पिछले पोस्ट में हमने जानकारी शेयर की 5.56 mm इंसास एलेमजी को फिक्स्ड लाइन पर लगाने के कारिका के बारे में अब इस पोस्ट में हम जानकारी शेयर करेंगे " 5.56 mm इंसास एलेमजी के ऊपर कैसे दुरुस्त पकड़(5.56 mm INSAS LMG ke upar durust pakad) , बनाते है उसका तरीका के बारेमे जानेगे !
अगर एक फायरर दुरुस्त पोजीशन और पकड़ हासिल करने के बाद दुरुस्त शिस्त लेकर फायर करता हा तो वोह एक गोली एक दुश्मन का टारगेट हासिल कर सकता है ! इसलिए ये जरुरी है की एक फायरर को एलएमजी से सही फायरिंग का नतीजा हासिल करने के लिए उसे दुरुस्त पकड़, दुरुस्त शिस्त और दुरुस्त फायर करना आना चाहिए जिससे व दुश्मन को प्रभावी तरह से बर्बाद कर सके !
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5.56 mm एलेमजी के ऊपर दुरुस्त पकड़
किसी भी फायरर का फायर का स्तर काफी हद तक उसके दुरुस्त पकड़ पर निर्भर करता है! 5.56 mm इंसास एलेमजी में बिपोड़((INSAS LMG me Bipod) की सुविधा होने के कारण बाएँ हाथ की पकड़ स्माल ऑफ़ थे बट के ऊपर होती है इस लिए फायरर का बदन लाइन ऑफ़ फायर (Line of fire) की सीध में होती है जबकि राइफल में सहारा देने के लिए बाएँ हाथ की पोजीशन फोरहैंड गार्ड पर रखा जाता है इस लिए फायरर का पोजीशन लाइन ऑफ़ फायर (Line of fire) से तिरछा होता है !
5.56 mm एलेमजी के ऊपर दुरुस्त पकड़ बनाने का तरीका
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दुरुस्त पकड़ हासिल करने में फायरर के शारीर के अलग अलग अंगो का काम :
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पूरी पकड़ को मजबूत करने का तरीका
ऊपर बताई गई पूरी कारवाही अगर ठीक तरह से कर ली गई हो तो अंत में पूरी पकड़ को मज़बूत बनाने के लिए गाल से बाएँ साथ औत बट को दबाते हुए दोनों कोहनियो को अन्दर की ट्राफ़ करें ! इसे क्लाम्पिंग एक्शन कहा जाता है! फायर करने पे एलेमजी (INSAS LMG) के थरथराहट को क्लाम्पिंग एक्शन(Clamping action in INSAS LMG) काफी हद तक कम करता है और गोली सही दिशा में लगती है !
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अगर ऊपर बताये गए तरीके से एलएमजी के ऊपर अगर पकड़ बनाये तो इसमें को शक नहीं होना चाहिए की एलेमजी सटीक फायर नहीं करेगा !दुरुस्त पकड़ बनाने से एलेमजी में होने वाली थरथराहट को कम होती है !
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अगर एक फायरर दुरुस्त पोजीशन और पकड़ हासिल करने के बाद दुरुस्त शिस्त लेकर फायर करता हा तो वोह एक गोली एक दुश्मन का टारगेट हासिल कर सकता है ! इसलिए ये जरुरी है की एक फायरर को एलएमजी से सही फायरिंग का नतीजा हासिल करने के लिए उसे दुरुस्त पकड़, दुरुस्त शिस्त और दुरुस्त फायर करना आना चाहिए जिससे व दुश्मन को प्रभावी तरह से बर्बाद कर सके !
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5.56 mm एलेमजी के ऊपर दुरुस्त पकड़
किसी भी फायरर का फायर का स्तर काफी हद तक उसके दुरुस्त पकड़ पर निर्भर करता है! 5.56 mm इंसास एलेमजी में बिपोड़((INSAS LMG me Bipod) की सुविधा होने के कारण बाएँ हाथ की पकड़ स्माल ऑफ़ थे बट के ऊपर होती है इस लिए फायरर का बदन लाइन ऑफ़ फायर (Line of fire) की सीध में होती है जबकि राइफल में सहारा देने के लिए बाएँ हाथ की पोजीशन फोरहैंड गार्ड पर रखा जाता है इस लिए फायरर का पोजीशन लाइन ऑफ़ फायर (Line of fire) से तिरछा होता है !
5.56 mm INSAS LMG ka durust pakd |
- सबसे पहले टारगेट को देखकर बिपोड़(Bipod) को टारगेट के मध्य में करें
- लायिंग पोजीशन के आदेश पर दुरुस्त पोजीशन अख्तियार करे !
- रेंज मिलने प् सही रेंज लगायें !
- एलेमजी (LMG) को कंधे पर लेके जाये !
- LMG को कंधे पर ले जाते समय शोल्डर पिवोट को खड़ा करें !
- LMG को कॉक करे और कोहनियो को हरकत देकर पोजीशन दुरुस्त बनाये !
- यदि शिस्त लेते समय पॉइंट ऑफ़ एम (Point of Aim) ऊपर बनता है तो बिपोड़ (Bipod) को मुनासिब खोलकर निचे या उपर करें !
जरूर पढे: एलेमजी का खोलना जोड़ना और पार्ट्स के नाम
दुरुस्त पकड़ हासिल करने में फायरर के शारीर के अलग अलग अंगो का काम :
- कन्धा(Shoulder) : कन्धा बट को टिकने की जगह देता है . बट को कंधे पे जो गढ़ा बनता है वहा रखा जाये ना की हड्डी के ऊपर ! यदि बट और कंधे का मिलाप ठीक से नहीं हो रहा हो तो शारीर को मुनासिब आगे या पीछे का हरकत देकर मिलाप करे ! एलेमजी (INSAS LMG) को बार बार आगे पीछे ना करे !
- बयां हाथ(Left hand) : बाएँ हाथ से एलेमजी (INSAS LMG) के स्माल ऑफ़ थे बट को पकड़ा जाए , चारो उंगुलिया ऊपर से और अंगूठा निचे से ! बयां हाथ एलेमजी (INSAS LMG) को पीछे और निचे खिंच कर रखता है !
- दाया हाथ(Right hand) : दाया हाथ की पकड़ पिस्तौल ग्रिप पर , तीनो उंगुलिया बहार से , उन्गुथा अन्दर से और कल्मेवाली अंगुली ट्रिगर गार्ड के आर पार ! दायाँ हाथ एलेमजी (INSAS LMG) को पीछे खींचकर रखता है और एलेमजी (INSAS LMG) को सामानांतर रखने में मदद देता है
- सिर(Head) : सिर को बट के ऊपर इस प्रकार रखें की गाल का नरम वाला भाग बट के ऊपर टिक जाए ! गाल बाएँ हाथ की की कल्मेवाली ऊँगली के पास इस प्रकार से रखें की ऑय रिलीफ तक़रीबन 3 " से 4" के बीच बने !
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पूरी पकड़ को मजबूत करने का तरीका
ऊपर बताई गई पूरी कारवाही अगर ठीक तरह से कर ली गई हो तो अंत में पूरी पकड़ को मज़बूत बनाने के लिए गाल से बाएँ साथ औत बट को दबाते हुए दोनों कोहनियो को अन्दर की ट्राफ़ करें ! इसे क्लाम्पिंग एक्शन कहा जाता है! फायर करने पे एलेमजी (INSAS LMG) के थरथराहट को क्लाम्पिंग एक्शन(Clamping action in INSAS LMG) काफी हद तक कम करता है और गोली सही दिशा में लगती है !
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अगर ऊपर बताये गए तरीके से एलएमजी के ऊपर अगर पकड़ बनाये तो इसमें को शक नहीं होना चाहिए की एलेमजी सटीक फायर नहीं करेगा !दुरुस्त पकड़ बनाने से एलेमजी में होने वाली थरथराहट को कम होती है !
अगर ये पोस्ट के बारेमे कोई सुझाव होतो निचे के कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे !
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