आम लोग पुलिस को कैसे पहचानते है ? इस सवाल का सीधा सा जबाब है की पुलिस यूनिफार्म से यानि की पुलिस के पोसाक से ही पुलिस की पहचान होती है ! इसलिए इस पोस्ट में पुलिस यूनिफार्म (Police Uniform) और पुलिस यूनिफार्म का इतिहास(History of Police Uniform) के बारे में जानकारी शेयर करेगें !
ज्यादातर लोग पुलिसमैन को उसके यूनिफार्म सेही पहचानते है ! अगर कही किसी बाज़ार या मेला में कोई इंसिडेंट हो चाहे पुलिस से सम्बंधित हो या ना हो सबसे पहले लोग चारो और नजर घुमाके देखते है की कोई पुलिस उन्फोर्म में दिखाई दे रहा है की नहीं यानि कोई पुलिसमैन नजदीक है या नहीं !
किसी चौराहे पे अगर ट्रैफिक लाइट है तो ड्राइवर्स सबसे पहले देखते है पुलिस यूनिफार्म में तो कोई है या नहीं अगर पुलिस यूनिफार्म में कोई दिखाई दिया तो न कहते हुए भी ट्रैफिक सिग्नल को फ़ॉलो करता है ! कितने बड़े से बड़े बदमास हो ओ भी घबडा जाता है जब पुलिस यूनिफार्म में किसी को देखता है और कोई गुनाह करने से परहेज करता है !
अगर किसी गाँव या स्कूल में कोई पुलिसमैन यूनिफार्म में चला जाता है तो वहा के बच्चे पुलिसमैन को सलूट मरने लगते है वह नहीं जानते है की वह आदमी कौन है बस पुलिस यूनिफार्म देखते ही उनके मन में एक भाव आता और उस आदर भाव के कारन पुलिसमैन जो की यूनिफार्म में है उसे सलूट देते है !
तो क्या विशेस है पुलिस यूनिफार्म में की लोग ऐसा व्यहार करने लगते , पुलिस यूनिफार्म भी तो उसी धागे के बने होते है जिसे अव्यावहारिक होते हुवे भी पुलिस वाले पहनते है !
उस यूनिफार्म में विशेस यह है एक पुलिसमैन अगर यूनिफार्म में है तो लोग के अन्दर एक सुरक्षा का विश्वाश महसूस होता है ,उसको उस नजर से देखते है ,की ये आदमी जो की सभी सोते है तो जगता है, वो चाहे बारिश हो, गर्मी हो , ठंढ हो रात हो या दोपहर की धुप फिरभी ईमानदारी से ये हमारी किसी भी मुश्किल में मदद करता या करने को मौजूद रहता है और गुनाहगारो से हमे बचाता है और गुनहगारो को सजा दिलाता है !
ये सब कार्य और मदद देख कर लोगो के मन में पुलिस यूनिफार्म के बारे में इतना आदर है यानि हम दुसरे शब्दों में ये कह सकते है की जो लोगो के मन में पुलिस यूनिफार्म के बारे में इतना आदर और गुनहगारो के मन में इतना भय है उसे पुलिस के सैकड़ो बरसो का कठिन मेहनत और तपश्या का फलस्वरूप है !
अनुसंधान से ये पता चला की अच्छी पोसाक जन मानस पे एक बहुत ही पावरफुल प्रभाव छोड़ता है! वह पुलिस यूनिफार्म पे भी लागु होता है अगर एक पुलिस अधिकरी अगर अच्छे तरह से आपने आप को ड्रेस अप किया है तो आम पब्लिक में उसकी छवि एक पॉवर और अथॉरिटी की जाती है! लोगो उसके ऊपर ज्यादा आदर और विशवास जताते है !
मै अपनी रियल लाइफ में ड्यूटी के दौरान बहुत बार देखा है की अगर एक ऑफिसर अच्छे तरह से ड्रेस्ड अप नहीं है और एक कांस्टेबल बहुत ही अच्छी तरह से अपने आप को ड्रेस्ड अप किया है ! उस दौरान कोई अनजान सिविलियन आ जाये तो सबसे पहले उस कांस्टेबल की और जाता है जो की अच्छी तरह से अपने आप को ड्रेस्ड उप किया है न की उस ऑफिसर की तरफ! इससे यही जाहिर होता है की अच्छी तरह से ड्रेस पहने का प्रभाव दुसरे पे बहुत पड़ता है !
पुलिस यूनिफार्म के फायदे(Police Uniform ke fayde) : ऐसे तो किसी भी आर्गेनाईजेशन ड्रेस तय करते समय उसका नेचर ऑफ़ ड्यूटी को ध्यान में रखते है लेकिंन पुलिस का एक यूनिफार्म का होने से सबसे बड़ा फायदा ये है की आम लोग पुलिस को आसानी से पहचान ले और कोई सहायता चाहिए तो आसानी से पुलिस को पहचान उसके पास जाते है और अपराधी पुलिसमैन को यूनिफार्म में देख कर कोई अपराध करने से हिचकता है ! यानि यूनिफार्म एक स्पेशल पहचान देती है पुलिस को !
पुलिस यूनिफार्म का इतिहास(Police Uniform ke itihas) : BPR&D ड्रिल मैन्युअल के अनुसार, 1829 में पहली आधुनिक पुलिस जो की लन्दन मेट्रोपोलिटन पुलिस थी उसने अपना एक यूनिफार्म बनाया जो की डार्क ब्लू रंग का था और जो की पैरामिलिटरी स्टाइल यूनिफार्म था ! लन्दन मेट्रोपोलिटन पुलिस ब्लू रंग इसलिए चुने क्यों की ब्रिटिश आर्मी लाल और सफ़ेद यूनिफार्म पाहती थी इसलिए पुलिस को आर्मी से अलग दिखना चाहिए !
उसके बाद पहला अधिकारिक पुलिस फ़ोर्स जो अमेरिका में स्थापित हुवा ओ सन 1845 न्यू यॉर्क में हुआ उससे पहले वहा वालंटियर पोलिसिंग करते थे ! और लन्दन पुलिस के ड्रेस को ध्यान में रखते हुए न्यू यॉर्क पुलिस ने भी 1953 में एक अपना ड्रेस बनाया जो डार्क ब्लू कलर का था और इस को देखा देखि अमेरिका का और राज्य थे उन्होंने ने भी एक एक कर पुलिस ड्रेस अपनाते गए !
भारतीय पुलिस का ड्रेस खाकी कैसे हुई(Bhartiy Police ka dress khaki kaise hua?): खाकी एक रंग है जो हलकी पिला और भूरा रंग का मिश्रण है ! खाकी एक हिंदी शाद है जिसका अर्थ होता है मिटटी का रंग ! खाकी रंग विश्व के बहुत से देशो के आर्मी इस्तेमाल करती है!
जब की कुछ लोगो का और ही मत है खाकी यूनिफार्म के बारे में :
इसके बारे में ऐसा विश्वास है की जब ब्रिटिश हुकूमत का राज्य था उस समय ब्रिटिश सैनिक अपना ब्रिटिश यूनिफार्म पहनते थे और ब्रिटेन से यूनिफार्म आपूर्ति बंद तो अठारहवी शताब्दी के मध्य जो ब्रिटिश सैनिक थे ओ अपने यूनिफार्म को डाईंग करने लगे मिटटी वालीपानी से , चाय पत्ती के पानी या कॉटन फैब्रिक कलर से ! डाईंग करने के बाद ड्रेस खाक कलर के हो गए , खाक का हिंदी में अर्थ होता है गद्दी मिटटी रंग ! इसी खाक रंग से ही खाकी रंग हुवा और सन 1847 में sir Harry Lumsden, ने अधिकारी तौर पे खाकी यूनिफार्म को अपनाया और उसी समय से भारतीय पुलिस में खाकी ड्रेस चला आ रहा है !
ऐसे अभी भी बहुत से भारतीय प्रदेशो में पुलिस का ड्यूटी का ड्रेस अलग अलग है लेकिन फिर भी मुख्य ड्रेस अभी भी भारतीय पुलिस और आर्म्ड फोर्सेज का खाकी है जो की अंग्रेजो के ज़माने से है !
इस प्रकार से खाक से खाकी बना पुलिस का ड्रेस और उसका इतिहास जो की अंग्रेज के ज़माने से है !
ज्यादातर लोग पुलिसमैन को उसके यूनिफार्म सेही पहचानते है ! अगर कही किसी बाज़ार या मेला में कोई इंसिडेंट हो चाहे पुलिस से सम्बंधित हो या ना हो सबसे पहले लोग चारो और नजर घुमाके देखते है की कोई पुलिस उन्फोर्म में दिखाई दे रहा है की नहीं यानि कोई पुलिसमैन नजदीक है या नहीं !
किसी चौराहे पे अगर ट्रैफिक लाइट है तो ड्राइवर्स सबसे पहले देखते है पुलिस यूनिफार्म में तो कोई है या नहीं अगर पुलिस यूनिफार्म में कोई दिखाई दिया तो न कहते हुए भी ट्रैफिक सिग्नल को फ़ॉलो करता है ! कितने बड़े से बड़े बदमास हो ओ भी घबडा जाता है जब पुलिस यूनिफार्म में किसी को देखता है और कोई गुनाह करने से परहेज करता है !
अगर किसी गाँव या स्कूल में कोई पुलिसमैन यूनिफार्म में चला जाता है तो वहा के बच्चे पुलिसमैन को सलूट मरने लगते है वह नहीं जानते है की वह आदमी कौन है बस पुलिस यूनिफार्म देखते ही उनके मन में एक भाव आता और उस आदर भाव के कारन पुलिसमैन जो की यूनिफार्म में है उसे सलूट देते है !
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उस यूनिफार्म में विशेस यह है एक पुलिसमैन अगर यूनिफार्म में है तो लोग के अन्दर एक सुरक्षा का विश्वाश महसूस होता है ,उसको उस नजर से देखते है ,की ये आदमी जो की सभी सोते है तो जगता है, वो चाहे बारिश हो, गर्मी हो , ठंढ हो रात हो या दोपहर की धुप फिरभी ईमानदारी से ये हमारी किसी भी मुश्किल में मदद करता या करने को मौजूद रहता है और गुनाहगारो से हमे बचाता है और गुनहगारो को सजा दिलाता है !
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अनुसंधान से ये पता चला की अच्छी पोसाक जन मानस पे एक बहुत ही पावरफुल प्रभाव छोड़ता है! वह पुलिस यूनिफार्म पे भी लागु होता है अगर एक पुलिस अधिकरी अगर अच्छे तरह से आपने आप को ड्रेस अप किया है तो आम पब्लिक में उसकी छवि एक पॉवर और अथॉरिटी की जाती है! लोगो उसके ऊपर ज्यादा आदर और विशवास जताते है !
जरुर पढ़े : ड्रिल तेज चल और थम का तरीका
पुलिस यूनिफार्म के फायदे(Police Uniform ke fayde) : ऐसे तो किसी भी आर्गेनाईजेशन ड्रेस तय करते समय उसका नेचर ऑफ़ ड्यूटी को ध्यान में रखते है लेकिंन पुलिस का एक यूनिफार्म का होने से सबसे बड़ा फायदा ये है की आम लोग पुलिस को आसानी से पहचान ले और कोई सहायता चाहिए तो आसानी से पुलिस को पहचान उसके पास जाते है और अपराधी पुलिसमैन को यूनिफार्म में देख कर कोई अपराध करने से हिचकता है ! यानि यूनिफार्म एक स्पेशल पहचान देती है पुलिस को !
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पुलिस यूनिफार्म का इतिहास(Police Uniform ke itihas) : BPR&D ड्रिल मैन्युअल के अनुसार, 1829 में पहली आधुनिक पुलिस जो की लन्दन मेट्रोपोलिटन पुलिस थी उसने अपना एक यूनिफार्म बनाया जो की डार्क ब्लू रंग का था और जो की पैरामिलिटरी स्टाइल यूनिफार्म था ! लन्दन मेट्रोपोलिटन पुलिस ब्लू रंग इसलिए चुने क्यों की ब्रिटिश आर्मी लाल और सफ़ेद यूनिफार्म पाहती थी इसलिए पुलिस को आर्मी से अलग दिखना चाहिए !
सोर्स ऑफ़ इमेज- विकिपीडिया |
भारतीय पुलिस का ड्रेस खाकी कैसे हुई(Bhartiy Police ka dress khaki kaise hua?): खाकी एक रंग है जो हलकी पिला और भूरा रंग का मिश्रण है ! खाकी एक हिंदी शाद है जिसका अर्थ होता है मिटटी का रंग ! खाकी रंग विश्व के बहुत से देशो के आर्मी इस्तेमाल करती है!
खाकी यूनिफार्म सोर्स ऑफ़ इमेज - विकिपीडिया |
विकिपीडिया के अनुसार खाकी सबसे पहले sir Henry Lawrence जो लाहौर के रहने वाले थे और नार्थ वेस्ट फ्रंटियर के गवर्नर का एजेंट थे उनके द्वारा खड़ा किया गया फ़ोर्स " Corps of Guides" ने दिसम्बर 1946 में की ! sir Harry Lumsden को कमांडेंट और William Stephen Raikes Hodson को सेकंड ऑफ़ कमांड बना गया "Corps of Guides" और खड़ा करने का जिम्मेवारी दी गयी ! शुरुवात में Corps of Guides के जवान थे ओ अपने लोकल ड्रेस में ही ड्यूटी करते थे लेकिंग 1847 में एक कोशिश की गयी की सबका यूनिफार्म एक तरह का हो ! त्तोप्रांत sir Harry Lumsden और William Stephen Raikes Hodson ने खाकी यूनिफार्म को Corps of Guides में अपनाया जो की उस समय ब्रिटेन से मगाया जाता था ! उसके बाद खाकी ड्रेस की सप्लाई ब्रिटेन से कम हो गयी तो भारतीय जवान थे ओ इम्प्रोवाइज्ड करके ड्रेस को मिटटी , चाय या फाब्रिक कलर से डाईंग करके खाकी रंग देने लगे ! उसके बाद सभी आर्मी के रेजिमेंट और पुलिस खाकी यूनिफार्म को को अपन लिया अंग्रेज चले गए लेकिंग हम उनके द्वारा दिए गेर खाकी ड्रेस को अभी भी इस्तेमाल करते है
जब की कुछ लोगो का और ही मत है खाकी यूनिफार्म के बारे में :
इसके बारे में ऐसा विश्वास है की जब ब्रिटिश हुकूमत का राज्य था उस समय ब्रिटिश सैनिक अपना ब्रिटिश यूनिफार्म पहनते थे और ब्रिटेन से यूनिफार्म आपूर्ति बंद तो अठारहवी शताब्दी के मध्य जो ब्रिटिश सैनिक थे ओ अपने यूनिफार्म को डाईंग करने लगे मिटटी वालीपानी से , चाय पत्ती के पानी या कॉटन फैब्रिक कलर से ! डाईंग करने के बाद ड्रेस खाक कलर के हो गए , खाक का हिंदी में अर्थ होता है गद्दी मिटटी रंग ! इसी खाक रंग से ही खाकी रंग हुवा और सन 1847 में sir Harry Lumsden, ने अधिकारी तौर पे खाकी यूनिफार्म को अपनाया और उसी समय से भारतीय पुलिस में खाकी ड्रेस चला आ रहा है !
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इस प्रकार से खाक से खाकी बना पुलिस का ड्रेस और उसका इतिहास जो की अंग्रेज के ज़माने से है !
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