पिछले पोस्ट में हमने सैंड मॉडल के बारे में जानकारी(Sand Model ki Jankari) प्राप्त किया इस पोस्ट में हम किसी ऑपरेशन को प्लान करते समय का मूल्यांकन या अप्रेसीएसन करते समय किन की बातो को ज्यादा ताबजो दी जाती है(Operation ko plan karte samay mulyankan ya appreciation karte samay kin kin bato ko dhyan diya jata hai ) उसके बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे
इस पोस्ट को अच्छी तरह से समझने के लिए हमने इस पोस्ट को निम्न भागो में बंटा दिया है :
इस पोस्ट को अच्छी तरह से समझने के लिए हमने इस पोस्ट को निम्न भागो में बंटा दिया है :
ऑपरेशन प्लानिंग(प्रतीकात्मक) |
- ऑपरेशन मूल्यांकन क्या होता है ?(Operation appreciation kya hota hai )
- ऑपरेशन मूल्यांकन के चार मुख्या तथ्य (Operation appreciation ke mukhy tathy )
- दुश्मन की जानकारी (Operation appreciation ke samay dushamn ki jankari)
1. ऑपरेशन मूल्यांकन क्या होता है ?(Operation appreciation kya hota hai ): मूल्यांकन एक टेक्टिकल हालत को समझकर उस पर तर्तिबर सोच विचार करने का तरीका है ! इस तर्तिबर सोच विचार द्वारा ही दिए हुए टास्करा करने के लिए एक प्लान बनाया जाता है !
2. ऑपरेशन मूल्यांकन के चार मुख्या तथ्य (Operation appreciation ke mukhy tathy ):किसी टेक्टिकल हालत को समझने लिए निम्न चार तथ्यों पर सोच विचार करना जरुरी है :
(a) खतरा (Threat)
(b) जमीन (Ground)
(c) साधन (Resource)
(d) समय (Time)
ऊपर दिए हुए तथ्यों को गहराई से समझना जरुरी है क्यों की इन्ही के आधार पर मूल्यांकन की बुनियाद है !
(a) खतरा (Threat): किसी हालत में सबसे पहले हमे अपने सामने के खतरे को समझना होगा ! जो कमांडर हमे टास्क देते है वही कमांडर दुश्मन के बारे में खबरे भी देंगे ,जिसमे दुश्मन के इरादे , नफरी और काबिलियत पर सोच विचार होगा !
दुश्मन के बारे में निम्न डिटेल की जानकारी हासिल करना बहुत जरुरी होती है :
- दुश्मन की नफरी
- दुश्मन की काबिलियत
- और दुश्मन का इरादा
(c) साधन (Resource): दुश्मन का डिटेल और जमीन बनावट को मिलाकर सोच विचार करेने के बात हमे अपने पास उपलब्ध संसाधन जैसे निचे दिए हुए है उसको मिलाकर सोच विचार करना चाहिए !
- अपनी उपलब्ध मैन पॉवर
- अपने को मिलने वाली सपोर्ट फायर यदि
(d) समय (Time): जब उपर दिए सभी तथ्य हरे सामने आ जाते है तब हमारे प्लान की एक रु रेखा सामने आने लगती है और उसी प्लानिंग को हम एक टाइम प्लान में ऑर्गनाइज्ड करते है !
और इसी प्रकार से किसी ऑपरेशन को प्लानिंग करते समय हम मूल्यांकन करते है और प्लान बनाते है !
इस प्रकार से सैंड मॉडल का परिचय और ब्रीफिंग की विधि से सम्बंधित एक संक्षिप ब्लॉग पोस्ट समाप्त हुई! उम्मीद है की पोस्ट आपको पसंद आएगा ! अगर कोई या ब्लॉग के बारेमे हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे ! और इस ब्लॉग को सब्सक्राइब तथा फेसबुक शेयर तहत लिखे करके हमलोगों को प्रोतसाहित करे और अच्छा करने के लिए
इन्हें भी पढ़े :
- 3 तरीके दुश्मन के फायर पोजीशन को पता लगने के
- सेक्शन फार्मेशन और सेक्शन फार्मेशन का बनावट
- आतंक प्रभावित इलाके में सिक्यूरिटी पोस्ट लगान
- रात के संतरी तथा स्काउट की ड्यूटी क्या होता है
- फील्ड फोर्टीफीकेसन में इस्तेमाल होने वाले फौजी टेकटिकल शब्दों का क्या मतलब
- फौजी टैक्टिकल शब्द जैसे फर्स्ट लाइट फ्लैंक गार्ड यदि क मतलब
- अम्बुश की जुबानी हुक्म क्या होता है और इसमें सामिल होने वाले मुख्य बाते
- रोड ओपनिंग पार्टी/पट्रोल और उसके महत्व के बारे
- कॉन्वॉय कितने प्रकार का होता है ? कॉन्वॉय प्रोटेक्शन की पार्टिया कौन कौन सी होती ?
- कॉन्वॉय कमांडर और कॉन्वॉय मूवमेंट से पहले जानने वाली बातें
- रोड ओपनिंग पार्टी की तैनाती करने का तरीका तथा ROP ड्यूटी के दौरान IED से बचा के लिए ध्यान में रखनेवाली बाते
- ROP लगाते समय एक कमांडर को ध्यान में रखनेवाली बाते !
No comments:
Post a Comment