पिछले पोस्ट में हमने ROP लगाते समय एक कमांडर को ध्यान में रखने वाली बाते क्या होती है उसके बारे में जानकारी प्राप्त की इस पोस्ट में हम सैंड मॉडल के बारे में जानकरी प्राप्त करगे!
इस पोस्ट को अच्छी तरह से समझने के लिए हमने इसे निम्न भागो में बाँट दिया है :
Sand Model(प्रतीकात्मक) |
- सैंड मॉडल के फायदे (Sand Model ke fayde)
- सैंड मॉडल बनाते समय ध्यान में रखने वाली बाते (Sand Model banate samay dhyan me rakhnewali bate)
- सैंड मॉडल पे ब्रीफिंग देने का तरीका (Sand model pe briefing dene ka tarika)
1. सैंड मॉडल के फायदे (Sand Model ke fayde): किसी ऑपरेशन या एरिया के बारे में ब्रीफिंग देने के लिए सैंड मॉडल एक उम्दा जरिया है और सैंड मॉडल का इस्तेमाल के बहुत सरे फायदे है जिसमे से कुछ निचे मै लिखने का कोशिस कर रहा हु !
- ऑपरेशन एरिया के बारे में अच्छी तरह से वाकिफ कराया जा सकता है !
- एरिया में मौजूद सभी तरह के जानकारियो को उसके वास्तविक रूप या 3D में दिखाया जा सकता है !
- ऑपरेशन एरिया में जाने से पहले ही ट्रूप्स को एरिया के बारे में सही जानकारी दी जा सकती है !
- किसी वी आई पी या सीनियर ऑफिसर को ऑपरेशन और एरिया के हालत के बारे में सही जानकारी देने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है !
- उस एरिया में मौजूद रूकावटो तथा सहायक बस्तुओ के बारे में जानकारी दी जासकती है ! इतियादी
2.सैंड मॉडल बनाते समय ध्यान में रखने वाली बाते (Sand Model banate samay dhyan me rakhnewali bate): सैंड मॉडल बनाते समय इस सब जानकारी को उसमे सामिल कर दर्शाने की कोशिस की जानी चाहिये
- सैंड मॉडल का उद्देश्य (Sand Model ka uddeshy)
- एरिया का हदबंदी (area demarcation )
- नार्थ (North)
- स्केल (Scale)
- इंटरनेशनल (International Boundary)
- स्टैण्डर्ड कलर (standard Color)
- आम जमीनी बनावट (aam Jamini Banawat)
- खास खास जमीनी निशान (Khas khas jamini nishan)
- महत्व वाले स्थान (Mahatwwale jamini sthan)
- सड़क व रास्ते (sadak aur raste)
- रेलवे लाइन (Railway line)
- हेलिपैड (Halipad)
- नदिया व नाले(Nadiya nale)
- रूकावटे (Rukawate)
- मुख्य गाँव और कसबे (Mukhy gaon aur kasbe)
- कोई खास विवरण (Koi khas bibran)
- वेजिटेशन (Vegitation)
- जनसख्या (Population)
- स्थानीय संसाधन (Sthaniy sansadhan)
- मौसम (Mausam)
- अन्य कोई विवरण (Koi any jankari)
3. सैंड मॉडल पे ब्रीफिंग देने का तरीका (Sand model pe briefing dene ka tarika): सैंड मॉडल पर ब्रीफिंग देना भी एक कला है जिसको बार बार प्रैक्टिस करने से सिखा और निखारा जा सकता है ! ऐसा देखा जाता है की सैंड मॉडल ब्रीफिंग देते समय लोग आम तौर पे घबराते है जो की उनके अन्दर की कॉन्फिडेंस की कमी को दर्शाता है ! सैंड मॉडल ब्रीफिंग देते समय अच्छी ब्रीफिंग देने के लिए इन बाते का ख्याल रखने से आप के ब्रीफिंग काफी अच्छी हो सकती है !
- श्रोतागणों का सामना करे यानि ऑय कांटेक्ट रखे !
- विश्वास पूर्वक और सयंमपूर्वक उचे स्वर में ब्रिफिएंग दे
- स्वर की उचाई श्रोता की संख्या और उनसे आपकी दुरी के अनुसार रखे !
- ब्रीफिंग देने से पहले हो सके तो एक दो बार प्रैक्टिस करले !
- संक्षिप्त में बोले !
- तरतीब से बोले
- सैंड मॉडल पे ब्रीफिंग नार्थ से साउथ की ओर मूव करे
- पॉइंटर का सही इतेमाल करे
- किसी बात को बार बार न दोहराए
- सही सिलसिला में बोले !
इस प्रकार से सैंड मॉडल का परिचय और ब्रीफिंग की विधि से सम्बंधित एक संक्षिप ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुई! उम्मीद है की पोस्ट आपको पसंद आएगा ! अगर कोई या ब्लॉग के बारेमे हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे ! और इस ब्लॉग को सब्सक्राइब तथा फेसबुक शेयर तहत लिखे करके हमलोगों को प्रोतसाहित करे और अच्छा करने के लिए !
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