पिछले पोस्ट में हमने ग्रुपिंग फायर तथा उसके काबिलियत के बारे में बात की ! इस पोस्ट में हम एमपीआई क्या होता है और एप्लीकेशन फायर किसे कहते(MPI aur Application fire kya hta hai) है के बारे में जानेगे !
अच्छा फायर वही है जो अलग अलग रेंज से अपनी ग्रुप की काबिलियत को कायम रखने क्लासिफिकेशन फायर के दौरान सटीक फायर कैसे करे इसकी जानकारी होनी चाहिए !
जरुर पढ़े :आटोमेटिक वेपन के गैस ऑपरेशन के सिद्धांत कैसा काम करता है
इस पोस्ट में हम निम्न विषयों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे :
अच्छा फायर वही है जो अलग अलग रेंज से अपनी ग्रुप की काबिलियत को कायम रखने क्लासिफिकेशन फायर के दौरान सटीक फायर कैसे करे इसकी जानकारी होनी चाहिए !
जरुर पढ़े :आटोमेटिक वेपन के गैस ऑपरेशन के सिद्धांत कैसा काम करता है
इस पोस्ट में हम निम्न विषयों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे :
- ऍम पि आई क्या होता है ?(MPI Kya hota hai?)
- एप्लीकेशन फायर किसे कहते है ?Application fire kise kahte hai?
- ग्रुप की काबिलियत और एप्लीकेशन फायर में क्या सम्बन्ध है (Group ki kabiliyat aur application fire me kya sambandh hai )
- एम् पि आई मालूम करने का तरीका MPI Malum karne ka tarika kya hai ?
1. ऍम पि आई क्या होता है ?(MPI Kya hota hai?):MPI का फुल फॉर्म होता है मीन पॉइंट ऑफ़ इम्पैक्ट (Mean Point of impact) ! यह वह पॉइंट होता है जो की ग्रुप के सेण्टर में होता है , ग्रुप की गोलिओ की गिर्द छोटा दायरा खिंचा जाये तो इस दायरे का सेण्टर ग्रौप्का एम् पि आई होगा !
जरुर पढ़े :आटोमेटिक हथियार के गैस को रेगुलेट करने का तरीका तथा फायदे और नुकशान
2. एप्लीकेशन फायर किसे कहते है ?Application fire kise kahte hai?: जब एक फायरर अपने ग्रुप की काबिलियत के अन्दर रहते हुए अपने ग्रुप की एम् पि आई को टारगेट के सेण्टर में लाने के लिए फायर करता है उसको एप्लीकेशन फायर कहते है !
3.ग्रुप की काबिलियत और एप्लीकेशन फायर में क्या सम्बन्ध है (Group ki kabiliyat aur application fire me kya sambandh hai ): ग्रुप की काबिलियतर एप्लीकेशन फायर का आपसहट ही गहरा सम्बन्ध है ! जिसे हर एक फायर को समझ लेना चाहिए !! अगर उसका ग्रुप की काबिलियत 5 इंच हो तो 300e वक्त गोलिया 15 इंच के एरिया में लगनी चाहिए कुछ गोलिया बुल में लगेगी और कुछ इनर में !
बशर्ते की एम् पी आई टारगेट के सेण्टर में हो इसीलिए एप्लीकेशन फायर करते समय जल्दी यह मालूम कर लेना चाहिए की ग्रुप की एम् पी आई कहा बन रही है ! अगर एम् पी आई टारगेट के सेण्टर में न हो तो इसको सेण्टर में लेन की करवाई करनी चाहिए !
जरुर पढ़े :ब्लो बैक ओपेराटेड हथियार और उसका विशेषताए
4. एम् पि आई मालूम करने का तरीका MPI Malum karne ka tarika kya hai ?: फायर का अच्छा नतीजा पाने के लिए फायरर को जल्दी यह मालूम कर लेना चाहिए की उसका एम् पी आई कहा बन रही है ! ताकि जल्दीi कर कर सके !
ग्रुप कम से कम दो गोलिओ का होता है ! इसलिए दो गोलिया फायर करने के बाद ही बन्ने वाली एम् पी आई का संभावित इलाका दिया जा सकता है !इस संभावित इलाके को मालूम करने के लिए यदि फायरर उस रेंज की (जिस से वह फायर कर रहा है )अपनी ग्रुपिंग काबिलियत से आधा से थोडा आधिक यानि उसकी ग्रुपिंग काबिलियत 300 गज पे 15 इंच है तो 8 इंच का रेडियस मानकर दोनों गोलिओ के लगने की जगह सेण्टर मान कर एक एक त्रिज्या खिचे तो उन दोनों त्रिज्या के बीच में जो इलाका होगा एम् पी आई का संभावित इलाका होगा ! यानि इसी इलाके में कही भी एम् पी आई बननी चाहिए !
उदहारण : एक फायरर जिसकी ग्रुप की काबिलियत 5 इंच है वह 300 गज से 4 x 4 टारगेट पर एप्लीकेशन फायर कर रहा है उस्सोल के अनुसार से ग्रुप 300 गज पर 15 इंच होना चाहिए ! उसकी गोली 'A' और 'B' है जो आपस में तक़रीबन 12 इंच दूर है ! फायरर के ग्रुप का आधा यानि 7 इंच रेडियस मानकर 'A' और 'B' से एक-एक अर्क खिचे ! अब बननेवाले ग्रुप की एम् पी आई का संभावित इलाका ऊपर के चित्र में C D E F है !
जरुर पढ़े :सिंपल ब्लो बैक और ब्लो बैक विथ एपीआई क्या होता है
इस प्रकार से एम् पी आई(MPI) और एप्लीकेशन फायर से सम्बंधित एक संक्षिप्त पोस्ट समाप्त हुई उम्मीद है की पोस्ट पसंद आएगा ! अगर कोई सुझाव हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग को सब्सक्राइब और फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे !
इन्हें भी पढ़े :
जरुर पढ़े :आटोमेटिक हथियार के गैस को रेगुलेट करने का तरीका तथा फायदे और नुकशान
2. एप्लीकेशन फायर किसे कहते है ?Application fire kise kahte hai?: जब एक फायरर अपने ग्रुप की काबिलियत के अन्दर रहते हुए अपने ग्रुप की एम् पि आई को टारगेट के सेण्टर में लाने के लिए फायर करता है उसको एप्लीकेशन फायर कहते है !
3.ग्रुप की काबिलियत और एप्लीकेशन फायर में क्या सम्बन्ध है (Group ki kabiliyat aur application fire me kya sambandh hai ): ग्रुप की काबिलियतर एप्लीकेशन फायर का आपसहट ही गहरा सम्बन्ध है ! जिसे हर एक फायर को समझ लेना चाहिए !! अगर उसका ग्रुप की काबिलियत 5 इंच हो तो 300e वक्त गोलिया 15 इंच के एरिया में लगनी चाहिए कुछ गोलिया बुल में लगेगी और कुछ इनर में !
बशर्ते की एम् पी आई टारगेट के सेण्टर में हो इसीलिए एप्लीकेशन फायर करते समय जल्दी यह मालूम कर लेना चाहिए की ग्रुप की एम् पी आई कहा बन रही है ! अगर एम् पी आई टारगेट के सेण्टर में न हो तो इसको सेण्टर में लेन की करवाई करनी चाहिए !
जरुर पढ़े :ब्लो बैक ओपेराटेड हथियार और उसका विशेषताए
4. एम् पि आई मालूम करने का तरीका MPI Malum karne ka tarika kya hai ?: फायर का अच्छा नतीजा पाने के लिए फायरर को जल्दी यह मालूम कर लेना चाहिए की उसका एम् पी आई कहा बन रही है ! ताकि जल्दीi कर कर सके !
ग्रुप कम से कम दो गोलिओ का होता है ! इसलिए दो गोलिया फायर करने के बाद ही बन्ने वाली एम् पी आई का संभावित इलाका दिया जा सकता है !इस संभावित इलाके को मालूम करने के लिए यदि फायरर उस रेंज की (जिस से वह फायर कर रहा है )अपनी ग्रुपिंग काबिलियत से आधा से थोडा आधिक यानि उसकी ग्रुपिंग काबिलियत 300 गज पे 15 इंच है तो 8 इंच का रेडियस मानकर दोनों गोलिओ के लगने की जगह सेण्टर मान कर एक एक त्रिज्या खिचे तो उन दोनों त्रिज्या के बीच में जो इलाका होगा एम् पी आई का संभावित इलाका होगा ! यानि इसी इलाके में कही भी एम् पी आई बननी चाहिए !
Mean Point of Impact(MPI) |
जरुर पढ़े :सिंपल ब्लो बैक और ब्लो बैक विथ एपीआई क्या होता है
इस प्रकार से एम् पी आई(MPI) और एप्लीकेशन फायर से सम्बंधित एक संक्षिप्त पोस्ट समाप्त हुई उम्मीद है की पोस्ट पसंद आएगा ! अगर कोई सुझाव हो तो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे ! इस ब्लॉग को सब्सक्राइब और फेसबुक पेज को लाइक करके हमलोगों को प्रोतोसाहित करे !
इन्हें भी पढ़े :
- 9 mm कार्बाइन मचिन या सब मचिन गन का इतिहास और खुबिया
- 9mm कार्बाइन का टेक्नीकल डाटा -II
- 9 mm कार्बाइन मचिन का बेसिक टेक्नीकल डाटा -I
- 5.56 mm INSAS LMG का बेसिक डाटा और स्पेसिफिकेशन
- इंसास राइफल का पार्ट्स का नाम और खोलना जोड़ना
- इंसास राइफल के डेलाइट टेलीस्कोपिक और पैसिव साईट का डिटेल.
- AKM राइफल का बेसिक टेक्नीकल डाटा
- 7.62mm SLR के पार्ट्स का नाम और 7.62 mm SLRराइफल का चाल
- एंगल ऑफ़ डिपार्चर और एंगल ऑफ़ एलिवेशन क्या होता है
- आटोमेटिक हथियारों का चाल और सिद्धांत
No comments:
Post a Comment