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05 February 2016

पुलिस डिपार्टमेंट में स्वास्थ्य एक समस्या ?

   भारतीय पुलिस दो चीजो से ज्यादा बदनाम है एक तो उसका ख़राब स्वस्थ और गैरकानूनी तौर पे अर्जित धन ! पुरे समाज में इन दो चीजो से कोई महकमा सबसे ज्यादा परेशान और  बदनाम है  तो ओ है पुलिस महकमा! ये आम जनता का सोच है और ये सोच आई कहा से, तो जनता तो कुछ खुद की नजरो से देखती और कुछ उनको मीडिया बताता है या भुक्त भोगी लोग बताते है , लेकिंन जो कोई भी बताता है ओ केवल और केवल एक तरफ़ा ही बताता है ! पुलिस किस स्तिथियों में काम कर रही है या कैसी रह राही है  ये ना मीडिया बताता है न कोई जानना भी चाहता है !


 भारत में कुल पुलिस बल की तदाद है!Total police force in India as per BPR&D 2009 report
Civil & District Armed force
State Armed Police
Total Strength
Sanction
Actual
Sanction
Actual
Sanction
Actual
16,19,163
1,194,319
436,878
359,599
2,056,041
1,553,918
 औसत पुलिस फ़ोर्स
Average Policemen in India
इसमे सबसे ज्यादा पुलिस फ़ोर्स उत्तर प्रदेश में है और उसके बाद महाराष्ट्रा का नाम आता है! अनुपातित 103 पुलिस कर्मी एक लाख जनता के ऊपर (Average 103 policemen on one lakh population)! क्या आज के सामाजिक और  शहरीकरण के युग में 103 पुलिसकर्मी 1,00,000 पब्लिक को कण्ट्रोल कर सकता है नहीं हरगिज नहीं! तो  फिर कैसे काम चलरहा है पुलिस महकमा का? इस सवाल का ये ही जबाब है की पुलिस महकमा पुलिस के सेहत, पुलिस का पारिवारिक जिन्दंगी (personal life) को दाव पे लगा के आपना काम कर रहा!
       अभी पिछलो दिनों BPR&D और Administrative Staff College ने एक रिपोर्ट प्रकाशित किया था जिसमे कहा गया था की 90% पुलिस ऑफिसर प्रतिदिन 8 घंटे से ज्यादा काम करते है  और 73% को महीने में एक साप्ताहिक अवकाश भी नहीं मिलता है. और जिस किसी को मिल भी जाता है वह इमरजेंसी ड्यूटी के लिए फिर से काम पे बुला लिए जाते है! इससे ये साबित  हो रहा है की भारतीय पुलिस highly overworked, underpaid और पूरी तरह से under-staffed है.जिसके कारण पुलिस ऑफिसर हमेशा stress या तनाव में रहता है  जिसका कभी कभी outburst  ओ आम आदमी पे निकलता है !
Police in Action

       पुलिसवाले जो रात दिन बिना छुट्टी के ड्यूटी pतैनात रहते है ,इतनेमे तो मशीन भी काम करना बंद कर दे लेकिंन हम पुलिस से आपेक्षा करते है की वो तोंद वाला न हो(obesity free), स्मार्ट हो (be smart & cheerful), हंसमुख रहे और आपका काम तत्परता से करे ये तो पुलिस वालो से ज्यादा ही अपेक्षाए रख रहे है और उनके  साथ ज्यादती कर रहे  है !
      पुलिस के सेहत का सुधार लाने में पुलिस के लोकल कमांडर  यानि SP,Commandant या SHO स्तर के ओफ्फिसर कोशिश करे तो तो कुछ सुधार किया जा सकता है! ये ऑफिसर वास्तव में जमीनी अस्तर पे पुलिस फ़ोर्स को कण्ट्रोल करते है! अगर ये प्लान करे की हम किसी का छुट्टी या साप्ताहिक अवकाश नहीं रोकेगे और उपस्थित स्टाफ से ही काम चलालेंगे और छुट्टी एवं साप्ताहिक अवकाश केवल  सही अतिआवश्यक होगा तभी, बनावटी अवाश्कतो पे नहीं रोकेगे तो कुछ हद तक पुलिसबल के उत्साहित और काम के प्रति जागरूक  किया जा सकता है !
        रही बात शेहत की तो उसके लिए भी इन लोकल लेबल के ओफ्फिसरो को ही कोशिश करना पड़ेगा और कोशिश नहीं उसमे  हिस्सा भी लेना पड़ेगा. ये कब किया जा सकता है जब पुलिस बल में थोडा सा इजी का समय है वह सुबह 7 बजे से पहले का है उस दौरान इन लोकल सीनियर ऑफिसर को कभी योग या  और कुछ  व्याम  किसी ट्रेनर को बुला के organise करना चाहिए और खुद भी उसमे हिस्सा लेना चाहिए अगर ओ हिस्सा नहीं लेते है तो ये जो जवान रात को ड्यूटी करके सुबह में आपने आप कर नहीं योग करेगा नहीं व्याम करेगा इस लिए लोकल सीनियर ऑफिसर जब कभी भी योग या कोई भी सेहत से सम्बंधित कार्य हो रहा है उसमे जरुर आना चाहिए जो  कमांड और कण्ट्रोल और जवानों में जोश और जागरूकता पैदा करेगा और कम उपलब्ध समय का सही उपयोग् हो सकेगा.

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