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09 October 2016

10 पॉइंट राइफल को ट्यूनिंग उप और स्टॉकिंग के करवाई के बारे में

पिछले पोस्ट में हमने AGL के अमुनिसन औरड्रिल के बारे में बाते किया था इस पोस्ट में हम राइफल के ट्यूनिंग  अप और  स्टॉकिंग अप(Rifle ko tuning up and stocking up ke tarika) के बारे में जानकारी शेयर करेंगे !



जैसे की हम जानते है की हथियार के कई हिस्से पुर्जे होते है ! हथियार के लगातार इस्तेमाल से इन के अन्दर के हिस्से पुर्जे ढिल्ले पद जाते है इसलिए जरुरी है की फायर से पहले या किसी ऑपरेशन में जाने से पहले हथियार के सभी हिस्से पुरजो कस दिए जाये !और हथियार के हिस्से पुरजो के कसने की करवाई को तालमेल या ट्यूनिग अप कहते है !



राइफल का ट्यूनिंग अप की जरुरत(Rifle ke tuning up aur  stocking up ki jarurat)  :

राइफल की की तालमेल की जरुरत राइफल  की कारगरता को बरक़रार रखने के लिए जरुरी है ! अगर राइफल को समय समय पर तालमेल नहीं किआ गया तो निम्न नुक्स आ जाता है !
इंसास राइफल 

  • स्क्रू के ढीला होने से स्टैकिंग में फरक आ जाता है जिससे ट्रिगर पुलाव  और जम्प में फर्क पद जाता है !
  • राइफल में कोई अन्दुरुनी नुक्स पद सकता है
  • ढीला होते होते हिस्से पुर्जे गम भी हो सकते है
  • गेजिंग में फर्क आ जाता  है 

 राइफल का ट्यूनिंग अप की करवाई(Rifle ka tunig up aur stocking ki karwai ka tartib) : राइफल को ट्यूनिंग अप करते समय सबसे पहले राइफल का सरसरी तौर पर निरिक्षण किया जाता है ! और उसके हर एक पुर्जे को बिस्तर से बारी बारी से निरिक्षण करके उसके दोषों को दूर किया जाता है ! राइफल के लकड़ी या फाइबर के हिस्से के साथ जो ट्यूनिंग अप किआ जाता है उसे स्टॉकिंग अप और जो तालमेल लोहे के पुरजो के साथ किआ जाता है ट्यूनिंग अप कहलाता है !

राइफल की ट्यूनिंग अप की करवाई के दौरान निम्नलिखित कार्य तरतीब बार किआ जाता है !

(a) निरिक्षण(Nirikshan) : तालमेल करते समय सबसे पहले राइफल का निरिक्षण किया जाता है और यकीन  किया जाता है की सभी हिस्से पुर्जे का नम्बर एक है !


(b) स्टॉकिंग अप(Stocking up ka paribhasha) – यकीन किया जाता है की फोरे हैण्ड गार्ड , बट और पिस्टन ग्रिप के पेच ठीक से कसे हुए है और कोई भाग ढीला नहीं हो ! अगर राइफल का स्टॉकिंग अप दुरुस्त नहीं होगा तो राइफल के जम्प में फर्क पड़ेगा जिससे फायर का नतीजा खराब आएगा! अगर फोरहैंड गार्ड और पिस्टन ग्रिप ढीला है तो ट्रिगर के पुलाव में फर्क पड़ेगा जिससे गोली सही निशाने पर नहीं लगेगी !

(c) ट्रिगर प्रेशर(Trigger pressure) : वैसे तो फायरर को ट्रिगर दबाने  से पता चल जाता है की ट्रिगर का प्रेशर ठीक हैकि नहीं लेकिंग फिर भी ट्रिगर को दबा कर यकीं कर लेना चाहिए की ट्रिगर प्रेशर ठीक है या नहीं ! राइफल का ट्रिगर प्रेशर निम्न है :
  • 7.62mm का ट्रिगर प्रेशर – 6-9 पौंड होना चाहिए
  • .303 राइफल का ट्रिगर प्रेशर  (i) पहला दबाव-  3 से 4 पौंड (ii) दूसरा दबाव -5 से 6 ½  पौंड होना चाहिए 
(d) सेफ्टी कैच(Safety catch) : यकीं करे किसफेटी कैच दोनों पोजीशन में ठीक कम करता है और कही राइफल “S” पर फिरे तो नहीं कर रहा है !

(e) एक्सट्रैक्शन और इजेक्शन(Extraction aur Ejection) : एक्सट्रैकटर  का मुलाहिजा किया जाता है और यकींन किया जाता है की एक्सट्रैकटर स्टे ठीक हालत में है और एक्सट्रैकटर   की दन्त धीसा हुआ नहीं है ! ईजेक्टेर का भी मुलाहिजा  किया जाता है और एक्सट्रैकटर  और ईजेक्टेर की करवाई को ड्रिल कार्ट्रिज  डाल कर चेक किआ जाता है की ठीक से कम कर रहे है या की नहीं !


(f) फायरिंग पिन(Rifle ke firing pin) : फायरिंग पिन का मुलाहिजा करे अगर फायरिंग पिन छोटी हो तो मिस फायर हो जाता है और अगर बड़ी हो तो .22 कैप फट जाता है ! चेक करे फायरिंग पिन स्प्रिंग ठीक है फायरिंग पिन रिटेनर ढीला न हो !

(g) सिटिंग(Sighting) : बेक साईट का निरिक्षण करे और देखे की बेक साईट बीएड और बेक साईट कैच ढीला न हो  और बेक साईट स्लाइड दुरुस्त हरकत  करता है !

.303 नॉ4 में बेक साईट को ऊपर उठाये और देखे की ओ मामूली दबाव से हिलता न हो और कैच को दबाने पर स्लाइड ऊपर निचे हरकत नहीं करना चाहिए ! यकीं करे फोरे साईट टिप बैड और फोरे साईट लॉकिंग स्क्रू अच्छी तरह से कसा हुवा हो !

(h) बैरल(Barrel)( : यकींन करे बैरल खुश्क और साफ़ हो उसमे कोई नुक्स न हो !

(i) आम हालत स्क्रू और पेच(Screws and latches)  : यकीं करे हथियार के !सभी स्क्रू कसे हुए हो

(j) मगज़ीन(Magzin) : मगज़ीन की दिवार ठीक हो और कही से दबा हुवा न हो ! मगज़ीन लिप्स , मगज़ीन प्लेटफार्म  ठीक हो मगजी स्प्रिंग का दबाव ठीक हो बॉटम प्लेट और बॉटम स्टड अपनी जगह पे हो


राइफल से अच्छे फायर का नतीजा हासिल करने के लिए जितनी जरुरत अच्छी ट्रेनिंग की है उतना ही जरुरत राइफल की देखभाल देख्भाल्कारने की भी है ! अगर राइफल का ट्यूनिंग अप ठीक न हो तो चाहे फायरर  कितना भी अच्छा क्यों न हो उसका नतीजा अच्छा नही होगा ! इसलिए फायरर को अपने हथियार बनाये रखने के लिए समय समय र हथियार का सही देखभाल और तालमेल करवाते रहना चाहिए !

इस प्राकर से हथियारों के ट्यूनिंग अप और स्टॉकिंग से सम्बंधित सक्षिप विवरण समाप्त हुई ! उम्मीद है पोस्ट पसंद आएगी अगर इस पोस्ट तथा इस ब्लॉग के बारे में कोई कमेंट या सुझाव हो तो निचे लिखे कमेन्ट बॉक्स में जरूर  दे !ब्लॉग को  सब्सक्राइब और अपने दोस्तों के बिच भी फेसबुक के ऊपर शेयर  कर हमलोगों को सपोर्ट  करे 


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