! फायरर को सैंड रेस्ट का सही इस्तेमाल करना चाहिए ! रेस्ट के ऊपर कलाई व हाथ रखना चाहिए न की राइफल !
- ज़ेरोइंग के समय राइफल पर बेनट नहीं चढ़ा होना चाहिए ! ज़ेरोइंग करने से पहले दो गोली बैरल गर्म करने के लिए स्टॉप बट पर फायर कर लेना चाहिए ताकि राइफल सामान्य तपमान पे आ जाये !
- अमुनिसन(Ammunition): जो अमुनिसन ज़ेरोइंग के लिए प्रयोग किया जाये वह एक ही सन व लोट का हो अलग अलग लोट का अमुनिसन का एलिवेशन में फर्क पड़ता है !
ये रही कुछ मुख्य मुख्य बाते ज़ेरोइंग करते वक्त ध्यान में रखा जाय तो राइफल की ज़ेरोइंग सही प्रकार से होगी और राइफल सही तरीके से टारगेट को हिट करेगा ! उम्मित है यह पोस्ट आप लोगो को पसंद आएगी !अगर इस पोस्ट तथा इस ब्लॉग के बारे में कोई कमेंट या सुझाव हो तो निचे लिखे कमेन्ट बॉक्स में जरूर दे ! ब्लॉग को सब्सक्राइब और अपने दोस्तों के बिच भी फेसबुक के ऊपर शेयर कर हमलोगों को सपोर्ट करे !
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